आर्मी में लेफ्टिनेंट बनी रोहतक की बेटी:बैंगलोर में पासिंग आउट परेड में पाया कमीशन; छोटी उम्र में हुआ मां का निधन

आर्मी में लेफ्टिनेंट बनी रोहतक की बेटी:बैंगलोर में पासिंग आउट परेड में पाया कमीशन; छोटी उम्र में हुआ मां का निधन

हरियाणा के रोहतक जिले के एक छोटे से गांव मोरखेड़ी की बेटी प्रियंका ओहल्याण भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बैंगलोर में हुई पासिंग आउट परेड में प्रियंका ने कमीशन प्राप्त किया। बेटी के लेफ्टिनेंट बनने पर परिवार में खुशी का माहौल है। जानकारी के अनुसार प्रियंका ओहल्याण का जन्म अप्रैल 2000 में गांव मोरखेड़ी के एक साधारण से परिवार में हुआ। पिता राजेश ओहल्याण वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड के पद पर तैनात है, जबकि माता सरोज देवी गृहिणी रही, जिनका 2011 में आकस्मिक निधन हो गया। छोटी उम्र में ही मां का साया सिर से उठने के बाद भी प्रियंका ने इस दुख को अपने सपनों पर हावी नहीं होने दिया और लगातार मेहनत कर अपने आर्मी में जाने के सपने को पूरा किया। बचपन से ही पढ़ाई में रही होशियार
प्रियंका के चाचा अनिल ओहल्याण ने बताया कि प्रियंका ओहल्याण बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रही। 10वीं तक पढ़ाई गांव हसनगढ़ के दिल्ली इंटरनेशनल स्कूल में की तो प्रताप स्पोर्टस स्कूल खरखौदा से 12वीं कक्षा में साइंस विषय में स्कूल में टॉप किया। इसके बाद बायोलॉजिकल में स्नातक की डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी से हासिल की, वहां भी द्वितीय स्थान प्राप्त किया। पढ़ाई के दौरान ही सीडीएस की पास की परीक्षा
अनिल ओहल्याण ने बताया कि बेटी प्रियंका शुरू से ही आर्मी में जाना चाहती थी, जिसके लिए पढ़ाई भी कर रही थी। बिना कोचिंग के अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त की। जब स्नातक की पढ़ाई पूरी होने वाली थी, उसी दौरान प्रियंका ने अक्टूबर 2020 में सीडीएस की परीक्षा दी और परीक्षा पास करने के बाद 7 जनवरी 2021 को बैंगलोर के आर्मंड हास्पिटल में ट्रेनिंग के लिए चली गई। जमीदारी के काम में भी प्रियंका आगे रही
अनिल ने बताया कि बेटी प्रियंका घर के काम से लेकर जमीदारी के काम में भी हाथ बंटाती थी। खेतों में ट्रैक्टर तक चलाना सीख लिया था। घर के कामों के साथ पढ़ाई को भी पूरा समय दिया और उसी के परिणाम स्वरूप आज प्रियंका ने उन्हें अपनी परवरिश पर गर्व करने का मौका दिया है। ज्वाइंट परिवार में पूरा मिला साथ
चाचा अनिल ने बताया कि वे तीन भाई हैं और सभी साथ रहते हैं। बड़ा भाई दयानंद, उसके बाद प्रियंका के पिता राजेश व सबसे छोटे अनिल है। ज्वाइंट परिवार में कभी भी प्रियंका को किसी चीज की कमी नहीं होने दी। प्रियंका का बड़ा भाई रोहित ओहल्याण जालंधर यूनिवर्सिटी में वेट लिफ्टिंग का कोच है, जो वेट लिफ्टिंग की जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में तीन बार गोल्ड मेडल जीत चुका है। बुआ का लड़का आर्मी में कर्नल, ताऊ का बेटा मेजर
चाचा अनिल ने बताया कि प्रियंका की बुआ का लड़का आर्मी में कर्नल है, जबकि उसके ताऊ दयानंद का बेटा शिव कुमार आर्मी में मेजर के पद पर तैनात है। दोनों को आर्मी की वर्दी में देखकर ही प्रियंका ने भी आर्मी में जाने का सपना संजोया था। इसी के परिणामस्वरूप प्रियंका ने अक्टूबर 2020 में सीडीएस की परीक्षा और 1 लाख 40 हजार परीक्षार्थियों में पहली रैंक हासिल की। हरियाणा के रोहतक जिले के एक छोटे से गांव मोरखेड़ी की बेटी प्रियंका ओहल्याण भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन गई है। बैंगलोर में हुई पासिंग आउट परेड में प्रियंका ने कमीशन प्राप्त किया। बेटी के लेफ्टिनेंट बनने पर परिवार में खुशी का माहौल है। जानकारी के अनुसार प्रियंका ओहल्याण का जन्म अप्रैल 2000 में गांव मोरखेड़ी के एक साधारण से परिवार में हुआ। पिता राजेश ओहल्याण वन विभाग में फॉरेस्ट गार्ड के पद पर तैनात है, जबकि माता सरोज देवी गृहिणी रही, जिनका 2011 में आकस्मिक निधन हो गया। छोटी उम्र में ही मां का साया सिर से उठने के बाद भी प्रियंका ने इस दुख को अपने सपनों पर हावी नहीं होने दिया और लगातार मेहनत कर अपने आर्मी में जाने के सपने को पूरा किया। बचपन से ही पढ़ाई में रही होशियार
प्रियंका के चाचा अनिल ओहल्याण ने बताया कि प्रियंका ओहल्याण बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रही। 10वीं तक पढ़ाई गांव हसनगढ़ के दिल्ली इंटरनेशनल स्कूल में की तो प्रताप स्पोर्टस स्कूल खरखौदा से 12वीं कक्षा में साइंस विषय में स्कूल में टॉप किया। इसके बाद बायोलॉजिकल में स्नातक की डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी से हासिल की, वहां भी द्वितीय स्थान प्राप्त किया। पढ़ाई के दौरान ही सीडीएस की पास की परीक्षा
अनिल ओहल्याण ने बताया कि बेटी प्रियंका शुरू से ही आर्मी में जाना चाहती थी, जिसके लिए पढ़ाई भी कर रही थी। बिना कोचिंग के अपनी मेहनत से सफलता प्राप्त की। जब स्नातक की पढ़ाई पूरी होने वाली थी, उसी दौरान प्रियंका ने अक्टूबर 2020 में सीडीएस की परीक्षा दी और परीक्षा पास करने के बाद 7 जनवरी 2021 को बैंगलोर के आर्मंड हास्पिटल में ट्रेनिंग के लिए चली गई। जमीदारी के काम में भी प्रियंका आगे रही
अनिल ने बताया कि बेटी प्रियंका घर के काम से लेकर जमीदारी के काम में भी हाथ बंटाती थी। खेतों में ट्रैक्टर तक चलाना सीख लिया था। घर के कामों के साथ पढ़ाई को भी पूरा समय दिया और उसी के परिणाम स्वरूप आज प्रियंका ने उन्हें अपनी परवरिश पर गर्व करने का मौका दिया है। ज्वाइंट परिवार में पूरा मिला साथ
चाचा अनिल ने बताया कि वे तीन भाई हैं और सभी साथ रहते हैं। बड़ा भाई दयानंद, उसके बाद प्रियंका के पिता राजेश व सबसे छोटे अनिल है। ज्वाइंट परिवार में कभी भी प्रियंका को किसी चीज की कमी नहीं होने दी। प्रियंका का बड़ा भाई रोहित ओहल्याण जालंधर यूनिवर्सिटी में वेट लिफ्टिंग का कोच है, जो वेट लिफ्टिंग की जूनियर नेशनल प्रतियोगिता में तीन बार गोल्ड मेडल जीत चुका है। बुआ का लड़का आर्मी में कर्नल, ताऊ का बेटा मेजर
चाचा अनिल ने बताया कि प्रियंका की बुआ का लड़का आर्मी में कर्नल है, जबकि उसके ताऊ दयानंद का बेटा शिव कुमार आर्मी में मेजर के पद पर तैनात है। दोनों को आर्मी की वर्दी में देखकर ही प्रियंका ने भी आर्मी में जाने का सपना संजोया था। इसी के परिणामस्वरूप प्रियंका ने अक्टूबर 2020 में सीडीएस की परीक्षा और 1 लाख 40 हजार परीक्षार्थियों में पहली रैंक हासिल की।   हरियाणा | दैनिक भास्कर