हिमाचल प्रदेश के चार जिलों में अगले 48 घंटे तक कोल्ड-वेव का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने यह चेतावनी ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी जिला को जारी की है। इसी तरह कांगड़ा और कुल्लू जिला में शीतलहर को लेकर येलो-अलर्ट दिया गया है। ऊंचे पहाड़ों से निचले इलाकों की तरफ कोल्ड-वेव चलने की वजह से मैदानी इलाकों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इससे मैदानी इलाके शिमला से ज्यादा ठंडे हो गए है। शिमला का न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस है, जबकि ऊना का 0.4 डिग्री, बिलासपुर का 2.2 डिग्री, हमीरपुर का 1.3 डिग्री, चंबा का 1.1 डिग्री, सुंदरनगर का 0.5 डिग्री और भुंतर का न्यूनतम तापमान -0.5 डिग्री तक गिर गया है। शिमला का तापमान नॉर्मल से ज्यादा शिमला का तापमान नॉर्मल से 1.5 डिग्री ज्यादा तथा मैदानी इलाकों का न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 4 डिग्री तक नीचे गिर गया है। अगले 48 घंटे तक शीतलहर से तापमान में और कमी आएगी। शीतलहर के दृष्टिगत जारी की गई एडवाइजरी कोल्ड-वेव की चेतावनी के बीच सरकार ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को मोटे और सूती कपड़े पहनने, सुबह-शाम ठंड के दौरान घर से जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलने, विटामिन-C वाले फ्रूट खाने और बीमार लोगों का ज्यादा ध्यान रखने की एडवाइजरी जारी की है। 5 दिन तक बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की माने तो प्रदेश में अगले 5 दिन तक बारिश-बर्फबारी के कोई आसार नहीं है। इससे आने वाले दिनों में भी प्रदेशवासियों को सूखी ठंड का सामना करना पड़ेगा। बारिश-बर्फबारी के इंतजार में प्रदेशवासी प्रदेश में पोस्ट मानसून सीजन यानी एक अक्टूबर से 17 दिसंबर तक सामान्य से 96 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इसकी मार किसानों-बागवानों की फसलों के साथ साथ अब टूरिज्म इंडस्ट्री पर भी पड़ रही है। सूखे की मार अब पेयजल योजनाओं पर भी पड़ने लगी है। हिमाचल प्रदेश के चार जिलों में अगले 48 घंटे तक कोल्ड-वेव का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग ने यह चेतावनी ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और मंडी जिला को जारी की है। इसी तरह कांगड़ा और कुल्लू जिला में शीतलहर को लेकर येलो-अलर्ट दिया गया है। ऊंचे पहाड़ों से निचले इलाकों की तरफ कोल्ड-वेव चलने की वजह से मैदानी इलाकों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। इससे मैदानी इलाके शिमला से ज्यादा ठंडे हो गए है। शिमला का न्यूनतम तापमान 7.8 डिग्री सेल्सियस है, जबकि ऊना का 0.4 डिग्री, बिलासपुर का 2.2 डिग्री, हमीरपुर का 1.3 डिग्री, चंबा का 1.1 डिग्री, सुंदरनगर का 0.5 डिग्री और भुंतर का न्यूनतम तापमान -0.5 डिग्री तक गिर गया है। शिमला का तापमान नॉर्मल से ज्यादा शिमला का तापमान नॉर्मल से 1.5 डिग्री ज्यादा तथा मैदानी इलाकों का न्यूनतम तापमान सामान्य से 2 से 4 डिग्री तक नीचे गिर गया है। अगले 48 घंटे तक शीतलहर से तापमान में और कमी आएगी। शीतलहर के दृष्टिगत जारी की गई एडवाइजरी कोल्ड-वेव की चेतावनी के बीच सरकार ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों को मोटे और सूती कपड़े पहनने, सुबह-शाम ठंड के दौरान घर से जरूरत पड़ने पर ही बाहर निकलने, विटामिन-C वाले फ्रूट खाने और बीमार लोगों का ज्यादा ध्यान रखने की एडवाइजरी जारी की है। 5 दिन तक बारिश-बर्फबारी के आसार नहीं मौसम विज्ञान केंद्र शिमला की माने तो प्रदेश में अगले 5 दिन तक बारिश-बर्फबारी के कोई आसार नहीं है। इससे आने वाले दिनों में भी प्रदेशवासियों को सूखी ठंड का सामना करना पड़ेगा। बारिश-बर्फबारी के इंतजार में प्रदेशवासी प्रदेश में पोस्ट मानसून सीजन यानी एक अक्टूबर से 17 दिसंबर तक सामान्य से 96 प्रतिशत कम बारिश हुई है। इसकी मार किसानों-बागवानों की फसलों के साथ साथ अब टूरिज्म इंडस्ट्री पर भी पड़ रही है। सूखे की मार अब पेयजल योजनाओं पर भी पड़ने लगी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में कल से टीचरों की ट्रांसफर बैन, आदेश जारी:मध्य सत्र में नहीं होंगे तबादले, जीरो एनरोलमेंट वाले 99 स्कूल बंद हिमाचल प्रदेश में कल यानि 1 अगस्त से मध्य