यूपी में भाजपा के जिलाध्यक्षों की घोषणा अब 16 मार्च को सभी जिलों में एक साथ जिला स्तर पर होगी। पार्टी के प्रदेश चुनाव अधिकारी महेंद्रनाथ पांडेय की मौजूदगी में बुधवार शाम भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। भाजपा के 98 संगठनात्मक जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति होनी है। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति 15 जनवरी तक होनी थी। लेकिन पहले चरण में केवल 80 जिलों में ही पैनल तैयार किया गया। केंद्रीय नेतृत्व ने सभी जिलों में एक साथ जिलाध्यक्ष नियुक्त करने का आदेश दिया। इसके बाद अयोध्या महानगर, अयोध्या जिला, अलीगढ़ महानगर अलीगढ़ जिला, लखीमपुर खीरी, हापुड़, शामली, फतेहपुर सहित अन्य उन सभी जिलों में भी चुनाव प्रक्रिया पूरी की गई, जहां पहले चुनाव स्थगित हुआ था। साथ ही महिलाओं और दलितों की भागीदारी बढ़ाने के राष्ट्रीय नेतृत्व के फरमान के चलते भी विलंब हुआ है। बार-बार मापदंड बदलने और दिल्ली चुनाव के कारण भी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में विलंब का कारण माना जा रहा है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित बैठक में जिलाध्यक्षों की सूची को अंतिम रूप दिया गया। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व से भी सूची पर हरी झंडी मिल गई है। लेकिन होली के त्योहार के कारण सूची जारी नहीं करने का निर्णय लिया। बैठक में तय हुआ कि 16 जनवरी को सभी जिलों में संगठनात्मक बैठक में जिलाध्यक्ष की घोषणा की जाएगी। सभी जिला प्रभारी, जिला चुनाव प्रभारी और चुनाव पर्यवेक्षक बैठक में शामिल होंगे। चुनाव पर्यवेक्षक और चुनाव प्रभारी वहां नए जिलाध्यक्ष की घोषणा करेंगे। बैठक में स्थानीय विधायक, सांसद, सरकार के मंत्री, स्थानीय क्षेत्रीय पदाधिकारी, अग्रिम मोर्चों के पदाधिकारी भी शामिल रहेंगे। बुधवार को आयोजित बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह भी शामिल थे। दलित और महिलाओं की संख्या बढ़ेगी
भाजपा के पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में अनुसूचित जाति वर्ग के चार और महिला वर्ग से भी चार जिलाध्यक्ष हैं। जिलाध्यक्षों की नई टीम में महिलाओं और दलितों की संख्या बढ़ेगी। लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी उनकी कुल संख्या 25 तक पहुंचना मुश्किल है। चौंकाने वाले नाम भी सामने आएंगे
भाजपा सूत्रों के मुताबिक जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में कई चौंकाने वाले नाम भी सामने आएंगे। ऐसे नेताओं को भी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा जिन्होंने नामांकन तक दाखिल नहीं किया था। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से महिला और दलितों की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया था। महिला, दलित और ओबीसी जिलाध्यक्ष बढ़ाने के कारण चुनाव की पूर्व तैयारी गड़बड़ाई। नामांकन करने वालों में कोई योग्य प्रत्याशी नहीं होने के कारण आरएसएस और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की सहमति नए चेहरों की तलाश की गई। हंगामा रोकना चुनौती
भाजपा सूत्रों के मुताबिक जिलाध्यक्षों की घोषणा जिला स्तर पर संगठनात्मक बैठक में करने से हंगामा होने की आशंका बनी रहेगी। जो दावेदार जिलाध्यक्ष बनने से वंचित रह जाएंगे उनके समर्थक हंगामा, विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी कर सकते हैं। कुछ जगह पर समर्थकों के बीच मारपीट की नौबत भी आ सकता है। पार्टी नेतृत्व ने इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए इससे रोकने के उपायों पर भी मंथन शुरू किया है। यूपी में भाजपा के जिलाध्यक्षों की घोषणा अब 16 मार्च को सभी जिलों में एक साथ जिला स्तर पर होगी। पार्टी के प्रदेश चुनाव अधिकारी महेंद्रनाथ पांडेय की मौजूदगी में बुधवार शाम भाजपा प्रदेश मुख्यालय पर हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। भाजपा के 98 संगठनात्मक जिलों में अध्यक्षों की नियुक्ति होनी है। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति 15 जनवरी तक होनी थी। लेकिन पहले चरण में केवल 80 जिलों में ही पैनल तैयार किया गया। केंद्रीय नेतृत्व ने सभी जिलों में एक साथ जिलाध्यक्ष नियुक्त करने का आदेश दिया। इसके बाद अयोध्या महानगर, अयोध्या जिला, अलीगढ़ महानगर अलीगढ़ जिला, लखीमपुर खीरी, हापुड़, शामली, फतेहपुर सहित अन्य उन सभी जिलों में भी चुनाव प्रक्रिया पूरी की गई, जहां पहले चुनाव स्थगित हुआ था। साथ ही महिलाओं और दलितों की भागीदारी बढ़ाने के राष्ट्रीय नेतृत्व के फरमान के चलते भी विलंब हुआ है। बार-बार मापदंड बदलने और दिल्ली चुनाव के कारण भी जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में विलंब का कारण माना जा रहा है। भाजपा प्रदेश मुख्यालय में आयोजित बैठक में जिलाध्यक्षों की सूची को अंतिम रूप दिया गया। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व से भी सूची पर हरी झंडी मिल गई है। लेकिन होली के त्योहार के कारण सूची जारी नहीं करने का निर्णय लिया। बैठक में तय हुआ कि 16 जनवरी को सभी जिलों में संगठनात्मक बैठक में जिलाध्यक्ष की घोषणा की जाएगी। सभी जिला प्रभारी, जिला चुनाव प्रभारी और चुनाव पर्यवेक्षक बैठक में शामिल होंगे। चुनाव पर्यवेक्षक और चुनाव प्रभारी वहां नए जिलाध्यक्ष की घोषणा करेंगे। बैठक में स्थानीय विधायक, सांसद, सरकार के मंत्री, स्थानीय क्षेत्रीय पदाधिकारी, अग्रिम मोर्चों के पदाधिकारी भी शामिल रहेंगे। बुधवार को आयोजित बैठक में प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह भी शामिल थे। दलित और महिलाओं की संख्या बढ़ेगी
भाजपा के पदाधिकारी ने बताया कि वर्तमान में अनुसूचित जाति वर्ग के चार और महिला वर्ग से भी चार जिलाध्यक्ष हैं। जिलाध्यक्षों की नई टीम में महिलाओं और दलितों की संख्या बढ़ेगी। लेकिन काफी मशक्कत के बाद भी उनकी कुल संख्या 25 तक पहुंचना मुश्किल है। चौंकाने वाले नाम भी सामने आएंगे
भाजपा सूत्रों के मुताबिक जिलाध्यक्षों की नियुक्ति में कई चौंकाने वाले नाम भी सामने आएंगे। ऐसे नेताओं को भी जिलाध्यक्ष नियुक्त किया जाएगा जिन्होंने नामांकन तक दाखिल नहीं किया था। पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से महिला और दलितों की संख्या बढ़ाने का आदेश दिया था। महिला, दलित और ओबीसी जिलाध्यक्ष बढ़ाने के कारण चुनाव की पूर्व तैयारी गड़बड़ाई। नामांकन करने वालों में कोई योग्य प्रत्याशी नहीं होने के कारण आरएसएस और भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की सहमति नए चेहरों की तलाश की गई। हंगामा रोकना चुनौती
भाजपा सूत्रों के मुताबिक जिलाध्यक्षों की घोषणा जिला स्तर पर संगठनात्मक बैठक में करने से हंगामा होने की आशंका बनी रहेगी। जो दावेदार जिलाध्यक्ष बनने से वंचित रह जाएंगे उनके समर्थक हंगामा, विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी कर सकते हैं। कुछ जगह पर समर्थकों के बीच मारपीट की नौबत भी आ सकता है। पार्टी नेतृत्व ने इस चुनौती को ध्यान में रखते हुए इससे रोकने के उपायों पर भी मंथन शुरू किया है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
यूपी में 16 मार्च को भाजपा जिलाध्यक्ष घोषित होंगे:चुनाव प्रभारी करेंगे ऐलान, दलित और महिलाओं की संख्या बढ़ेगी, चौंकाएंगे कई नाम
