IPS से रवीना टंडन बोलीं-मैं पुलिस अफसर बनना चाहती थी:महिला पुलिस तो शेरनियां हैं, मेरे न्यूयॉर्क के दोस्त का मोबाइल 30 मिनट में ले आईं, सबको सैल्यूट

IPS से रवीना टंडन बोलीं-मैं पुलिस अफसर बनना चाहती थी:महिला पुलिस तो शेरनियां हैं, मेरे न्यूयॉर्क के दोस्त का मोबाइल 30 मिनट में ले आईं, सबको सैल्यूट

‘मैं फिल्म इंडस्ट्री में बाय डिफॉल्ट आ गई। पुलिस अफसर बनना चाहती थी। मैं उस समय की किरण बेदी की फैन थी। वो बहुत ही डेयरडेविल टाइप की पर्सनैलिटी थीं। हम उनकी कहानियों को सुनते थे तो मैं उनसे इंस्पायर होती थी और कहती थी कि ग्रेजुएशन के बाद आईपीएस बनूंगी।’ बालीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने यूपी पुलिस के पॉडकास्ट ‘Beyond the Badge’ में अपने अनुभव शेयर किए। उन्होंने कहा- महिला पुलिस तो शेरनियां हैं, आप समझिए मेरे न्यूयॉर्क के दोस्त का मोबाइल चोरी हुआ, महिला पुलिस सिर्फ 30 मिनट में लेकर आ गई। उन्होंने कहा- महाकुंभ में हमारी सरकार की जो व्यवस्था रही, मैं उसको सलाम करती हूं। करोड़ों लोगों को पुलिस प्रशासन ने संभाला। उनकी भावनाओं को संभालना। उनकी कद्र करते हुए रेस्पेक्ट देना। मैं सरकार को धन्यवाद ही दे सकती हूं। पढ़िए पूरी बातचीत… महिला पुलिसकर्मी तो शेरनियां हैं, 30 मिनट में मोबाइल ले आईं
कुंभ में कई महिलाएं और बच्चियों आईं थीं, विदेश से भी आईं थीं। किसी ने भी यह नहीं कहा कि वो अनसेफ हैं। सभी को सम्मान मिला और सुरक्षित महसूस किया। यह व्यवस्था शार्प प्लानिंग का उदाहरण है। पुलिस का घटनाओं पर क्विक एक्शन लेना भी हमने देखा। इसको मैं सलाम करती हूं। उन्होंने कहा- महिला पुलिसकर्मी तो कमाल की हैं। जब मैं संगम स्नान करने आई थी। मेरे न्यूयॉर्क के साथी का मोबाइल किसी ने पाकेट से निकाल लिया। वह चिल्लाए कि मेरा मोबाइल छीन लिया किसी ने। आप लोग तो शेरनियां हैं, लेडी सिंघम। करीब 30 मिनट बाद महिला सिपाही मोबाइल लेकर आ गईं। मेरे साथी ने कहा- वह महाकुंभ में पुलिस व्यवस्था पर आर्टिकल लिखेंगे। महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था पर कहा- सरकार को सलाम
रवीना टंडन 26 फरवरी को वाराणसी पहुंची। काशी विश्वनाथ का दर्शन किए। 28 फरवरी को रवीना टंडन ने कार्यक्रम में आईपीएस अफसर श्रुति श्रीवास्तव से संवाद किया। उन्होंने महाकुंभ में सरकार के इंतजामों की सराहना की तो कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस को सैल्यूट किया। उन्होंने कहा- महाकुंभ में देश विदेश से करोड़ों लोग आए। मंदिरों में दर्शन किए, संगम में डुबकी लगाई। मैंने भी बहुत प्यार से संगम में स्नान किया। इतनी भीड़ को कंट्रोल करना, उनकी भावनाओं की कद्र करना, किसी को कोई दिक्कत न हो, इसका ख्याल रखना, वाकई पुलिस प्रशासन की व्यवस्था काबिल के तारीफ है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि हीरोइन बनूंगी
