हरियाणा के चरखी दादरी शहर में हर घर तिरंगा अभियान के तहत बुधवार को तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री बिशंभर वाल्मीकि सहित चरखी दादरी डीसी व एसपी के अलावा दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों ने शिरकत की। यात्रा का शुभारंभ महिला पुलिस थाना से मंत्री ने हरी झंडी दिखाकर किया। स्वतंत्रता दिवस उत्साह एवं जोश का त्यौहार वहीं उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए विनेश फोगाट मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्ष का काम आरोप लगाना है और वे आरोप लगाकर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। तिरंगा यात्रा को रवाना करने के बाद मंत्री मीडिया से रूबरू हुए और कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश भर में तिरंगा यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है। उसी कड़ी में आज दादरी में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस उत्साह एवं जोश का त्यौहार है। हमें देश के लिए बिलदान देने वाले अमर शहीदों को नमन कर यह त्यौहार मनाना चाहिए। भाजपा सरकार पर षडयंत्र के आरोप वहीं विनेश फोगाट मामले को लेकर मंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं हैं, इसलिए भाजपा सरकार पर षड्यंत्र के आरोप लगा रहे हैं। आरोप लगाना विपक्ष का काम है और वो अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विनेश देश की बेटी है और सरकार ने उसको अनेक सुविधाएं दी है। काफी खर्चा कर उसे खेलने के लिए विदेश भेजा गया। उन्होंने कहा कि सरकार विनेश के साथ है। तिरंगा यात्रा के दौरान चरखी दादरी डीसी राहुल नरवाल, एडीसी डा.जयेंद्र सिंह, एसपी पूजा वशिष्ठ आदि मौजूद रहे। हरियाणा के चरखी दादरी शहर में हर घर तिरंगा अभियान के तहत बुधवार को तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया। जिसमें हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री बिशंभर वाल्मीकि सहित चरखी दादरी डीसी व एसपी के अलावा दूसरे प्रशासनिक अधिकारियों ने शिरकत की। यात्रा का शुभारंभ महिला पुलिस थाना से मंत्री ने हरी झंडी दिखाकर किया। स्वतंत्रता दिवस उत्साह एवं जोश का त्यौहार वहीं उन्होंने मीडिया से रूबरू होते हुए विनेश फोगाट मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विपक्ष का काम आरोप लगाना है और वे आरोप लगाकर अपनी भूमिका निभा रहे हैं। तिरंगा यात्रा को रवाना करने के बाद मंत्री मीडिया से रूबरू हुए और कहा कि सरकार द्वारा प्रदेश भर में तिरंगा यात्राओं का आयोजन किया जा रहा है। उसी कड़ी में आज दादरी में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता दिवस उत्साह एवं जोश का त्यौहार है। हमें देश के लिए बिलदान देने वाले अमर शहीदों को नमन कर यह त्यौहार मनाना चाहिए। भाजपा सरकार पर षडयंत्र के आरोप वहीं विनेश फोगाट मामले को लेकर मंत्री ने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं हैं, इसलिए भाजपा सरकार पर षड्यंत्र के आरोप लगा रहे हैं। आरोप लगाना विपक्ष का काम है और वो अपनी भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विनेश देश की बेटी है और सरकार ने उसको अनेक सुविधाएं दी है। काफी खर्चा कर उसे खेलने के लिए विदेश भेजा गया। उन्होंने कहा कि सरकार विनेश के साथ है। तिरंगा यात्रा के दौरान चरखी दादरी डीसी राहुल नरवाल, एडीसी डा.जयेंद्र सिंह, एसपी पूजा वशिष्ठ आदि मौजूद रहे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल कांग्रेस नेता हाईकमान को देंगे पत्र:बोले- मिल-बैठकर आंतरिक कलह सुलझाएं, निगम चुनाव से पहले एकजुटता जरूरी हरियाणा विधानसभा के पूर्व स्पीकर और कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर भड़कते नजर आ रहे हैं। उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के लिए वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है और कांग्रेस नेताओं को नसीहत दी है। कांग्रेस नेता कुलदीप शर्मा ने कहा कि हरियाणा में नगर निगम चुनाव आने वाले हैं और कांग्रेस को इन चुनावों का महत्व समझना चाहिए। हम कई शहरी सीटों पर हारे हैं और अगर कांग्रेस आज भी अपना महत्व नहीं समझेगी तो समय निकल जाएगा। कांग्रेस के नेता अहम छोड़े और बैठकर बातचीत करें नगर निगमों और निकायों पर भाजपा का कब्जा है, वह बहुत प्रभाव डालती है और स्थिर रहती है, इसलिए कांग्रेस को भी स्थिर रहना चाहिए। कांग्रेस नेताओं को या तो अपनी स्थिति देखनी चाहिए और कांग्रेस पर तरस खाना चाहिए और फिर अपना अहम और प्रतिष्ठा त्याग कर आपस में बैठ कर बात करनी चाहिए, सब कुछ गंवाने के बाद उन्हें होश नहीं आएगा। कांग्रेस से बड़ा कोई नहीं है। अगर किसी को लगता है तो उसे कांग्रेस छोड़ कर चुनाव लड़ कर देखना चाहिए। हाईकमान को पत्र लिखूंगा दूसरी बात यह है कि हरियाणा कांग्रेस के ये नेता एक साथ बैठें या नहीं, लेकिन कांग्रेस हाईकमान को पहल करनी चाहिए। कांग्रेस हाईकमान को सभी नेताओं को बुलाकर एक साथ बैठाना चाहिए, क्योंकि आने वाले समय में 53 स्थानीय निकायों के चुनाव हैं। साथ ही मैने सोचा है कि नए साल में एक पत्र कांग्रेस हाईकमान को लिखूंगा। कांग्रेस को आगे किस तरह से चलना है और हाईकमान कमान का रोल उसमें क्या होता है? यह सब मुझे बताने की जरूरत नहीं है, लेकिन कई बार याद दिलाना पड़ता है। एक वर्ग से कांग्रेस चलेगी या सबको साथ लेकर चलना पड़ेगा? उन्होंने कहा कि ऐसे वर्ग हैं, जो सदैव कांग्रेस के साथ रहे है, जहां से कांग्रेस को मार पड़ी, और वे लोग कांग्रेस छोड़कर गए, क्या एक वर्ग से कांग्रेस चल जाएगी या सबको साथ लेना पड़ेगा? इस पर बहुत ही गहन चर्चा होनी चाहिए और मेरा मानना है कि अगर सकारात्मक और सच्चाई को बीच में रखकर चर्चा होगी तो इसका हल भी निकलेगा। अगर इन नेताओं को एक दूसरे से तकलीफ है तो मैं एक मंच पर बैठने के लिए तैयार हूं। जीत के सौदागर सब बन जाते हैं। तीन महीने बाद भी विधानसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी किसी ने भी नहीं ली? इस पर कुलदीप शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि विक्टरी हैज सो मैनी मास्टर यानी जीत के अनेकों सौदागर बन जाते हैं और हार की कोई जिम्मेदारी नहीं लेता। हम हारे हैं अपनी गलतियों की वजह से हारे हैं। हार की जिम्मेदारी किसे लेनी चाहिए और किसे नहीं, ऐसे में किसी का नैतिक कर्तव्य भी बनता होगा। या फिर पदों से चिपके रहने का लालच ही बना कर रखना है तो लगे रहो। नेताओं की बयानबाजी से परेशान नेताओं की आपसी बयानबाजी और आपसी मनमुटाव से लाेग भी तंग आ चुके हैं और कार्यकर्ता भी चिंतित हैं। इसके बारे में हाईकमान को सब कुछ पता है। जब भी हार जाते हैं तो एक कमेटी बना दी जाती है, क्या होगा उस कमेटी से, किसी भी छोटे से कार्यकर्ता से पूछ लो कि क्यों हारे, वह भी बता देगा।
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हिसार में सोनिया दूहन NCP छोड़ने को बताया अफवाह:बोलीं-छात्र संघ से दिया इस्तीफा, वे अभी शरद पवार के साथ; सुप्रिया सुले से नाराजगी हरियाणा में गुरुग्राम के होटल से एनसीपी विधायकों को छुड़वाने व पूर्व खेल मंत्री संदीप सिंह के पेहोवा में कार्यक्रम में दखल डाल कर चर्चा में आयी सोनिया दूहन ने शरद पवार की पार्टी को छोड़ने के मैसेज को कोरी अफवाह बताया है। उसने बुधवार को कहा कि वह अभी एनसीपी में ही है। सोनिया दूहन हिसार में नारनौंद क्षेत्र के गांव पेटवाड़ की रहने वाली है। बुधवार को सुबह से ही उनके एनसीपी पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में जाने के मैसेज वायरल हो रहे हैं। नारनौंद हलके में पूरा दिन इसकी चर्चा होती रही। मंगलवार को एनसीपी (एसपी) की छात्र संघ अध्यक्ष सोनिया दूहन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि सोनिया ने कहा कि उन्होंने एनसीपी नहीं छोडी है। सोनिया दूहन ने इस्तीफा देने के पीछे के कारणों का अभी खुलासा नहीं किया है। सोनिया दूहन पुणे में पायलट की ट्रेनिंग ले रही थीं। इसी दौरान वह एनसीपी के संपर्क में आयी थी। सोनिया करीब 10 साल से एनसीपी से जुड़ी हुई हैं। उनकी गिनती शरद पवार के करीबियों में होती है। सोनिया ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के दो चुनावों में एनसीपी स्टूडेंट्स विंग का नेतृत्व भी किया है। उन्हें एक बार एनसीपी दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष और फिर राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। वह एनसीपी की नेशनलिस्ट स्टूडेंट कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रह चुकी हैं। सोनिया ने गुरुग्राम के होटल से विधायकों को छुड़वाया था
सोनिया दूहन उस समय चर्चा में आई थी जब 2019 में उन्होंने गुरुग्राम के ओबरॉय होटल से एनसीपी के चार विधायकों को बाहर निकाला था। ये विधायक अजित पवार की बगावत के बाद बीजेपी के साथ जाने की तैयारी में थे। चार विधायकों दौलत दरोदा, नरहरि जिरवाल, नितिन पवार और अनिल पाटिल थे। हरियाणा सरकार इन विधायकों पर नजर रख रही थी। इसके बावजूद सोनिया दूहन अपने विधायकों को वहां से ले जाने में कामयाब रहीं थी। सुप्रिया सुले से नाराजगी की बात कबूली
सोनिया दूहन ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्होंने एनसीपी के छात्र संघ अध्यक्ष से इस्तीफा दिया है मगर वह अभी एनसीपी में हैं और शरद पवार के साथ है। उन्होंने अपनी शिकायत शरद पवार के सामने रख दी है। सोनिया ने कहा कि सुप्रिया सुले का काम करने का तरीका उनको पसंद नहीं है। वह चाहती है एनसीपी राष्ट्रीय पार्टी की तरह काम करे मगर उनका काम करने का तरीका क्षेत्रीय पार्टी की तरह है। सोनिया ने कहा कि चुनाव में ना तो उनको किसी सभा में बुलाया गया और ना ही उनको किसी तरह की कोई जिम्मेदारी दी। वह एनसीपी में सिर्फ खाना खाने और आराम करने के लिए नहीं है। सोनिया ने कहा कि सुप्रिया सुले ने उनको महाराष्ट्र में बैन करवा दिया जबकि वह एनसीपी से एक दशक से जुड़ी हुई हैं। सोशल मीडिया पर दो महीने से सक्रिय नहीं
सोनिया दूहन ने कहा कि चुनाव के समय में वह सोशल मीडिया पर दो महीने से अन एक्टिव हैं। उनको एक भी बार किसी मीटिंग व सभा में बुलाया नहीं गया। इसकी सारी जानकारी शरद पवार के सामने रखी थी। शरद पवार ने इस सब चीजों को समझा भी था और चर्चा करने की बात कही थी। मगर चर्चा हो पाती इससे ही ऐसी चीजें हो गई जिससे उनको छात्र संघ अध्यक्ष पद से इस्तीफा देना पड़ा।