झूठी गवाही देने पर फंसे बृजभूषण शरण सिंह, कोर्ट ने लगाया इतने रुपये का जुर्माना

झूठी गवाही देने पर फंसे बृजभूषण शरण सिंह, कोर्ट ने लगाया इतने रुपये का जुर्माना

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की एक स्थानीय अदालत ने कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर झूठी गवाही देने से संबंधित एक मामले में मंगलवार को सुनवाई बंद करते हुए 500 रुपये का जुर्माना लगाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (आपराधिक) अवनीश द्विवेदी के अनुसार, सिंह ने नवाबगंज थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आठ सितंबर 1990 को शाम करीब चार बजे वह अपने साथियों के साथ मोहल्ला पड़ाव स्थित अपने आवास पर थे तभी उग्रसेन सिंह, वीरेंद्र कुमार मिश्रा और रमेश चंद्र मिश्रा उनसे बातचीत करने पहुंचे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>द्विवेदी ने बताया कि चर्चा के दौरान उग्रसेन सिंह ने भाजपा के पूर्व सांसद पर पिस्तौल से गोली चलाई लेकिन वह बच गए. उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में आरोप लगाया कि इस बीच वीरेंद्र कुमार मिश्रा और रमेश चंद्र मिश्रा ने उनपर (बृजभूषण शरण सिंह) कथित तौर पर चाकू से हमला किया, जिससे उनके हाथ में चोट लग गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्राथमिकी के मुताबिक, हालांकि आसपास के लोगों के हस्तक्षेप के कारण आरोपी को काबू कर लिया गया. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक, जांच के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. हालांकि, मुकदमे के दौरान दो आरोपियों उग्रसेन सिंह और रमेश चंद्र मिश्रा की मौत हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि सिंह ने अदालत में गवाही के दौरान वीरेंद्र कुमार मिश्रा की पहचान नहीं की और इस बात से इनकार किया कि आरोपी ने उनपर हमला किया था. अधिकारी ने बताया कि इस आधार पर बचाव पक्ष ने मिश्रा को बरी करने का अनुरोध किया और 11 सितंबर 2024 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (तृतीय) ने उन्हें बरी कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि साथ ही झूठी गवाही देने के लिए सिंह के खिलाफ अलग से आपराधिक कार्यवाही का आदेश दिया गया. द्विवेदी ने बताया कि मामला 17 सितंबर 2024 को दर्ज किया गया और अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) की अदालत में उसकी सुनवाई की गई. उन्होंने बताया कि सिंह को इस मामले में तलब किया गया लेकिन वह पेश नहीं हुए, जिस कारण गैर-जमानती वारंट जारी किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारी ने बताया कि सिंह सोमवार को अदालत में पेश हुए और अपनी अनुपस्थिति के लिए माफी मांगी. न्यायाधीश राजेश कुमार ने वारंट रद्द कर दिया. द्विवेदी ने बताया कि अदालत ने सिंह पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया और मामले को बंद कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/bjp-leader-brij-bhushan-sharan-singh-react-on-nagpur-violence-mention-aurangzeb-2906839″>नागपुर हिंसा पर बृजभूषण शरण सिंह बोले- ‘औरंगजेब को यह देश कभी माफ नहीं करेगा'</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले की एक स्थानीय अदालत ने कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर झूठी गवाही देने से संबंधित एक मामले में मंगलवार को सुनवाई बंद करते हुए 500 रुपये का जुर्माना लगाया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (आपराधिक) अवनीश द्विवेदी के अनुसार, सिंह ने नवाबगंज थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि आठ सितंबर 1990 को शाम करीब चार बजे वह अपने साथियों के साथ मोहल्ला पड़ाव स्थित अपने आवास पर थे तभी उग्रसेन सिंह, वीरेंद्र कुमार मिश्रा और रमेश चंद्र मिश्रा उनसे बातचीत करने पहुंचे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>द्विवेदी ने बताया कि चर्चा के दौरान उग्रसेन सिंह ने भाजपा के पूर्व सांसद पर पिस्तौल से गोली चलाई लेकिन वह बच गए. उन्होंने बताया कि प्राथमिकी में आरोप लगाया कि इस बीच वीरेंद्र कुमार मिश्रा और रमेश चंद्र मिश्रा ने उनपर (बृजभूषण शरण सिंह) कथित तौर पर चाकू से हमला किया, जिससे उनके हाथ में चोट लग गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्राथमिकी के मुताबिक, हालांकि आसपास के लोगों के हस्तक्षेप के कारण आरोपी को काबू कर लिया गया. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक, जांच के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया. हालांकि, मुकदमे के दौरान दो आरोपियों उग्रसेन सिंह और रमेश चंद्र मिश्रा की मौत हो गई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि सिंह ने अदालत में गवाही के दौरान वीरेंद्र कुमार मिश्रा की पहचान नहीं की और इस बात से इनकार किया कि आरोपी ने उनपर हमला किया था. अधिकारी ने बताया कि इस आधार पर बचाव पक्ष ने मिश्रा को बरी करने का अनुरोध किया और 11 सितंबर 2024 को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (तृतीय) ने उन्हें बरी कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने बताया कि साथ ही झूठी गवाही देने के लिए सिंह के खिलाफ अलग से आपराधिक कार्यवाही का आदेश दिया गया. द्विवेदी ने बताया कि मामला 17 सितंबर 2024 को दर्ज किया गया और अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) की अदालत में उसकी सुनवाई की गई. उन्होंने बताया कि सिंह को इस मामले में तलब किया गया लेकिन वह पेश नहीं हुए, जिस कारण गैर-जमानती वारंट जारी किया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अधिकारी ने बताया कि सिंह सोमवार को अदालत में पेश हुए और अपनी अनुपस्थिति के लिए माफी मांगी. न्यायाधीश राजेश कुमार ने वारंट रद्द कर दिया. द्विवेदी ने बताया कि अदालत ने सिंह पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया और मामले को बंद कर दिया.</p>
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