J&K: वक्फ कानून पर विधानसभा में हुए हंगामे पर स्पीकर अब्दुल रहीम राथर का बड़ा बयान, ‘मैं कोई…’

J&K: वक्फ कानून पर विधानसभा में हुए हंगामे पर स्पीकर अब्दुल रहीम राथर का बड़ा बयान, ‘मैं कोई…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Abdul Rahim Rather On Waqf Act:</strong> जम्मू कश्मीर विधानसभा बुधवार (09 अप्रैल) को अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित कर दी गई. पिछले तीन दिनों से जम्मू कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है. विधानसभा सत्र के अंतिम दिन स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने सदन में अपने मन की बात सामने रखी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन जम्मू कश्मीर विधानसभा के स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा, ”पिछले दो-तीन दिन से हाउस में हंगामा हो रहा है. सदन में पक्ष और विपक्ष ने वक्फ कानून पर अपनी-अपनी बात रखने की कोशिश की. विधानसभा में ज्यादातर विधायक इस बिल पर बात करने के लिए तैयार नहीं थे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कुछ विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव भी दिए- राथर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा कि इस बिल पर बहस को लेकर कुछ विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव भी दिए. स्पीकर राथर ने कहा, ”जब भी कोई विधायक मोशन लाएंगे, तो उन्हें कानून का पालन करना होता है. उन्हें रूल बुक फॉलो करनी है. अगर कोई विधायक स्थगन प्रस्ताव लाता है तो वो स्थगन प्रस्ताव सरकार के खिलाफ नाराजगी दिखाने का तरीका है. अगर सरकार की तरफ से कोई बड़ी गलती हुई है तो हम सरकार को खड़ा करके उनसे जवाब मांग सकते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बहस करने से क्या वक्फ कानून बदल सकता है- राथर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष ने विधायकों से पूछा, ”अब आप तरीका बताइए. बहस करने से क्या यह कानून बदल सकता है? वक्फ बिल का मामला अभी अदालत में है. अगर अदालत कहेगी कि असंवैधानिक है तो यह असंवैधानिक होगा.” पिछले तीन दिनों से जम्मू कश्मीर विधानसभा में चल रहे हैं हंगामे पर स्पीकर ने कहा, ”सभी विधायक कह रहे हैं कि उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए. तीन दिन से हाउस नहीं चल रहा तो आपकी आवाज जनता के सामने गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मैं कोई डिक्टेटर नहीं- अब्दुल रहीम राथर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विधानसभा स्पीकर ने ये भी कहा कि वह कोई डिक्टेटर नहीं हैं लेकिन विधायकों को अदालत के फैसले का इंतजार करना होगा. उन्होंने कहा “मुझे नियमों के अंदर ही फैसला करना है”. विधायकों के जज्बात का सम्मान करने की बात कर कहते हुए स्पीकर ने कहा, ”कुछ विधायकों ने उनके खिलाफ वोट ऑफ नो कॉन्फिडेंस लाया.”&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्पीकर ने कहा कि उन्होंने इस वोट ऑफ नो कॉन्फिडेंस का जायजा लिया. इस वोट ऑफ ऑफ़ नो कॉन्फिडेंस के समर्थन में कम से कम जम्मू कश्मीर विधानसभा के 23 सदस्य होने चाहिए. उन्होंने कहा, ”तकनीकी तौर पर आपकी मोशन पर 14 दिन के बाद फैसला होना है. उसके बावजूद अगर यहां विधायक उनके खिलाफ खड़े हो जाते हैं तो वो यहां से चले जाएंगे. कुर्सी पर तब तक ही बैठूंगा जब तक आपका विश्वास मेरे साथ है”.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Abdul Rahim Rather On Waqf Act:</strong> जम्मू कश्मीर विधानसभा बुधवार (09 अप्रैल) को अनिश्चितकालीन समय के लिए स्थगित कर दी गई. पिछले तीन दिनों से जम्मू कश्मीर विधानसभा में वक्फ कानून को लेकर बवाल मचा हुआ है. विधानसभा सत्र के अंतिम दिन स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने सदन में अपने मन की बात सामने रखी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन जम्मू कश्मीर विधानसभा के स्पीकर अब्दुल रहीम राथर ने कहा, ”पिछले दो-तीन दिन से हाउस में हंगामा हो रहा है. सदन में पक्ष और विपक्ष ने वक्फ कानून पर अपनी-अपनी बात रखने की कोशिश की. विधानसभा में ज्यादातर विधायक इस बिल पर बात करने के लिए तैयार नहीं थे.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>कुछ विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव भी दिए- राथर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा कि इस बिल पर बहस को लेकर कुछ विधायकों ने स्थगन प्रस्ताव भी दिए. स्पीकर राथर ने कहा, ”जब भी कोई विधायक मोशन लाएंगे, तो उन्हें कानून का पालन करना होता है. उन्हें रूल बुक फॉलो करनी है. अगर कोई विधायक स्थगन प्रस्ताव लाता है तो वो स्थगन प्रस्ताव सरकार के खिलाफ नाराजगी दिखाने का तरीका है. अगर सरकार की तरफ से कोई बड़ी गलती हुई है तो हम सरकार को खड़ा करके उनसे जवाब मांग सकते हैं.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बहस करने से क्या वक्फ कानून बदल सकता है- राथर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>जम्मू कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष ने विधायकों से पूछा, ”अब आप तरीका बताइए. बहस करने से क्या यह कानून बदल सकता है? वक्फ बिल का मामला अभी अदालत में है. अगर अदालत कहेगी कि असंवैधानिक है तो यह असंवैधानिक होगा.” पिछले तीन दिनों से जम्मू कश्मीर विधानसभा में चल रहे हैं हंगामे पर स्पीकर ने कहा, ”सभी विधायक कह रहे हैं कि उनकी आवाज सुनी जानी चाहिए. तीन दिन से हाउस नहीं चल रहा तो आपकी आवाज जनता के सामने गई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मैं कोई डिक्टेटर नहीं- अब्दुल रहीम राथर</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विधानसभा स्पीकर ने ये भी कहा कि वह कोई डिक्टेटर नहीं हैं लेकिन विधायकों को अदालत के फैसले का इंतजार करना होगा. उन्होंने कहा “मुझे नियमों के अंदर ही फैसला करना है”. विधायकों के जज्बात का सम्मान करने की बात कर कहते हुए स्पीकर ने कहा, ”कुछ विधायकों ने उनके खिलाफ वोट ऑफ नो कॉन्फिडेंस लाया.”&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>स्पीकर ने कहा कि उन्होंने इस वोट ऑफ नो कॉन्फिडेंस का जायजा लिया. इस वोट ऑफ ऑफ़ नो कॉन्फिडेंस के समर्थन में कम से कम जम्मू कश्मीर विधानसभा के 23 सदस्य होने चाहिए. उन्होंने कहा, ”तकनीकी तौर पर आपकी मोशन पर 14 दिन के बाद फैसला होना है. उसके बावजूद अगर यहां विधायक उनके खिलाफ खड़े हो जाते हैं तो वो यहां से चले जाएंगे. कुर्सी पर तब तक ही बैठूंगा जब तक आपका विश्वास मेरे साथ है”.</p>  जम्मू और कश्मीर यूपी STF ने 50 हजार के इनामी बदमाश प्रमोद सिंह को किया गिरफ्तार, हत्या के मामले में था फरार