आनंदपुर साहिब में निहंग ने दिखाए करतब:रंगों के साथ होला महल्ला उत्सव; गतके के साथ घोड़ों पर दिखाया युद्ध कौशल

आनंदपुर साहिब में निहंग ने दिखाए करतब:रंगों के साथ होला महल्ला उत्सव; गतके के साथ घोड़ों पर दिखाया युद्ध कौशल

पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब में 13 से 15 मार्च तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय होला मोहल्ला मेले का आज आखिरी दिन रहा। यह आयोजन सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचे। मेले की शुरुआत तख्त श्री केसगढ़ साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब के आयोजन से हुई थी और आज के दिन भोग के साथ इसका समापन हुआ। दशम पातशाह गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने खालसा पंथ की स्थापना के बाद वर्ष 1757 में होली के अगले दिन होला मोहल्ला उत्सव की परंपरा शुरू की थी। इस आयोजन का उद्देश्य सिख फौज के युद्ध कौशल को परखना और निखारना था। आनंदपुर साहिब के होलगढ़ नामक स्थान पर गुरु महाराज ने इसकी परंपरा शुरू की, जिसमें शस्त्रधारी निहंग अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते हैं। होला मोहल्ला में धार्मिक दीवान तख्त श्री केसगढ़ साहिब में तीनों दिन धार्मिक दीवान सजाए जाएंगे। इनमें सिख धर्म के उच्च कोटि के रागी, ढाडी और कविश्री गुरबाणी कीर्तन कर संगतों को निहाल करेंगे। इसके अलावा पांच प्यारों द्वारा अमृतपान की सेवा भी दी जाएगी। SGPC के सदस्य भाई अमरजीत सिंह चावला ने श्रद्धालुओं से अमृतपान कर पूर्ण सिंह सज्जण बनने और गुरु साहिब के दिखाए मार्ग पर चलने की अपील की। साहसिक खेलों का आयोजन इस वर्ष मेले में श्रद्धालुओं के लिए हॉट एयर बैलूनिंग और वाटर बोटिंग जैसी साहसिक गतिविधियां भी रखी गई हैं, जिससे वे शिवालिक पहाड़ियों और मेले के अद्भुत दृश्यों का आनंद ले रहे हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पंजाब पुलिस ने 4000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। साथ ही 40 डीएसपी स्तर के अधिकारी निगरानी करते रहे। पूरे मेले क्षेत्र में 142 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेडिकल डिस्पेंसरी और 22 एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इस दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने वाले श्रद्धालुओं के लिए 20 किलोमीटर क्षेत्र का बीमा भी किया है। निहंग सिखों की विशेष भूमिका होला मोहल्ला के दौरान निहंग सिख अपने परंपरागत युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते हैं। निहंगों की सबसे बड़ी रेजिमेंट शिरोमणि अकाली बुड्ढा दल है, जिसमें अलग-अलग जत्थेदारों के नेतृत्व में कई दल शामिल हैं। देशभर में 700 से अधिक निहंग छावनियां हैं, और इनकी संख्या लगभग 10 लाख से अधिक बताई जाती है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ गुरुनगरी आनंदपुर साहिब में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब, किला आनंदगढ़ साहिब, फतेहगढ़ साहिब, लोहगढ़, माता जीतो जी गुरुद्वारा और भाई जैता जी गुरुद्वारा समेत पूरे क्षेत्र में संगत उमड़ी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए SGPC ने जगह-जगह पेयजल, लंगर, डिस्पेंसरी और जोड़ाघर की व्यवस्था की। रात में जगमगाता आनंदपुर साहिब रात के समय आनंदपुर साहिब का नजारा अद्भुत होता है। तख्त केसगढ़ साहिब को सुंदर लाइटों से सजाया गया। सड़कों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। होला मोहल्ला उत्सव धार्मिक आस्था, साहस और परंपरा का अद्भुत संगम है, जो सिख समुदाय के