हरियाणा में IIT के लिए ग्राम पंचायतों में होड़:चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ के बाद हिसार में जमीन का प्रस्ताव; बालसमंद पंचायत आई आगे

हरियाणा में IIT के लिए ग्राम पंचायतों में होड़:चरखी दादरी, महेंद्रगढ़ के बाद हिसार में जमीन का प्रस्ताव; बालसमंद पंचायत आई आगे

हरियाणा में पहला इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) खुलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए केंद्र को 300 एकड़ जमीन चाहिए। अपने-अपने एरिया में आईआईटी जैसे बड़े संस्थान खोलने के लिए प्रदेश की ग्राम पंचायतों में होड़ लग गई है। विभिन्न पंचायतें अपने क्षेत्र में जमीन देने के लिए तैयार हैं। चरखी दादरी की चांदवास, महेंद्रगढ़ की गांव पाली, खुडाना की ग्राम पंचायतों ने आईआईटी के लिए पिछले दिनों पंचायती जमीन देने का प्रस्ताव दिया था वहीं अब हिसार के बड़े गांवों में से एक बालसमंद की पंचायत भी जमीन देने के लिए आगे आई है। पंचायत ने सबसे आगे पहल करते हुए जमीन का प्रपोजल पंचायत में पास करके एडीसी हिसार, डीडीपीओ और बीडीपीओ को इस संबंध में लिखित सहमति भी दे दी है। बता दें कि पिछले दिनों दैनिक भास्कर ने ही प्रदेश में पहली आईआईटी खुलने की खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद पंचायत अब जमीन देने के लिए आगे आ रही हैं। बालसमंद की सरपंच मंजू देवी और जिला पार्षद प्रतिनिधि संदीप धारणवास ने बताया कि बालसमंद ग्राम पंचायत ने सर्वसम्मति से जमीन देने का निर्णय लिया है। 300 एकड़ जमीन की है शर्त बता दें कि हरियाणा सरकार प्रदेश में पहला इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी स्थापित करेगी। संस्थान निदेशालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसे लेकर तकनीकी एजुकेशन के डायरेक्टर ने प्रदेश के सभी डीसी को पत्र लिखकर जमीन देखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सरकार ने 300 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की शर्त रखी है। एक जगह पर इतनी जगह मिलने की समस्या ही आड़े आ रही है। वहीं जमीन मिलने के बाद भी केंद्र एवं राज्य सरकार तय करेगी कि चिह्नित की गई उस जगह पर प्रोजेक्ट शुरू किया जाए या नहीं। नेताओं ने लॉबिंग की शुरू प्रदेश में बनने वाला आईआईटी अपने आप में एक बहुत बड़ा है। यह जिस भी क्षेत्र में स्थापित होगा उसको एक नई पहचान दिलाएगा। यहीं कारण है कि बड़े नेता इस उपलब्धि को अपने क्षेत्र में स्थापित करवाने की जुगत भिड़ा रहे हैं और इसके लिए उन्होंने लॉबिंग शुरू कर दी है। हरियाणा से सांसद एवं केंद्र में मंत्री इसे अपने संसदीय क्षेत्र में ले जा सकते हैं लेकिन दूसरे सांसद भी अपनी ओर से पूरा प्रयास कर इसे अपने क्षेत्र में स्थापित करवाने के लिए प्रयासरत हैं। हिसार में आईआईटी के लिए शिक्षण संस्थान भी जोर लगा रहे वहीं हिसार में ही आईआईटी बनाने की पुरजोर कोशिश है। इसको लेकर गुरु दक्ष राजकीय पालिटेक्निक का स्टाफ कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा से भी मिला है। मंत्री गंगवा ने प्रोजेक्ट के लिए जगह तलाशने का आश्वासन दिया है। इस बारे में पालिटेक्निक का स्टाफ डीसी हिसार से भी मिला है और डीसी ने जमीन तलाशने के लिए डीडीपीओ को अधिकृत कर दिया है। इधर, सरकार की ओर से आईआईटी स्थापित करने की घोषणा के बाद कई भाजपा नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने कमर कस ली है। दूसरे राज्य में जाना पड़ता है आईआईटी के लिए
पूरे हरियाणा प्रदेश ही नहीं आसपास के क्षेत्र में आईआईटी संस्थान नहीं है। इस कारण ज्यादातर विद्यार्थी आईआईटी की पढ़ाई के लिए बेंगलुरु, हैदराबाद या दक्षिण भारत में जाते हैं। यदि हरियाणा में यह आईआईटी संस्थान बनेगा तो युवाओं को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यहीं पर उनको बेहतर सुविधा मिल सकेगी। राजकीय बहुतकनीकी संस्थान हिसार के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार गाबा ने कहा कि हिसार एजुकेशन हब है। यहां युवाओं को बढ़िया एक्सपोजर मिलेगा। यहां ऐसा इंस्टीट्यूट भी नहीं है। युवाओं को हायर टेक्निकल शिक्षा में अवसर मिलेंगे। प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार गाबा ने बताया कि इससे पहले तकनीकी एजुकेशन हरियाणा ने लगभग दो माह पहले भी प्रदेश में आईआईटी स्थापित करने के लिए जगह मांगी थी। अब दोबारा से इसको लेकर पत्र जारी हुआ है। इन जिलों को इसलिए मिल सकता है मौका 1. हिसार : हिसार में सरकारी जमीन काफी अधिक है। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बन रहा है। काफी जमीन का सरकार ने पहले से अधिग्रहण किया हुआ है। हिसार की राजस्थान, पंजाब, दिल्ली से बेहतर कनेक्टिविटी भी है। 2. करनाल : पूर्व सीएम और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर करनाल से सांसद है। इसके अलावा करनाल जीटी रोड पर है, जहां से चंडीगढ़ और दिल्ली की बेहतर कनेक्टिविटी है। जीटी रोड बेल्ट BJP का स्ट्रॉन्ग एरिया भी है। 3. गुरुग्राम : राव इंद्रजीत के गुरुग्राम में IIT संस्थान के लिए संभावनाएं हैं। मगर, नजदीक दिल्ली में पहले से ही IIT संस्थान है। रेवाड़ी में सरकार पहले से ही एम्स की सौगात दे चुकी है। इसके बावजूद राव प्रयास कर सकते हैं। 4. कुरुक्षेत्र : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी का गृह जिला है। वह यहां की लाडवा सीट से विधायक हैं। इसी के साथ यहां कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी भी है। इसका फायदा कुरुक्षेत्र को मिल सकता है। सांसद नवीन जिंदल भी इसको लेकर प्रयासरत हैं। 5. भिवानी : सांसद धर्मबीर लगातार IIT को लेकर गंभीर दिख रहे हैं। वह जमीन को लेकर बातचीत कर रहे हैं। इतना ही नहीं राज्यसभा सांसद किरण चौधरी भी यहीं से आते हैं। ऐसे में दोनों मजबूत नेताओं की लॉबिंग काम आ सकती है। हरियाणा में पहला इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी (आईआईटी) खुलने का रास्ता साफ हो गया है। इसके लिए केंद्र को 300 एकड़ जमीन चाहिए। अपने-अपने एरिया में आईआईटी जैसे बड़े संस्थान खोलने के लिए प्रदेश की ग्राम पंचायतों में होड़ लग गई है। विभिन्न पंचायतें अपने क्षेत्र में जमीन देने के लिए तैयार हैं। चरखी दादरी की चांदवास, महेंद्रगढ़ की गांव पाली, खुडाना की ग्राम पंचायतों ने आईआईटी के लिए पिछले दिनों पंचायती जमीन देने का प्रस्ताव दिया था वहीं अब हिसार के बड़े गांवों में से एक बालसमंद की पंचायत भी जमीन देने के लिए आगे आई है। पंचायत ने सबसे आगे पहल करते हुए जमीन का प्रपोजल पंचायत में पास करके एडीसी हिसार, डीडीपीओ और बीडीपीओ को इस संबंध में लिखित सहमति भी दे दी है। बता दें कि पिछले दिनों दैनिक भास्कर ने ही प्रदेश में पहली आईआईटी खुलने की खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद पंचायत अब जमीन देने के लिए आगे आ रही हैं। बालसमंद की सरपंच मंजू देवी और जिला पार्षद प्रतिनिधि संदीप धारणवास ने बताया कि बालसमंद ग्राम पंचायत ने सर्वसम्मति से जमीन देने का निर्णय लिया है। 300 एकड़ जमीन की है शर्त बता दें कि हरियाणा सरकार प्रदेश में पहला इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी स्थापित करेगी। संस्थान निदेशालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से निर्देश मिलने के बाद तकनीकी शिक्षा विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। इसे लेकर तकनीकी एजुकेशन के डायरेक्टर ने प्रदेश के सभी डीसी को पत्र लिखकर जमीन देखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए सरकार ने 300 एकड़ भूमि अधिग्रहण करने की शर्त रखी है। एक जगह पर इतनी जगह मिलने की समस्या ही आड़े आ रही है। वहीं जमीन मिलने के बाद भी केंद्र एवं राज्य सरकार तय करेगी कि चिह्नित की गई उस जगह पर प्रोजेक्ट शुरू किया जाए या नहीं। नेताओं ने लॉबिंग की शुरू प्रदेश में बनने वाला आईआईटी अपने आप में एक बहुत बड़ा है। यह जिस भी क्षेत्र में स्थापित होगा उसको एक नई पहचान दिलाएगा। यहीं कारण है कि बड़े नेता इस उपलब्धि को अपने क्षेत्र में स्थापित करवाने की जुगत भिड़ा रहे हैं और इसके लिए उन्होंने लॉबिंग शुरू कर दी है। हरियाणा से सांसद एवं केंद्र में मंत्री इसे अपने संसदीय क्षेत्र में ले जा सकते हैं लेकिन दूसरे सांसद भी अपनी ओर से पूरा प्रयास कर इसे अपने क्षेत्र में स्थापित करवाने के लिए प्रयासरत हैं। हिसार में आईआईटी के लिए शिक्षण संस्थान भी जोर लगा रहे वहीं हिसार में ही आईआईटी बनाने की पुरजोर कोशिश है। इसको लेकर गुरु दक्ष राजकीय पालिटेक्निक का स्टाफ कैबिनेट मंत्री रणबीर सिंह गंगवा से भी मिला है। मंत्री गंगवा ने प्रोजेक्ट के लिए जगह तलाशने का आश्वासन दिया है। इस बारे में पालिटेक्निक का स्टाफ डीसी हिसार से भी मिला है और डीसी ने जमीन तलाशने के लिए डीडीपीओ को अधिकृत कर दिया है। इधर, सरकार की ओर से आईआईटी स्थापित करने की घोषणा के बाद कई भाजपा नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों ने कमर कस ली है। दूसरे राज्य में जाना पड़ता है आईआईटी के लिए
पूरे हरियाणा प्रदेश ही नहीं आसपास के क्षेत्र में आईआईटी संस्थान नहीं है। इस कारण ज्यादातर विद्यार्थी आईआईटी की पढ़ाई के लिए बेंगलुरु, हैदराबाद या दक्षिण भारत में जाते हैं। यदि हरियाणा में यह आईआईटी संस्थान बनेगा तो युवाओं को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यहीं पर उनको बेहतर सुविधा मिल सकेगी। राजकीय बहुतकनीकी संस्थान हिसार के प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार गाबा ने कहा कि हिसार एजुकेशन हब है। यहां युवाओं को बढ़िया एक्सपोजर मिलेगा। यहां ऐसा इंस्टीट्यूट भी नहीं है। युवाओं को हायर टेक्निकल शिक्षा में अवसर मिलेंगे। प्राचार्य डॉ. सुनील कुमार गाबा ने बताया कि इससे पहले तकनीकी एजुकेशन हरियाणा ने लगभग दो माह पहले भी प्रदेश में आईआईटी स्थापित करने के लिए जगह मांगी थी। अब दोबारा से इसको लेकर पत्र जारी हुआ है। इन जिलों को इसलिए मिल सकता है मौका 1. हिसार : हिसार में सरकारी जमीन काफी अधिक है। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर का एयरपोर्ट बन रहा है। काफी जमीन का सरकार ने पहले से अधिग्रहण किया हुआ है। हिसार की राजस्थान, पंजाब, दिल्ली से बेहतर कनेक्टिविटी भी है। 2. करनाल : पूर्व सीएम और मौजूदा केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर करनाल से सांसद है। इसके अलावा करनाल जीटी रोड पर है, जहां से चंडीगढ़ और दिल्ली की बेहतर कनेक्टिविटी है। जीटी रोड बेल्ट BJP का स्ट्रॉन्ग एरिया भी है। 3. गुरुग्राम : राव इंद्रजीत के गुरुग्राम में IIT संस्थान के लिए संभावनाएं हैं। मगर, नजदीक दिल्ली में पहले से ही IIT संस्थान है। रेवाड़ी में सरकार पहले से ही एम्स की सौगात दे चुकी है। इसके बावजूद राव प्रयास कर सकते हैं। 4. कुरुक्षेत्र : हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी का गृह जिला है। वह यहां की लाडवा सीट से विधायक हैं। इसी के साथ यहां कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी भी है। इसका फायदा कुरुक्षेत्र को मिल सकता है। सांसद नवीन जिंदल भी इसको लेकर प्रयासरत हैं। 5. भिवानी : सांसद धर्मबीर लगातार IIT को लेकर गंभीर दिख रहे हैं। वह जमीन को लेकर बातचीत कर रहे हैं। इतना ही नहीं राज्यसभा सांसद किरण चौधरी भी यहीं से आते हैं। ऐसे में दोनों मजबूत नेताओं की लॉबिंग काम आ सकती है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर