शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी की आज चंडीगढ़ में बैठक होगी। बैठक में प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे पर फैसला हो सकता है। जत्थेदारों को हटाने के बाद SGPC की यह पहली बैठक है। चर्चा है कि इस बैठक में धामी के इस्तीफे को मंजूर कर कार्यवाहक प्रधान की नियुक्ति की जा सकती है, क्योंकि धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह प्रधान पद पर नहीं बने रहेंगे। कार्यवाहक प्रधान इसलिए भी जरूरी अकाली दल के कई बड़े नेताओं ने कई दिन पहले धामी से उनके निवास पर जाकर मुलाकात की थी। कमेटी के धामी का इस्तीफा मंजूर कर नया कार्यवाहक प्रधान नियुक्त करने की संभावना इसलिए भी मजबूत मानी जा रही हैं, क्योंकि 28 मार्च को एसजीपीसी का बजट सत्र होगा। गुरुद्वारा अधिनियम के अनुसार, इस सत्र की अध्यक्षता प्रधान करता है। यदि प्रधान पद पर कोई नहीं होता, तो कार्यवाहक प्रधान की जिम्मेदारी सीनियर उपप्रधान को सौंपी जाती है। पहले बन चुकी है ऐसी स्थिति ऐसी स्थिति 1999 में भी बनी थी, जब जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय तत्कालीन उपाध्यक्ष अलविंदर सिंह पखोके को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि, बैठक के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी। संत टेक सिंह धनौला ने नहीं संभाली जिम्मेदारी एसजीपीसी द्वारा नियुक्त किए गए नए जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार और तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार के रूप में अपनी सेवा संभाल ली है। वहीं, श्री दमदमा साहिब के लिए नियुक्त किए गए जत्थेदार संत टेक सिंह धनौला ने अभी तक अपनी सेवा नहीं संभाली है शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी की आज चंडीगढ़ में बैठक होगी। बैठक में प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के इस्तीफे पर फैसला हो सकता है। जत्थेदारों को हटाने के बाद SGPC की यह पहली बैठक है। चर्चा है कि इस बैठक में धामी के इस्तीफे को मंजूर कर कार्यवाहक प्रधान की नियुक्ति की जा सकती है, क्योंकि धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वह प्रधान पद पर नहीं बने रहेंगे। कार्यवाहक प्रधान इसलिए भी जरूरी अकाली दल के कई बड़े नेताओं ने कई दिन पहले धामी से उनके निवास पर जाकर मुलाकात की थी। कमेटी के धामी का इस्तीफा मंजूर कर नया कार्यवाहक प्रधान नियुक्त करने की संभावना इसलिए भी मजबूत मानी जा रही हैं, क्योंकि 28 मार्च को एसजीपीसी का बजट सत्र होगा। गुरुद्वारा अधिनियम के अनुसार, इस सत्र की अध्यक्षता प्रधान करता है। यदि प्रधान पद पर कोई नहीं होता, तो कार्यवाहक प्रधान की जिम्मेदारी सीनियर उपप्रधान को सौंपी जाती है। पहले बन चुकी है ऐसी स्थिति ऐसी स्थिति 1999 में भी बनी थी, जब जत्थेदार गुरचरण सिंह टोहड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। उस समय तत्कालीन उपाध्यक्ष अलविंदर सिंह पखोके को यह जिम्मेदारी सौंपी गई थी। हालांकि, बैठक के बाद ही स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो पाएगी। संत टेक सिंह धनौला ने नहीं संभाली जिम्मेदारी एसजीपीसी द्वारा नियुक्त किए गए नए जत्थेदार कुलदीप सिंह गड़गज ने श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यवाहक जत्थेदार और तख्त श्री केसगढ़ साहिब के जत्थेदार के रूप में अपनी सेवा संभाल ली है। वहीं, श्री दमदमा साहिब के लिए नियुक्त किए गए जत्थेदार संत टेक सिंह धनौला ने अभी तक अपनी सेवा नहीं संभाली है पंजाब | दैनिक भास्कर
