फरीदाबाद के पल्ला पुल के पास एमसीएफ की टीम भारी पुलिस बल के साथ पहुंची और जेसीबी से करीब 50 रेहड़ी-पटरी वालों की दुकानें हटा दीं। कार्रवाई में दुकानदारों को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। इस दौरान फल, सब्जियां जमीन पर बिखर गईं। दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है। पीड़ित दुकानदार सुमन, संजय, कौशल और प्रेम चंद ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। दुकानदारों का कहना है कि सरकार एक तरफ 10-20 हजार रुपए का लोन देकर रेहड़ी-पटरी लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम और पुलिस उन्हें बेरोजगार कर रही है। अधिकारियों ने नहीं दिया नोटिस कई दुकानदारों ने नगर निगम से लोन लिया था। अब उनके सामने लोन की किस्त भरने की चिंता है। दुकानदारों के लिए परिवार का भरण-पोषण भी बड़ी चुनौती बन गया है। उनका कहना है कि जब रोजगार ही नहीं होगा तो आमदनी कैसे होगी और परिवार का खर्च कैसे चलेगा। अगर पहले नोटिस दिया जाता तो वे खुद ही अपनी दुकानें हटा लेते। फरीदाबाद के पल्ला पुल के पास एमसीएफ की टीम भारी पुलिस बल के साथ पहुंची और जेसीबी से करीब 50 रेहड़ी-पटरी वालों की दुकानें हटा दीं। कार्रवाई में दुकानदारों को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। इस दौरान फल, सब्जियां जमीन पर बिखर गईं। दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ है। पीड़ित दुकानदार सुमन, संजय, कौशल और प्रेम चंद ने इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। दुकानदारों का कहना है कि सरकार एक तरफ 10-20 हजार रुपए का लोन देकर रेहड़ी-पटरी लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम और पुलिस उन्हें बेरोजगार कर रही है। अधिकारियों ने नहीं दिया नोटिस कई दुकानदारों ने नगर निगम से लोन लिया था। अब उनके सामने लोन की किस्त भरने की चिंता है। दुकानदारों के लिए परिवार का भरण-पोषण भी बड़ी चुनौती बन गया है। उनका कहना है कि जब रोजगार ही नहीं होगा तो आमदनी कैसे होगी और परिवार का खर्च कैसे चलेगा। अगर पहले नोटिस दिया जाता तो वे खुद ही अपनी दुकानें हटा लेते। हरियाणा | दैनिक भास्कर
