कुत्तों के आतंक से बच्चों ने स्कूल छोड़ा:फर्रुखाबाद में घर में घुसकर बच्चे को खा गए; मां बोली- आंखों के सामने नोचते रहे

कुत्तों के आतंक से बच्चों ने स्कूल छोड़ा:फर्रुखाबाद में घर में घुसकर बच्चे को खा गए; मां बोली- आंखों के सामने नोचते रहे

गांव में कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। डर की वजह से लोग बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे। गांव में ही प्राथमिक स्कूल है। अधिकांश बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। कुछ जा रहे, तो उन्हें परिजन छोड़ने जाते हैं। उम्रदराज लोग भी झुंड में लाठी-डंडे लेकर निकल रहे हैं। ये हाल फर्रुखाबाद से 5 किलोमीटर दूर रामनगर कुटरा गांव का है। जहां सोमवार शाम को 5 महीने के बच्चे को कुत्ते खा गए। मां शिखा ने बताया- मैं बेटे को लिटाकर पानी भरने गई थी। पानी भर ही रही थी कि कुत्ते आ गए और बेटे को नोचने लगे। बचाने के लिए दौड़ी तो मुझपर भी हमला कर दिया। मैं चिल्लाती रही। मेरी आंखों के सामने ही बेटे को कुत्तों ने नोच-नोचकर मार डाला। दैनिक भास्कर की टीम रामनगर कुटरा गांव पहुंची। कुत्तों के हमले को लेकर बच्चे के परिजनों और ग्रामीणों से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले पढ़िए परिजनों से बातचीत भास्कर टीम रामनगर कुटरा गांव पहुंची। गांव में 80 से 100 घर हैं। आबादी करीब 700 की है। गांव में लाइट नहीं है। पक्की सड़क नहीं है। अधिकतर कच्चे मकान हैं। कुछ ही लोगों के यहां नल है। लोग सरकारी हैंडपंप से पानी भरते हैं। टीम लोगों से पूछते हुए पीड़ित परिवार के घर पहुंची। वहां 5 महीने के बच्चे धीरज के पिता राजू मिले। राजू ने बताया- हम काम पर गए थे। मेरा सबसे छोटा बच्चा धीरज सो रहा था। मेरी पत्नी के सामने मेरे बच्चे को कुत्ते खा रहे थे। वो देखकर चिल्लाने लगी। उसने छुड़ाने की कोशिश की। उसके पूरे शरीर पर जख्म थे। पूरी चारपाई खून से लाल थी। मैं मजदूरी करता हूं। मेरे गांव में बहुत कुत्ते हैं। लेकिन बेटे को नोचने वाले कुत्ते बाहरी थे। पहले छोटी-मोटी घटनाएं होती थीं। लेकिन तो उन्होंने बेटे को मार दिया। गांव में बाहरी कुत्ते आए, वह बहुत खतरनाक
राजू ने बताया- मंगलवार को अधिकारी आए थे। वह मकान और सड़क बनवाने का आश्वासन देकर गए हैं। पानी की सप्लाई के लिए पाइप लाइन डाली जा रही है। बच्चे की दादी ने बताया- मैं घर पर नहीं थी। अन्य परिजन के साथ दूसरे गांव में रहती हूं। मुझे जानकारी मिली की मेरे पोते को कुत्तों ने मार डाला है। तब मैं घर पर आई। कुछ दिनों से हमारे गांव में बाहरी कुत्ते आए हैं। वह बहुत खतरनाक हैं। आय दिन लोगों को काट लेते हैं। मैं चिल्लाती रही, कुत्तों मेरे बेटे को नोंचते रहे
