मुस्लिम आरक्षण पर एसटी हसन के बयान पर पीएम मोदी का करारा पलटवार, जानें- क्या कहा?

मुस्लिम आरक्षण पर एसटी हसन के बयान पर पीएम मोदी का करारा पलटवार, जानें- क्या कहा?

<p style=”text-align: justify;”>मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के बीच सियासी बयानबाजी जमकर बढ़ रही है. इस बीच प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन से जुड़े सवाल पर प्रतिक्रिया दी है. सरकारी समाचार चैनल डीडी न्यूज़ को दिए साक्षात्कार में जब एसटी हसन के बयान पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया मांगी गई तो पीएम ने कहा कि &nbsp;ये जो गलती होती है कि मोदी मुस्लिमों के आरक्षण पर विरोध करता है… मैं कहता हूं भारत का संविधान, धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने मुद्दे पर गहरी चर्चा की है. चर्चा कर के संविधान सभा ने जो संविधान बनाया वो कहता है कि भारत जैसे देश में धर्म के आधार पर एक बार टुकड़े हो चुके हैं. अब इस देश को और ज्यादा टुकड़े नहीं होने चाहिए. धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देना चाहिए. बाबा साहेब आंबेडकर, जवाहर लाल नेहरू और संविधान सभा के सभी सदस्यों ने यही कहा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीएम ने कहा कि मेरा कहना है कि हमें संविधान का लेटर स्पिरिट (हुबहू) रक्षण करना चाहिए. हमें इस देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देना चाहिए. मेरा मुद्दा है कि धर्म को आधार बनाने की जो प्रवृत्ति चली है. उसके खिलाफ है. भारत का संविधान हर एक नागरिक को सामना रूप से देखता है लेकिन फलाने धर्म के हो इइसलिए मिलेगा. ये इस देश में नहीं चलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एसटी हसन ने क्या कहा था?<br /></strong>सांसद एसटी हसन ने कहा कि कोई किसी का आरक्षण नहीं छीन रहा है. पीएम मोदी को मुसलमानों के चार परसेंट आरक्षण पर बहुत परेशानी है. जबकि, सच्चर कमेटी की रिपोर्ट से यह साफ हो चुका है कि मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी बदत्तर है. आरक्षण इसलिए दिया जाता है ताकि जो दबे-कुचले लोग हैं, उनको ऊपर लाया जाए, उनकी हालत बेहतर की जाए.</p>
<p>उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मुसलमानों के आरक्षण से पीएम मोदी को परेशानी क्यों है? क्या मुसलमान इस देश का नागरिक नहीं है? इस देश में क्या मुसलमान का कोई योगदान नहीं है? क्या मुसलमानों ने देश की आजादी में हिंदू भाईयों के साथ अपना खून नहीं दिया था?</p>
<p>उन्होंने कहा कि पीएम मोदी घबराए हुए हैं, बौखलाए हुए हैं, अब तक चुनाव के जितने चरण हुए हैं, उन सभी में वह हार रहे हैं, इसलिए, चुनाव को हिंदू-मुस्लिम करना चाहते हैं, लेकिन, हिंदू भाई उनके झांसे में नहीं आने वाले हैं. चार प्रतिशत आरक्षण से सिर्फ मोदी जी को परेशानी है, किसी हिंदू भाई को कोई परेशानी नहीं है.</p>
<p>उन्होंने आगे कहा कि एक प्रधानमंत्री को इस तरह का बयान शोभा नहीं देता, जो किसी सोसाइटी को बांटे. इन्होंने नफरतों की सौदागिरी करने सिंहासन हासिल किया है. ये कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन, हिंदू और मुसलमान को अलग नहीं किया जा सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”>मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के बीच सियासी बयानबाजी जमकर बढ़ रही है. इस बीच प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> ने समाजवादी पार्टी के सांसद एसटी हसन से जुड़े सवाल पर प्रतिक्रिया दी है. सरकारी समाचार चैनल डीडी न्यूज़ को दिए साक्षात्कार में जब एसटी हसन के बयान पर पीएम मोदी की प्रतिक्रिया मांगी गई तो पीएम ने कहा कि &nbsp;ये जो गलती होती है कि मोदी मुस्लिमों के आरक्षण पर विरोध करता है… मैं कहता हूं भारत का संविधान, धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने मुद्दे पर गहरी चर्चा की है. चर्चा कर के संविधान सभा ने जो संविधान बनाया वो कहता है कि भारत जैसे देश में धर्म के आधार पर एक बार टुकड़े हो चुके हैं. अब इस देश को और ज्यादा टुकड़े नहीं होने चाहिए. धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देना चाहिए. बाबा साहेब आंबेडकर, जवाहर लाल नेहरू और संविधान सभा के सभी सदस्यों ने यही कहा.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>पीएम ने कहा कि मेरा कहना है कि हमें संविधान का लेटर स्पिरिट (हुबहू) रक्षण करना चाहिए. हमें इस देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं देना चाहिए. मेरा मुद्दा है कि धर्म को आधार बनाने की जो प्रवृत्ति चली है. उसके खिलाफ है. भारत का संविधान हर एक नागरिक को सामना रूप से देखता है लेकिन फलाने धर्म के हो इइसलिए मिलेगा. ये इस देश में नहीं चलेगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>एसटी हसन ने क्या कहा था?<br /></strong>सांसद एसटी हसन ने कहा कि कोई किसी का आरक्षण नहीं छीन रहा है. पीएम मोदी को मुसलमानों के चार परसेंट आरक्षण पर बहुत परेशानी है. जबकि, सच्चर कमेटी की रिपोर्ट से यह साफ हो चुका है कि मुसलमानों की स्थिति दलितों से भी बदत्तर है. आरक्षण इसलिए दिया जाता है ताकि जो दबे-कुचले लोग हैं, उनको ऊपर लाया जाए, उनकी हालत बेहतर की जाए.</p>
<p>उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि मुसलमानों के आरक्षण से पीएम मोदी को परेशानी क्यों है? क्या मुसलमान इस देश का नागरिक नहीं है? इस देश में क्या मुसलमान का कोई योगदान नहीं है? क्या मुसलमानों ने देश की आजादी में हिंदू भाईयों के साथ अपना खून नहीं दिया था?</p>
<p>उन्होंने कहा कि पीएम मोदी घबराए हुए हैं, बौखलाए हुए हैं, अब तक चुनाव के जितने चरण हुए हैं, उन सभी में वह हार रहे हैं, इसलिए, चुनाव को हिंदू-मुस्लिम करना चाहते हैं, लेकिन, हिंदू भाई उनके झांसे में नहीं आने वाले हैं. चार प्रतिशत आरक्षण से सिर्फ मोदी जी को परेशानी है, किसी हिंदू भाई को कोई परेशानी नहीं है.</p>
<p>उन्होंने आगे कहा कि एक प्रधानमंत्री को इस तरह का बयान शोभा नहीं देता, जो किसी सोसाइटी को बांटे. इन्होंने नफरतों की सौदागिरी करने सिंहासन हासिल किया है. ये कितनी भी कोशिश कर लें, लेकिन, हिंदू और मुसलमान को अलग नहीं किया जा सकता है.</p>
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