सत्र में शिक्षकों के तबादलों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है। शून्य छात्र नामांकन वाले 99 स्कूलों को भी बंद करने तथा 5 या इससे कम बच्चों वाले स्कूलों को मर्ज करने को कहा गया है। कैबिनेट के फैसले के बाद शिक्षा सचिव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। कैबिनेट ने 25 जुलाई को हुई बैठक में मध्य सत्र में शिक्षकों के तबादले न करने का फैसला लिया है। मध्य सत्र में तबादलों से बच्चों की पढ़ाई पर बुरा असर पड़ता है। इतना ही नहीं, अधिकांश शिक्षक सालभर बच्चों को पढ़ाने के बजाय तबादले के लिए सचिवालय और शिक्षा निदेशालय के चक्कर काटते रहते हैं। खासकर राजनीतिक रसूख वाले शिक्षकों में शहरी क्षेत्रों के स्कूलों में तबादला करवाने की होड़ मची रहती है। इसे देखते हुए सरकार ने अब शिक्षकों के तबादले साल में एक बार ही करने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले के बाद शिक्षकों के तबादले शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले ही हो जाएंगे। प्रदेश के शीतकालीन बंद स्कूलों में शैक्षणिक सत्र फरवरी के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है, जबकि ग्रीष्मकालीन बंद स्कूलों में सत्र एक अगस्त से शुरू होता है। इसलिए अब शिक्षकों को तबादले के लिए एक साल तक इंतजार करना पड़ेगा। 89 प्राथमिक, 10 मिडिल स्कूल बंद करने के आदेश कैबिनेट के फैसले के बाद शिक्षा सचिव ने शून्य नामांकन वाले 89 प्राथमिक और 10 मिडिल स्कूल बंद करने के आदेश जारी किए हैं। इसी तरह, जिन प्राथमिक स्कूलों में 5 या उससे कम बच्चे हैं और 2 किलोमीटर के दायरे में एक अन्य स्कूल है, उन्हें बगल के स्कूल में मर्ज किया जाएगा। जिन मिडिल स्कूलों में 5 या उससे कम बच्चे हैं और 3 किलोमीटर के दायरे में एक अन्य मिडिल स्कूल है, उन्हें बगल के स्कूल में मर्ज करने के आदेश दिए गए हैं। स्कूल के मुखिया को भी पढ़ाना होगा शिक्षा सचिव ने अपने आदेशों में स्पष्ट किया है कि स्कूलों में हेडमास्टर, प्रिंसिपल, सेंटर हेड टीचर (सीएचटी), हेड टीचर को पढ़ाना अनिवार्य कर दिया गया है। इन आदेशों के बाद स्कूल के मुखिया को प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ बच्चों को पढ़ाना भी होगा। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। राष्ट्रगान-राष्ट्रगीत किया अनिवार्य शिक्षा सचिव ने सभी स्कूलों में 15 मिनट तक व्यायाम जरूरी अनिवार्य कर दिया है। प्रत्येक स्कूल में रोजाना राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत के साथ साथ ऐ मालिक तेरे बंदे हम… इतनी शक्ति हमे दे न दाता… प्रार्थना को अनिवार्य कर दिया गया है। किन्नौर-लाहौल स्पीति में आवासीय स्कूल खोलने की तैयारी हिमाचल सरकार किन्नौर और लाहौल स्पीति में पायलट आधार पर आवासीय स्कूल बनाने पर विचार कर रही है। लाहौल स्पीति जिला के 121 स्कूलों और किन्नौर के 29 स्कूलों में में 5 या 5 से भी कम बच्चे है। इसे देखते हुए सरकार इन दोनों जिलों में आवासीय स्कूल खोलेगी।
हिमाचल में श्रीखंड यात्रा के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की वापसी:3 की हो चुकी है मौत, प्रशासन की अपील- 14 जुलाई से पहले न आएं
हिमाचल में श्रीखंड यात्रा के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की वापसी:3 की हो चुकी है मौत, प्रशासन की अपील- 14 जुलाई से पहले न आएं धार्मिक श्रीखंड यात्रा के लिए देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। लेकिन अभी यह यात्रा आधिकारिक तौर पर शुरू नहीं हुई है। इसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने 140 से अधिक श्रद्धालुओं को वापस भेज दिया है। अभी किसी को भी श्रीखंड जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। एसडीएम निरमंड मनमोहन ने बताया कि पिछले डेढ़ सप्ताह के दौरान दो श्रद्धालुओं और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इनमें एक श्रद्धालु हरियाणा, दूसरा यूपी के बुलंदशहर और तीसरा स्थानीय व्यक्ति था। इसे देखते हुए प्रशासन ने फैसला लिया है कि किसी भी श्रद्धालु को श्रीखंड नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वापस भेजे गए अधिकतर श्रद्धालु गैर हिमाचली यानी दूसरे राज्यों से आए थे। आधिकारिक तौर पर 14 जुलाई से शुरू होगी यात्रा एसडीएम ने बताया कि आधिकारिक तौर पर यात्रा 14 से 27 जुलाई तक चलेगी। इस यात्रा के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। इसलिए आधिकारिक यात्रा से पहले किसी को भी श्रीखंड जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा श्रीखंड यात्रा दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा मानी जाती है। 18,570 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को ग्लेशियर, ऊंचे पहाड़, संकरे रास्तों से 32 किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ती है। हर समय हादसे का डर बना रहता है। पार्वती बाग से आगे कुछ इलाके ऐसे हैं जहां ऑक्सीजन की भी कमी है। ऐसे में अगर श्रद्धालुओं को समय रहते उपचार या नीचे नहीं उतारा गया तो हादसे का डर बना रहता है। इस कारण कई श्रद्धालु भोले के दर्शन किए बिना ही लौटने को मजबूर हो जाते हैं। यात्रा को आसान बनाने के लिए पांच स्थानों पर बनाए जा रहे बेस कैंप एसडीएम ने बताया कि यात्रा को आसान बनाने के लिए श्रीखंड ट्रस्ट समिति और जिला प्रशासन पांच स्थानों पर बेस कैंप बना रहा है। पहले चरण में सिंघगाड़ में बेस कैंप बनाया जा रहा है। इसके अलावा थाचडू, कुंशा, भीमद्वार और पार्वती बाग में भी बेस कैंप बनाए जाएंगे। इसमें सेक्टर मजिस्ट्रेट और उनके साथ पुलिस अधिकारी/प्रभारी के अलावा मेडिकल स्टाफ और बचाव दल भी तैनात रहेंगे। पहली बार बचाव दल एसडीआरएफ की यूनिट तैनात की जाएगी इस यात्रा में पहली बार पार्वती बाग में बचाव दल एसडीआरएफ की यूनिट तैनात की जाएगी, क्योंकि संकरा और खतरनाक रास्ता होने के कारण इस यात्रा के दौरान कई अनचाहे हादसे होते रहते हैं। खास तौर पर बारिश के कारण यह यात्रा बाधित होती है। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए पोर्टल बनाया गया बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल बनाया गया है। बिना पंजीकरण के किसी भी श्रद्धालु को श्रीखंड नहीं भेजा जाएगा। देश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं श्रीखंड श्रीखंड यात्रा में हिमाचल के अलावा देश के कोने-कोने और नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसलिए जिला प्रशासन और श्रीखंड ट्रस्ट के लिए लोगों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करना चुनौती भरा होगा।
रोहतांग मार्ग पर 15 जनवरी 2025 तक लगी रोक:12PM से 6PM बजे तक बंद रहेगा यातायात, कोठी से मढ़ी तक चल रहा सड़क निर्माण
रोहतांग मार्ग पर 15 जनवरी 2025 तक लगी रोक:12PM से 6PM बजे तक बंद रहेगा यातायात, कोठी से मढ़ी तक चल रहा सड़क निर्माण सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली सरचू सड़क मार्ग कोठी से मढ़ी के बीच सड़क कार्य के चलते वाहनों के लिए बंद रहेगा। इसकी जानकारी देते हुए मनाली के उपमंडल अधिकारी रमण कुमार शर्मा ने बताया कि रोहतांग मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। जिसके कारण 5 नवंबर 2024 से 15 जनवरी 2025 तक यह मार्ग बंद रखने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि जिलाधीश कुल्लू तोरूल एस. रवीश ने सीमा सड़क संगठन के आग्रह पर आदेश जारी किए हैं। जिसकी सूचना लाहौल स्पीति, कुल्लू, मनाली स्थित उपमंडल अधिकारियों एवं पुलिस अधीक्षकों को कर दी गई है। सीमा सड़क संगठन ने कोठी से मढ़ी तक सड़क को चौड़ा करने व ठीक करने की सूचना प्रशासन को दी थी। जिसमें सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण सड़क मनाली-सरचू पर रोहतांग रोड़ पर किमी 13.00 (कोठी) से किमी 31.00 (मढ़ी) के बीच फॉर्मेशन कटिंग सहित कार्य प्रगति पर है। कोठी से मढ़ी तक का हिस्सा सिंगल लेन है और पुलिया, रिटेनिंग वॉल जैसे विभिन्न स्थायी कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने के लिए संगठन ने यह आवेदन प्रशासन को किया था। बर्फबारी के चलते नहीं हो पाता काम
सीमा सड़क संगठन ने यह भी बताया है कि जैसे-जैसे सर्दियों का मौसम नजदीक आता है, बर्फबारी शुरू होने से पहले इस सड़क पर केवल 40-50 दिन ही काम के लिए मिल पाते हैं। अतः 12 घंटे लगातार काम करने के लिए यातायात की आवाजाही को प्रतिबंधित करना आवश्यक है। उन्होंने अनुरोध किया कि कोठी में पुलिस चौकी से रोहतांग की ओर यातायात की आवाजाही को दैनिक आधार पर सुबह से 11:00 बजे तक की ही अनुमति दी जाए।