<p style=”text-align: justify;”><strong>Fast Track Courts Haryana:</strong> हरियाणा सरकार ने गौ तस्करी और गौ हत्या के आरोप में दर्ज मामलों में तेजी से सुनवाई तय करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत अब हरियाणा में गोवंश से जुड़े मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी, हरियाणा गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने मंगलवार (4 फरवरी) को इस बाबत जरूरी अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के मुताबिक हरियाणा सरकार ने 4 फास्ट ट्रैक गठित करने की मंजूरी दी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हरियाणा के राज्यपाल और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की ओर जारी अधिसूचना के मुताबिक नूंह, पलवल, अंबाला और हिसार जिलों में नियमित अदालत लगाने की जिम्मेदारी वरिष्ठतम अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, सत्र न्यायाधीश और सिविल न्यायाधीश को सौंपी गई है. इन जिलों के नामित न्यायाधीशों को हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौ संवर्धन अधिनियम 2015 के तहत फास्ट ट्रैक चलाने को कहा गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>4 जिलों में होगा फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिसूचना के मुताबिक हरियाणा के नूंह, पलवल, अंबाला और हिसार में फास्ट ट्रैक गठित करने को कहा गया है. नूंह, रेवाड़ी, नारनौल, चरखी दादरी और भिवानी जिलों में दर्ज गोवंश मामलों की सुनवाई नूंह स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) की अदालत में होगी. जबकि पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, सोनीपत और पानीपत जिलों में दर्ज मामलों की सुनवाई पलवल स्थित एडीएसजे की अदालत में होगी, अंबाला स्थित एडीएसजे अदालत अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला और करनाल जिलों को कवर करेगी. हिसार स्थित एएसडीजे अदालत हिसार, जींद, कैथल, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के मामलों की सुनवाई होगी. <br /> <br /><strong>10 साल सजा का प्रावधान </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हरियाणा विधानसभा ने मार्च 2015 में गायों की सुरक्षा और रखरखाव के लिए विधेयक पारित किया गया था, यह अधिनियम हरियाणा में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है. अधिनियम में पशु की हत्या के लिए 3 साल से लेकर 10 साल तक के कठोर सजा का प्रावधान है. विशेष अदालतों द्वारा आरोपियों को 3 से 10 वर्ष तक की सजा और 30 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/dKGPkV–y4I?si=uATfVkp7JFyoZOwQ” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”Bhiwani News: हत्या या हादसा? भिवानी में दो दिन से लापता था बैंक कर्मचारी, टैंक में मिला शव” href=”https://www.abplive.com/states/haryana/haryana-punjab-national-bank-clerk-deady-body-found-in-water-tank-in-bhiwani-2898681″ target=”_blank” rel=”noopener”>Bhiwani News: हत्या या हादसा? भिवानी में दो दिन से लापता था बैंक कर्मचारी, टैंक में मिला शव</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Fast Track Courts Haryana:</strong> हरियाणा सरकार ने गौ तस्करी और गौ हत्या के आरोप में दर्ज मामलों में तेजी से सुनवाई तय करने के लिए बड़ा फैसला लिया है. इस फैसले के तहत अब हरियाणा में गोवंश से जुड़े मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में होगी, हरियाणा गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने मंगलवार (4 फरवरी) को इस बाबत जरूरी अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना के मुताबिक हरियाणा सरकार ने 4 फास्ट ट्रैक गठित करने की मंजूरी दी है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हरियाणा के राज्यपाल और पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय की ओर जारी अधिसूचना के मुताबिक नूंह, पलवल, अंबाला और हिसार जिलों में नियमित अदालत लगाने की जिम्मेदारी वरिष्ठतम अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, सत्र न्यायाधीश और सिविल न्यायाधीश को सौंपी गई है. इन जिलों के नामित न्यायाधीशों को हरियाणा गौवंश संरक्षण और गौ संवर्धन अधिनियम 2015 के तहत फास्ट ट्रैक चलाने को कहा गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>4 जिलों में होगा फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिसूचना के मुताबिक हरियाणा के नूंह, पलवल, अंबाला और हिसार में फास्ट ट्रैक गठित करने को कहा गया है. नूंह, रेवाड़ी, नारनौल, चरखी दादरी और भिवानी जिलों में दर्ज गोवंश मामलों की सुनवाई नूंह स्थित अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) की अदालत में होगी. जबकि पलवल, फरीदाबाद, गुरुग्राम, रोहतक, झज्जर, सोनीपत और पानीपत जिलों में दर्ज मामलों की सुनवाई पलवल स्थित एडीएसजे की अदालत में होगी, अंबाला स्थित एडीएसजे अदालत अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पंचकूला और करनाल जिलों को कवर करेगी. हिसार स्थित एएसडीजे अदालत हिसार, जींद, कैथल, फतेहाबाद और सिरसा जिलों के मामलों की सुनवाई होगी. <br /> <br /><strong>10 साल सजा का प्रावधान </strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हरियाणा विधानसभा ने मार्च 2015 में गायों की सुरक्षा और रखरखाव के लिए विधेयक पारित किया गया था, यह अधिनियम हरियाणा में गोहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है. अधिनियम में पशु की हत्या के लिए 3 साल से लेकर 10 साल तक के कठोर सजा का प्रावधान है. विशेष अदालतों द्वारा आरोपियों को 3 से 10 वर्ष तक की सजा और 30 हजार रुपए से 1 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/dKGPkV–y4I?si=uATfVkp7JFyoZOwQ” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
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Haryana: फास्ट ट्रैक अदालतों में होगी गोवंश मामले की सुनवाई, BJP सरकार का बड़ा फैसला
