पटियाला स्थित समाना के सरकारी स्कूल में टीचरों को लेकर स्टेज से कहे गए शब्दों के लिए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने माफी मांग ली है। उन्होंने यह माफी उस समय मांगी है जब टीचरों ने पूरे प्रदेश में शुक्रवार से संघर्ष की चेतावनी दी हुई है। वहीं, विरोधी दल इस मामले को लेकर हमलावर रहे हैं। जौड़ामाजरा ने कहा कि, “मेरा मकसद टीचरों को ठेस पहुंचाना नहीं था। वे हमारे सत्कार योग्य हैं। वे हमारे गुरु हैं। मैं पूरे पंजाब के अध्यापकों से माफी मांगता हूं।” ऐसे चला था यह ड्रामा
चेतन सिंह जौड़ामाजरा शिक्षा क्रांति प्रोग्राम के तहत सात अप्रैल को समाना के स्कूल में गए थे। स्कूल के शिक्षकों ने बताया था वे तय समय से करीब एक घंटा देरी से पहुंचे थे। गर्मी बहुत ज्यादा थी। जैसे ही उन्हें मंच पर संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया तो, अधिकतर अभिभावक वहां से चले गए। टीचर भी कम थे, साथ ही बच्चे भी कम देखकर इसे उन्होंने कहा, “कौन सी कक्षाएं चल रही हैं? क्या सारे बच्चे उपस्थित हैं? कौन सी कक्षाएं यहां बैठी हैं? कितने टीचर गैर-हाजिर हैं? मुझे यह बताया जाए कि शिक्षक गैर-हाजिर क्यों हैं। क्या यह पहले से ही प्लान किया हुआ है?” उन्होंने टीचरों से कहा, “आप बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। कोई बच्चा आपकी बात तक नहीं मानता। जो भी बच्चा बाहर है, उसकी गैर-हाजिरी लगाई जाए। यह स्कूल थोड़ी है, इसमें स्कूल जैसी कोई बात नहीं है। सारे टीचरों की शिकायत मुख्यमंत्री साहब और शिक्षा मंत्री को बकायदा लिखित रूप में भेजी जाएगी। सबका हाल खराब है। सरकार पैसे लगा रही है। आप क्या पढ़ाते हो? कोई बच्चा आपकी बात नहीं मान रहा है।” इसके बाद यह मामला गर्मा गया था। टीचरों ने इसका विरोध किया था। हालांकि शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस शुरू से ही टीचरों के पक्ष में थे। उन्होंने कहा था कि वह टीचरों का सत्कार करते हैं। टीचर बच्चों की संख्या तक नहीं बता पाए थे
इसके बाद मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि स्कूल में अनुशासन होना बहुत जरूरी है। स्कूल में 40 टीचर हैं, जिनमें से सात बिना बताए गैर-हाजिर थे। जबकि कुछ टीचर कार्यक्रम के बाद ऑफिस में बैठे थे। एक बच्ची ऑफिस के पीछे के रास्ते से आ रही थी। बच्चों को देखकर उसे डर लग रहा था। वहीं, टीचर यह जवाब भी नहीं दे पाए कि स्कूल में कितने बच्चे हैं। सरकारी कार्यक्रम के बाद 193 बच्चे उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि सरकार वेतन देती है, ऐसे में शिक्षकों को नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल में 45-46 लाख रुपए का काम शुरू किया गया है। विवादों से है पुराना नाता चेतन सिंह जौड़ामाजरा जब 2022 में सेहत मंत्री थे। उस समय फरीदकोट अस्पताल का दौरा किया था। इस दौरान वह स्किन वार्ड में पहुंचे। वहां गद्दे फटे और जले हुए थे। यह देख मंत्री जौड़ामाजरा तैश में आ गए। उन्होंने इस पर अफसरों से जवाबतलबी की जगह वाइस चांसलर को उसमें लेटने को कहा। वाइस चांसलर थोड़े हिचकिचा रहे थे, तो मंत्री ने खुद हाथ से पकड़कर उन्हें लेटने को कहा। उस वक्त पूरा स्टाफ और मीडिया वहां मौजूद थी। इसके बाद इसका वीडियो वायरल हो गया । इसके बाद यह मामला राजनीतिक रंग ले गया था। साथ ही डॉक्टरों की संस्था ने इसका विरोध किया था। जिसके बाद उन्हें पद से हटाया था। पटियाला