प्रयागराज महाकुंभ संपन्न हो चुका है। मगर 869 परिवारों का इंतजार अभी तक खत्म नहीं हुआ। उनके परिजन महाकुंभ में बिछड़ गए। यह रिकॉर्ड महाकुंभ मेला क्षेत्र के खोया-पाया केंद्र का है। हालांकि, केंद्र में मौजूद स्टाफ से बातचीत के बाद 3 फैक्ट सामने आए…. इतनी बड़ी संख्या में लोग कहां गए? उनके परिवार वाले कहां हैं? इसका जवाब तलाशने के लिए दैनिक भास्कर ऐप की टीम महाकुंभ के खोया-पाया केंद्र पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… पहले खोया–पाया सेंटर का हाल… जहां एक वक्त पर भीड़, आज सन्नाटा पसरा
कैंप के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ था। एक वक्त पर यहां सैकड़ों लोगों की लाइन लगी रहती थी। अपनों की तलाश में लोग आंखों में आंसू लिए खड़े रहते थे। खोया-पाया केंद्र के बाहर दीवार पर महाकुंभ में खोने वाली महिला-बुजुर्ग के पोस्टर चस्पा थे। कुछ पर इनाम देने की घोषणा भी लिखी थी। नीचे फोन नंबर लिखे थे। हमने एक-एक कर कई नंबरों पर कॉल की। 3 परिवारों के जो दर्द सामने आए, वह पढ़िए… केस 1. प्रयागराज स्टेशन पर 51 साल के ग्यारसा लापता हुए एक पोस्टर पर ग्यारसा माली ‘लापता’ लिखा था। पोस्टर पर लिखे नंबर पर कॉल की। ताकि पता चल सके कि 51 साल के ग्यारसा माली घर पहुंचे या नहीं। बेटे धनवेस माली ने फोन उठाया। कहा कि मेरे पिता महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए घर से निकले थे। लेकिन प्रयागराज स्टेशन से वह अचानक लापता हो गए। जिनका आज तक पता नहीं चल सका। उन्होंने बताया कि हम लोग प्रयागराज में ही हैं। क्योंकि, पिता की यहीं पर मिलने की उम्मीद है। हमने एक वीडियो भी बनाया है, जिसमें पिता के घर लौटने की अपील की है। केस 2. भीड़ में प्रीति का हाथ छूटा, अब तक घर नहीं पहुंची इस दीवार पर लगे दूसरे पोस्टर देखे। बिहार के लोमा वैशाली जिले में रहने वाली प्रीति किशोर की तस्वीर दिखी। वह 45 साल की हैं। 20 फरवरी को अपने पति डॉक्टर नीरज पंकज (डेंटिस्ट) के साथ संगम स्नान के लिए आईं। मगर यहां आने के बाद अचानक लापता हो गईं। हमने नीरज पंकज से फोन पर संपर्क किया। कहा- मेरी पत्नी स्नान के बाद संगम नोज से आ रही थी। भीड़ ज्यादा थी, अचानक एक रेला आया, प्रीति का हाथ छूट गया। फिर वह नहीं दिखी। मैंने उसे बहुत ढूंढा मगर कुछ पता नहीं चला। कुछ दिन प्रयागराज में ढूंढा, फिर किसी ने बताया कि बहुत से लोग चित्रकूट तक पहुंच गए। अब चित्रकूट में अपनी पत्नी को खोज रहा। मगर कुछ पता नहीं चल रहा। केस 3. नैनी स्टेशन पर 60 साल के अजय भीड़ में खोए लापता होने वालों की लिस्ट में एक नाम 60 साल के अजय पांडेय का भी था। वह 16 फरवरी को प्रयागराज के नैनी रेलवे स्टेशन से लापता हो गए थे। वह परिवार के साथ संगम स्नान के लिए आए थे। वापस लौटने के दौरान परिवार का साथ छूट गया। भीड़ में लापता होने के बाद वह आज तक घर नहीं लौटे। परिवार के लोग हाथ जोड़ कर अपील कर रहे हैं कि बुजुर्ग अजय को घर का रास्ता दिखाकर अपनों के बीच पहुंचा दें। केस 4. रेखा को परिवार लेने नहीं आया
