IPS विक्रम दहिया… यूपी पुलिस फोर्स के तेज तर्रार युवा अफसर हैं। महज 4 साल की सर्विस में कई क्राइम मिस्ट्री सॉल्व कर चुके हैं। बरेली में 4 साल के बच्चे के मर्डर केस में बड़ा खुलासा किया। बच्चे की मां को गिरफ्तार किया। इसके अलावा पीलीभीत में नेपाल बॉर्डर से सटे इलाके में ऐसे गैंग की कमर तोड़ी, जो विदेश भेजने के नाम पर युवाओं को ट्रैप में फंसाता था। 2020 बैच के IPS अधिकारी विक्रम दहिया इस समय पीलीभीत जिले में एडिशनल एसपी हैं। 37 लाख रुपए के पैकेज पर जॉब कर रहे विक्रम दहिया ने नौकरी छोड़ दी। पिता का सपना पूरा किया। अपने जुनून से खाकी वर्दी तक का सफर तय किया। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज कहानी IPS विक्रम दहिया की… हरियाणा के रोहतक में जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर गांव पड़ता है कलानोर। यहां के निवासी केशव सिंह दहिया हरियाणा में जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक के पद पर रहे। बाद में वह अपने पैतृक गांव से आकर करनाल सेक्टर- 7 में परिवार के साथ रहने लगे। 16 जुलाई, 1988 को घर पर बेटे ने जन्म लिया। केशव सिंह और पत्नी बीना दहिया ने बेटे का नाम रखा विक्रम। विक्रम दहिया बताते हैं- मेरे पिता हरियाणा सरकार में अधिकारी और मां बीना दहिया हिंदी की प्रोफेसर रहीं। मेरी प्राइमरी एजुकेशन गांव के इंग्लिश मीडियम स्कूल से हुई। 2005 में दयाल सिंह पब्लिक स्कूल से फर्स्ट डिवीजन से हाईस्कूल पास किया। विक्रम कहते हैं कि जब मैं दसवीं में पढ़ता था। तभी से मन में था कि एयरफोर्स में जाऊंगा। क्योंकि, मेरे क्लासमेट खूब चर्चा करते थे। लेकिन मम्मी-पापा हमेशा से चाहते थे कि मैं पुलिस ऑफिसर बनूं। इसलिए पिता जी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए कहते थे। साल 2007 में करनाल के आरएस पब्लिक स्कूल से इंटर की पढ़ाई पूरी की। विक्रम दहिया बताते हैं- 12 वीं के बाद NIT भोपाल से बीटेक की पढ़ाई शुरू की। यहां 2011 में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से बीटेक किया। मुझे और पढ़ने का मन था। यही वजह रही कि मैंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, रोहतक से MBA किया। इसी दौरान लंदन की कंपनी में 19 लाख रुपए सालाना पैकेज पर बतौर सीनियर मैनेजर सिलेक्शन हो गया। मगर एक साल जॉब करने के बाद नौकरी से रिजाइन कर दिया। इसके बाद IIT बॉम्बे स्टार्टअप में सीनियर जोनल मैनेजर के पद पर 25 लाख रुपए के पैकेज पर जॉब मिली। यहां दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड तीन राज्यों की जिम्मेदारी मिली। इसी दौरान UPSC की तैयारी शुरू कर दी। दिन में जॉब करता और रात को यूपीएससी की तैयारी। विक्रम दहिया कहते हैं- जॉब में बड़ी जिम्मेदारी के कारण मुझे पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता था। कई बार ऑफिस से आने में देर हो जाती थी। इसलिए मैंने 8 महीने बाद ही इस जॉब को भी छोड़ दिया। इसके बाद लावा इंटरनेशनल, मुंबई में 37 लाख रुपए सालाना पैकेज पर रीजनल सेल्स मैनेजर के पद पर ज्वॉइनिंग ली। जॉब करने के साथ ही UPSC के तीन अटैंप्ट दिए। लेकिन लगता था कि जॉब के साथ तैयारी नहीं हो सकेगी। इसके बाद जॉब छोड़कर पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गया। विक्रम दहिया कहते हैं- 2019 की सिविल सेवा परीक्षा में UPSC क्रैक किया और 2020 बैच का IPS बना। रिजल्ट आते ही पूरा परिवार, दोस्त-यार सभी बहुत खुश हुए। मेरे लिए वो बहुत बड़ा दिन रहा। विक्रम दहिया बताते हैं- 2023 में ट्रेनिंग के बाद मुझे बरेली में पोस्टिंग मिली। SSP प्रभाकर चौधरी सर ने मुझे भामेरा थाने की जिम्मेदारी सौंपी। मैंने थाने में पेंडिंग पड़े केस की स्टडी की। इसके अलावा पेट्रोलिंग पर फोकस करने लगा। यहां पोस्टिंग के कुछ ही दिन बीते थे कि हमारे पास एक सूचना आई। खबर मिली- नत्था गोटिया गांव में 4 साल की बच्ची प्रियंका को किसी ने मार डाला है। यह सुनते ही मेरे अलावा सीनियर अफसर भी मौके पर पहुंचे। मैंने क्राइम सीन को बारीकी से खंगाला। ट्रेनिंग के दौरान जो कुछ बताया गया, उसे फॉलो किया। कई पहलू देखे। पहले परिवार की रंजिश पर जांच की गई। लेकिन रंजिश जैसी कोई बात निकलकर नहीं आई। बच्ची थी, इसलिए तंत्र-मंत्र के एंगल पर भी पड़ताल की। हमें इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि बच्ची की मां और पिता में विवाद होता था। यहां से पुलिस को हत्या का क्लू मिला। बच्ची की मां गुमसुम रहती थी, कभी वह बिलखते हुए ससुरालियों पर आरोप लगाती, तो कभी अपने पति पर उंगली उठाती। वह बार-बार अपने बयान भी बदल रही थी। इस वजह से हमें उस पर और शक हुआ। जांच में हमें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ठोस सुराग मिला। दरअसल, बच्ची की हत्या धागे से गला कस कर की गई थी। हमने पड़ोसियों और परिवार वालों से पूछताछ की, तो पता चला कि महिला अपनी बेटी को मायके से ससुराल ले आई थी। इसके बाद फिर मायके चली गई। बच्ची की मां ने बताया कि पति और ससुराल के लोगों ने मुझे मारने के लिए तेजाब भी फेंका। हमने महिला पुलिसकर्मियों को टास्क दिया कि वह महिला से हमदर्दी से पूरा सच जानने की कोशिश करें। जब बच्ची की मां से सवाल पर सवाल पूछे गए, तो वह टूट गई। महिला ने बताया कि वह अपने ससुराल वालों को जेल भिजवाना चाहती थी, इसलिए उसने अपनी बेटी की हत्या कर दी। बच्ची को नजर से बचाने के लिए उसने जो काला धागा पहनाया था, उसी से उसका गला घोंट दिया। विक्रम दहिया बताते हैं- बरेली शहर में अप्रैल 2023 की बात है। हर शुक्रवार को किसी महिला या युवती पर ब्लेड से हमला होता था। हमने इन्वेस्टिगेशन की। पता चला कि सभी मामलों में क्राइम सीन एक जैसा होता है। बाइक पर हेलमेट लगा एक युवक आता है और महिला या युवती पर ब्लेड मारकर भाग जाता है। हमने जाल बिछाया और 6 महिलाओं को ब्लेड मारने वाले सज्जाद को अरेस्ट किया। सज्जान ने जुर्म कबूल करते हुए बताया- मेरी दूसरी बीवी धोखा देकर चली गई। एक तांत्रिक के कहने पर वह ऐसा करता था। विक्रम दहिया बताते हैं- बरेली के बाद मुझे झांसी में पोस्टिंग मिली। यहां 2 महीने के बाद ही पीलीभीत का अपर पुलिस अधीक्षक बना दिया। पीलीभीत नेपाल बार्डर से सटा जिला है, यही वजह है कि यहां क्रिमिनल एक्टिविटी की ज्यादा संभावना रहती है। अगस्त 2024 की बात है। पीलीभीत में गजरौला थाना क्षेत्र में LLB की छात्रा पर एसिड अटैक किया गया। जैसे ही मुझे इस घटना की जानकारी मिली…मैं पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचा। SP अविनाश पांडे सर भी मौके पर पहुंच गए। छात्रा को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया, जिससे समय रहते हुए इलाज मिल सके। लखनऊ तक घटना की खबर पहुंची। हमें सख्त निर्देश मिला कि केस में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें लगाई गईं। जहां से छात्रा जा रही थी, उस एरिया के सभी सीसीटीवी खंगाले गए। सर्विलांस टीम को एक्टिव किया गया। हमें कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले। जांच में सामने आया कि आरोपी ने बुर्का पहन रखा था। पीलीभीत में माला जंगल का एरिया बड़ा है। इसी जंगल के रास्ते पर घटना को अंजाम दिया गया था। इससे एक बात तो साफ हो गई कि पूरी प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम दिया गया है। सीसीटीवी में बाइक की पहचान हुई, जिसमें बुर्का पहने एक शख्स दिखा। यह फुटेज हमें एक पेट्रोल पंप पर लगे कैमरे से मिली थी। हमने बाइक मालिक को हिरासत में लिया। उसने बताया कि एक दिन मेरी बाइक दोस्त लेकर गया था। उससे दोस्त का पता पूछा, हम उसके घर पहुंचे। यहां पता चला कि वह घटना वाले दिन से घर नहीं गया। हमने फोन नंबर से उसकी लोकेशन ट्रेस की, जब हम उसे पकड़ने पहुंचे, तो आरोपी युवक ने पुलिस पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। हमने भी जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान वह भागने लगा, पीछे देखता और बंदूक दिखाने लगता। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी के पैर में गोली लगी। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसका नाम अतुल शर्मा है। वह कचहरी में अधिवक्ता का मुंशी था। अतुल ने बताया कि लॉ की छात्रा ने बातचीत बंद कर दी थी, इसी से वह नाराज हो गया। उसने छात्रा को सबक सिखाने के लिए एसिड अटैक किया था। 15 दिन तक प्लानिंग बनाई और और बुर्का खरीदा। फिर अटैक कर दिया। विक्रम बताते हैं कि फरवरी 2025 की बात है। पुलिस को सूचना मिली कि जिले में नकली करेंसी खपाई जा रही है। यह पीलीभीत या कहीं दूसरे स्थानों पर छापी जा रही है। इसके लिए बरखेड़ा थाना पुलिस को लगाया। जिस मुखबिर ने पुलिस को जानकारी दी थी, उसे भी साथ लेकर गए। जांच में पता चला कि यह इंटर स्टेट गैंग है, जो बरेली, पीलीभीत, नेपाल बार्डर और आसपास के क्षेत्र में नकली करेंसी को खपाने का प्रयास कर रहा है। पुलिस ने छापेमारी की, चार युवकों को अरेस्ट किया। इनके पास से 2 लाख 90 हजार रुपए की जाली करेंसी पकड़ी गई। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ये लोग नेपाल बार्डर वाले क्षेत्र में इन नकली नोटों को असली नोटों में मिलाकर चलाने का प्रयास कर रहे थे। इनमें रिजवान इस गैंग का सरगना था। रिजवान और अब्दुल सत्तार शाहजहांपुर जिले के रहने वाले थे। तीसरा आरोपी बरेली और एक अन्य युवक बदायूं जिले का रहने वाला था। जब इनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि यह दूसरे जिलों में भारी संख्या में नकली नोट खपा चुके हैं। यू ट्यूब पर देखकर इन्होंने नकली करेंसी छापना सीखा। इनका मकसद देहात क्षेत्र में ही इन नोटों को चलाना होता था, जहां लोगों को नकली और असली नोटों में अधिक अंतर नहीं पता होता। इससे पहले उत्तराखंड व दूसरे राज्यों में भी लोगों को चूना लगा चुके हैं। इस पूरे गैंग को पकड़कर पुलिस ने जेल भेजा। विक्रम दहिया बताते हैं कि पीलीभीत में लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर ठगी की जा रही है। नेपाल बार्डर से सटा जिला है, यहां युवाओं से मोटी रकम लेकर उनके फर्जी कागजात भी तैयार किए जा रहे हैं। पूरनपुर और माधोटांडा थाना क्षेत्र में मिल रही सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने काम किया। एक महीने पहले फरवरी 2025 की बात है। पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से 7 लोगों को अरेस्ट किया। इन सभी आरोपियों से मोबाइल, लैपटॉप, 60 से अधिक अन्य कागजात बरामद हुए। पूर्व में यहां तीन आतंकी एनकाउंटर में मारे गए। इसलिए यहां पुलिस के अलावा इंटेलिजेंस भी काम कर रही थी। पकड़े गए युवकों से पूछताछ की गई तो पता चला कि विदेश भेजने के नाम पर ये लोग उत्तराखंड के अलावा बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर व दूसरे जिले के युवाओं को भरोसा देते हैं। उनकी फर्जी तरह से मार्कशीट तैयार कराते हैं। पासपोर्ट सम्बन्धी कागजात भी फर्जी तरह से तैयार करते हैं। पिछले 5 साल में सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुके हैं। 50 हजार रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक एक युवक से ले लेते थे। हिंदी या अंग्रेजी मीडियम की फर्जी मार्कशीट तैयार कराते थे। ताकि विदेशी वीजा आसानी से मिल सके। इसमें कई सदस्य आईलेट्स और इमिग्रेशन सेंटरों पर भी काम कर रहे थे। विक्रम दहिया ने बताया कि यह गैंग बड़े स्तर पर युवाओं से ठगी कर चुका था। इस गैंग की रीढ़ तोड़ते हुए 20 से अधिक आरोपियों को अभी तक जेल भेजा जा चुका है। अन्य जो भी इस गैंग में शामिल रहे हैं, उन पर भी पुलिस काम कर रही है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल कुछ लोगों को भी जेल भेजा गया है। विक्रम दहिया कहते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभा व दूसरे वीआईपी कार्यक्रमों को सुरक्षा की दृष्टि से लीड किया। 2024 की बाढ़ में सैकड़ों लोगों को पुलिस टीमों द्वारा उनके घर तक पहुंचाया गया। उत्तराखंड और पीलीभीत क्षेत्र में लकड़ी तस्करी पर रोक लगाई। अलग-अलग गैंग के सदस्यों को जेल भेजा गया। इंटरनेशनल डेबिट कार्ड से विदेशों में पैसा निकालने और बैंकों को चूना लगाने वाले गैंग की रीढ़ तोड़ी। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पूरे जिले में अभियान चलाया गया। बरेली मंडल में 50 से ज्यादा महिलाओं से चेन और कुंडल लूटने वाले गैंग को बीसलपुर में पकड़ा। यह गैंग फर्जी नंबर प्लेट लगाकर बाइक पर चलता और लूटपाट करता था। —————————————————- खाकी वर्दी सीरीज की यह स्टोरी भी पढ़ें जंगल के डायना को पकड़ने वाली IPS अंशिका वर्मा: सेल्फ स्टडी से UPSC क्रैक किया, फर्जी स्टांप बनाने वाली गैंग पकड़ी IPS अंशिका वर्मा…UP पुलिस फोर्स की तेज-तर्रार युवा अफसर हैं। अंशिका ने 4 साल के करियर में कई बड़े क्राइम केस सॉल्व किए। वीमेंस इम्पावरमेंट के लिए आगरा और गोरखपुर में अभियान चलाए। यूपी के सबसे बड़े स्टांप घोटाले का खुलासा किया, जिसके लिए उन्हें डीजीपी ने सम्मानित भी किया। पढ़ें पूरी स्टोरी… IPS विक्रम दहिया… यूपी पुलिस फोर्स के तेज तर्रार युवा अफसर हैं। महज 4 साल की सर्विस में कई क्राइम मिस्ट्री सॉल्व कर चुके हैं। बरेली में 4 साल के बच्चे के मर्डर केस में बड़ा खुलासा किया। बच्चे की मां को गिरफ्तार किया। इसके अलावा पीलीभीत में नेपाल बॉर्डर से सटे इलाके में ऐसे गैंग की कमर तोड़ी, जो विदेश भेजने के नाम पर युवाओं को ट्रैप में फंसाता था। 2020 बैच के IPS अधिकारी विक्रम दहिया इस समय पीलीभीत जिले में एडिशनल एसपी हैं। 37 लाख रुपए के पैकेज पर जॉब कर रहे विक्रम दहिया ने नौकरी छोड़ दी। पिता का सपना पूरा किया। अपने जुनून से खाकी वर्दी तक का सफर तय किया। दैनिक भास्कर की स्पेशल सीरीज खाकी वर्दी में आज कहानी IPS विक्रम दहिया की… हरियाणा के रोहतक में जिला मुख्यालय से 22 किमी दूर गांव पड़ता है कलानोर। यहां के निवासी केशव सिंह दहिया हरियाणा में जिला खाद्य एवं पूर्ति नियंत्रक के पद पर रहे। बाद में वह अपने पैतृक गांव से आकर करनाल सेक्टर- 7 में परिवार के साथ रहने लगे। 16 जुलाई, 1988 को घर पर बेटे ने जन्म लिया। केशव सिंह और पत्नी बीना दहिया ने बेटे का नाम रखा विक्रम। विक्रम दहिया बताते हैं- मेरे पिता हरियाणा सरकार में अधिकारी और मां बीना दहिया हिंदी की प्रोफेसर रहीं। मेरी प्राइमरी एजुकेशन गांव के इंग्लिश मीडियम स्कूल से हुई। 2005 में दयाल सिंह पब्लिक स्कूल से फर्स्ट डिवीजन से हाईस्कूल पास किया। विक्रम कहते हैं कि जब मैं दसवीं में पढ़ता था। तभी से मन में था कि एयरफोर्स में जाऊंगा। क्योंकि, मेरे क्लासमेट खूब चर्चा करते थे। लेकिन मम्मी-पापा हमेशा से चाहते थे कि मैं पुलिस ऑफिसर बनूं। इसलिए पिता जी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी करने के लिए कहते थे। साल 2007 में करनाल के आरएस पब्लिक स्कूल से इंटर की पढ़ाई पूरी की। विक्रम दहिया बताते हैं- 12 वीं के बाद NIT भोपाल से बीटेक की पढ़ाई शुरू की। यहां 2011 में इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग से बीटेक किया। मुझे और पढ़ने का मन था। यही वजह रही कि मैंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट, रोहतक से MBA किया। इसी दौरान लंदन की कंपनी में 19 लाख रुपए सालाना पैकेज पर बतौर सीनियर मैनेजर सिलेक्शन हो गया। मगर एक साल जॉब करने के बाद नौकरी से रिजाइन कर दिया। इसके बाद IIT बॉम्बे स्टार्टअप में सीनियर जोनल मैनेजर के पद पर 25 लाख रुपए के पैकेज पर जॉब मिली। यहां दिल्ली, हरियाणा और उत्तराखंड तीन राज्यों की जिम्मेदारी मिली। इसी दौरान UPSC की तैयारी शुरू कर दी। दिन में जॉब करता और रात को यूपीएससी की तैयारी। विक्रम दहिया कहते हैं- जॉब में बड़ी जिम्मेदारी के कारण मुझे पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता था। कई बार ऑफिस से आने में देर हो जाती थी। इसलिए मैंने 8 महीने बाद ही इस जॉब को भी छोड़ दिया। इसके बाद लावा इंटरनेशनल, मुंबई में 37 लाख रुपए सालाना पैकेज पर रीजनल सेल्स मैनेजर के पद पर ज्वॉइनिंग ली। जॉब करने के साथ ही UPSC के तीन अटैंप्ट दिए। लेकिन लगता था कि जॉब के साथ तैयारी नहीं हो सकेगी। इसके बाद जॉब छोड़कर पढ़ाई के लिए दिल्ली आ गया। विक्रम दहिया कहते हैं- 2019 की सिविल सेवा परीक्षा में UPSC क्रैक किया और 2020 बैच का IPS बना। रिजल्ट आते ही पूरा परिवार, दोस्त-यार सभी बहुत खुश हुए। मेरे लिए वो बहुत बड़ा दिन रहा। विक्रम दहिया बताते हैं- 2023 में ट्रेनिंग के बाद मुझे बरेली में पोस्टिंग मिली। SSP प्रभाकर चौधरी सर ने मुझे भामेरा थाने की जिम्मेदारी सौंपी। मैंने थाने में पेंडिंग पड़े केस की स्टडी की। इसके अलावा पेट्रोलिंग पर फोकस करने लगा। यहां पोस्टिंग के कुछ ही दिन बीते थे कि हमारे पास एक सूचना आई। खबर मिली- नत्था गोटिया गांव में 4 साल की बच्ची प्रियंका को किसी ने मार डाला है। यह सुनते ही मेरे अलावा सीनियर अफसर भी मौके पर पहुंचे। मैंने क्राइम सीन को बारीकी से खंगाला। ट्रेनिंग के दौरान जो कुछ बताया गया, उसे फॉलो किया। कई पहलू देखे। पहले परिवार की रंजिश पर जांच की गई। लेकिन रंजिश जैसी कोई बात निकलकर नहीं आई। बच्ची थी, इसलिए तंत्र-मंत्र के एंगल पर भी पड़ताल की। हमें इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि बच्ची की मां और पिता में विवाद होता था। यहां से पुलिस को हत्या का क्लू मिला। बच्ची की मां गुमसुम रहती थी, कभी वह बिलखते हुए ससुरालियों पर आरोप लगाती, तो कभी अपने पति पर उंगली उठाती। वह बार-बार अपने बयान भी बदल रही थी। इस वजह से हमें उस पर और शक हुआ। जांच में हमें पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से ठोस सुराग मिला। दरअसल, बच्ची की हत्या धागे से गला कस कर की गई थी। हमने पड़ोसियों और परिवार वालों से पूछताछ की, तो पता चला कि महिला अपनी बेटी को मायके से ससुराल ले आई थी। इसके बाद फिर मायके चली गई। बच्ची की मां ने बताया कि पति और ससुराल के लोगों ने मुझे मारने के लिए तेजाब भी फेंका। हमने महिला पुलिसकर्मियों को टास्क दिया कि वह महिला से हमदर्दी से पूरा सच जानने की कोशिश करें। जब बच्ची की मां से सवाल पर सवाल पूछे गए, तो वह टूट गई। महिला ने बताया कि वह अपने ससुराल वालों को जेल भिजवाना चाहती थी, इसलिए उसने अपनी बेटी की हत्या कर दी। बच्ची को नजर से बचाने के लिए उसने जो काला धागा पहनाया था, उसी से उसका गला घोंट दिया। विक्रम दहिया बताते हैं- बरेली शहर में अप्रैल 2023 की बात है। हर शुक्रवार को किसी महिला या युवती पर ब्लेड से हमला होता था। हमने इन्वेस्टिगेशन की। पता चला कि सभी मामलों में क्राइम सीन एक जैसा होता है। बाइक पर हेलमेट लगा एक युवक आता है और महिला या युवती पर ब्लेड मारकर भाग जाता है। हमने जाल बिछाया और 6 महिलाओं को ब्लेड मारने वाले सज्जाद को अरेस्ट किया। सज्जान ने जुर्म कबूल करते हुए बताया- मेरी दूसरी बीवी धोखा देकर चली गई। एक तांत्रिक के कहने पर वह ऐसा करता था। विक्रम दहिया बताते हैं- बरेली के बाद मुझे झांसी में पोस्टिंग मिली। यहां 2 महीने के बाद ही पीलीभीत का अपर पुलिस अधीक्षक बना दिया। पीलीभीत नेपाल बार्डर से सटा जिला है, यही वजह है कि यहां क्रिमिनल एक्टिविटी की ज्यादा संभावना रहती है। अगस्त 2024 की बात है। पीलीभीत में गजरौला थाना क्षेत्र में LLB की छात्रा पर एसिड अटैक किया गया। जैसे ही मुझे इस घटना की जानकारी मिली…मैं पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचा। SP अविनाश पांडे सर भी मौके पर पहुंच गए। छात्रा को उपचार के लिए अस्पताल पहुंचाया, जिससे समय रहते हुए इलाज मिल सके। लखनऊ तक घटना की खबर पहुंची। हमें सख्त निर्देश मिला कि केस में सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। मामले में आरोपी की गिरफ्तारी के लिए चार टीमें लगाई गईं। जहां से छात्रा जा रही थी, उस एरिया के सभी सीसीटीवी खंगाले गए। सर्विलांस टीम को एक्टिव किया गया। हमें कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले। जांच में सामने आया कि आरोपी ने बुर्का पहन रखा था। पीलीभीत में माला जंगल का एरिया बड़ा है। इसी जंगल के रास्ते पर घटना को अंजाम दिया गया था। इससे एक बात तो साफ हो गई कि पूरी प्लानिंग के साथ घटना को अंजाम दिया गया है। सीसीटीवी में बाइक की पहचान हुई, जिसमें बुर्का पहने एक शख्स दिखा। यह फुटेज हमें एक पेट्रोल पंप पर लगे कैमरे से मिली थी। हमने बाइक मालिक को हिरासत में लिया। उसने बताया कि एक दिन मेरी बाइक दोस्त लेकर गया था। उससे दोस्त का पता पूछा, हम उसके घर पहुंचे। यहां पता चला कि वह घटना वाले दिन से घर नहीं गया। हमने फोन नंबर से उसकी लोकेशन ट्रेस की, जब हम उसे पकड़ने पहुंचे, तो आरोपी युवक ने पुलिस पर फायरिंग करनी शुरू कर दी। हमने भी जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान वह भागने लगा, पीछे देखता और बंदूक दिखाने लगता। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी के पैर में गोली लगी। आरोपी ने पूछताछ में बताया कि उसका नाम अतुल शर्मा है। वह कचहरी में अधिवक्ता का मुंशी था। अतुल ने बताया कि लॉ की छात्रा ने बातचीत बंद कर दी थी, इसी से वह नाराज हो गया। उसने छात्रा को सबक सिखाने के लिए एसिड अटैक किया था। 15 दिन तक प्लानिंग बनाई और और बुर्का खरीदा। फिर अटैक कर दिया। विक्रम बताते हैं कि फरवरी 2025 की बात है। पुलिस को सूचना मिली कि जिले में नकली करेंसी खपाई जा रही है। यह पीलीभीत या कहीं दूसरे स्थानों पर छापी जा रही है। इसके लिए बरखेड़ा थाना पुलिस को लगाया। जिस मुखबिर ने पुलिस को जानकारी दी थी, उसे भी साथ लेकर गए। जांच में पता चला कि यह इंटर स्टेट गैंग है, जो बरेली, पीलीभीत, नेपाल बार्डर और आसपास के क्षेत्र में नकली करेंसी को खपाने का प्रयास कर रहा है। पुलिस ने छापेमारी की, चार युवकों को अरेस्ट किया। इनके पास से 2 लाख 90 हजार रुपए की जाली करेंसी पकड़ी गई। आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ये लोग नेपाल बार्डर वाले क्षेत्र में इन नकली नोटों को असली नोटों में मिलाकर चलाने का प्रयास कर रहे थे। इनमें रिजवान इस गैंग का सरगना था। रिजवान और अब्दुल सत्तार शाहजहांपुर जिले के रहने वाले थे। तीसरा आरोपी बरेली और एक अन्य युवक बदायूं जिले का रहने वाला था। जब इनसे पूछताछ की गई तो पता चला कि यह दूसरे जिलों में भारी संख्या में नकली नोट खपा चुके हैं। यू ट्यूब पर देखकर इन्होंने नकली करेंसी छापना सीखा। इनका मकसद देहात क्षेत्र में ही इन नोटों को चलाना होता था, जहां लोगों को नकली और असली नोटों में अधिक अंतर नहीं पता होता। इससे पहले उत्तराखंड व दूसरे राज्यों में भी लोगों को चूना लगा चुके हैं। इस पूरे गैंग को पकड़कर पुलिस ने जेल भेजा। विक्रम दहिया बताते हैं कि पीलीभीत में लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि युवाओं को विदेश भेजने के नाम पर ठगी की जा रही है। नेपाल बार्डर से सटा जिला है, यहां युवाओं से मोटी रकम लेकर उनके फर्जी कागजात भी तैयार किए जा रहे हैं। पूरनपुर और माधोटांडा थाना क्षेत्र में मिल रही सूचनाओं के आधार पर पुलिस ने काम किया। एक महीने पहले फरवरी 2025 की बात है। पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से 7 लोगों को अरेस्ट किया। इन सभी आरोपियों से मोबाइल, लैपटॉप, 60 से अधिक अन्य कागजात बरामद हुए। पूर्व में यहां तीन आतंकी एनकाउंटर में मारे गए। इसलिए यहां पुलिस के अलावा इंटेलिजेंस भी काम कर रही थी। पकड़े गए युवकों से पूछताछ की गई तो पता चला कि विदेश भेजने के नाम पर ये लोग उत्तराखंड के अलावा बरेली, पीलीभीत, शाहजहांपुर व दूसरे जिले के युवाओं को भरोसा देते हैं। उनकी फर्जी तरह से मार्कशीट तैयार कराते हैं। पासपोर्ट सम्बन्धी कागजात भी फर्जी तरह से तैयार करते हैं। पिछले 5 साल में सैकड़ों लोगों से ठगी कर चुके हैं। 50 हजार रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक एक युवक से ले लेते थे। हिंदी या अंग्रेजी मीडियम की फर्जी मार्कशीट तैयार कराते थे। ताकि विदेशी वीजा आसानी से मिल सके। इसमें कई सदस्य आईलेट्स और इमिग्रेशन सेंटरों पर भी काम कर रहे थे। विक्रम दहिया ने बताया कि यह गैंग बड़े स्तर पर युवाओं से ठगी कर चुका था। इस गैंग की रीढ़ तोड़ते हुए 20 से अधिक आरोपियों को अभी तक जेल भेजा जा चुका है। अन्य जो भी इस गैंग में शामिल रहे हैं, उन पर भी पुलिस काम कर रही है। ह्यूमन ट्रैफिकिंग में शामिल कुछ लोगों को भी जेल भेजा गया है। विक्रम दहिया कहते हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ की जनसभा व दूसरे वीआईपी कार्यक्रमों को सुरक्षा की दृष्टि से लीड किया। 2024 की बाढ़ में सैकड़ों लोगों को पुलिस टीमों द्वारा उनके घर तक पहुंचाया गया। उत्तराखंड और पीलीभीत क्षेत्र में लकड़ी तस्करी पर रोक लगाई। अलग-अलग गैंग के सदस्यों को जेल भेजा गया। इंटरनेशनल डेबिट कार्ड से विदेशों में पैसा निकालने और बैंकों को चूना लगाने वाले गैंग की रीढ़ तोड़ी। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पूरे जिले में अभियान चलाया गया। बरेली मंडल में 50 से ज्यादा महिलाओं से चेन और कुंडल लूटने वाले गैंग को बीसलपुर में पकड़ा। यह गैंग फर्जी नंबर प्लेट लगाकर बाइक पर चलता और लूटपाट करता था। —————————————————- खाकी वर्दी सीरीज की यह स्टोरी भी पढ़ें जंगल के डायना को पकड़ने वाली IPS अंशिका वर्मा: सेल्फ स्टडी से UPSC क्रैक किया, फर्जी स्टांप बनाने वाली गैंग पकड़ी IPS अंशिका वर्मा…UP पुलिस फोर्स की तेज-तर्रार युवा अफसर हैं। अंशिका ने 4 साल के करियर में कई बड़े क्राइम केस सॉल्व किए। वीमेंस इम्पावरमेंट के लिए आगरा और गोरखपुर में अभियान चलाए। यूपी के सबसे बड़े स्टांप घोटाले का खुलासा किया, जिसके लिए उन्हें डीजीपी ने सम्मानित भी किया। पढ़ें पूरी स्टोरी… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
बुर्का पहनकर एनकाउंटर करने वाले IPS विक्रम दहिया:37 लाख की जॉब छोड़कर वर्दी पहनी; नकली नोट छापने वाली गैंग पकड़ा
