मां काली का रौद्र रूप, हर तरफ उड़ती चिता की राख…गले में नरमुंड माला, मुंह से उगलते आग के गोले और शिव तांडव। यह सब मंगलवार को मणिकर्णिका घाट पर नजर आएगा। यहां आज मसाने की होली खेली जाएगी। इसको देखने के लिए 20 देशों से 5 लाख टूरिस्ट पहुंचे हैं। दोपहर करीब 12 बजे मसाननाथ की आरती होने के बाद भस्म होली शुरू होगी। नागा संन्यासी भी इस होली में शामिल होंगे। ऐसा पहली बार होगा कि महिलाएं इस होली में शामिल नहीं हो पाएंगी, क्योंकि उन्हें इजाजत नहीं दी गई है। अब हरिश्चंद्र घाट की मसाने की होली की तस्वीरें इससे ठीक एक दिन पहले हरिश्चंद्र घाट पर मसाने की होली खेली गई। पहली बार ऐसा हुआ कि हरिश्चंद्र घाट पर कलाकारों ने करतब नहीं दिखाए। पहले सुबह 11 बजे कीनाराम आश्रम से शोभायात्रा निकली। घोड़े और रथ पर सवार होकर संत, नागा संन्यासी 2 किमी दूर हरिश्चंद्र घाट पहुंचे। 2 किमी की यात्रा में जगह-जगह कलाकारों ने शिव तांडव किया। खेले मसाने में होरी…जैसे गानों पर पर्यटक और काशी के लोग थिरकते नजर आए। मणिकर्णिका घाट पर महिलाएं नहीं आएंगी
मणिकर्णिका घाट पर कल चिता भस्म की होली खेली जाएगी। महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर बाबा मसान नाथ मंदिर कमेटी व्यवस्थाएं संभालती है। आयोजन समिति के प्रमुख गुलशन कपूर ने बताया- दोपहर 12 बजे मसान नाथ की दोपहर की आरती होगी। 5100 चिताओं की भस्म जमा की गई है। जब भस्म उड़ती है, तो वह नीचे जमीन पर नहीं आती, बल्कि उड़ती रहती है। इस बार महाकुंभ होने की वजह से बहुत से नागा संन्यासी भी शामिल होंगे। बाबा के घर को बहुत सुविधा नहीं चाहिए, बस उन्हें खाली स्थान चाहिए। कमेटी ने महिलाओं के मसाने की होली में आने पर प्रतिबंध लगाया है। इस बार महिलाएं नाव से महाश्मशान की होली देख पाएंगी। बढ़ती भीड़ और हुड़दंग की वजह से महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समिति ने यह फैसला लिया है। मां काली का रौद्र रूप, हर तरफ उड़ती चिता की राख…गले में नरमुंड माला, मुंह से उगलते आग के गोले और शिव तांडव। यह सब मंगलवार को मणिकर्णिका घाट पर नजर आएगा। यहां आज मसाने की होली खेली जाएगी। इसको देखने के लिए 20 देशों से 5 लाख टूरिस्ट पहुंचे हैं। दोपहर करीब 12 बजे मसाननाथ की आरती होने के बाद भस्म होली शुरू होगी। नागा संन्यासी भी इस होली में शामिल होंगे। ऐसा पहली बार होगा कि महिलाएं इस होली में शामिल नहीं हो पाएंगी, क्योंकि उन्हें इजाजत नहीं दी गई है। अब हरिश्चंद्र घाट की मसाने की होली की तस्वीरें इससे ठीक एक दिन पहले हरिश्चंद्र घाट पर मसाने की होली खेली गई। पहली बार ऐसा हुआ कि हरिश्चंद्र घाट पर कलाकारों ने करतब नहीं दिखाए। पहले सुबह 11 बजे कीनाराम आश्रम से शोभायात्रा निकली। घोड़े और रथ पर सवार होकर संत, नागा संन्यासी 2 किमी दूर हरिश्चंद्र घाट पहुंचे। 2 किमी की यात्रा में जगह-जगह कलाकारों ने शिव तांडव किया। खेले मसाने में होरी…जैसे गानों पर पर्यटक और काशी के लोग थिरकते नजर आए। मणिकर्णिका घाट पर महिलाएं नहीं आएंगी
मणिकर्णिका घाट पर कल चिता भस्म की होली खेली जाएगी। महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर बाबा मसान नाथ मंदिर कमेटी व्यवस्थाएं संभालती है। आयोजन समिति के प्रमुख गुलशन कपूर ने बताया- दोपहर 12 बजे मसान नाथ की दोपहर की आरती होगी। 5100 चिताओं की भस्म जमा की गई है। जब भस्म उड़ती है, तो वह नीचे जमीन पर नहीं आती, बल्कि उड़ती रहती है। इस बार महाकुंभ होने की वजह से बहुत से नागा संन्यासी भी शामिल होंगे। बाबा के घर को बहुत सुविधा नहीं चाहिए, बस उन्हें खाली स्थान चाहिए। कमेटी ने महिलाओं के मसाने की होली में आने पर प्रतिबंध लगाया है। इस बार महिलाएं नाव से महाश्मशान की होली देख पाएंगी। बढ़ती भीड़ और हुड़दंग की वजह से महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए समिति ने यह फैसला लिया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
मणिकर्णिका घाट पर मसाने की होली:हर तरफ उड़ेगी चिता की राख; महिलाओं को भस्म होली में शामिल होने की इजाजत नहीं