केंद्र पर लगे पोस्टर पर लापता लोगों की जानकारी लेने के बाद हमने एक बार फिर रेखा द्विवेदी के हाल जाने। जिन्हें उनके अपने छोड़ गए। अब वह प्रयागराज के अरैली स्थित शेल्टर होम में अपनी उम्र के आखिरी समय को बिताने पर मजबूर हैं। हालांकि रेखा के पति प्रयागराज के एक नामचीन हस्ती हैं। उनके बेटे भी ठीक-ठाक स्थिति में हैं। मगर परिवार का कोई शख्स बूढ़ी मां को अपने साथ रखने को तैयार नहीं है। अब खोया-पाया केंद्र के स्टाफ की बात… स्टाफ ने कहा- हमें कुछ भी बताने की मनाही
दैनिक भास्कर की टीम को खोया-पाया केंद्र के अंदर स्टाफ बैठा हुआ मिला। हमने पूछा- ऐसे कितने लोग हैं, जो अब भी अपने परिवार से नहीं मिल सके हैं। जवाब मिला- हमें कोई भी जानकारी मीडिया से शेयर करने से मना किया गया है। आप मेला प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क कर लें। स्टाफ ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर संपूर्ण महाकुंभ क्षेत्र में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए। इनमें मॉडर्न AI आधारित चेहरा पहचान प्रणाली, लैग्वेज लर्निंग जैसी मशीनरी लगाई गई थीं। 45 दिन में 35952 केस दर्ज
महाकुंभ में 30 देशों के लोग पहुंचे। 45 दिनों में 66.32 करोड़ लोगों ने स्नान किया। इतने बड़े आयोजन के लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में खोया–पाया केंद्र बनाया गया। जो लोग मेला क्षेत्र तक आए, मगर भीड़ में अपनों से बिछुड़ गए। उनकी डिटेल इस केंद्र पर दर्ज होती थी। 45 दिन में यहां 35,952 केस दर्ज हुए। महाकुंभ संपन्न होने के बाद अब यह केंद्र खत्म कर दिया गया है। मगर 869 केस अभी भी सॉल्व होने बाकी हैं। प्राइवेट संस्थाएं भी बिछड़ों को मिलवाने के लिए आगे आईं
महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वालों की मदद करने के लिए निजी तौर पर भारत सेवा केंद्र और हेमवती नन्दन बहुगुणा स्मृति संस्थान भी सहयोग कर रहा था। भारत सेवा केंद्र के उमेश चन्द्र तिवारी ने बताया- महाकुंभ के संपन्न होने तक शिविर ने 19,274 बिछड़े लोगों को अपनों से मिलाया गया। इसके अलावा कुंभ मेला में बिछड़ गए 18 बच्चों को भी परिवार से मिलवाया गया। क्या कहते हैं अफसर…. …………… महाकुंभ से ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए… संगम में अब भी महाकुंभ जैसा नजारा: रोज आ रहे 2 लाख श्रद्धालु, बोले- यहां हमेशा अमृतवर्षा; मेले में ढाई हजार दुकानें महाकुंभ के वक्त आने वाले थे, ट्रेन का टिकट भी कंफर्म था। जब यहां भीड़ के वीडियो देखे, तब मन घबराने लगा। हिम्मत नहीं हुई। महाकुंभ बीतने के 8-9 दिन बाद स्नान करने पहुंची हूं। यह तो त्रिवेणी संगम है, यहां हमेशा अमृतवर्षा होती है। पढ़िए पूरी खबर… प्रयागराज महाकुंभ संपन्न हो चुका है। मगर 869 परिवारों का इंतजार अभी तक खत्म नहीं हुआ। उनके परिजन महाकुंभ में बिछड़ गए। यह रिकॉर्ड महाकुंभ मेला क्षेत्र के खोया-पाया केंद्र का है। हालांकि, केंद्र में मौजूद स्टाफ से बातचीत के बाद 3 फैक्ट सामने आए…. इतनी बड़ी संख्या में लोग कहां गए? उनके परिवार वाले कहां हैं? इसका जवाब तलाशने के लिए दैनिक भास्कर ऐप की टीम महाकुंभ के खोया-पाया केंद्र पहुंची। पढ़िए रिपोर्ट… पहले खोया–पाया सेंटर का हाल… जहां एक वक्त पर भीड़, आज सन्नाटा पसरा
कैंप के बाहर सन्नाटा पसरा हुआ था। एक वक्त पर यहां सैकड़ों लोगों की लाइन लगी रहती थी। अपनों की तलाश में लोग आंखों में आंसू लिए खड़े रहते थे। खोया-पाया केंद्र के बाहर दीवार पर महाकुंभ में खोने वाली महिला-बुजुर्ग के पोस्टर चस्पा थे। कुछ पर इनाम देने की घोषणा भी लिखी थी। नीचे फोन नंबर लिखे थे। हमने एक-एक कर कई नंबरों पर कॉल की। 3 परिवारों के जो दर्द सामने आए, वह पढ़िए… केस 1. प्रयागराज स्टेशन पर 51 साल के ग्यारसा लापता हुए एक पोस्टर पर ग्यारसा माली ‘लापता’ लिखा था। पोस्टर पर लिखे नंबर पर कॉल की। ताकि पता चल सके कि 51 साल के ग्यारसा माली घर पहुंचे या नहीं। बेटे धनवेस माली ने फोन उठाया। कहा कि मेरे पिता महाकुंभ में डुबकी लगाने के लिए घर से निकले थे। लेकिन प्रयागराज स्टेशन से वह अचानक लापता हो गए। जिनका आज तक पता नहीं चल सका। उन्होंने बताया कि हम लोग प्रयागराज में ही हैं। क्योंकि, पिता की यहीं पर मिलने की उम्मीद है। हमने एक वीडियो भी बनाया है, जिसमें पिता के घर लौटने की अपील की है। केस 2. भीड़ में प्रीति का हाथ छूटा, अब तक घर नहीं पहुंची इस दीवार पर लगे दूसरे पोस्टर देखे। बिहार के लोमा वैशाली जिले में रहने वाली प्रीति किशोर की तस्वीर दिखी। वह 45 साल की हैं। 20 फरवरी को अपने पति डॉक्टर नीरज पंकज (डेंटिस्ट) के साथ संगम स्नान के लिए आईं। मगर यहां आने के बाद अचानक लापता हो गईं। हमने नीरज पंकज से फोन पर संपर्क किया। कहा- मेरी पत्नी स्नान के बाद संगम नोज से आ रही थी। भीड़ ज्यादा थी, अचानक एक रेला आया, प्रीति का हाथ छूट गया। फिर वह नहीं दिखी। मैंने उसे बहुत ढूंढा मगर कुछ पता नहीं चला। कुछ दिन प्रयागराज में ढूंढा, फिर किसी ने बताया कि बहुत से लोग चित्रकूट तक पहुंच गए। अब चित्रकूट में अपनी पत्नी को खोज रहा। मगर कुछ पता नहीं चल रहा। केस 3. नैनी स्टेशन पर 60 साल के अजय भीड़ में खोए लापता होने वालों की लिस्ट में एक नाम 60 साल के अजय पांडेय का भी था। वह 16 फरवरी को प्रयागराज के नैनी रेलवे स्टेशन से लापता हो गए थे। वह परिवार के साथ संगम स्नान के लिए आए थे। वापस लौटने के दौरान परिवार का साथ छूट गया। भीड़ में लापता होने के बाद वह आज तक घर नहीं लौटे। परिवार के लोग हाथ जोड़ कर अपील कर रहे हैं कि बुजुर्ग अजय को घर का रास्ता दिखाकर अपनों के बीच पहुंचा दें। केस 4. रेखा को परिवार लेने नहीं आया
केंद्र पर लगे पोस्टर पर लापता लोगों की जानकारी लेने के बाद हमने एक बार फिर रेखा द्विवेदी के हाल जाने। जिन्हें उनके अपने छोड़ गए। अब वह प्रयागराज के अरैली स्थित शेल्टर होम में अपनी उम्र के आखिरी समय को बिताने पर मजबूर हैं। हालांकि रेखा के पति प्रयागराज के एक नामचीन हस्ती हैं। उनके बेटे भी ठीक-ठाक स्थिति में हैं। मगर परिवार का कोई शख्स बूढ़ी मां को अपने साथ रखने को तैयार नहीं है। अब खोया-पाया केंद्र के स्टाफ की बात… स्टाफ ने कहा- हमें कुछ भी बताने की मनाही
दैनिक भास्कर की टीम को खोया-पाया केंद्र के अंदर स्टाफ बैठा हुआ मिला। हमने पूछा- ऐसे कितने लोग हैं, जो अब भी अपने परिवार से नहीं मिल सके हैं। जवाब मिला- हमें कोई भी जानकारी मीडिया से शेयर करने से मना किया गया है। आप मेला प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क कर लें। स्टाफ ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर संपूर्ण महाकुंभ क्षेत्र में 10 डिजिटल खोया-पाया केंद्र स्थापित किए गए। इनमें मॉडर्न AI आधारित चेहरा पहचान प्रणाली, लैग्वेज लर्निंग जैसी मशीनरी लगाई गई थीं। 45 दिन में 35952 केस दर्ज
महाकुंभ में 30 देशों के लोग पहुंचे। 45 दिनों में 66.32 करोड़ लोगों ने स्नान किया। इतने बड़े आयोजन के लिए महाकुंभ मेला क्षेत्र में खोया–पाया केंद्र बनाया गया। जो लोग मेला क्षेत्र तक आए, मगर भीड़ में अपनों से बिछुड़ गए। उनकी डिटेल इस केंद्र पर दर्ज होती थी। 45 दिन में यहां 35,952 केस दर्ज हुए। महाकुंभ संपन्न होने के बाद अब यह केंद्र खत्म कर दिया गया है। मगर 869 केस अभी भी सॉल्व होने बाकी हैं। प्राइवेट संस्थाएं भी बिछड़ों को मिलवाने के लिए आगे आईं
महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वालों की मदद करने के लिए निजी तौर पर भारत सेवा केंद्र और हेमवती नन्दन बहुगुणा स्मृति संस्थान भी सहयोग कर रहा था। भारत सेवा केंद्र के उमेश चन्द्र तिवारी ने बताया- महाकुंभ के संपन्न होने तक शिविर ने 19,274 बिछड़े लोगों को अपनों से मिलाया गया। इसके अलावा कुंभ मेला में बिछड़ गए 18 बच्चों को भी परिवार से मिलवाया गया। क्या कहते हैं अफसर…. …………… महाकुंभ से ग्राउंड रिपोर्ट पढ़िए… संगम में अब भी महाकुंभ जैसा नजारा: रोज आ रहे 2 लाख श्रद्धालु, बोले- यहां हमेशा अमृतवर्षा; मेले में ढाई हजार दुकानें महाकुंभ के वक्त आने वाले थे, ट्रेन का टिकट भी कंफर्म था। जब यहां भीड़ के वीडियो देखे, तब मन घबराने लगा। हिम्मत नहीं हुई। महाकुंभ बीतने के 8-9 दिन बाद स्नान करने पहुंची हूं। यह तो त्रिवेणी संगम है, यहां हमेशा अमृतवर्षा होती है। पढ़िए पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
महाकुंभ के बाद भी 869 ‘लापता’:डॉक्टर बोले- पत्नी भीड़ के रेले में बिछड़ गई, ढूंढते हुए चित्रकूट तक गया, नहीं मिली