मां शिखा ने बताया – मेरे 5 महीने के बच्चे कुत्तों ने मार डाला है। मैं कुछ न कर सकी। मैं केवल चिल्लाती रही। घर पर कोई होता तो मेरे बच्चे को बचा लेता। मैं पानी लेने गई थी। 200 मीटर की दूरी पर सरकारी हैंडपंप है। उसी समय कुत्तों ने हमला कर दिया। मुझ पर भी हमला करके गिरा दिया। तभी पड़ोस के लोग आ गए, तब कुत्ते भागे, लेकिन तब तक मेरे बच्चे की मौत हो चुकी थी। मेरे बच्चों को कुत्ते आधे से ज्यादा खा गए। उसके शरीर पर 50 जख्म के निशान थे। अब पढ़िए गांव वालों ने क्या बताया… गांव की राममती ने बताया- मेरा घर पास में ही है। धीरज मेरा भतीजा था। गांव के पास में ही जंगल है। कई बार जंगल से खतरनाक कुत्ते आ जाते हैं। आय दिन लोगों पर हमला कर देते हैं। इस घटना के बाद से गांव में दहशत है। लोग अपने बच्चों को अकेला नहीं छोड़ रहे हैं। उन्हें कहीं जाना भी होता है तो बड़े लोग उनके साथ जाते हैं। अब तो बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर लगता है। राजू के घर पर गेट नहीं है। इसलिए ये कुत्ते घर के अंदर घुस आए। कई बार प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया जा चुका है। लेकिन कुछ नहीं हुआ है। हम लोगों को भी अपने बच्चों को लेकर चिंता हो रही है। लेकिन प्रशासन की तरफ से कुछ नहीं किया गया। गांव में 20 से 30 कुत्ते, लेकिन यह पहली घटना
ग्रामीणों ने बताया- गांव में 20 से 30 कुत्ते हैं। जिन कुत्तों ने बच्चे को मार दिया, तो जंगल से आए थे। ग्रामीणों ने उनको भगा दिया। हालांकि गांव के लोग अभी भी डरे हुए हैं। कोई भी अपने बच्चों को बाहर खेलने के लिए नहीं भेज रहा है। बुजुर्गों को भी खतरा है, इसलिए उन्हें भी अकेले घर से निकलने नहीं दिया जा रहा है। ब्लॉक क्षेत्र में यह पहली घटना घटी है। अब बच्चों को घर के बाहर अकेला नहीं छोड़ते हैं। गांव में ही प्राथमिक स्कूल है। बहुत से बच्चे तो स्कूल जाना ही छोड़ दिए हैं। कुछ जा रहे हैं, तो कोई न कोई उन्हें छोड़ने जाता है। छुट्‌टी के समय लोग बच्चों को लेने जाते हैं। एक महीने में 6000 को लगी एआरबी
शहर से लेकर गांव तक कुत्तों और बंदरों का आतंक है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिले में हर महीने 5500 से 6000 लोगों को वैक्सीन लग रही है। लोहिया अस्पताल के आंकड़ों पर नजर डाले तो 1 अप्रैल से 9 अप्रैल तक लोहिया अस्पताल में 492 लोगों को एआरवी वैक्सीन लगाई गई है। यह वैक्सीन बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को लगी है। परिवार को जल्द मिलेगा पीएम आवास का पैसा
खण्ड विकास अधिकारी बढ़पुर अमरेश चौहान ने बताया- राजू का इस बार आवास प्लस सर्वे में नाम शामिल हो गया है। पीएम आवास योजना के तहत उन्हें अनुदान दिया जाएगा। शौचालय, राशन कार्ड और मनरेगा जॉब कार्ड की सुविधा परिवार को पहले से ही मिल रही है। हर घर नल योजना के तहत पाइपलाइन तो बिछ गई है। लेकिन पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। इसके लिए जनजीवन मिशन ग्रामीण को सूचना दी गई है। आवारा कुत्ते इतने खूंखार क्यों? आवारा कुत्तों के हमलावर होने और खूंखार होने के पीछे के कारण को जानने के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुराग से बातचीत की गई। उन्होंने इस पर विस्तार से बताया। 6 प्वाइंट में समझिए… अब पढ़िए क्या था मामला
रामनगर कुटरा निवासी राजू कुशवाहा झोपड़ी में पत्नी शिखा और 6 बच्चों के साथ रहते हैं। पानी के लिए हर घर नल योजना के तहत टोटी लगी है, लेकिन एक वर्ष से उसमें पानी नहीं आया है। मजबूरी में राजू की पत्नी शिखा करीब 200 मीटर दूर लगे हैड पम्प से पानी भरकर लाती है। सोमवार को भी बच्चे को लेटाकर पानी भरने गई थी। इस दौरान दो कुत्ते आए। उन्होंने बच्चे पर हमला कर दिया। उसे शरीर पर जगह-जगह काटा। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर मां दौड़ती हुई पहुंची। कुत्तों ने मां पर भी हमला कर दिया। आस-पड़ोस के लोग जब लाठी लेकर आए, तब कुत्ते भागे। बच्चा बुरी तरह से खून से लथपथ पड़ा था। बच्चे की पीठ पर 50 से ज्यादा जख्म थे। खून ज्यादा बहने की वजह से बच्चे की मौत हो गई। 3 बेटियों और 3 बेटों में धीरज सबसे छोटा था। कुत्तों के काटने पर क्या करना चाहिए ———————————— ये खबर भी पढ़ें… घर से बाहर निकलने पर नोंच–खा जाते हैं कुत्ते:बहराइच के गांवों में सन्नाटा, बच्चों ने स्कूल छोड़ा; लाठी-डंडा लेकर निकल रहे लोग सावधान, सावधान, सावधान…आपको सूचित किया जाता है कि आपके गांव के कुत्ते आदमखोर हो गए हैं। हमला कर रहे हैं। आप सभी लोग घर से जब भी निकलें तो हाथ में लाठी- डंडा लेकर…ये कुत्ते झुंड में रहते हैं, अकेले और निहत्था देखकर हमला कर देते हैं। बहराइच जिला प्रशासन यह अनाउंसमेंट गांव-गांव तक करा रहा है। पढ़ें पूरी खबर… गांव में कुत्तों ने आतंक मचा रखा है। डर की वजह से लोग बच्चों को घर से बाहर नहीं निकलने दे रहे। गांव में ही प्राथमिक स्कूल है। अधिकांश बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। कुछ जा रहे, तो उन्हें परिजन छोड़ने जाते हैं। उम्रदराज लोग भी झुंड में लाठी-डंडे लेकर निकल रहे हैं। ये हाल फर्रुखाबाद से 5 किलोमीटर दूर रामनगर कुटरा गांव का है। जहां सोमवार शाम को 5 महीने के बच्चे को कुत्ते खा गए। मां शिखा ने बताया- मैं बेटे को लिटाकर पानी भरने गई थी। पानी भर ही रही थी कि कुत्ते आ गए और बेटे को नोचने लगे। बचाने के लिए दौड़ी तो मुझपर भी हमला कर दिया। मैं चिल्लाती रही। मेरी आंखों के सामने ही बेटे को कुत्तों ने नोच-नोचकर मार डाला। दैनिक भास्कर की टीम रामनगर कुटरा गांव पहुंची। कुत्तों के हमले को लेकर बच्चे के परिजनों और ग्रामीणों से बात की। पढ़िए पूरी रिपोर्ट… पहले पढ़िए परिजनों से बातचीत भास्कर टीम रामनगर कुटरा गांव पहुंची। गांव में 80 से 100 घर हैं। आबादी करीब 700 की है। गांव में लाइट नहीं है। पक्की सड़क नहीं है। अधिकतर कच्चे मकान हैं। कुछ ही लोगों के यहां नल है। लोग सरकारी हैंडपंप से पानी भरते हैं। टीम लोगों से पूछते हुए पीड़ित परिवार के घर पहुंची। वहां 5 महीने के