पंजाबी फिल्म एक्ट्रेस प्रीति सप्रू शनिवार को अमृतसर पहुंची। यहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और अमृतसर संसदीय सीट से उम्मीदवार तरणजीत सिंह संधू के समर्थन में प्रचार किया। उन्होंने अमृतसर के विभिन्न हलकों में पहुंच डोर-टू-डोर प्रचार किया और लोगों के नुक्कड़ बैठकें कर लोगों को भाजपा के हक में उतरने के लिए आग्रह किया। डोर-टू-डोर प्रचार प्रीति सप्रू ने पूरा दिन आज डोर-टू-डोर प्रचार किया। सुबह वें अमृतसर ईस्ट पहुंची, जहां उन्होंने ब्रेकफास्ट के साथ-साथ भाजपा कार्यकताओं के साथ बैठक की। इसके बाद पवन नगर पहुंची और पब्लिक मीटिंग का हिस्सा बनी। शाम 4 बजे वे अमृतसर वेस्ट पहुंची। जहां उन्होंने गुरु नानकपुरा में पब्लिक मीटिंग की और भाजपा के सपोर्ट में वोट मांगे। भाजपा की लोकल लीडरशिप व महिला विंग की श्रुति विज भी उनके साथ थी। अकाली दल पर बरसी प्रीति अमृतसर के भाजपा कार्यालय खन्ना समारक में पहुंची प्रीति सप्रू अकाली दल पर बरसी। उन्होंने ने कहा कि अकाली दल से गठबंधन टूटा, ये भाजपा के लिए अच्छा है। अकाली दल की भाजपा सिर्फ स्पोर्ट पार्टी थी। पूरे प्रदेश में राज अकाली दल का चल रहा था। सभी फैसले अकाली ले रहे थे। अच्छा हुआ पंजाब में अब भाजपा अकेली खड़ी हो रही है। गठबंधन न होने से भाजपा मजबूत स्थिति में है। भाजपा यदि पंजाब में कुछ अच्छा करती है तो उसका क्रेडिट भाजपा को मिलेगा। पंजाबी फिल्म एक्ट्रेस प्रीति सप्रू शनिवार को अमृतसर पहुंची। यहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी और अमृतसर संसदीय सीट से उम्मीदवार तरणजीत सिंह संधू के समर्थन में प्रचार किया। उन्होंने अमृतसर के विभिन्न हलकों में पहुंच डोर-टू-डोर प्रचार किया और लोगों के नुक्कड़ बैठकें कर लोगों को भाजपा के हक में उतरने के लिए आग्रह किया। डोर-टू-डोर प्रचार प्रीति सप्रू ने पूरा दिन आज डोर-टू-डोर प्रचार किया। सुबह वें अमृतसर ईस्ट पहुंची, जहां उन्होंने ब्रेकफास्ट के साथ-साथ भाजपा कार्यकताओं के साथ बैठक की। इसके बाद पवन नगर पहुंची और पब्लिक मीटिंग का हिस्सा बनी। शाम 4 बजे वे अमृतसर वेस्ट पहुंची। जहां उन्होंने गुरु नानकपुरा में पब्लिक मीटिंग की और भाजपा के सपोर्ट में वोट मांगे। भाजपा की लोकल लीडरशिप व महिला विंग की श्रुति विज भी उनके साथ थी। अकाली दल पर बरसी प्रीति अमृतसर के भाजपा कार्यालय खन्ना समारक में पहुंची प्रीति सप्रू अकाली दल पर बरसी। उन्होंने ने कहा कि अकाली दल से गठबंधन टूटा, ये भाजपा के लिए अच्छा है। अकाली दल की भाजपा सिर्फ स्पोर्ट पार्टी थी। पूरे प्रदेश में राज अकाली दल का चल रहा था। सभी फैसले अकाली ले रहे थे। अच्छा हुआ पंजाब में अब भाजपा अकेली खड़ी हो रही है। गठबंधन न होने से भाजपा मजबूत स्थिति में है। भाजपा यदि पंजाब में कुछ अच्छा करती है तो उसका क्रेडिट भाजपा को मिलेगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब पुलिस ने अमृतपाल सिंह को ऑस्ट्रिया से कराया डिपोर्ट:बटाला पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से किया गिरफ्तार, कई मामलों में हैं शामिल पंजाब पुलिस ने केंद्रीय एजेंसियों के सहयोग से एक शातिर आरोपी अमृतपाल सिंह को ऑस्ट्रिया से डिपोर्ट करवाया गया है। अमृतपाल सिंह पीओ घोषित था। वह मूलरूप से गांव भोमा थाना घुम्मन का रहने वाला है। काफी समय से ऑस्ट्रिया में रह रहा था। पंजाब पुलिस ने नई दिल्ली के अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उसे अपने कब्जे में लिया है। अब उसे बटाला पुलिस पंजाब लेकर आ रही है। DGP पंजाब गौरव यादव ने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट डालकर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह हत्या, हत्या के प्रयास, नशीले पदार्थों की तस्करी और आर्म्स एक्ट समेत विभिन्न जघन्य अपराधों में शामिल रहा है। 2022 में दुबई के रास्ते गया था ऑस्ट्रिया एसएसपी बटाला सुहैल कासिम मीर ने बताया कि आरोपी अमृतपाल सिंह कई मामलों में पीओ घोषित किया गया था। 2022 में दुबई और सर्बिया के रास्ते ऑस्ट्रिया भाग गया था और तब से गिरफ्तारी से बच रहा था। अंतरराष्ट्रीय अधिकारियों के सहयोग के बाद पुलिस उसे वापस देश में लाने में कामयाब रही है। पुलिस अब उससे पूछताछ करेगी। उम्मीद है कि कई राज खुलेंगे। राजनीतिक शरण लेने की फिराक में था पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी काफी शातिर था। उसने वहां पर राजनीतिक शरण लेने की कोशिश तक की थी। इसके लिए उसने आवेदन भी किया था। लेकिन पुलिस को उसकी तलाश थी। पुलिस ने मजबूती से अपना पक्ष वहां की अथॉरिटी के समक्ष रखा। जिस वजह से वह इस चीज में कामयाब नहीं हो पाया। रोमी का हांगकांग से प्रत्यर्पण करवाया इससे पहले 22 अगस्त को पंजाब पुलिस की एंटी गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने नाभा जेल ब्रेक कांड के मास्टरमाइंड रमनजीत सिंह रोमी का हांगकांग से प्रत्यर्पण करवाया था।। आरोपी को वहां से खुद पंजाब पुलिस लेकर आ ई है। रोमी नाभा जेल से फरार हुए लोगों का सबसे बड़ा मददगार था। आरोपी दो दिन पहले अमृतसर की जेल में शिफ्ट किया है।
चुनाव नतीजों ने AAP के सामने खड़ी की चुनौतियां:पार्टी को 3 चुनावों का करना है सामना, वादों को पूरा करने का दबाव रहेगा
चुनाव नतीजों ने AAP के सामने खड़ी की चुनौतियां:पार्टी को 3 चुनावों का करना है सामना, वादों को पूरा करने का दबाव रहेगा पंजाब में जिस तरह के लोकसभा चुनाव के नतीजे आए हैं, उसने सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (AAP) के सामने कई नए चैलेंज खड़े कर दिए हैं। क्योंकि करीब ढाई साल पहले 117 विधानसभा सीटों में से 92 सीटें जीतकर AAP राज्य की सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन इन चुनावों में लोगों ने उसे सिरे से खारिज कर दिया है। चुनावी दंगल में उतरे AAP के पांच मंत्रियों और तीन विधायकों में से एक चुनाव जीत पाया है। 54 विधानसभा हलकों में पार्टी को हार मिली है। ऐसे में पार्टी की आगे की राह आसान नहीं है। हालांकि फ्री बिजली और किसानों से जुड़े कुछ फैसले लेने से पार्टी अपना वोट बैंक 26 फीसदी तक बचाने में कामयाब रही है। हालांकि अब सरकार को एक के बाद चुनाव का सामना करना पड़ेगा। वहीं, अब विपक्षी दल संख्या भले ही कम हो, लेकिन आक्रमक रहेंगे। वहीं, अगर AAP ने सत्ता में आने वाले से पहले गारंटियां लोगों को दी तो थी, वह पूरी नहीं की तो साल 2027 विधानसभा चुनाव में भी पार्टी को मुश्किल उठानी पडे़गी। यह रहे AAP के मंत्रियों के हाल संगरूर में 1.72 लाख मतों से जीते आप की तरफ से संगरूर लोकसभा हलके से मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर को चुनावी मैदान में उतारा गया था। उन्होंने 3.64 लाख मत हासिल किए हैं। जबकि उनके मुकाबले में खड़े सुखपाल सिंह खैहरा को 1.72 लाख मतों से हराया। 2014 से यहां आप पहली बार जीती थी, 2019 में भी पार्टी ने सीट जीती थी। लेकिन जब भगवंत मान ने मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने यह सीट छोड़ी दी थी। उसके बाद यहां पर हुए उप चुनाव में पार्टी को हार मिली थी। लोगों से दूरी पड़ गई भारी पटियाला से डॉ. बलबीर सिंह को AAP ने उम्मीदवार बनाया था। लेकिन उन्हें भी हार का मुंह देखना पड़ा। वह दूसरे नंबर पर रहे हैं। जानकारों की माने तो इस इलाके में उनके हारने के कई कारण थे। एक तो इस लोकसभा के अधीन आने वाले हलकों के विधायकों से लोग खुश नहीं है। महिलाओं को हजार रुपए न देने वाली गारंटी का असर भी दिखा है। इसके अलावा मंत्री बनने के बाद उनका लोगों से सीधा संपर्क टूट गया था। अपने हलके तक ही रह गए सीमित आप की तरफ से तेज तर्रार मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को अमृतसर से मैदान में उतारा गया था। लेकिन यहां भी पार्टी को हार का मुंह देखना 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लोकसभा हलके में आप के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर चुनावी मैदान में थे। यहां पर पर पार्टी तीसरे नंबर पर रही। हलके में पार्टी की हार की वजह है कि पार्टी के उम्मीदवारों को विधायकों का साथ नहीं मिला। वहीं, पंथक मुद्दे भी भारी रहे हैं। ढाई साल में पार्टी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाई। जबकि लोगों ने बड़े विश्वास से इस पार्टी को मौका दिया था। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। जहां दूसरी पार्टियों से आए नेता मैदान में उतारे गए फतेहगढ़ साहिब में जीपी पिछड़े भले ही आप प्रचंड बहुमत से पंजाब की सत्ता पर काबिज हुई थी। लेकिन पार्टी के पास चेहरों की की कमी थी। दूसरी लाइन का कोई नेता तैयार नहीं हुआ है। ऐसे में चुनाव घोषित होने पर दूसरी पार्टियों से चेहरे लाकर उम्मीदवार बनाए गए है। फतेहगढ़ साहिब में कांग्रेस के बस्सी पठाना से पूर्व विधायक रहे गुरप्रीत सिंह जीपी को उतारा था। लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़। उन्हें 297439 वोट मिले, जबकि वहां से 331326 वोट लेकर कांग्रेस के अमर सिंह विजयी रहे। यहां पार्टी के अंदर मनमुटाव व कांग्रेस की एकजुटता की कमी रही है। कांग्रेस को प्रियंका गांधी की रैली का 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अंगुराल ने इस्तीफा दे दिया था। ऐसे में उनकी सीट पर भी उप चुनाव होगा। गारंटियां पूरी करना चुनौती सरकार ने महिलाओं को हजार रुपये की गारंटी दी है। यह गांरटी बहुत बड़ी है। इस चुनाव में सभी दलों ने आप को इसी चीज पर घेरा था। इसे शर्त को उन्हें हर हाल में पूरा करना होगा। वरना यह मुसीबत बनेगी। इसके अलावा अभी कानून व्यवस्था व नशे का मुद्दा भी प्रमुख रहेगा। RDF की राशि लाना चुनौती सरकार के सामने अब सबसे बड़ी चुनौती रूरल डेवलपमेंट फंड (आरडीएफ) को लाने की है। क्योंकि केंद्र अब दोबारा भाजपा की सरकार आ गई है। जबकि इस मामले में केंद्र पहले साफ कर चुका है कि वह नियमों के मुताबिक ही अदायगी करेगा। यदि पैसे नहीं आते है तो गांवों में विकास प्रभावित होगा। इसके अलावा अभी तक प्लॉटों की एनओसी, राशन कार्ड समेत कई मामले चुनौती बने हुए है। क्या कहते हैं माहिर गारंटी पूरी न होने से मोह हुआ भंग राजनीतिक माहिर व सीनियर पत्रकार करमजीत सिंह चिल्ला का मानना हैं कि लोगों का सरकार से मोह भंग होने की मुख्य वजह है जो गारंटियां चुनाव से पहले दी गई थी, सरकार ने वह पूरी नहीं की है। सबसे बड़ी बात महिलाओं का हजार रुपए देने वाली बात थी। इसका पूरा असर चुनाव में पड़ा है। इसके अलावा नशा, कानूनी व्यवस्था व सेहत सुविधाओं आदि भी इसके लिए जिम्मेदार है। जहां तक आने वाला समय अब सरकार के लिए चुनौतियां भरा रहेगा। अब हर दल उन्हें घेरने की कोशिश करेगा। विधायकों के पास नहीं थी कोई पावर राजनीतिक माहिर व सीनियर पत्रकार कुलदीप सिंह मानते हैं कि इस चुनाव में आप के हारने की कई वजह थी। सारी कमान सीएम के हाथ में थी। किसी को कुछ समझा नहीं गया। विधायकों व मंत्रियों के पास कोई पावर नहीं है। उनके काम तक नहीं हुए। वह हलकों में अपने स्तर पर कुछ नहीं करवा सकते हैं। पार्टी के वालंटियरों से तालमेल नहीं रखा गया। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। इसके अलावा कुछ नेता बिल्कुल भी सक्रिय नहीं है। वहीं, चुनावी गारंटियां पूरी न करने से भी पार्टी काे नुकसान हुआ है। उनका मानना है कि स्थिति यही रही तो आगे भी नुकसान उठाना पडे़गा।
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बठिंडा की परमपाल कौर होगी शपथ ग्रहण में शामिल:दिल्ली रवाना हुई, बोली- तीसरी बार सरकार बनने से विकास को मिलेगी गति पिछले दिनों संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में बठिंडा सीट से भाजपा की उम्मीदवार रही परमपाल कौर सिद्धू केंद्र में तीसरी बार बनने जा रही भाजपा सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगी। दिल्ली रवाना होने से पहले उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि, पिछले 10 साल के कार्यकाल में केंद्र की भाजपा सरकार के विकास को देखते हुए जनता ने एक बार फिर भाजपा को बहुमत दिया है उन्होंने कहा कि भाजपा ने पंजाब में अकेले चुनाव लड़कर बड़ा बहुमत हासिल किया है। पंजाब में तीसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बनकर उभरी है। उप चुनाव में होगा बेहतर प्रदर्शन उन्होंने कहा कि,जिस तरह से बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के दौरान बेहतर प्रदर्शन किया है, उससे भी बेहतर प्रदर्शन बीजेपी उपचुनाव के दौरान करेगी। उन्होंने कंगना रनोट थप्पड़ कांड के बारे में बोलते हुए कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए था। उस दौरान क्या हुआ था, यह तो कंगना रनोट और कुलविंदर कौर ही बता सकती हैं। आपको बता दें कि पंजाब की बठिंडा सीट पर शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर ने जीत दर्ज की है।