पद्मश्री रवीना टंडन ने बताया, मैं 1990 से ही कहती आ रही हूं कि मेरा फिल्म में आने का कोई इंटरेस्ट नहीं था। मेरे पिता इंडस्ट्री में थे। न मेरे जहन में आया कि मैं हीरोइन बनूंगी। हां, बाकी लोग पापा को कहते थे कि इसे लॉन्च करिए। उसी समय महेश भट्ट ने पूजा भट्ट को लॉन्च किया था। कहा- मेरी रुचि आईपीएस बनने की थी। लेकिन अब फिल्मों की जिंदगी में पुलिस का किरदार मिल जाता है। इस एक्टर की जिंदगी से हम और बाकी जिंदगियां जी लेते हैं अब। लोग मुझे फिल्मों के लिए अप्रोच करते थे। मेरे पास फिल्मों के ऑफर आते थे। मैं काफी दिनों तक मन करती रही। फिर एक दिन मेरे पास सलमान खान के साथ ‘पत्थर के फूल’ फिल्म ऑफर हुई। अगले दिन में कॉलेज गई और दोस्तों को बोला कि मुझे सलमान खान की फिल्म का ऑफर आया है। मेरे दोस्तों ने कहा कि प्लीज इसको मना मत करना। तुम सलमान खान के साथ काम करने के लिए हां कर दो। फिल्म करने के बाद तू इंडस्ट्री छोड़ देना। फिर मैंने पापा से कहा कि मैं सोच रही हूं इस फिल्म को हां कर दूं। तब उन्होंने करने की परमिशन दे दी। …………………. ये खबर भी पढ़ें- महाकुंभ के बाद कहां जाते हैं अखाड़ों के नागा:रविंद्र पुरी बोले- पुलिस सिस्टम की तरह होती है तैनाती; नए साधु 12 साल तप करेंगे महाकुंभ में 3 अमृत स्नान के बाद सभी 7 शैव अखाड़े काशी में मौजूद हैं। घाट पर बने आश्रम में लोग नागा साधुओं से आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। अखाड़े के महामंडलेश्वर और नागा साधु इन दिनों पंचकोशी परिक्रमा और मसाने की होली खेलने की तैयारी कर रहे हैं। पंचकोशी परिक्रमा और मसाने की होली के बाद ये अखाड़े काशी से भी कूच कर जाएंगे। सवाल उठता है कि अखाड़े कहां जाते हैं? हजारों नए नागा साधुओं की भूमिका क्या होगी? दोबारा उनके दर्शन कब और कहां होंगे? इनके जवाब के लिए दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप टीम ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज से कुछ सवाल किए। पढ़ें पूरी खबर ‘मैं फिल्म इंडस्ट्री में बाय डिफॉल्ट आ गई। पुलिस अफसर बनना चाहती थी। मैं उस समय की किरण बेदी की फैन थी। वो बहुत ही डेयरडेविल टाइप की पर्सनैलिटी थीं। हम उनकी कहानियों को सुनते थे तो मैं उनसे इंस्पायर होती थी और कहती थी कि ग्रेजुएशन के बाद आईपीएस बनूंगी।’ बालीवुड अभिनेत्री रवीना टंडन ने यूपी पुलिस के पॉडकास्ट ‘Beyond the Badge’ में अपने अनुभव शेयर किए। उन्होंने कहा- महिला पुलिस तो शेरनियां हैं, आप समझिए मेरे न्यूयॉर्क के दोस्त का मोबाइल चोरी हुआ, महिला पुलिस सिर्फ 30 मिनट में लेकर आ गई। उन्होंने कहा- महाकुंभ में हमारी सरकार की जो व्यवस्था रही, मैं उसको सलाम करती हूं। करोड़ों लोगों को पुलिस प्रशासन ने संभाला। उनकी भावनाओं को संभालना। उनकी कद्र करते हुए रेस्पेक्ट देना। मैं सरकार को धन्यवाद ही दे सकती हूं। पढ़िए पूरी बातचीत… महिला पुलिसकर्मी तो शेरनियां हैं, 30 मिनट में मोबाइल ले आईं
कुंभ में कई महिलाएं और बच्चियों आईं थीं, विदेश से भी आईं थीं। किसी ने भी यह नहीं कहा कि वो अनसेफ हैं। सभी को सम्मान मिला और सुरक्षित महसूस किया। यह व्यवस्था शार्प प्लानिंग का उदाहरण है। पुलिस का घटनाओं पर क्विक एक्शन लेना भी हमने देखा। इसको मैं सलाम करती हूं। उन्होंने कहा- महिला पुलिसकर्मी तो कमाल की हैं। जब मैं संगम स्नान करने आई थी। मेरे न्यूयॉर्क के साथी का मोबाइल किसी ने पाकेट से निकाल लिया। वह चिल्लाए कि मेरा मोबाइल छीन लिया किसी ने। आप लोग तो शेरनियां हैं, लेडी सिंघम। करीब 30 मिनट बाद महिला सिपाही मोबाइल लेकर आ गईं। मेरे साथी ने कहा- वह महाकुंभ में पुलिस व्यवस्था पर आर्टिकल लिखेंगे। महाकुंभ की सुरक्षा व्यवस्था पर कहा- सरकार को सलाम
