हिसार जिले के हांसी में रहने वाले एक व्यापारी भक्त ने खाटू श्याम मंदिर में 1.10 करोड़ का सोना दान में दिया है। हांसी के व्यापारी ने अपना नाम देने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि वह कोई दिखावा नहीं करना चाहते। हांसी के व्यापारी ने खाटू श्याम बाबा के लिए 24 कैरेट गोल्ड का करीब सवा किलो का सोने का मुकुट चढ़ाया है जिसकी आज के हिसाब से कीमत करीब 1 करोड़ 10 लाख है। हांसी में खाटू श्याम की बड़ी मान्यता है। हांसी को खाटू श्याम की दूसरी नगरी भी कहा जाता है दिन-प्रतिदिन यहां बाबा श्याम की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। फाल्गुन मेले में बड़ी संख्या में निशान यात्रा हांसी से रींगस द्वार तक जाती है। राजस्थान के सीकर जिले के रींगस में श्याम बाबा के मंदिर में हजारों लोग अकेले हांसी से जाते हैं। हांसी खाटू श्याम में बना है 50 लाख का तोरण द्वार
हांसी में खाटू श्याम के प्रति इतनी भक्ति है कि यहां के भक्तों ने राजस्थान के खाटू श्याम की तरह तोरण द्वार बनाया है। यह द्वार शहर के जींद चौक पर श्याम मंदिर के पास 50 लाख रुपए की लागत से बनाया गया है। इस द्वार श्याम भक्तों की मांग पर बनाया गया है। जो एक साल में बनकर तैयार हुआ है। तोरण द्वार की ऊंचाई करीब 22 फीट है। द्वार के निर्माण में राजस्थान के धौलपुर पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। तोरण द्वार के ऊपर बड़े-बड़े अक्षरों में श्री श्याम देवाय नमः लिखा हुआ है। सुंदर लाइटें भी लगाई गई हैं। मिनी खाटू के नाम से प्रसिद्ध है खाटू नगरी
हांसी को मिनी खाटू नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर साल श्याम बाबा का बड़ा आयोजन होता है। देशभर से लोग हांसी श्याम मंदिर में पहुंचते हैं। भक्तों की आस्था को देखते हुए ही तोरण द्वार बनाया गया है।
श्री श्याम मंदिर हांसी के वार्षिक महोत्सव में लक्ष्मी श्रृंगार की चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी होती है। श्याम बाबा का श्रृंगार नोटों की माला से किया जाता है और लाखों रुपए की नोटों की माला बनाकर श्याम बाबा का सिंगार किया जाता है। 52वें महोत्सव में 50 लाख के नोटों से सजाया था दरबार
बता दें कि] हांसी में विश्वकर्मा चौक स्थित श्री श्याम बाबा मंदिर में 52वां महोत्सव मनाया गया था। इस महोत्सव में श्याम बाबा का 50 लाख के नोटों से दरबार सजाया गया था। सजावट में 10 के नोट से लेकर 500 तक के नोटों का प्रयोग किया गया था। बाबा पर इतना चढ़ावा आया कि माला से बाहर भी नोटों की गड्डियां रखनी पड़ी। श्री श्याम मंदिर कमेटी ने दावा किया था कि आज से पहले हरियाणा में श्याम बाबा का इतना भव्य लक्ष्मी श्रृंगार कही नहीं हुआ है। दिल्ली से आए कारीगरों द्वारा 20 दिन में नोटों की माला को तैयार करवाया गया है। कौन है बाबा श्याम
हारे के सहारे बाबा श्याम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे। बर्बरीक के पास 3 ऐसी तीर थे, जो पूरे युद्ध को पलट सकते थे। इसी को लेकर भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप में आए और उनसे शीश दान में मांग लिया। बर्बरीक ने भी बिना संकोच किया भगवान कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया। तब भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा कि ‘बर्बरीक तुम्हें कलयुग में श्याम के नाम से पूजे जाओगे, तुम्हें लोग मेरे नाम से पुकारेंगे और तुम अपने भक्तों के हारे का सहारा बनोगे। हिसार जिले के हांसी में रहने वाले एक व्यापारी भक्त ने खाटू श्याम मंदिर में 1.10 करोड़ का सोना दान में दिया है। हांसी के व्यापारी ने अपना नाम देने से मना कर दिया है। उनका कहना है कि वह कोई दिखावा नहीं करना चाहते। हांसी के व्यापारी ने खाटू श्याम बाबा के लिए 24 कैरेट गोल्ड का करीब सवा किलो का सोने का मुकुट चढ़ाया है जिसकी आज के हिसाब से कीमत करीब 1 करोड़ 10 लाख है। हांसी में खाटू श्याम की बड़ी मान्यता है। हांसी को खाटू श्याम की दूसरी नगरी भी कहा जाता है दिन-प्रतिदिन यहां बाबा श्याम की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। फाल्गुन मेले में बड़ी संख्या में निशान यात्रा हांसी से रींगस द्वार तक जाती है। राजस्थान के सीकर जिले के रींगस में श्याम बाबा के मंदिर में हजारों लोग अकेले हांसी से जाते हैं। हांसी खाटू श्याम में बना है 50 लाख का तोरण द्वार
हांसी में खाटू श्याम के प्रति इतनी भक्ति है कि यहां के भक्तों ने राजस्थान के खाटू श्याम की तरह तोरण द्वार बनाया है। यह द्वार शहर के जींद चौक पर श्याम मंदिर के पास 50 लाख रुपए की लागत से बनाया गया है। इस द्वार श्याम भक्तों की मांग पर बनाया गया है। जो एक साल में बनकर तैयार हुआ है। तोरण द्वार की ऊंचाई करीब 22 फीट है। द्वार के निर्माण में राजस्थान के धौलपुर पत्थर का इस्तेमाल किया गया है। तोरण द्वार के ऊपर बड़े-बड़े अक्षरों में श्री श्याम देवाय नमः लिखा हुआ है। सुंदर लाइटें भी लगाई गई हैं। मिनी खाटू के नाम से प्रसिद्ध है खाटू नगरी
हांसी को मिनी खाटू नगरी के नाम से भी जाना जाता है। यहां हर साल श्याम बाबा का बड़ा आयोजन होता है। देशभर से लोग हांसी श्याम मंदिर में पहुंचते हैं। भक्तों की आस्था को देखते हुए ही तोरण द्वार बनाया गया है।
श्री श्याम मंदिर हांसी के वार्षिक महोत्सव में लक्ष्मी श्रृंगार की चर्चा देश ही नहीं विदेशों में भी होती है। श्याम बाबा का श्रृंगार नोटों की माला से किया जाता है और लाखों रुपए की नोटों की माला बनाकर श्याम बाबा का सिंगार किया जाता है। 52वें महोत्सव में 50 लाख के नोटों से सजाया था दरबार
बता दें कि] हांसी में विश्वकर्मा चौक स्थित श्री श्याम बाबा मंदिर में 52वां महोत्सव मनाया गया था। इस महोत्सव में श्याम बाबा का 50 लाख के नोटों से दरबार सजाया गया था। सजावट में 10 के नोट से लेकर 500 तक के नोटों का प्रयोग किया गया था। बाबा पर इतना चढ़ावा आया कि माला से बाहर भी नोटों की गड्डियां रखनी पड़ी। श्री श्याम मंदिर कमेटी ने दावा किया था कि आज से पहले हरियाणा में श्याम बाबा का इतना भव्य लक्ष्मी श्रृंगार कही नहीं हुआ है। दिल्ली से आए कारीगरों द्वारा 20 दिन में नोटों की माला को तैयार करवाया गया है। कौन है बाबा श्याम
हारे के सहारे बाबा श्याम को भगवान कृष्ण का अवतार माना जाता है। महाभारत युद्ध के दौरान भीम के पौत्र बर्बरीक कौरवों की तरफ से युद्ध में शामिल होने जा रहे थे। बर्बरीक के पास 3 ऐसी तीर थे, जो पूरे युद्ध को पलट सकते थे। इसी को लेकर भगवान कृष्ण ने ब्राह्मण का रूप में आए और उनसे शीश दान में मांग लिया। बर्बरीक ने भी बिना संकोच किया भगवान कृष्ण को अपना शीश दान में दे दिया। तब भगवान कृष्ण ने प्रसन्न होकर बर्बरीक को कहा कि ‘बर्बरीक तुम्हें कलयुग में श्याम के नाम से पूजे जाओगे, तुम्हें लोग मेरे नाम से पुकारेंगे और तुम अपने भक्तों के हारे का सहारा बनोगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
