हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेहड़ा समेत अन्य किसानों की रिहाई के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर आज मंगलवार को किसानों ने अंबाला में परिवहन मंत्री असीम गोयल के आवास का घेराव किया। वहीं, किसानों ने पंजाब में भी 16 स्थानों पर भाजपा के लोकसभा उम्मीदवारों और अन्य नेताओं के घरों के सामने धरने देते हुए नारेबाजी की। इस दौरान किसानों ने अंबाला और जींद जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांग की। भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी का कहना है कि किसान भीषण गर्मी में भी बॉर्डर पर अपनी मांगो को लेकर बैठे हैं। कहा कि सरकार के उनके पास किसानों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, सरकार सिर्फ तानाशाही कर रही है,लेकिन किसान पीछे नहीं हटेंगे। किसानों की रिहाई की मांग प्रमुख संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 फरवरी से किसान आंदोलन चल रहा है। पुलिस ने कई किसान नेताओं को गिरफ्तार भी किया। किसानों का कहना है कि 10 फरवरी के बाद से हरियाणा में सैकड़ों किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनमें से 3 किसान अभी भी जेल में हैं। अनीश खटकड़ 19 मार्च से जींद जेल में बंद हैं। 28 मार्च को अंबाला पुलिस ने युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेहड़ा और गुरकीरत सिंह अंबाला सेंट्रल जेल में बंद हैं। पंजाब में यहां-यहां बैठे किसान हरियाणा पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेहड़ा समेत अन्य किसानों की रिहाई के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर आज मंगलवार को किसानों ने अंबाला में परिवहन मंत्री असीम गोयल के आवास का घेराव किया। वहीं, किसानों ने पंजाब में भी 16 स्थानों पर भाजपा के लोकसभा उम्मीदवारों और अन्य नेताओं के घरों के सामने धरने देते हुए नारेबाजी की। इस दौरान किसानों ने अंबाला और जींद जेल में बंद किसानों की रिहाई की मांग की। भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी का कहना है कि किसान भीषण गर्मी में भी बॉर्डर पर अपनी मांगो को लेकर बैठे हैं। कहा कि सरकार के उनके पास किसानों के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, सरकार सिर्फ तानाशाही कर रही है,लेकिन किसान पीछे नहीं हटेंगे। किसानों की रिहाई की मांग प्रमुख संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) एवं किसान-मजदूर मोर्चा के आह्वान पर शंभू और खनौरी बॉर्डर पर 13 फरवरी से किसान आंदोलन चल रहा है। पुलिस ने कई किसान नेताओं को गिरफ्तार भी किया। किसानों का कहना है कि 10 फरवरी के बाद से हरियाणा में सैकड़ों किसानों को पुलिस ने गिरफ्तार किया। इनमें से 3 किसान अभी भी जेल में हैं। अनीश खटकड़ 19 मार्च से जींद जेल में बंद हैं। 28 मार्च को अंबाला पुलिस ने युवा किसान नेता नवदीप सिंह जलबेहड़ा और गुरकीरत सिंह अंबाला सेंट्रल जेल में बंद हैं। पंजाब में यहां-यहां बैठे किसान हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के परिवार का राजस्थान में एक्सीडेंट:6 लोगों की मौत, कार से सालासर जा रहे थे, ट्रक ने टक्कर मारी हरियाणा का एक परिवार कार से राजस्थान के सालासर धाम जा रहा था। जहां राजस्थान के महाजन के पास ट्रक ने कार को टक्कर मार दी। हादसे में परिवार के 6 लोगों की मौत हो गई। पीड़ित परिवार सिरसा के डबवाली ब्लॉक का रहने वाला था। मृतकों की परिजन नीतू ने बताया कि गुरुवार सांय करीब 7 बजे उसके सास- ससुर,दो देवर,दो ननद कार में सवार होकर सालासर के लिए रवाना हुए। वहीं, रात्रि करीब 10 बजे राजस्थान के महाजन थाना पुलिस ने जैतपुर टोल प्लाजा के पास भारतमाला सड़क पर कार के दुर्घटनाग्रस्त होने की जानकारी दी। बच्ची ने अस्पताल में तोड़ा दम पुलिस ने बताया कि कार में सवार 6 लोगों में से पांच की घटनास्थल पर ही मौत हो गई है। जबकि एक बच्ची को पल्लू अस्पताल ले जाया गया है,जहां उसने भी दम तोड़ दिया है। कार बुरी तरह से ट्रक में टकराने से क्षतिग्रस्त हो गई है। परिवार का मुखिया चलता था ई-रिक्शा कार में सवार सभी लोग एक ही परिवार के सदस्य थे।