रवीना टंडन 26 फरवरी को वाराणसी पहुंची। काशी विश्वनाथ का दर्शन किए। 28 फरवरी को रवीना टंडन ने कार्यक्रम में आईपीएस अफसर श्रुति श्रीवास्तव से संवाद किया। उन्होंने महाकुंभ में सरकार के इंतजामों की सराहना की तो कानून व्यवस्था और सुरक्षा के लिए यूपी पुलिस को सैल्यूट किया। उन्होंने कहा- महाकुंभ में देश विदेश से करोड़ों लोग आए। मंदिरों में दर्शन किए, संगम में डुबकी लगाई। मैंने भी बहुत प्यार से संगम में स्नान किया। इतनी भीड़ को कंट्रोल करना, उनकी भावनाओं की कद्र करना, किसी को कोई दिक्कत न हो, इसका ख्याल रखना, वाकई पुलिस प्रशासन की व्यवस्था काबिल के तारीफ है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि हीरोइन बनूंगी
पद्मश्री रवीना टंडन ने बताया, मैं 1990 से ही कहती आ रही हूं कि मेरा फिल्म में आने का कोई इंटरेस्ट नहीं था। मेरे पिता इंडस्ट्री में थे। न मेरे जहन में आया कि मैं हीरोइन बनूंगी। हां, बाकी लोग पापा को कहते थे कि इसे लॉन्च करिए। उसी समय महेश भट्ट ने पूजा भट्ट को लॉन्च किया था। कहा- मेरी रुचि आईपीएस बनने की थी। लेकिन अब फिल्मों की जिंदगी में पुलिस का किरदार मिल जाता है। इस एक्टर की जिंदगी से हम और बाकी जिंदगियां जी लेते हैं अब। लोग मुझे फिल्मों के लिए अप्रोच करते थे। मेरे पास फिल्मों के ऑफर आते थे। मैं काफी दिनों तक मन करती रही। फिर एक दिन मेरे पास सलमान खान के साथ ‘पत्थर के फूल’ फिल्म ऑफर हुई। अगले दिन में कॉलेज गई और दोस्तों को बोला कि मुझे सलमान खान की फिल्म का ऑफर आया है। मेरे दोस्तों ने कहा कि प्लीज इसको मना मत करना। तुम सलमान खान के साथ काम करने के लिए हां कर दो। फिल्म करने के बाद तू इंडस्ट्री छोड़ देना। फिर मैंने पापा से कहा कि मैं सोच रही हूं इस फिल्म को हां कर दूं। तब उन्होंने करने की परमिशन दे दी। …………………. ये खबर भी पढ़ें- महाकुंभ के बाद कहां जाते हैं अखाड़ों के नागा:रविंद्र पुरी बोले- पुलिस सिस्टम की तरह होती है तैनाती; नए साधु 12 साल तप करेंगे महाकुंभ में 3 अमृत स्नान के बाद सभी 7 शैव अखाड़े काशी में मौजूद हैं। घाट पर बने आश्रम में लोग नागा साधुओं से आशीर्वाद लेने पहुंच रहे हैं। अखाड़े के महामंडलेश्वर और नागा साधु इन दिनों पंचकोशी परिक्रमा और मसाने की होली खेलने की तैयारी कर रहे हैं। पंचकोशी परिक्रमा और मसाने की होली के बाद ये अखाड़े काशी से भी कूच कर जाएंगे। सवाल उठता है कि अखाड़े कहां जाते हैं? हजारों नए नागा साधुओं की भूमिका क्या होगी? दोबारा उनके दर्शन कब और कहां होंगे? इनके जवाब के लिए दैनिक भास्कर डिजिटल ऐप टीम ने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज से कुछ सवाल किए। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर