चंडीगढ़ में स्टार्टअप शुरू करने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्हें सरकार की तरफ से मदद मिलेगी। चंडीगढ़ की स्टार्टअप नीति को आखिरकार मंजूरी मिल गई है। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इस नीति को मंजूरी दे दी है। अगले हफ्ते इसकी आधिकारिक घोषणा हो जाएगी। सरकारी और निजी कॉलेजों को भी इस नीति में शामिल किया गया है। इस नीति में हर साल नए बिजनेस आइडिया को 10 करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया गया है। इस पर 5 साल तक काम होगा। 2018 में शुरू हुआ था काम
इस नीति को बनाने की शुरुआत 2018 में हुई थी और लगभग 7 साल बाद इसे मंजूरी मिली है। इसका मकसद है चंडीगढ़ को एक ऐसा शहर बनाना, जहां नए बिजनेस शुरू करने वाले लोगों को हर तरह की मदद मिल सके। ऑनलाइन पोर्टल और निगरानी कमेटी भी बनेगी
नीति के तहत ‘स्टार्ट इन चंडीगढ़’ नाम से एक ऑनलाइन पोर्टल बनेगा जहां स्टार्टअप से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी। नीति की देखरेख के लिए एक बड़ी कमेटी बनेगी जिसकी अगुआई चंडीगढ़ के मुख्य सचिव करेंगे। इसके अलावा, उद्योग विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक और कमेटी बनेगी जो इस नीति को ज़मीन पर लागू करवाएगी। यह नीति 5 साल तक लागू रहेगी और हर साल इसमें ज़रूरत के हिसाब से बदलाव किए जाएंगे, ताकि स्टार्टअप को सही समय पर सही मदद मिलती रहे। चंडीगढ़ में स्टार्टअप शुरू करने वालों के लिए एक अच्छी खबर है। अब उन्हें सरकार की तरफ से मदद मिलेगी। चंडीगढ़ की स्टार्टअप नीति को आखिरकार मंजूरी मिल गई है। पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने इस नीति को मंजूरी दे दी है। अगले हफ्ते इसकी आधिकारिक घोषणा हो जाएगी। सरकारी और निजी कॉलेजों को भी इस नीति में शामिल किया गया है। इस नीति में हर साल नए बिजनेस आइडिया को 10 करोड़ रुपए देने का प्रावधान किया गया है। इस पर 5 साल तक काम होगा। 2018 में शुरू हुआ था काम
इस नीति को बनाने की शुरुआत 2018 में हुई थी और लगभग 7 साल बाद इसे मंजूरी मिली है। इसका मकसद है चंडीगढ़ को एक ऐसा शहर बनाना, जहां नए बिजनेस शुरू करने वाले लोगों को हर तरह की मदद मिल सके। ऑनलाइन पोर्टल और निगरानी कमेटी भी बनेगी
नीति के तहत ‘स्टार्ट इन चंडीगढ़’ नाम से एक ऑनलाइन पोर्टल बनेगा जहां स्टार्टअप से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी। नीति की देखरेख के लिए एक बड़ी कमेटी बनेगी जिसकी अगुआई चंडीगढ़ के मुख्य सचिव करेंगे। इसके अलावा, उद्योग विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक और कमेटी बनेगी जो इस नीति को ज़मीन पर लागू करवाएगी। यह नीति 5 साल तक लागू रहेगी और हर साल इसमें ज़रूरत के हिसाब से बदलाव किए जाएंगे, ताकि स्टार्टअप को सही समय पर सही मदद मिलती रहे। पंजाब | दैनिक भास्कर
