रोहतक में 11 साल से अधूरा विजय द्वार:पूर्व सैनिक बोले- बजट मंजूर, फिर भी काम क्यों नहीं?; 2014 में सौंदर्यीकरण के नाम पर तोड़ा

रोहतक में 11 साल से अधूरा विजय द्वार:पूर्व सैनिक बोले- बजट मंजूर, फिर भी काम क्यों नहीं?; 2014 में सौंदर्यीकरण के नाम पर तोड़ा

रोहतक जिले में कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में तत्कालीन ओमप्रकाश चौटाला सरकार ने वर्ष 2001 में शांत मई चौक पर विजय द्वार का निर्माण करवाया था, जिसे करीब 11 साल पहले सरकार ने सौंदर्यीकरण के नाम पर तोड़ दिया था। इसके बाद आज तक विजय द्वार का निर्माण नहीं हुआ। हरियाणा पूर्व सैनिक संघ के प्रवक्ता कैप्टन जगबीर मलिक ने बताया कि वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में वर्ष 2001 में आउटर किला रोड के पास शांत मई चौक पर विजय द्वार का निर्माण करवाया गया था, लेकिन 11 साल पहले वर्ष 2014 में तत्कालीन सरकार ने सौंदर्यीकरण के नाम पर इसे तोड़ दिया। सरकार ने दूसरी जगह भव्य विजय द्वार बनाने की बात कही थी, लेकिन आज तक विजय द्वार का निर्माण नहीं हुआ। कैप्टन जगबीर मलिक ने बताया कि विजय द्वार का निर्माण पूर्व सैनिकों के सम्मान के लिए करवाया गया था, लेकिन विजय द्वार को तोड़कर दोबारा न बनाना शहीदों का अपमान है। पूर्व सैनिकों ने कई बार प्रशासन व सरकार को ज्ञापन दिया, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ कोरे आश्वासन ही मिले। सबकुछ फाइनल, लेकिन नहीं लगी एक भी ईंट
कैप्टन जगबीर मलिक ने बताया कि विजय द्वार को लेकर नगर निगम हाउस की मीटिंग में एजेंडा पास हो चुका है। तत्कालीन डीसी आरएस वर्मा ने एमडीयू के सामने जगह भी फाइनल कर दी थी। विजय द्वार के लिए 25 लाख के एस्टीमेट बजट को पास किया गया, लेकिन प्रस्तावित जगह पर एक ईंट तक नहीं लगी है। सीएम तक कर चुके शिकायत
कैप्टन जगबीर मलिक ने बताया कि विजय द्वार को लेकर डीसी व निगम कमिश्नर को शिकायत कर चुके हैं। यहां तक कि पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर व वर्तमान सीएम नायब सैनी को भी ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अभी तक विजय द्वार बनाकर शहीदों को उनका सम्मान नहीं लौटाया गया है। लघु सचिवालय के बाहर विजय चौक भी बदहाल
कैप्टन जगबीर मलिक ने बताया कि कारगिल योद्धाओं की याद में लघु सचिवालय के मुख्य द्वार पर विजय चौक बनाया गया था, जो आज बदहाल अवस्था में है। रोजाना इसी गेट से डीसी, एसपी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का आना जाना है। बावजूद इसके विजय चौक की हालत खस्ता होती जा रही है। विजय चौक पर एक रेहड़ी वाले का कब्जा दिखाई दे रहा है, जिसका कहना है कि प्रशासन ने ही उसे परमिशन दे रखी है। वहीं, पूर्व सैनिकों में शहीदों का इस प्रकार अपमान होने पर रोष है। विजय चौक पर इन शहीदों का लिखा नाम
विजय चौक स्तंभ पर कारगिल युद्ध में शहीद हुए 9 जवानों के नाम अंकित किए हुए है। इनमें गांव सांघी के समुंदर सिंह, गांव सीसर से जसवीर सिंह, लाखन माजरा से राजबीर सिंह, गांव सैमाण से जसवीर सिंह, गांव टिटोली से कृष्ण लाल, गांव सुंदरपुर से विजय सिंह, गांव जिंदराणा से बलवान सिंह, गांव मोखरा से सुरेश कुमार व कमला नगर रोहतक से महावीर सिंह वर्मा शामिल हैं। शहीदों को मिलेगा पूरा सम्मान
डीसी धीरेंद्र ने बताया कि विजय द्वार को लेकर कार्रवाई चल रही है। जल्द ही योजना पर काम शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही लघु सचिवालय के गेट पर बने विजय चौक स्तंभ के रख रखाव को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। वहां जो भी रेहड़ी वाला खड़ा होता है, उसे हटवाया जाएगा। शहीदों के सम्मान में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी। रोहतक जिले में कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में तत्कालीन ओमप्रकाश चौटाला सरकार ने वर्ष 2001 में शांत मई चौक पर विजय द्वार का निर्माण करवाया था, जिसे करीब 11 साल पहले सरकार ने सौंदर्यीकरण के नाम पर तोड़ दिया था। इसके बाद आज तक विजय द्वार का निर्माण नहीं हुआ। हरियाणा पूर्व सैनिक संघ के प्रवक्ता कैप्टन जगबीर मलिक ने बताया कि वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों की याद में वर्ष 2001 में आउटर किला रोड के पास शांत मई चौक पर विजय द्वार का निर्माण करवाया गया था, लेकिन 11 साल पहले वर्ष 2014 में तत्कालीन सरकार ने सौंदर्यीकरण के नाम पर इसे तोड़ दिया। सरकार ने दूसरी जगह भव्य विजय द्वार बनाने की बात कही थी, लेकिन आज तक विजय द्वार का निर्माण नहीं हुआ। कैप्टन जगबीर मलिक ने बताया कि विजय द्वार का निर्माण पूर्व सैनिकों के सम्मान के लिए करवाया गया था, लेकिन विजय द्वार को तोड़कर दोबारा न बनाना शहीदों का अपमान है। पूर्व सैनिकों ने कई बार प्रशासन व सरकार को ज्ञापन दिया, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ कोरे आश्वासन ही मिले। सबकुछ फाइनल, लेकिन नहीं लगी एक भी ईंट
कैप्टन जगबीर मलिक ने बताया कि विजय द्वार को लेकर नगर निगम हाउस की मीटिंग में एजेंडा पास हो चुका है। तत्कालीन डीसी आरएस वर्मा ने एमडीयू के सामने जगह भी फाइनल कर दी थी। विजय द्वार के लिए 25 लाख के एस्टीमेट बजट को पास किया गया, लेकिन प्रस्तावित जगह पर एक ईंट तक नहीं लगी है। सीएम तक कर चुके शिकायत
कैप्टन जगबीर मलिक ने बताया कि विजय द्वार को लेकर डीसी व निगम कमिश्नर को शिकायत कर चुके हैं। यहां तक कि पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर व वर्तमान सीएम नायब सैनी को भी ज्ञापन दे चुके हैं, लेकिन अभी तक विजय द्वार बनाकर शहीदों को उनका सम्मान नहीं लौटाया गया है। लघु सचिवालय के बाहर विजय चौक भी बदहाल
कैप्टन जगबीर मलिक ने बताया कि कारगिल योद्धाओं की याद में लघु सचिवालय के मुख्य द्वार पर विजय चौक बनाया गया था, जो आज बदहाल अवस्था में है। रोजाना इसी गेट से डीसी, एसपी व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों का आना जाना है। बावजूद इसके विजय चौक की हालत खस्ता होती जा रही है। विजय चौक पर एक रेहड़ी वाले का कब्जा दिखाई दे रहा है, जिसका कहना है कि प्रशासन ने ही उसे परमिशन दे रखी है। वहीं, पूर्व सैनिकों में शहीदों का इस प्रकार अपमान होने पर रोष है। विजय चौक पर इन शहीदों का लिखा नाम
विजय चौक स्तंभ पर कारगिल युद्ध में शहीद हुए 9 जवानों के नाम अंकित किए हुए है। इनमें गांव सांघी के समुंदर सिंह, गांव सीसर से जसवीर सिंह, लाखन माजरा से राजबीर सिंह, गांव सैमाण से जसवीर सिंह, गांव टिटोली से कृष्ण लाल, गांव सुंदरपुर से विजय सिंह, गांव जिंदराणा से बलवान सिंह, गांव मोखरा से सुरेश कुमार व कमला नगर रोहतक से महावीर सिंह वर्मा शामिल हैं। शहीदों को मिलेगा पूरा सम्मान
डीसी धीरेंद्र ने बताया कि विजय द्वार को लेकर कार्रवाई चल रही है। जल्द ही योजना पर काम शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही लघु सचिवालय के गेट पर बने विजय चौक स्तंभ के रख रखाव को लेकर अधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। वहां जो भी रेहड़ी वाला खड़ा होता है, उसे हटवाया जाएगा। शहीदों के सम्मान में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर