<p style=”text-align: justify;”><strong>Singrauli Administration Action:</strong> मध्य प्रदेश के उर्जाधानी सिंगरौली जिले में एक बार फिर से प्रशासन के कड़े रुख के बाद मुआवजा माफियाओं में हड़कंप मच गया है. दरअसल, बिरला ग्रुप को आवंटित बंधा कोल ब्लॉक में बंधा, देवरी, पचौर, तेंदुहा, पिडरवाह के गांवों की जमीन पर मुआवजे के लिए बने घरों को जिला प्रशासन ने अपात्र घोषित कर दिया है. इन गावों में करीब 6000 से ज्यादा मकानों का निर्माण कराया गया है. अकेले बंधा गांव में मुआवजा माफिया ने करीब 3560 घरों का निर्माण कराया. घर भी ऐसा जिसे देखकर हर कोई हैरत में पड़ सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>माफिया ने सरकारी खजाने में सेंध लगाने के लिए मुआवजे का घर तैयार किया. घर भी ऐसा जिसमें इंसान तो क्या जानवर भी रहना पसंद न करे. ईंट की चार दिवारी, टीन शेड और घर तैयार. मुआवजा माफिया ने बड़े पैमाने पर नकली घर बना लिया था. जिला प्रशासन ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर माफिया के द्वारा मुआवजे की मोटी रकम वसूलने के लिए बनाए गए घरों को अपात्र घोषित कर दिया. प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है कि मुआवजा के लिए बनाए गए घरों का मुआवजा तो दूर की बात उन घरों को ध्वस्त भी कराया जायेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशासन ने कहा कि प्रभावित ग्रामों में किसानों के अलावा बाहर से आए लोगों, भू माफिया, बिल्डर, जमीन कारोबारी, छोटे-छोटे जमीन के टुकड़े खरीदकर रातों रात मुआवजा वाले घरों का निर्माण करा दिया, जबकि इन घरों में रहने वाला कोई नही है. जो गांव कभी वीरान सुनसान, चलने के लिए सड़कें नही वहाँ मुआवजा माफिया ने आलीशान बहुमंजिला इमारतें, टीन शेड बनाकर नकली घर तैयार कर दिया, ताकि सरकार के खजाने से मुआवजे की राशि वसूल सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कागजों पर घर दिखाकर खूब लूटा मुआवजा</strong><br />यूं तो कोयले की खान,पावर हब ,और खनिज संपदाओं की बाहुल्यता की वजह से मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में विस्थापन का दौर जारी है, यहां अब उद्योगों की झड़ी लग गई है. रेलवे, हवाई सेवा, कोल खदान, पावर प्लांट, सोने की खदान जैसे अन्य उद्योग यहां स्थापित हो गए, जिस वजह से यहाँ प्रदेश का सबसे बड़ा विस्थापन हुआ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस विस्थापन से स्थानीय किसानों को लाभ तो हुआ है, लेकिन सबसे ज्यादा लाभ यहां बाहर या अन्य राज्यों के लोगों का हुआ है. मुआवजे की लालच में अन्य राज्यों के लोगों ने यहां के किसानों से जमीन खरीद कर दिखावे के लिए घर का ढांचा तैयार कर लिया, और मुआवजा राशि बसूल लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशासन का कहना है कि माफियाओं ने यहां कागजों में घर बनाकर सरकारी खजाने को लूटने में कोई कोर कसर नही छोड़ा. यहां स्थानीय नेताओं, अधिकारियों और भू-माफियाओं ने गठजोड़ बनाकर सरकारी खजाने को खूब लूटा. दिखावे के लिए मकान के ढांचे खड़े कर दिए गए और मुआवजा राशि प्राप्त कर लिया. इसलिए तो बीते माह हाई कोर्ट जबलपुर के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान भू अर्जन और मुआवजे में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार उल्लेख करते हुए कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि सिंगरौली में खुला भ्रष्टाचार है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सभी घरों को कर दिया है अवैध घोषित</strong><br />वैसे तो मुआवजा माफियाओं ने रेलवे, कोल, एवम अन्य परियोजनाओं में जमकर मुआवजे की लूट की, इसी लालच में माफियाओं ने बंधा कोल ब्लॉक के आवंटन होने के बाद इस कोल ब्लॉक से प्रभावित होने वाले ग्रामों में मुआवजे के लिए नकली घर तैयार कर लिए, करीब 6000 हजार से ज्यादा नकली घर बनकर तैयार हो गए, ताकि मुआवजे की राशि बसूल सके, जिला प्रशासन ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर मुआवजे के तौर पर बनाये गए सभी घरों को अवैध घोषित कर दिया है, और अब अवार्ड भी पारित कर दिया, अवार्ड पारित होते ही माफियाओं में हड़कंप मच गया, क्योंकि बड़े पैमाने पर माफियाओं ले द्वारा मुआवजे की राशि बसूलने के लिए नकली घरों का निर्माण कराया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस मामले में सिंगरौली जिला कलेक्टर चन्द्र शेखर शुक्ला ने बताया कि भू अर्जन अधिनियम के अंतर्गत उन मकानों का मुआवजा प्राप्त करने की अधिकारिता रहती है जो मकान धारा 4 के प्रकाशन के पूर्व अस्तित्व में रहा हो, क्योंकि धारा 20 के अंतर्गत धारा 4 के प्रकाशन तिथि से ब्याज राशि लेने का प्रावधान किया गया है, इसी प्रकार धारा 22 में यह प्रावधान किया गया है कि मुआवजे के निर्धारण के दौरान पिछले 3 वर्षों में उस भूमि से प्राप्त होने वाले किराया, लाभ आदि का विवरण भी शामिल किया जाता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गांव में वैध घरों की संख्या सिर्फ 816 है</strong><br />कलेक्टर ने बताया कि जिले के बंधा कोल ब्लॉक में प्रभावित होने वाले ग्रामों में मुआवजे के घरों को अवैध घोषित कर दिया गया है, बंधा ग्राम में करीब 3560 मुआवजे वाले घरों को अवैध घोषित किया गया है, इस गांव में वैध घरों की संख्या सिर्फ 816 है, बाकी बने मकानों को ध्वस्त भी किया जाएगा. अवार्ड पारित कर दिया गया है, इसमें उन्ही लोगों को जमीन और उनकी परिसंपत्तियों का मुआवजा मिलेगा जो प्रभावित ग्रामों का पुस्तैनी निवासी है. बाहर या अन्य राज्यों से आकर यहां मुआवजे के लिए बनाये गए सभी घरों को अवैध घोषित कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिंगरौली से देवेंद्र पाण्डेय की रिपोर्ट.</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”MP: गौशालाओं को दी जाने वाली आर्थिक मदद हुई दोगुनी, जानिए अब रोजाना कितने रुपए मिलेंगे” href=”https://www.abplive.com/states/madhya-pradesh/madhya-pradesh-government-doubled-the-financial-aid-given-to-cow-shelters-anna-2921459″ target=”_self”>MP: गौशालाओं को दी जाने वाली आर्थिक मदद हुई दोगुनी, जानिए अब रोजाना कितने रुपए मिलेंगे</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Singrauli Administration Action:</strong> मध्य प्रदेश के उर्जाधानी सिंगरौली जिले में एक बार फिर से प्रशासन के कड़े रुख के बाद मुआवजा माफियाओं में हड़कंप मच गया है. दरअसल, बिरला ग्रुप को आवंटित बंधा कोल ब्लॉक में बंधा, देवरी, पचौर, तेंदुहा, पिडरवाह के गांवों की जमीन पर मुआवजे के लिए बने घरों को जिला प्रशासन ने अपात्र घोषित कर दिया है. इन गावों में करीब 6000 से ज्यादा मकानों का निर्माण कराया गया है. अकेले बंधा गांव में मुआवजा माफिया ने करीब 3560 घरों का निर्माण कराया. घर भी ऐसा जिसे देखकर हर कोई हैरत में पड़ सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>माफिया ने सरकारी खजाने में सेंध लगाने के लिए मुआवजे का घर तैयार किया. घर भी ऐसा जिसमें इंसान तो क्या जानवर भी रहना पसंद न करे. ईंट की चार दिवारी, टीन शेड और घर तैयार. मुआवजा माफिया ने बड़े पैमाने पर नकली घर बना लिया था. जिला प्रशासन ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर माफिया के द्वारा मुआवजे की मोटी रकम वसूलने के लिए बनाए गए घरों को अपात्र घोषित कर दिया. प्रशासन ने साफ तौर पर कहा है कि मुआवजा के लिए बनाए गए घरों का मुआवजा तो दूर की बात उन घरों को ध्वस्त भी कराया जायेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशासन ने कहा कि प्रभावित ग्रामों में किसानों के अलावा बाहर से आए लोगों, भू माफिया, बिल्डर, जमीन कारोबारी, छोटे-छोटे जमीन के टुकड़े खरीदकर रातों रात मुआवजा वाले घरों का निर्माण करा दिया, जबकि इन घरों में रहने वाला कोई नही है. जो गांव कभी वीरान सुनसान, चलने के लिए सड़कें नही वहाँ मुआवजा माफिया ने आलीशान बहुमंजिला इमारतें, टीन शेड बनाकर नकली घर तैयार कर दिया, ताकि सरकार के खजाने से मुआवजे की राशि वसूल सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कागजों पर घर दिखाकर खूब लूटा मुआवजा</strong><br />यूं तो कोयले की खान,पावर हब ,और खनिज संपदाओं की बाहुल्यता की वजह से मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले में विस्थापन का दौर जारी है, यहां अब उद्योगों की झड़ी लग गई है. रेलवे, हवाई सेवा, कोल खदान, पावर प्लांट, सोने की खदान जैसे अन्य उद्योग यहां स्थापित हो गए, जिस वजह से यहाँ प्रदेश का सबसे बड़ा विस्थापन हुआ है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस विस्थापन से स्थानीय किसानों को लाभ तो हुआ है, लेकिन सबसे ज्यादा लाभ यहां बाहर या अन्य राज्यों के लोगों का हुआ है. मुआवजे की लालच में अन्य राज्यों के लोगों ने यहां के किसानों से जमीन खरीद कर दिखावे के लिए घर का ढांचा तैयार कर लिया, और मुआवजा राशि बसूल लिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रशासन का कहना है कि माफियाओं ने यहां कागजों में घर बनाकर सरकारी खजाने को लूटने में कोई कोर कसर नही छोड़ा. यहां स्थानीय नेताओं, अधिकारियों और भू-माफियाओं ने गठजोड़ बनाकर सरकारी खजाने को खूब लूटा. दिखावे के लिए मकान के ढांचे खड़े कर दिए गए और मुआवजा राशि प्राप्त कर लिया. इसलिए तो बीते माह हाई कोर्ट जबलपुर के न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने सुनवाई के दौरान भू अर्जन और मुआवजे में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार उल्लेख करते हुए कड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि सिंगरौली में खुला भ्रष्टाचार है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सभी घरों को कर दिया है अवैध घोषित</strong><br />वैसे तो मुआवजा माफियाओं ने रेलवे, कोल, एवम अन्य परियोजनाओं में जमकर मुआवजे की लूट की, इसी लालच में माफियाओं ने बंधा कोल ब्लॉक के आवंटन होने के बाद इस कोल ब्लॉक से प्रभावित होने वाले ग्रामों में मुआवजे के लिए नकली घर तैयार कर लिए, करीब 6000 हजार से ज्यादा नकली घर बनकर तैयार हो गए, ताकि मुआवजे की राशि बसूल सके, जिला प्रशासन ने सर्वे रिपोर्ट के आधार पर मुआवजे के तौर पर बनाये गए सभी घरों को अवैध घोषित कर दिया है, और अब अवार्ड भी पारित कर दिया, अवार्ड पारित होते ही माफियाओं में हड़कंप मच गया, क्योंकि बड़े पैमाने पर माफियाओं ले द्वारा मुआवजे की राशि बसूलने के लिए नकली घरों का निर्माण कराया गया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस मामले में सिंगरौली जिला कलेक्टर चन्द्र शेखर शुक्ला ने बताया कि भू अर्जन अधिनियम के अंतर्गत उन मकानों का मुआवजा प्राप्त करने की अधिकारिता रहती है जो मकान धारा 4 के प्रकाशन के पूर्व अस्तित्व में रहा हो, क्योंकि धारा 20 के अंतर्गत धारा 4 के प्रकाशन तिथि से ब्याज राशि लेने का प्रावधान किया गया है, इसी प्रकार धारा 22 में यह प्रावधान किया गया है कि मुआवजे के निर्धारण के दौरान पिछले 3 वर्षों में उस भूमि से प्राप्त होने वाले किराया, लाभ आदि का विवरण भी शामिल किया जाता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गांव में वैध घरों की संख्या सिर्फ 816 है</strong><br />कलेक्टर ने बताया कि जिले के बंधा कोल ब्लॉक में प्रभावित होने वाले ग्रामों में मुआवजे के घरों को अवैध घोषित कर दिया गया है, बंधा ग्राम में करीब 3560 मुआवजे वाले घरों को अवैध घोषित किया गया है, इस गांव में वैध घरों की संख्या सिर्फ 816 है, बाकी बने मकानों को ध्वस्त भी किया जाएगा. अवार्ड पारित कर दिया गया है, इसमें उन्ही लोगों को जमीन और उनकी परिसंपत्तियों का मुआवजा मिलेगा जो प्रभावित ग्रामों का पुस्तैनी निवासी है. बाहर या अन्य राज्यों से आकर यहां मुआवजे के लिए बनाये गए सभी घरों को अवैध घोषित कर दिया गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सिंगरौली से देवेंद्र पाण्डेय की रिपोर्ट.</strong></p>
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