स्थित समाना के सरकारी स्कूल में टीचरों को लेकर स्टेज से कहे गए शब्दों के लिए पूर्व स्वास्थ्य मंत्री और आम आदमी पार्टी के विधायक चेतन सिंह जौड़ामाजरा ने माफी मांग ली है। उन्होंने यह माफी उस समय मांगी है जब टीचरों ने पूरे प्रदेश में शुक्रवार से संघर्ष की चेतावनी दी हुई है। वहीं, विरोधी दल इस मामले को लेकर हमलावर रहे हैं। जौड़ामाजरा ने कहा कि, “मेरा मकसद टीचरों को ठेस पहुंचाना नहीं था। वे हमारे सत्कार योग्य हैं। वे हमारे गुरु हैं। मैं पूरे पंजाब के अध्यापकों से माफी मांगता हूं।” ऐसे चला था यह ड्रामा
चेतन सिंह जौड़ामाजरा शिक्षा क्रांति प्रोग्राम के तहत सात अप्रैल को समाना के स्कूल में गए थे। स्कूल के शिक्षकों ने बताया था वे तय समय से करीब एक घंटा देरी से पहुंचे थे। गर्मी बहुत ज्यादा थी। जैसे ही उन्हें मंच पर संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया गया तो, अधिकतर अभिभावक वहां से चले गए। टीचर भी कम थे, साथ ही बच्चे भी कम देखकर इसे उन्होंने कहा, “कौन सी कक्षाएं चल रही हैं? क्या सारे बच्चे उपस्थित हैं? कौन सी कक्षाएं यहां बैठी हैं? कितने टीचर गैर-हाजिर हैं? मुझे यह बताया जाए कि शिक्षक गैर-हाजिर क्यों हैं। क्या यह पहले से ही प्लान किया हुआ है?” उन्होंने टीचरों से कहा, “आप बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। कोई बच्चा आपकी बात तक नहीं मानता। जो भी बच्चा बाहर है, उसकी गैर-हाजिरी लगाई जाए। यह स्कूल थोड़ी है, इसमें स्कूल जैसी कोई बात नहीं है। सारे टीचरों की शिकायत मुख्यमंत्री साहब और शिक्षा मंत्री को बकायदा लिखित रूप में भेजी जाएगी। सबका हाल खराब है। सरकार पैसे लगा रही है। आप क्या पढ़ाते हो? कोई बच्चा आपकी बात नहीं मान रहा है।” इसके बाद यह मामला गर्मा गया था। टीचरों ने इसका विरोध किया था। हालांकि शिक्षामंत्री हरजोत सिंह बैंस शुरू से ही टीचरों के पक्ष में थे। उन्होंने कहा था कि वह टीचरों का सत्कार करते हैं। टीचर बच्चों की संख्या तक नहीं बता पाए थे
इसके बाद मंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि स्कूल में अनुशासन होना बहुत जरूरी है। स्कूल में 40 टीचर हैं, जिनमें से सात बिना बताए गैर-हाजिर थे। जबकि कुछ टीचर कार्यक्रम के बाद ऑफिस में बैठे थे। एक बच्ची ऑफिस के पीछे के रास्ते से आ रही थी। बच्चों को देखकर उसे डर लग रहा था। वहीं, टीचर यह जवाब भी नहीं दे पाए कि स्कूल में कितने बच्चे हैं। सरकारी कार्यक्रम के बाद 193 बच्चे उपस्थित थे। उन्होंने कहा कि सरकार वेतन देती है, ऐसे में शिक्षकों को नियमों का पालन करना होगा। उन्होंने यह भी बताया कि स्कूल में 45-46 लाख रुपए का काम शुरू किया गया है। विवादों से है पुराना नाता चेतन सिंह जौड़ामाजरा जब 2022 में सेहत मंत्री थे। उस समय फरीदकोट अस्पताल का दौरा किया था। इस दौरान वह स्किन वार्ड में पहुंचे। वहां गद्दे फटे और जले हुए थे। यह देख मंत्री जौड़ामाजरा तैश में आ गए। उन्होंने इस पर अफसरों से जवाबतलबी की जगह वाइस चांसलर को उसमें लेटने को कहा। वाइस चांसलर थोड़े हिचकिचा रहे थे, तो मंत्री ने खुद हाथ से पकड़कर उन्हें लेटने को कहा। उस वक्त पूरा स्टाफ और मीडिया वहां मौजूद थी। इसके बाद इसका वीडियो वायरल हो गया । इसके बाद यह मामला राजनीतिक रंग ले गया था। साथ ही डॉक्टरों की संस्था ने इसका विरोध किया था। जिसके बाद उन्हें पद से हटाया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
