<p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News:</strong> जम्मू-कश्मीर सरकार ने पुष्टि की है कि मध्य कश्मीर के बडगाम जिले की बीरवाह तहसील में 58 गैर-स्थानीय लोगों को निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं. यह जानकारी गुरुवार (13 मार्च) को विधानसभा सत्र के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायकों डॉ. शफी वानी और सकीना इटू द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में दी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने स्पष्ट किया कि इन 58 व्यक्तियों ने बीरवाह क्षेत्र में विवाह के माध्यम से निवास अधिकार प्राप्त किया है. उन्होंने आगे बताया कि नरबल और मगाम की पड़ोसी तहसीलों में किसी भी गैर-स्थानीय व्यक्ति को निवास प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह आंकड़ा सिर्फ बडगाम जिले से संबंधित- मंत्री</strong><br />मंत्री ने विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि यह आंकड़ा सिर्फ बडगाम जिले से संबंधित है, जहां NC विधायक डॉ. शफी वानी ने तीन तहसीलों के बारे में जानकारी मांगी थी. क्षेत्र में जारी किए गए निवास प्रमाण पत्रों की कुल संख्या इस प्रकार है: नरबल तहसील में 18,921, मगाम तहसील में 26,277 और बीरवाह तहसील में सबसे अधिक 62,343 निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विपक्षी विधायकों के सवाल पर सरकार का जवाब</strong><br />इस विषय पर विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी विधायकों ने चिंता व्यक्त की और सरकार से पारदर्शिता बनाए रखने की मांग की. विपक्ष का कहना था कि इस तरह के मामलों में पूर्ण पारदर्शिता और कड़े दिशानिर्देशों की आवश्यकता है ताकि निवास प्रमाण पत्रों के दुरुपयोग को रोका जा सके. हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी और नियमानुसार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर में निवास प्रमाण पत्रों के जारी होने की प्रक्रिया को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है. सरकार का कहना है कि यह व्यवस्था नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और सरकारी योजनाओं का लाभ सही पात्रों तक पहुंचाने के लिए बनाई गई है. इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं बरती गई है और यह पूरी तरह पारदर्शी और कानून के तहत संचालित की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/teqFbyrPB_c?si=jzkmM78fHr-QgYmj” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें – <a title=”शराबबंदी की मांग के बीच सीएम उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान- ‘मैंने नई शराब की दुकानों…'” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/cm-omar-abdullah-denies-media-claims-of-liquor-vends-being-advertised-or-alloted-by-nc-government-2902851″ target=”_self”>शराबबंदी की मांग के बीच सीएम उमर अब्दुल्ला का बड़ा बयान- ‘मैंने नई शराब की दुकानों…'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Jammu Kashmir News:</strong> जम्मू-कश्मीर सरकार ने पुष्टि की है कि मध्य कश्मीर के बडगाम जिले की बीरवाह तहसील में 58 गैर-स्थानीय लोगों को निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं. यह जानकारी गुरुवार (13 मार्च) को विधानसभा सत्र के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के विधायकों डॉ. शफी वानी और सकीना इटू द्वारा उठाए गए सवालों के जवाब में दी गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री सकीना इटू ने स्पष्ट किया कि इन 58 व्यक्तियों ने बीरवाह क्षेत्र में विवाह के माध्यम से निवास अधिकार प्राप्त किया है. उन्होंने आगे बताया कि नरबल और मगाम की पड़ोसी तहसीलों में किसी भी गैर-स्थानीय व्यक्ति को निवास प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह आंकड़ा सिर्फ बडगाम जिले से संबंधित- मंत्री</strong><br />मंत्री ने विधानसभा में जानकारी देते हुए बताया कि यह आंकड़ा सिर्फ बडगाम जिले से संबंधित है, जहां NC विधायक डॉ. शफी वानी ने तीन तहसीलों के बारे में जानकारी मांगी थी. क्षेत्र में जारी किए गए निवास प्रमाण पत्रों की कुल संख्या इस प्रकार है: नरबल तहसील में 18,921, मगाम तहसील में 26,277 और बीरवाह तहसील में सबसे अधिक 62,343 निवास प्रमाण पत्र जारी किए गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विपक्षी विधायकों के सवाल पर सरकार का जवाब</strong><br />इस विषय पर विधानसभा में चर्चा के दौरान विपक्षी विधायकों ने चिंता व्यक्त की और सरकार से पारदर्शिता बनाए रखने की मांग की. विपक्ष का कहना था कि इस तरह के मामलों में पूर्ण पारदर्शिता और कड़े दिशानिर्देशों की आवश्यकता है ताकि निवास प्रमाण पत्रों के दुरुपयोग को रोका जा सके. हालांकि, सरकार ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी और नियमानुसार है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर में निवास प्रमाण पत्रों के जारी होने की प्रक्रिया को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है. सरकार का कहना है कि यह व्यवस्था नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और सरकारी योजनाओं का लाभ सही पात्रों तक पहुंचाने के लिए बनाई गई है. इस प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं बरती गई है और यह पूरी तरह पारदर्शी और कानून के तहत संचालित की जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/teqFbyrPB_c?si=jzkmM78fHr-QgYmj” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
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