अयोध्या में सुहागरात पर रिलेशन बनाए…फिर दुल्हन का गला दबाया:लड़की ने मायके में छोड़ा था मोबाइल; बेटी वालों ने चिता को आग नहीं दी

अयोध्या में सुहागरात पर रिलेशन बनाए…फिर दुल्हन का गला दबाया:लड़की ने मायके में छोड़ा था मोबाइल; बेटी वालों ने चिता को आग नहीं दी

अयोध्या में 7 मार्च को प्रदीप पासवान की शादी थी। शादी धूमधाम से हुई। 8 मार्च को प्रदीप अपनी पत्नी शिवानी को लेकर घर आया। 9 मार्च को रिसेप्शन होना था। इसलिए परिवार के बाकी लोग दूसरे कामों में जुट गए। प्रदीप और शिवानी खुश थे। रात में दोनों ने परिवार के बाकी लोगों के साथ खाना खाया। फिर अपने कमरे में चले गए। अगले 4 घंटे में कुछ ऐसा हुआ कि जिसे भी पता चला, वह सन्न रह गया। प्रदीप शिवानी की हत्या करके सुसाइड कर चुका था। उस 4 घंटे में क्या कुछ हुआ, उसे समझने के लिए दैनिक भास्कर ग्राउंड पर पहुंचा। दूल्हा पक्ष से बात की। हम दुल्हन के घर भी गए। मैसेज और मोबाइल को लेकर अलग-अलग तथ्य सामने आए। दोनों के स्वभाव भी अलग-अलग मिले। प्रदीप की मां अब शिवानी को कोसती हैं। शिवानी की मां पलटकर जवाब देने से मना करती हैं। पुलिस की जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुछ अलग तथ्य सामने आए हैं। आइए सब कुछ एक तरफ से जानते हैं… पहले हम प्रदीप के घर अयोध्या पहुंचे। 7 मार्च को जिस घर से बारात निकली थी, अब वहां सन्नाटा है। 9 मार्च के रिसेप्शन के लिए जो टेंट लगाए जा रहे थे, वे मौके पर ही पड़े थे। दुल्हन की तरफ से आए फल और मिठाइयां किसी ने छुई तक नहीं। घर के बाहर कुछ लोग गमजदा बैठे हैं। अंदर से रोने की आवाजें आ रही थीं। उनमें से एक आवाज प्रदीप की मां की भी है। वह बिलखते हुए बार-बार कह रही थीं- ‘नागिन मेरे बेटे को खा गई।’ एक साल पहले दिखाई, नवंबर में शादी फिक्स हुई
प्रदीप और शिवानी ने एक-दूसरे को पिछले साल अप्रैल महीने में ही पसंद कर लिया था। दोनों एक शादी में मिले थे। शिवानी दिल्ली में रहती थी, इसलिए वह वापस चली गई। दोनों के पास अब एक-दूसरे का नंबर था। इसलिए बातचीत भी शुरू हो गई थी। 2024 में दीपावली के ठीक पहले दोनों के परिवार ने शादी तय कर दी। प्रदीप ने ही परिवार से कहा था कि होली से पहले वाली लग्न शादी के लिए ठीक रहेगी। उसी के अनुसार 7 मार्च को शादी होना तय हुआ। प्रदीप कभी गुस्सा नहीं करता था
प्रदीप के पिता की 20 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। घर में मां के अलावा दो बहन और एक भाई दीपक है। सभी की शादी हो चुकी है। दीपक ही इस वक्त परिवार को संभालता है। हम प्रदीप के बारे में और ज्यादा जानने के लिए दीपक के पास पहुंचे। वह अपने बहनोई और दो अन्य लोगों के साथ बैठे थे। भाई और उसकी पत्नी को मुखाग्नि देने के बाद दीपक हाथ में लोटा और चाकू लेकर बैठे थे। कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ मना कर देते हैं। दीपक कहते हैं- मेरा भाई शादी को लेकर उत्सुक था। वह यहीं अयोध्या में टाइल्स लगाने का काम करता था। शादी से पहले उसने अपने घर में टाइल्स लगाई थी। अपने कमरे को जितना सजा सकता था, उतना सजाया। हम बस यह चाहते थे कि परिवार में आखिरी शादी है, इसलिए धूमधाम से हो। इसलिए जो कुछ कर सकते थे, वह किया। सुहागरात वाले दिन वह खुश था और खुशी-खुशी अपने कमरे में गया। वहां क्या कुछ हुआ, इसके बारे में मुझे कुछ पता नहीं। मैं भी जानना चाहता हूं। दुल्हन के परिवार ने अंतिम संस्कार से मना किया
दीपक के ही पास पड़ोसी प्रमोद वर्मा बैठे थे। वह कहते हैं- मैं प्रदीप को बचपन से जानता हूं। उसने कभी किसी से झगड़ा नहीं किया। अपने काम में व्यस्त रहता था। शादी के लिए अपने घर को सजा रहा था। हमने एक दिन मजाक में कहा- क्या पत्नी बहुत सुंदर मिल गई है? उसने कहा था कि हां, अच्छी है। उस रात क्या कुछ हुआ, इसके बारे में तो कुछ बता नहीं पाऊंगा। लेकिन, लड़की के परिवार वालों का स्वभाव मौत के बाद एकदम अलग था। पड़ोसी प्रमोद कहते हैं- मौत की सूचना पर दुल्हन पक्ष के लोग आए, लेकिन उनकी कोई एक्टिविटी नहीं थी। उनके चेहरे पर कोई दुख भी नहीं दिख रहा था। हमने यहां दो सवाल पूछे। पहला- घर में तीन कमरे हैं। उस रात घर में करीब 20 लोग थे। जब किसी की हत्या होगी, तो वह शोर मचाएगा या फिर हाथ-पांव पटकेगा। क्या आप लोगों को खबर नहीं लगी? इस सवाल के जवाब में सभी कहते हैं, कोई आवाज नहीं आई। अगर आई होती तो हम जरूर दरवाजा खुलवाते। दूसरा- सुबह शिवानी के परिवार को फोन क्यों नहीं किया गया? इसका जवाब मिलता है, मौत के बाद रोना-पीटना शुरू हो गया। किसी को खबर ही नहीं थी। यहां से हमें दो सवाल और मिले। पहला- शिवानी अपना फोन ससुराल लेकर क्यों नहीं आई? दूसरा- रात में किसने प्रदीप को मैसेज किया, जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ? इन दोनों सवालों का जवाब हमें दुल्हन पक्ष की तरफ से मिलना था। इसलिए हम प्रदीप के घर से करीब 25 किलोमीटर दूर डीली सरैया गांव पहुंचे। बेटी की मौत के बाद घर में मातम छाया था। घर के बाहर लोग बैठे थे, लेकिन कोई किसी से बात नहीं कर रहा था। मां बोली- बेटी का फोन पानी में गिर गया था
हम शिवानी की मां सुमन से मिले। सुमन कहती हैं- शिवानी जब डेढ़ साल की थी तब हम उसे लेकर दिल्ली गए और वहीं बस गए। मेरे 2 और बच्चे वहीं पैदा हुए। पति लोहा फैक्ट्री में काम करते हैं। मैं भी पास की ही एक कंपनी में काम करती थी। घर पर शिवानी ही रहती थी। हमने पूछा कि शिवानी अपना फोन अपने साथ लेकर क्यों नहीं गई? सुमन कहती हैं- पिछले महीने वह सिलाई कर रही थी। तभी उसका फोन पानी भरी बाल्टी में गिर गया। इसके बाद वह मेरे ही फोन से प्रदीप से बात करती थी। शादी के बाद उसने हमें हमारा फोन दे दिया और बिना फोन के ही विदा हुई। हमने सुमन से कहा, प्रदीप की मां कह रही कि आपकी बेटी ने उनके बेटे को खा लिया। इसके जवाब में सुमन कहती हैं- यही बात तो मैं भी कह सकती हूं। मेरी बेटी भी तो नहीं रही, लेकिन मैं नहीं कहूंगी। मैं इस घटना में किसी को दोषी नहीं मानती। हमने शिवानी के पिता और मां से पूछा कि क्या कोई लड़का शिवानी को परेशान कर रहा था? क्या कभी उसने कुछ बताया? दोनों का कहना था कि हम अपनी नौकरी में व्यस्त रहे। बेटी ने हमें कभी भी किसी लड़के के बारे में नहीं बताया। हमने गांव में आसपास लोगों से बात की। वे लोग कहते हैं- शिवानी और उनका परिवार दिल्ली में ही रहता है। गांव में शादी करने आए थे। इसलिए यहां के किसी लड़के ने मैसेज किया हो, इसकी संभावना कम है। पत्नी की हत्या के बाद 1 घंटे तक कमरे में बैठा रहा
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, रात करीब 3 बजे प्रदीप ने शिवानी का गला दबाकर हत्या कर दी। गला इतना तेज दबाया कि नाखून गले के अंदर तक चले गए। इसके बाद वह करीब 1 घंटे तक कमरे में ही इधर-उधर घूमता रहा। लाश के पास बैठा रहा। वह मरने के तरीके सोच रहा था। इसके बाद साड़ी के जरिए फांसी का फंदा तैयार किया और उसे पंखे के हुक में लगाया। कमरे में रखे कुर्सी और स्टूल के जरिए ऊपर खड़ा हुआ और फिर पैर के जरिए स्टूल-कुर्सी को गिरा दिया। कुछ देर तड़पने के बाद उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दोनों की मौत में करीब 1 घंटे का फर्क आया है। पोस्टमॉर्टम में एक रिपोर्ट और चौंकाने वाली बात पता चली है। हत्या से पहले दोनों के बीच फिजिकल रिलेशन भी बने थे। सीओ शैलेंद्र सिंह इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया- प्रदीप के फोन पर एक मैसेज मिला है। प्रदीप ने खुद उसे दूसरे नंबर से किया था। वह इस मैसेज के जरिए शिवानी की पुराने रिलेशनशिप के बारे में जानना चाहता था। इसे लेकर विवाद हुआ और फिर हत्या कर दी। हालांकि, प्रदीप का परिवार कहता है कि वह एक ही फोन चलाता है। नंबर भी उसके पास एक ही है। ऐसे में किसी दूसरे नंबर से मैसेज करना समझ नहीं आता। प्रदीप और शिवानी पिछले एक साल से आपस में बात करते थे। ऐसे में यह भी सवाल है कि क्या शिवानी को प्रदीप का दूसरा नंबर नहीं पता था, जिसका मैसेज देखकर उसे पता नहीं चल सका? यहां प्रदीप का परिवार यह भी मानता है कि किसी तीसरे ने मैसेज किया था, तभी ऐसा हुआ। प्रदीप का स्वभाव ऐसा नहीं था, जो हत्या कर दे। शिवानी के शरीर पर सिर्फ गले में चोट है। इसका मतलब शिवानी जब सो रही थी, तब उसकी हत्या की गई। इसका एक अर्थ यह हुआ कि दोनों के बीच अगर झगड़ा हुआ भी, तो वह शांत हो चुका था। शिवानी सो गई, लेकिन प्रदीप जागता रहा। इसके बाद उसने पूरी ताकत के साथ शिवानी का गला दबा दिया। फिर एक घंटे बाद उसने डर कर फांसी लगा ली। —————— यह खबर भी पढ़ें… अयोध्या में सुहागरात पर पत्नी को मारकर फंदे पर लटका, पत्नी पर शक था, अपने दूसरे नंबर से खुद को मैसेज कर उससे सच जानना चाहता था अयोध्या में सुहागरात पर दुल्हन और दूल्हे की मौत हो गई। पत्नी शिवानी का शव कमरे में बेड पर था, जबकि पति प्रदीप पंखे पर लटका हुआ था। रविवार सुबह 7 बजे तक दोनों सोकर नहीं उठे तो घरवाले जगाने पहुंचे। कमरा अंदर से बंद था। CO शैलेंद्र सिंह के मुताबिक- प्रदीप के मोबाइल में एक मैसेज मिला है, जो उसने खुद अपने दूसरे नंबर से किया था। आशंका है कि मैसेज के माध्यम से वह पत्नी शिवानी से उसके पुराने रिलेशनशिप को जानने की कोशिश कर रहा था। शिवानी अपने मायके से मोबाइल नहीं लाई थीं। पढ़ें पूरी खबर… अयोध्या में 7 मार्च को प्रदीप पासवान की शादी थी। शादी धूमधाम से हुई। 