कुरुक्षेत्र में 97 गांवों के लिए खुला ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल:खराब फसलों का 20 तक दर्ज कराएं ब्योरा; ​​​​​​​विभाग ने पहले ​​​​​​​20% माना था नुकसान

कुरुक्षेत्र में 97 गांवों के लिए खुला ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल:खराब फसलों का 20 तक दर्ज कराएं ब्योरा; ​​​​​​​विभाग ने पहले ​​​​​​​20% माना था नुकसान

कुरुक्षेत्र में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के मुआवजे के लिए किसानों काे आस जग गई। सरकार की ओर से 20 मार्च तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है। 7 मार्च को पोर्टल खुलने के बाद दोपहर 2 बजे तक 318 किसानों ने 1603 एकड़ में खराब हुई फसल का ब्योरा दर्ज कर दिया। उधर, BKU अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के मुताबिक, अधिकारी पोर्टल पर खराब फसल का ब्योरा दर्ज होने से पहले ही रिपोर्ट सौंप रहे हैं। इस तरह के कई मामले प्रदेश में सामने आ रहे हैं। मांग है कि पोर्टल पर ब्योरा दर्ज होने के बाद सर्वे कराया जाए। पहले सर्वे करने का कोई मतलब नहीं है। अगर किसान का पोर्टल पर दर्ज ब्योरा सही पाया जाए तो उसे मुआवजा दिया जाए। विभग ने 20 प्रतिशत नुकसान माना था 28 फरवरी और 1 मार्च को हुई बारिश व ओलावृष्टि से शाहाबाद और बाबैन एरिया में फसलों को नुकसान हुआ था, मगर राजस्व विभाग ने जिले में बारिश व ओलावृष्टि से 20 प्रतिशत फसल में नुकसान की रिपोर्ट दी थी, जिस कारण सरकार ने कुरुक्षेत्र में पोर्टल नहीं खोला था। बाद में कृषि विभाग ने 40 हजार एकड़ से ज्यादा में फसलें खराब होने की बात मानी थी। अब 97 गांव के लिए खोला पोर्टल कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद के मुताबिक,उपायुक्त के आदेशानुसार दोबारा कराए गए सर्वेक्षण में नुकसान का अनुमान लगाया गया है। अब शाहाबाद समेत बाबैन के 97 गांवों के किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है। सर्वे में गेहूं, सूरजमुखी और सरसों की फसल खराब होने की रिपोर्ट सामने आई। कहीं मक्के की फसल भी प्रभावित हो सकती है। कुरुक्षेत्र में बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से खराब हुई फसलों के मुआवजे के लिए किसानों काे आस जग गई। सरकार की ओर से 20 मार्च तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है। 7 मार्च को पोर्टल खुलने के बाद दोपहर 2 बजे तक 318 किसानों ने 1603 एकड़ में खराब हुई फसल का ब्योरा दर्ज कर दिया। उधर, BKU अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के मुताबिक, अधिकारी पोर्टल पर खराब फसल का ब्योरा दर्ज होने से पहले ही रिपोर्ट सौंप रहे हैं। इस तरह के कई मामले प्रदेश में सामने आ रहे हैं। मांग है कि पोर्टल पर ब्योरा दर्ज होने के बाद सर्वे कराया जाए। पहले सर्वे करने का कोई मतलब नहीं है। अगर किसान का पोर्टल पर दर्ज ब्योरा सही पाया जाए तो उसे मुआवजा दिया जाए। विभग ने 20 प्रतिशत नुकसान माना था 28 फरवरी और 1 मार्च को हुई बारिश व ओलावृष्टि से शाहाबाद और बाबैन एरिया में फसलों को नुकसान हुआ था, मगर राजस्व विभाग ने जिले में बारिश व ओलावृष्टि से 20 प्रतिशत फसल में नुकसान की रिपोर्ट दी थी, जिस कारण सरकार ने कुरुक्षेत्र में पोर्टल नहीं खोला था। बाद में कृषि विभाग ने 40 हजार एकड़ से ज्यादा में फसलें खराब होने की बात मानी थी। अब 97 गांव के लिए खोला पोर्टल कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. कर्मचंद के मुताबिक,उपायुक्त के आदेशानुसार दोबारा कराए गए सर्वेक्षण में नुकसान का अनुमान लगाया गया है। अब शाहाबाद समेत बाबैन के 97 गांवों के किसानों के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला गया है। सर्वे में गेहूं, सूरजमुखी और सरसों की फसल खराब होने की रिपोर्ट सामने आई। कहीं मक्के की फसल भी प्रभावित हो सकती है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर