हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में हिमालयन थार के अवैध शिकार का बड़ा मामला सामने आया है। वन विभाग की टीम ने पालमपुर के जिया क्षेत्र में 5 शिकारियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। वन विभाग की टीम द्वारा गिरफ्तार शिकारियों से हथियार और हिमालयन थार का मास के टुकड़े, गर्दन से अगला हिस्सा मुंह समेत बरामद किए गए है। प्रदेश में हिमालयन थार के शिकार का अब तक का यह सबसे बड़ा मामला बताया जा रहा है। वन विभाग को पालपुर के जिया क्षेत्र में लगातार अवैध शिकार की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद रेंज ऑफिसर पालमपुर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मंगलवार रात सवा सात बजे गश्त पर निकली। गाड़ी से मांस के अलावा ये हथियार मिले इस दौरान टीम ने एक पिकअप गाड़ी (HP-IT-44446) को रोका। इसकी जब तलाशी ली गई तो पिकअप से हिमालयन थार का मांस, एक डबल बैरल राइफल और दूसरे हथियार भी मिले। पकड़ी गई गाड़ी एक पावर प्रोजेक्ट से संबंधित बताई जा रही है। पालमपुर के रहने वाले आरोपी पकड़े गए आरोपियों में चार शिकारी और एक पिकअप ड्राइवर शामिल हैं। आरोपियों की पहचान विजय कुमार व विपिन कुमार गांव जिया, आशीष कुमार और यशपाल गांव चकान तथा संतोष कुमार गांव चिम्वलहर के रूप में हुई है। हिमालय क्षेत्रों में पाया जाता है यह जानवर हिमालयन थार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1 में शामिल है। इनके शिकार पर पूरी तरह प्रतिबंध है। यह जानवर हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। शिकार करने पर 3 से 7 सात की सजा डीएफओ वन्य प्राणी शाहनवाज अहमद ने बताया कि वाइल्ड लाइफ एक्ट में इनका शिकार करने पर 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ 3 हजार रुपए जुर्माना लगाने का प्रावधान है। क्यों शिकार करते हैं? हिमालयन थार का शिकार मुख्यत इनका मांस खाने के लिए शिकार करते है। बताया जा रहा है कि इनकी खाल को भी बेचा जाता है। इससे गारमेंट बनाए जाते हैं। इसी तरह हिमालयन थार के सींग या मुंह के अगले हिस्से को कुछ लोग अपने घरों में डेकोरेशन के लिए भी टांग देते है। इसी मकसद से कुछ शिकार इन्हें बेचकर मोटा मुनाफा भी कमाते है। यहां देखे आरोपियों की शिकारियों की हिमालयन थार के साथ PHOTOS… हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में हिमालयन थार के अवैध शिकार का बड़ा मामला सामने आया है। वन विभाग की टीम ने पालमपुर के जिया क्षेत्र में 5 शिकारियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इनके खिलाफ मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। वन विभाग की टीम द्वारा गिरफ्तार शिकारियों से हथियार और हिमालयन थार का मास के टुकड़े, गर्दन से अगला हिस्सा मुंह समेत बरामद किए गए है। प्रदेश में हिमालयन थार के शिकार का अब तक का यह सबसे बड़ा मामला बताया जा रहा है। वन विभाग को पालपुर के जिया क्षेत्र में लगातार अवैध शिकार की शिकायतें मिल रही थीं। इसके बाद रेंज ऑफिसर पालमपुर के नेतृत्व में वन विभाग की टीम मंगलवार रात सवा सात बजे गश्त पर निकली। गाड़ी से मांस के अलावा ये हथियार मिले इस दौरान टीम ने एक पिकअप गाड़ी (HP-IT-44446) को रोका। इसकी जब तलाशी ली गई तो पिकअप से हिमालयन थार का मांस, एक डबल बैरल राइफल और दूसरे हथियार भी मिले। पकड़ी गई गाड़ी एक पावर प्रोजेक्ट से संबंधित बताई जा रही है। पालमपुर के रहने वाले आरोपी पकड़े गए आरोपियों में चार शिकारी और एक पिकअप ड्राइवर शामिल हैं। आरोपियों की पहचान विजय कुमार व विपिन कुमार गांव जिया, आशीष कुमार और यशपाल गांव चकान तथा संतोष कुमार गांव चिम्वलहर के रूप में हुई है। हिमालय क्षेत्रों में पाया जाता है यह जानवर हिमालयन थार वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1 में शामिल है। इनके शिकार पर पूरी तरह प्रतिबंध है। यह जानवर हिमालयी क्षेत्रों में पाया जाता है। शिकार करने पर 3 से 7 सात की सजा डीएफओ वन्य प्राणी शाहनवाज अहमद ने बताया कि वाइल्ड लाइफ एक्ट में इनका शिकार करने पर 3 से 7 साल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ 3 हजार रुपए जुर्माना लगाने का प्रावधान है। क्यों शिकार करते हैं? हिमालयन थार का शिकार मुख्यत इनका मांस खाने के लिए शिकार करते है। बताया जा रहा है कि इनकी खाल को भी बेचा जाता है। इससे गारमेंट बनाए जाते हैं। इसी तरह हिमालयन थार के सींग या मुंह के अगले हिस्से को कुछ लोग अपने घरों में डेकोरेशन के लिए भी टांग देते है। इसी मकसद से कुछ शिकार इन्हें बेचकर मोटा मुनाफा भी कमाते है। यहां देखे आरोपियों की शिकारियों की हिमालयन थार के साथ PHOTOS… हिमाचल | दैनिक भास्कर