8 मार्च को प्रदीप अपनी पत्नी शिवानी को लेकर घर आया। 9 मार्च को रिसेप्शन होना था। इसलिए परिवार के बाकी लोग दूसरे कामों में जुट गए। प्रदीप और शिवानी खुश थे। रात में दोनों ने परिवार के बाकी लोगों के साथ खाना खाया। फिर अपने कमरे में चले गए। अगले 4 घंटे में कुछ ऐसा हुआ कि जिसे भी पता चला, वह सन्न रह गया। प्रदीप शिवानी की हत्या करके सुसाइड कर चुका था। उस 4 घंटे में क्या कुछ हुआ, उसे समझने के लिए दैनिक भास्कर ग्राउंड पर पहुंचा। दूल्हा पक्ष से बात की। हम दुल्हन के घर भी गए। मैसेज और मोबाइल को लेकर अलग-अलग तथ्य सामने आए। दोनों के स्वभाव भी अलग-अलग मिले। प्रदीप की मां अब शिवानी को कोसती हैं। शिवानी की मां पलटकर जवाब देने से मना करती हैं। पुलिस की जांच और पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कुछ अलग तथ्य सामने आए हैं। आइए सब कुछ एक तरफ से जानते हैं… पहले हम प्रदीप के घर अयोध्या पहुंचे। 7 मार्च को जिस घर से बारात निकली थी, अब वहां सन्नाटा है। 9 मार्च के रिसेप्शन के लिए जो टेंट लगाए जा रहे थे, वे मौके पर ही पड़े थे। दुल्हन की तरफ से आए फल और मिठाइयां किसी ने छुई तक नहीं। घर के बाहर कुछ लोग गमजदा बैठे हैं। अंदर से रोने की आवाजें आ रही थीं। उनमें से एक आवाज प्रदीप की मां की भी है। वह बिलखते हुए बार-बार कह रही थीं- ‘नागिन मेरे बेटे को खा गई।’ एक साल पहले दिखाई, नवंबर में शादी फिक्स हुई
प्रदीप और शिवानी ने एक-दूसरे को पिछले साल अप्रैल महीने में ही पसंद कर लिया था। दोनों एक शादी में मिले थे। शिवानी दिल्ली में रहती थी, इसलिए वह वापस चली गई। दोनों के पास अब एक-दूसरे का नंबर था। इसलिए बातचीत भी शुरू हो गई थी। 2024 में दीपावली के ठीक पहले दोनों के परिवार ने शादी तय कर दी। प्रदीप ने ही परिवार से कहा था कि होली से पहले वाली लग्न शादी के लिए ठीक रहेगी। उसी के अनुसार 7 मार्च को शादी होना तय हुआ। प्रदीप कभी गुस्सा नहीं करता था
प्रदीप के पिता की 20 साल पहले एक सड़क दुर्घटना में मौत हो चुकी है। घर में मां के अलावा दो बहन और एक भाई दीपक है। सभी की शादी हो चुकी है। दीपक ही इस वक्त परिवार को संभालता है। हम प्रदीप के बारे में और ज्यादा जानने के लिए दीपक के पास पहुंचे। वह अपने बहनोई और दो अन्य लोगों के साथ बैठे थे। भाई और उसकी पत्नी को मुखाग्नि देने के बाद दीपक हाथ में लोटा और चाकू लेकर बैठे थे। कैमरे पर कुछ भी बोलने से साफ मना कर देते हैं। दीपक कहते हैं- मेरा भाई शादी को लेकर उत्सुक था। वह यहीं अयोध्या में टाइल्स लगाने का काम करता था। शादी से पहले उसने अपने घर में टाइल्स लगाई थी। अपने कमरे को जितना सजा सकता था, उतना सजाया। हम बस यह चाहते थे कि परिवार में आखिरी शादी है, इसलिए धूमधाम से हो। इसलिए जो कुछ कर सकते थे, वह किया। सुहागरात वाले दिन वह खुश था और खुशी-खुशी अपने कमरे में गया। वहां क्या कुछ हुआ, इसके बारे में मुझे कुछ पता नहीं। मैं भी जानना चाहता हूं। दुल्हन के परिवार ने अंतिम संस्कार से मना किया
दीपक के ही पास पड़ोसी प्रमोद वर्मा बैठे थे। वह कहते हैं- मैं प्रदीप को बचपन से जानता हूं। उसने कभी किसी से झगड़ा नहीं किया। अपने काम में व्यस्त रहता था। शादी के लिए अपने घर को सजा रहा था। हमने एक दिन मजाक में कहा- क्या पत्नी बहुत सुंदर मिल गई है? उसने कहा था कि हां, अच्छी है। उस रात क्या कुछ हुआ, इसके बारे में तो कुछ बता नहीं पाऊंगा। लेकिन, लड़की के परिवार वालों का स्वभाव मौत के बाद एकदम अलग था। पड़ोसी प्रमोद कहते हैं- मौत की सूचना पर दुल्हन पक्ष के लोग आए, लेकिन उनकी कोई एक्टिविटी नहीं थी। उनके चेहरे पर कोई दुख भी नहीं दिख रहा था। हमने यहां दो सवाल पूछे। पहला- घर में तीन कमरे हैं। उस रात घर में करीब 20 लोग थे। जब किसी की हत्या होगी, तो वह शोर मचाएगा या फिर हाथ-पांव पटकेगा। क्या आप लोगों को खबर नहीं लगी? इस सवाल के जवाब में सभी कहते हैं, कोई आवाज नहीं आई। अगर आई होती तो हम जरूर दरवाजा खुलवाते। दूसरा- सुबह शिवानी के परिवार को फोन क्यों नहीं किया गया? इसका जवाब मिलता है, मौत के बाद रोना-पीटना शुरू हो गया। किसी को खबर ही नहीं थी। यहां से हमें दो सवाल और मिले। पहला- शिवानी अपना फोन ससुराल लेकर क्यों नहीं आई? दूसरा- रात में किसने प्रदीप को मैसेज किया, जिसे लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ? इन दोनों सवालों का जवाब हमें दुल्हन पक्ष की तरफ से मिलना था। इसलिए हम प्रदीप के घर से करीब 25 किलोमीटर दूर डीली सरैया गांव पहुंचे। बेटी की मौत के बाद घर में मातम छाया था। घर के बाहर लोग बैठे थे, लेकिन कोई किसी से बात नहीं कर रहा था। मां बोली- बेटी का फोन पानी में गिर गया था
हम शिवानी की मां सुमन से मिले। सुमन कहती हैं- शिवानी जब डेढ़ साल की थी तब हम उसे लेकर दिल्ली गए और वहीं बस गए। मेरे 2 और बच्चे वहीं पैदा हुए। पति लोहा फैक्ट्री में काम करते हैं। मैं भी पास की ही एक कंपनी में काम करती थी। घर पर शिवानी ही रहती थी। हमने पूछा कि शिवानी अपना फोन अपने साथ लेकर क्यों नहीं गई? सुमन कहती हैं- पिछले महीने वह सिलाई कर रही थी। तभी उसका फोन पानी भरी बाल्टी में गिर गया। इसके बाद वह मेरे ही फोन से प्रदीप से बात करती थी। शादी के बाद उसने हमें हमारा फोन दे दिया और बिना फोन के ही विदा हुई। हमने सुमन से कहा, प्रदीप की मां कह रही कि आपकी बेटी ने उनके बेटे को खा लिया। इसके जवाब में सुमन कहती हैं- यही बात तो मैं भी कह सकती हूं। मेरी बेटी भी तो नहीं रही, लेकिन मैं नहीं कहूंगी। मैं इस घटना में किसी को दोषी नहीं मानती। हमने शिवानी के पिता और मां से पूछा कि क्या कोई लड़का शिवानी को परेशान कर रहा था? क्या कभी उसने कुछ बताया? दोनों का कहना था कि हम अपनी नौकरी में व्यस्त रहे। बेटी ने हमें कभी भी किसी लड़के के बारे में नहीं बताया। हमने गांव में आसपास लोगों से बात की। वे लोग कहते हैं- शिवानी और उनका परिवार दिल्ली में ही रहता है। गांव में शादी करने आए थे। इसलिए यहां के किसी लड़के ने मैसेज किया हो, इसकी संभावना कम है। पत्नी की हत्या के बाद 1 घंटे तक कमरे में बैठा रहा
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, रात करीब 3 बजे प्रदीप ने शिवानी का गला दबाकर हत्या कर दी। गला इतना तेज दबाया कि नाखून गले के अंदर तक चले गए। इसके बाद वह करीब 1 घंटे तक कमरे में ही इधर-उधर घूमता रहा। लाश के पास बैठा रहा। वह मरने के तरीके सोच रहा था। इसके बाद साड़ी के जरिए फांसी का फंदा तैयार किया और उसे पंखे के हुक में लगाया। कमरे में रखे कुर्सी और स्टूल के जरिए ऊपर खड़ा हुआ और फिर पैर के जरिए स्टूल-कुर्सी को गिरा दिया। कुछ देर तड़पने के बाद उसकी मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दोनों की मौत में करीब 1 घंटे का फर्क आया है। पोस्टमॉर्टम में एक रिपोर्ट और चौंकाने वाली बात पता चली है। हत्या से पहले दोनों के बीच फिजिकल रिलेशन भी बने थे। सीओ शैलेंद्र सिंह इस पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने बताया- प्रदीप के फोन पर एक मैसेज मिला है। प्रदीप ने खुद उसे दूसरे नंबर से किया था। वह इस मैसेज के जरिए शिवानी की पुराने रिलेशनशिप के बारे में जानना चाहता था। इसे लेकर विवाद हुआ और फिर हत्या कर दी। हालांकि, प्रदीप का परिवार कहता है कि वह एक ही फोन चलाता है। नंबर भी उसके पास एक ही है। ऐसे में किसी दूसरे नंबर से मैसेज करना समझ नहीं आता। प्रदीप और शिवानी पिछले एक साल से आपस में बात करते थे। ऐसे में यह भी सवाल है कि क्या शिवानी को प्रदीप का दूसरा नंबर नहीं पता था, जिसका मैसेज देखकर उसे पता नहीं चल सका? यहां प्रदीप का परिवार यह भी मानता है कि किसी तीसरे ने मैसेज किया था, तभी ऐसा हुआ। प्रदीप का स्वभाव ऐसा नहीं था, जो हत्या कर दे। शिवानी के शरीर पर सिर्फ गले में चोट है। इसका मतलब शिवानी जब सो रही थी, तब उसकी हत्या की गई। इसका एक अर्थ यह हुआ कि दोनों के बीच अगर झगड़ा हुआ भी, तो वह शांत हो चुका था। शिवानी सो गई, लेकिन प्रदीप जागता रहा। इसके बाद उसने पूरी ताकत के साथ शिवानी का गला दबा दिया। फिर एक घंटे बाद उसने डर कर फांसी लगा ली। —————— यह खबर भी पढ़ें… अयोध्या में सुहागरात पर पत्नी को मारकर फंदे पर लटका, पत्नी पर शक था, अपने दूसरे नंबर से खुद को मैसेज कर उससे सच जानना चाहता था अयोध्या में सुहागरात पर दुल्हन और दूल्हे की मौत हो गई। पत्नी शिवानी का शव कमरे में बेड पर था, जबकि पति प्रदीप पंखे पर लटका हुआ था। रविवार सुबह 7 बजे तक दोनों सोकर नहीं उठे तो घरवाले जगाने पहुंचे। कमरा अंदर से बंद था। CO शैलेंद्र सिंह के मुताबिक- प्रदीप के मोबाइल में एक मैसेज मिला है, जो उसने खुद अपने दूसरे नंबर से किया था। आशंका है कि मैसेज के माध्यम से वह पत्नी शिवानी से उसके पुराने रिलेशनशिप को जानने की कोशिश कर रहा था। शिवानी अपने मायके से मोबाइल नहीं लाई थीं। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर