पंजाब में सरकारी गेहूं की खरीद जारी:मंत्री कटारूचक ने 4 जिलों के अफसरों से की बैठक; 8 लाख किसानों को होगा फायदा

पंजाब में सरकारी गेहूं की खरीद जारी:मंत्री कटारूचक ने 4 जिलों के अफसरों से की बैठक; 8 लाख किसानों को होगा फायदा

पंजाब की भगवंत मान सरकार ने सीजन 2025 के लिए गेहूं की सरकारी खरीद की प्रक्रिया 1 अप्रैल से शुरू कर दी है। इस बार सरकार ने किसानों की सुविधा और खरीद में पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए कई अहम प्रबंध किए हैं। सरकारी खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मंत्री लालचंद कटारूचक की तरफ से चार प्रमुख जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन और अमृतसर के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की गई। इस बैठक में मंडियों के प्रबंधन, खरीद केंद्रों की व्यवस्था और भुगतान प्रणाली पर चर्चा हुई। सरकार का अनुमान है कि इस खरीद सीजन के दौरान लगभग 8 लाख किसान मंडियों में अपनी फसल लेकर पहुंचेंगे। इन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन ने पहले से व्यापक तैयारी की है। मंत्री कटारूचक ने कहा कि, मंडियों में 12 अप्रैल के बाद गेहूं की आमद शुरू होती है। सभी मंडियों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 1864 स्थायी और 600 अस्थायी खरीद केंद्र बनाए गए उन्होंने कहा कि, प्रदेश भर में किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कुल 1864 स्थायी खरीद केंद्रों के साथ-साथ 600 अस्थायी खरीद केंद्रों की व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े। मान सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि फसल की पूरी राशि 24 घंटे के भीतर किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और किसानों को समय पर मेहनताना मिलेगा। किसानों को मंडियों में किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी मंत्री कटारूचक ने आगे कहा कि सरकार की तरफ से स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी किसान को मंडी में अनावश्यक देरी, तौल में गड़बड़ी या अन्य कोई समस्या न हो। जिला प्रशासन को सख्त आदेश दिए गए हैं कि शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाए। पंजाब की भगवंत मान सरकार ने सीजन 2025 के लिए गेहूं की सरकारी खरीद की प्रक्रिया 1 अप्रैल से शुरू कर दी है। इस बार सरकार ने किसानों की सुविधा और खरीद में पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हुए कई अहम प्रबंध किए हैं। सरकारी खरीद प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मंत्री लालचंद कटारूचक की तरफ से चार प्रमुख जिलों पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन और अमृतसर के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की गई। इस बैठक में मंडियों के प्रबंधन, खरीद केंद्रों की व्यवस्था और भुगतान प्रणाली पर चर्चा हुई। सरकार का अनुमान है कि इस खरीद सीजन के दौरान लगभग 8 लाख किसान मंडियों में अपनी फसल लेकर पहुंचेंगे। इन्हें किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए प्रशासन ने पहले से व्यापक तैयारी की है। मंत्री कटारूचक ने कहा कि, मंडियों में 12 अप्रैल के बाद गेहूं की आमद शुरू होती है। सभी मंडियों में तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। 1864 स्थायी और 600 अस्थायी खरीद केंद्र बनाए गए उन्होंने कहा कि, प्रदेश भर में किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए कुल 1864 स्थायी खरीद केंद्रों के साथ-साथ 600 अस्थायी खरीद केंद्रों की व्यवस्था की गई है, ताकि किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए ज्यादा दूर न जाना पड़े। मान सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि फसल की पूरी राशि 24 घंटे के भीतर किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर कर दी जाएगी। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और किसानों को समय पर मेहनताना मिलेगा। किसानों को मंडियों में किसी तरह की परेशानी नहीं आने दी जाएगी मंत्री कटारूचक ने आगे कहा कि सरकार की तरफ से स्पष्ट निर्देश हैं कि किसी भी किसान को मंडी में अनावश्यक देरी, तौल में गड़बड़ी या अन्य कोई समस्या न हो। जिला प्रशासन को सख्त आदेश दिए गए हैं कि शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाए।   पंजाब | दैनिक भास्कर