Uttarakhand News: खड़िया खनन से मकानों में आ रही दरार! हाईकोर्ट में प्रशासन ने पेश किए 55 रिपोर्ट्स

Uttarakhand News: खड़िया खनन से मकानों में आ रही दरार! हाईकोर्ट में प्रशासन ने पेश किए 55 रिपोर्ट्स

<p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बागेश्वर जिले की कांडा तहसील के कई गांवों के मकानों में खड़िया के खनन के कारण आ रही दरारों से संबंधित एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया और सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि खनन कार्य किस प्रकार किया जाता है. अदालत ने उक्त कार्य का प्रमाण प्रस्तुत करने को भी कहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले, कांडा तहसील के ग्रामीणों ने मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र भेजकर बताया था कि अवैध खड़िया खनन के कारण उनकी खेती, मकान और पानी की आपूर्ति लाइन नष्ट हो गयी हैं.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/089m0-7-PIk?si=si2GJ5Bo86F2XSve” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bjp-mp-satish-gautam-react-on-amu-holi-controversy-said-anyone-beats-students-he-will-punished-2899224″><strong>BJP सांसद सतीश गौतम बोले- ‘AMU में धूमधाम से मनेगी होली, कोई मारपीट करेगा तो उपर पहुंचा देंगे'</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>ग्रामीणों ने कहा कि जिन लोगों के पास संसाधन हैं, उन्होंने अपने घर हल्द्वानी और अन्य जगहों पर बना लिए हैं और अब केवल गरीब लोग ही गांवों में बचे हैं. उन्होंने पत्र में कहा कि खड़िया का खनन उनकी आजीविका, जिंदगी और मकानों को बर्बाद कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पत्र में यह भी कहा गया था कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को कई बार ज्ञापन दिए गए लेकिन उनकी समस्या को कोई समाधान नहीं हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जांच समिति के अध्यक्ष नील कुमार को अदालत को यह जानकारी देने को कहा गया है कि खुदाई की जांच में किन चीजों की कमी रह गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बागेश्वर के पुलिस अधीक्षक और जांच समिति के अध्यक्ष वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई में शामिल हुए. बागेश्वर के पुलिस अधीक्षक ने अदालत को बताया कि अभी तक उन्होंने 72 खुदाई स्थलों का निरीक्षण कर लिया है जिसमें से 55 की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत कर दी गयी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत अब मामले की सुनवाई 10 मार्च को करेगी.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand News:</strong> उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने बागेश्वर जिले की कांडा तहसील के कई गांवों के मकानों में खड़िया के खनन के कारण आ रही दरारों से संबंधित एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया और सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा कि खनन कार्य किस प्रकार किया जाता है. अदालत ने उक्त कार्य का प्रमाण प्रस्तुत करने को भी कहा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश जी नरेंदर और न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले, कांडा तहसील के ग्रामीणों ने मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र भेजकर बताया था कि अवैध खड़िया खनन के कारण उनकी खेती, मकान और पानी की आपूर्ति लाइन नष्ट हो गयी हैं.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/089m0-7-PIk?si=si2GJ5Bo86F2XSve” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bjp-mp-satish-gautam-react-on-amu-holi-controversy-said-anyone-beats-students-he-will-punished-2899224″><strong>BJP सांसद सतीश गौतम बोले- ‘AMU में धूमधाम से मनेगी होली, कोई मारपीट करेगा तो उपर पहुंचा देंगे'</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>ग्रामीणों ने कहा कि जिन लोगों के पास संसाधन हैं, उन्होंने अपने घर हल्द्वानी और अन्य जगहों पर बना लिए हैं और अब केवल गरीब लोग ही गांवों में बचे हैं. उन्होंने पत्र में कहा कि खड़िया का खनन उनकी आजीविका, जिंदगी और मकानों को बर्बाद कर रहा है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पत्र में यह भी कहा गया था कि इस संबंध में उच्चाधिकारियों को कई बार ज्ञापन दिए गए लेकिन उनकी समस्या को कोई समाधान नहीं हुआ.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जांच समिति के अध्यक्ष नील कुमार को अदालत को यह जानकारी देने को कहा गया है कि खुदाई की जांच में किन चीजों की कमी रह गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बागेश्वर के पुलिस अधीक्षक और जांच समिति के अध्यक्ष वीडियो कांफ्रेंस के जरिए सुनवाई में शामिल हुए. बागेश्वर के पुलिस अधीक्षक ने अदालत को बताया कि अभी तक उन्होंने 72 खुदाई स्थलों का निरीक्षण कर लिया है जिसमें से 55 की रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत कर दी गयी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अदालत अब मामले की सुनवाई 10 मार्च को करेगी.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड स्पा सेंटर्स वाले निर्देश पर BJP का MCD मेयर पर तंज, ‘विधानसभा में मुद्दा उठा तो नींद खुली’