इतिहास और संस्कृति को जीवंत बनाए रखता है। श्री आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला की कुछ तस्वीरें- पंजाब के श्री आनंदपुर साहिब में 13 से 15 मार्च तक आयोजित होने वाले तीन दिवसीय होला मोहल्ला मेले का आज आखिरी दिन रहा। यह आयोजन सिख समुदाय के लिए विशेष महत्व रखता है, जिसमें लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचे। मेले की शुरुआत तख्त श्री केसगढ़ साहिब में श्री अखंड पाठ साहिब के आयोजन से हुई थी और आज के दिन भोग के साथ इसका समापन हुआ। दशम पातशाह गुरु गोबिंद सिंह महाराज ने खालसा पंथ की स्थापना के बाद वर्ष 1757 में होली के अगले दिन होला मोहल्ला उत्सव की परंपरा शुरू की थी। इस आयोजन का उद्देश्य सिख फौज के युद्ध कौशल को परखना और निखारना था। आनंदपुर साहिब के होलगढ़ नामक स्थान पर गुरु महाराज ने इसकी परंपरा शुरू की, जिसमें शस्त्रधारी निहंग अपने युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते हैं। होला मोहल्ला में धार्मिक दीवान तख्त श्री केसगढ़ साहिब में तीनों दिन धार्मिक दीवान सजाए जाएंगे। इनमें सिख धर्म के उच्च कोटि के रागी, ढाडी और कविश्री गुरबाणी कीर्तन कर संगतों को निहाल करेंगे। इसके अलावा पांच प्यारों द्वारा अमृतपान की सेवा भी दी जाएगी। SGPC के सदस्य भाई अमरजीत सिंह चावला ने श्रद्धालुओं से अमृतपान कर पूर्ण सिंह सज्जण बनने और गुरु साहिब के दिखाए मार्ग पर चलने की अपील की। साहसिक खेलों का आयोजन इस वर्ष मेले में श्रद्धालुओं के लिए हॉट एयर बैलूनिंग और वाटर बोटिंग जैसी साहसिक गतिविधियां भी रखी गई हैं, जिससे वे शिवालिक पहाड़ियों और मेले के अद्भुत दृश्यों का आनंद ले रहे हैं। सुरक्षा के कड़े इंतजाम सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पंजाब पुलिस ने 4000 से अधिक पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। साथ ही 40 डीएसपी स्तर के अधिकारी निगरानी करते रहे। पूरे मेले क्षेत्र में 142 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, ताकि हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेडिकल डिस्पेंसरी और 22 एंबुलेंस की भी व्यवस्था की गई। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने इस दौरान दुर्घटनाग्रस्त होने वाले श्रद्धालुओं के लिए 20 किलोमीटर क्षेत्र का बीमा भी किया है। निहंग सिखों की विशेष भूमिका होला मोहल्ला के दौरान निहंग सिख अपने परंपरागत युद्ध कौशल का प्रदर्शन करते हैं। निहंगों की सबसे बड़ी रेजिमेंट शिरोमणि अकाली बुड्ढा दल है, जिसमें अलग-अलग जत्थेदारों के नेतृत्व में कई दल शामिल हैं। देशभर में 700 से अधिक निहंग छावनियां हैं, और इनकी संख्या लगभग 10 लाख से अधिक बताई जाती है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ गुरुनगरी आनंदपुर साहिब में गुरुद्वारा शीशगंज साहिब, किला आनंदगढ़ साहिब, फतेहगढ़ साहिब, लोहगढ़, माता जीतो जी गुरुद्वारा और भाई जैता जी गुरुद्वारा समेत पूरे क्षेत्र में संगत उमड़ी। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए SGPC ने जगह-जगह पेयजल, लंगर, डिस्पेंसरी और जोड़ाघर की व्यवस्था की। रात में जगमगाता आनंदपुर साहिब रात के समय आनंदपुर साहिब का नजारा अद्भुत होता है। तख्त केसगढ़ साहिब को सुंदर लाइटों से सजाया गया। सड़कों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। होला मोहल्ला उत्सव धार्मिक आस्था, साहस और परंपरा का अद्भुत संगम है, जो सिख समुदाय के इतिहास और संस्कृति को जीवंत बनाए रखता है। श्री आनंदपुर साहिब में होला मोहल्ला की कुछ तस्वीरें-   पंजाब | दैनिक भास्कर