जिसमें मृतक परिवार का मुखिया शिव कुमार(55 वर्षीय) बैटरी का रिक्शा चलाकर सवारियां ढोने का कार्य करता था।जबकि मृतका आरती 50 वर्षीय जोकि लोगों के घर में झाड़ू पोछा लगाने का कार्य करती थी। मृतक मृतक नीरज कुमार (23 वर्षीय) जोकि मेडिकल स्टोर चलाने का कार्य पंजाब अड्डे के चौधरी देवीलाल पार्क के सामने करता था। जबकि मृतक बेटी सुनैना (24 वर्षीय) जोकि बठिंडा में प्राइवेट नौकरी कर रही थी। 12वीं की पढ़ाई कर रही थी भूमि मृतका भूमि (17 वर्षीय)राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डबवाली में 12वीं कक्षा की पढ़ाई कर रही थी। मृतक डुग्गू (12 वर्षीय) अरोड़ावंश स्कूल में पांचवी कक्षा का विद्यार्थी था।नीरज गुप्ता उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के गांव नवाबगंज का रहने वाला था जोकि डबवाली में पिछले 40 वर्षों से रह रहा था। जिसने किलियावाली एरिया के डिस्पोजल कॉलोनी में अपना मकान बना रखा था। जिस मकान में नीरज गुप्ता रह रहा था। इसमें उसका बड़ा भाई अनिल गुप्ता भी संयुक्त परिवार के रूप में रह रहे थे। करीब 1 वर्ष पहले अनिल गुप्ता की एक्सीडेंट से मौत हो गई थी। उसके बाद परिवार को चलने का कार्य नीरज गुप्ता के कंधों पर था। नीरज गुप्ता अविवाहित था। भाई के चल बसने से उसके चार बच्चों का पालन पोषण भी उसी के कंधों पर था। वर्तमान में नीरज गुप्ता जिस मकान में रह रहा है। उसमें नीरज गुप्ता का पूरा परिवार मौत की नींद सो गया है। घर में विधवा भाभी व तीन भतीजे एक भतीजी रह गए हैं।
हरियाणा में NIA ने कम्युनिस्ट नेता को हिरासत में लिया:बठिंडा में BKU क्रांतिकारी की महिला नेता पर रेड, भड़के किसानों ने जाम लगाया
हरियाणा में NIA ने कम्युनिस्ट नेता को हिरासत में लिया:बठिंडा में BKU क्रांतिकारी की महिला नेता पर रेड, भड़के किसानों ने जाम लगाया हरियाणा और पंजाब में आज सुबह नेशनल इन्वेस्टिगेशन टीम (NIA) ने दबिश दी। सोनीपत में वर्धमान गार्डेनिया टावर रायपुर में कम्युनिस्ट नेता पंकज त्यागी के घर टीम पहुंची। यहां टीम ने घर से कुछ जरूरी दस्तावेज और फोन कब्जे में लेने के साथ पंकज त्यागी को हिरासत में ले लिया। घर से बाहर निकलते वक्त पंकज त्यागी ने मीडिया से कहा कि उत्तर प्रदेश के लखनऊ में NIA ने केस दर्ज किया है। सच बोलने पर मामला दर्ज हुआ है। पूरे मामले में निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। बठिंडा में महिला किसान नेता सुखविंदर कौर खंडी के घर दबिश
वहीं बठिंडा के कस्बा रामपुरा फूल स्थित सराभा नगर में भारतीय किसान यूनियन क्रांतिकारी की महिला नेता सुखविंदर कौर खंडी के घर सुबह 5 बजे टीम पहुंची। रेड की सूचना पर किसान यूनियन क्रांतिकारी के नेता भड़क गए। वह जाम लगाकर धरने पर बैठ गए हैं। यूनियन ने कहा कि जब तक रेड के कारणों को नहीं बताया जाएगा, तब तक किसी को नहीं जाने दिया जाएगा। किसान यूनियन के जिला प्रधान पुरुषोत्तम महाराज ने बताया घर में 85 साल के बुजुर्ग भी हैं। घर से न किसी को बाहर जाने दिया। न ही किसी को फोन करने दिया गया। यहां त क की सेवादार को भी घर में जाने नहीं दिया। जैसे ही उन्हें इस बारे में पता चला तो वह यहां पहुंचे। पुरुषोत्तम ने कहा कि उन्होंने NIA को साफ कहा था कि कोई भी जांच करनी है तो उनके मेंबर सामने होने चाहिए। इसलिए हमने अपने वकील सहित 3 लोग अंदर भेजे हैं। नेता बोले- ये गैंगस्टरों या आतंकियों का घर नहीं
किसान नेताओं ने बताया कि जब उन्होंने एसएचओ से पूछा कि यह कार्रवाई क्यों हो रही है तो उन्होंने बताया कि कुछ मेल NIA को गई थी। जिसमें फेसबुक और इंस्टाग्राम के बारे में बताया गया। उन्होंने कहा कि सारे पड़ोसी यहां पर खड़े हैं। पूरे गांव से परिवार के बारे में पता लगाया जा सकता है। यह घर गैंगस्टरों या आतंकियों का नहीं है। यह लोक विरोधी काम कम करने वाला घर नहीं है। सरकार को इस चीज को समझना चाहिए। संघर्ष के चलते सरकार ऐसी कोशिशें कर रही है
किसानों ने बताया कि कल शंभू बॉर्डर पर किसानों द्वारा बड़ा प्रदर्शन किया जाना है। उनकी यूनियन सरकारों की आंखों में चुभती है। क्योंकि प्रदर्शन से सरकार पर दबाव बनेगा। इसी वजह से यह कार्रवाई की जा रही है। किसानों को उलझाया जा रहा है। उन्हें जेलों में बंद करने की कोशिश की जा रही है। केंद्र और पंजाब सरकार आपस मे मिली हुई है। पंजाब में बदलाव की सरकार आई थी, लेकिन अब यह कम नहीं है। उन्हें आगे नहीं जाने दिया। इसलिए हमने यहीं पर बैठकर संघर्ष शुरू कर दिया है। शंभू बॉर्डर पर चल रहे प्रदर्शन में भी यूनियन शामिल
हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर पिछले 6 महीने से एमएसपी की लीगल गारंटी समेत अन्य मांगों काे लेकर चल रहे आंदोलन में बीकेयू क्रांतिकारी यूनियन भी शामिल है।
किसान आंदोलन- SC बोला- आपसे कमेटी के जरिए बात करेंगे:डल्लेवाल पर कहा- हमने अनशन तोड़ने का नहीं बोला, जानबूझकर हालात बिगाड़े जा रहे
किसान आंदोलन- SC बोला- आपसे कमेटी के जरिए बात करेंगे:डल्लेवाल पर कहा- हमने अनशन तोड़ने का नहीं बोला, जानबूझकर हालात बिगाड़े जा रहे हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 38 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने फिर पंजाब सरकार पर सख्त रुख दिखाया। कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते।” कोर्ट ने यह भी कहा कि हमें डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश की कंप्लायंस रिपोर्ट चाहिए। सुनवाई के दौरान पंजाब के DGP और चीफ सेक्रेटरी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे। अब 6 जनवरी (सोमवार) को डल्लेवाल मामले और हरियाणा सरकार की शंभू बॉर्डर खोलने के खिलाफ दायर पिटीशन पर भी सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दलीलें… जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट को बताया गया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर ने याचिका दायर की है। कोर्ट हरियाणा सरकार के शंभू बॉर्डर खोलने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इसमें 2 और याचिका आईं हैं। जस्टिस सूर्यकांत: मैडम गिल, आप महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। कृपया टकराव के बारे में न सोचें। हमारे पास पूर्व जजों की एक कमेटी है, जो पंजाब से हैं…वे सभी विद्वान साथी हैं। अब वह कमेटी आ गई है…हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते। SG तुषार मेहता: हम एक व्यक्ति की सेहत तक सीमित हैं। केंद्र सरकार किसानों के बारे में चिंतित है। नई याचिका (डल्लेवाल की) पर नोटिस जारी करने की बजाय..वे मुझे याचिका देते हैं। एडवोकेट गिल: प्रस्ताव (पिछले किसान आंदोलन के खत्म होते समय तैयार) के अनुसार, इसकी आखिरी लाइनों से पता चलता है कि 5 लंबित मांगों को हल करने की गारंटी थी। यह एक कमिटमेंट और वादा था, जिस वजह से किसानों ने अपना आंदोलन वापस लिया। एडवोकेट गिल: एक के बाद एक कमेटियां हैं। SG तुषार मेहता: कोर्ट की नियुक्त कमेटी की हंसी न उड़ाएं। पंजाब के AG गुरमिंदर सिंह: हमारी मेडिकल टीम डल्लेवाल के लिए मौके पर है। मुझे जमीनी हालात से अवगत कराना चाहिए..। जस्टिस सूर्यकांत: आपके मीडिया द्वारा जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। हमारा निर्देश यह नहीं था कि वह अपना अनशन तोड़ दें..। जस्टिस सूर्यकांत: हमारी चिंता यह थी कि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे। पंजाब AG: यहां मुद्दा यह है कि हमने उन्हें मेडिकल मदद लेने के लिए मनाने की कोशिश की। उन्होंने मीडिया को बताया कि यह राज्य का काम नहीं है। वह सशर्त मेडिकल मदद स्वीकार करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत: क्या आपने कभी किसानों को बताने की कोशिश की कि हमने उनके लिए एक कमेटी बनाई है। आपका रवैया सुलह करवाने का नहीं है। जस्टिस सूर्यकांत: वहां कुछ लोग हैं, जो गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, तथाकथित किसान नेता..। पंजाब AG: हम इसे चेक करेंगे। हम ग्राउंड पर हैं। थोड़ा और टाइम दीजिए। हमारे अफसर यहां हैं। जस्टिस सूर्यकांत: अगर अफसर यहां हैं तो हमें उम्मीद है कि हमारा मैसेज उनके पास पहुंच गया होगा। पंजाब AG: हमें कुछ और टाइम दीजिए, हम हालात संभालने की कोशिश कर रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत: हम सोमवार (13 जनवरी) को सुनवाई करेंगे। हमे आदेश लागू करने यानी कंप्लायंस रिपोर्ट चाहिए।कोर्ट ने कहा कि सोमवार डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश लागू न करने की अवमानना याचिका के साथ हरियाणा सरकार के शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर भी सुनवाई होगी। 30 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 3 दिन का टाइम दिया था
इससे पहले 30 दिसंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए 3 दिन का टाइम दिया था। इस दौरान पंजाब सरकार ने कहा था कि एक मध्यस्थ ने आवेदन दिया है कि अगर केंद्र हस्तक्षेप करता है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया था। बुधवार को पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने किसानों से लगातार मीटिंग की। अधिकारियों ने बताया कि अच्छे माहौल में बातचीत हुई है। उधर, डॉक्टरों के जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक डल्लेवाल को बोलने में भी परेशानी हो रही है। पंधेर बोले- डल्लेवाल का अनशन जारी रहेगा
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि डल्लेवाल के अनशन को 38 दिन हो गए हैं। ये अनशन बातचीत करने के लिए नहीं बल्कि मांगे मनवाने के लिए शुरू किया है। ये अनशन इसी तरह से जारी रहेगा। जल्द ही दिल्ली कूच का फिर से ऐलान किया जाएगा। 4 जनवरी को बड़ी पंचायत खनौरी में होगी। 17 दिन में सुप्रीम कोर्ट में 5 सुनवाई, पढ़िए इन सुनवाई में क्या हुआ…. 1. डल्लेवाल पापुलर पर्सनैलिटी, ढिलाई न बरती जाए
17 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की हालत को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। वह पापुलर पर्सनैलिटी हैं। इसमें ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। पंजाब सरकार को हालात संभालने होंगे। 2. पंजाब सरकार ने कहा- डल्लेवाल की सेहत ठीक
18 दिसंबर की सुनवाई में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की सेहत ठीक है। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल की तबीयत सही बता रहा है? उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 3. पंजाब सरकार अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कर रही
19 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने चिंता जताई कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। 4. अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना
28 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने सख्त रुख दिखाया। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 5. सरकार ने 3 दिन का समय मांगा
30 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा एक मध्यस्थ ने भी आवेदन दिया है जिसमें कहा गया है कि अगर यूनियन हस्तक्षेप करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। किसानों की आगामी रणनीति क्या… 4 जनवरी को 2 लाख से अधिक किसान पहुंचेंगे
4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर होने वाली किसान महापंचायत की तैयारी शुरू हो गई है। किसान नेताओं ने कहा कि 2 लाख से अधिक किसान मोर्चे पर पहुंचेंगे। डल्लेवाल अपना जरूरी संदेश खनौरी मोर्चे से देंगे। सभी किसानों को मोर्चे पर सुबह 10 बजे तक पहुंचना है। 6 को शंभू बॉर्डर पर मनाएंगे प्रकाश पर्व
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर के नेतृत्व में बुधवार को शंभू बॉर्डर पर किसानों की बैठक हुई। मीटिंग में तय हुआ है कि 6 जनवरी को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व शंभू बॉर्डर पर मनाया जाएगा। ऐसे में पटियाला के नजदीक के गांवों से अपील की जा रही है कि अधिक से अधिक लोग मोर्चे में पहुंचे। ——————— किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान बोले- सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगा हमें स्वीकार होगा किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जो भी आदेश जारी किए जाएंगे, वह उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह हर मंगलवार को किसानों से मुलाकात करते रहते हैं। पूरी खबर पढ़ें…