बच्चे धीरज के पिता राजू मिले। राजू ने बताया- हम काम पर गए थे। मेरा सबसे छोटा बच्चा धीरज सो रहा था। मेरी पत्नी के सामने मेरे बच्चे को कुत्ते खा रहे थे। वो देखकर चिल्लाने लगी। उसने छुड़ाने की कोशिश की। उसके पूरे शरीर पर जख्म थे। पूरी चारपाई खून से लाल थी। मैं मजदूरी करता हूं। मेरे गांव में बहुत कुत्ते हैं। लेकिन बेटे को नोचने वाले कुत्ते बाहरी थे। पहले छोटी-मोटी घटनाएं होती थीं। लेकिन तो उन्होंने बेटे को मार दिया। गांव में बाहरी कुत्ते आए, वह बहुत खतरनाक
राजू ने बताया- मंगलवार को अधिकारी आए थे। वह मकान और सड़क बनवाने का आश्वासन देकर गए हैं। पानी की सप्लाई के लिए पाइप लाइन डाली जा रही है। बच्चे की दादी ने बताया- मैं घर पर नहीं थी। अन्य परिजन के साथ दूसरे गांव में रहती हूं। मुझे जानकारी मिली की मेरे पोते को कुत्तों ने मार डाला है। तब मैं घर पर आई। कुछ दिनों से हमारे गांव में बाहरी कुत्ते आए हैं। वह बहुत खतरनाक हैं। आय दिन लोगों को काट लेते हैं। मैं चिल्लाती रही, कुत्तों मेरे बेटे को नोंचते रहे
मां शिखा ने बताया – मेरे 5 महीने के बच्चे कुत्तों ने मार डाला है। मैं कुछ न कर सकी। मैं केवल चिल्लाती रही। घर पर कोई होता तो मेरे बच्चे को बचा लेता। मैं पानी लेने गई थी। 200 मीटर की दूरी पर सरकारी हैंडपंप है। उसी समय कुत्तों ने हमला कर दिया। मुझ पर भी हमला करके गिरा दिया। तभी पड़ोस के लोग आ गए, तब कुत्ते भागे, लेकिन तब तक मेरे बच्चे की मौत हो चुकी थी। मेरे बच्चों को कुत्ते आधे से ज्यादा खा गए। उसके शरीर पर 50 जख्म के निशान थे। अब पढ़िए गांव वालों ने क्या बताया… गांव की राममती ने बताया- मेरा घर पास में ही है। धीरज मेरा भतीजा था। गांव के पास में ही जंगल है। कई बार जंगल से खतरनाक कुत्ते आ जाते हैं। आय दिन लोगों पर हमला कर देते हैं। इस घटना के बाद से गांव में दहशत है। लोग अपने बच्चों को अकेला नहीं छोड़ रहे हैं। उन्हें कहीं जाना भी होता है तो बड़े लोग उनके साथ जाते हैं। अब तो बच्चों को स्कूल भेजने में भी डर लगता है। राजू के घर पर गेट नहीं है। इसलिए ये कुत्ते घर के अंदर घुस आए। कई बार प्रधानमंत्री आवास के लिए आवेदन किया जा चुका है। लेकिन कुछ नहीं हुआ है। हम लोगों को भी अपने बच्चों को लेकर चिंता हो रही है। लेकिन प्रशासन की तरफ से कुछ नहीं किया गया। गांव में 20 से 30 कुत्ते, लेकिन यह पहली घटना
ग्रामीणों ने बताया- गांव में 20 से 30 कुत्ते हैं। जिन कुत्तों ने बच्चे को मार दिया, तो जंगल से आए थे। ग्रामीणों ने उनको भगा दिया। हालांकि गांव के लोग अभी भी डरे हुए हैं। कोई भी अपने बच्चों को बाहर खेलने के लिए नहीं भेज रहा है। बुजुर्गों को भी खतरा है, इसलिए उन्हें भी अकेले घर से निकलने नहीं दिया जा रहा है। ब्लॉक क्षेत्र में यह पहली घटना घटी है। अब बच्चों को घर के बाहर अकेला नहीं छोड़ते हैं। गांव में ही प्राथमिक स्कूल है। बहुत से बच्चे तो स्कूल जाना ही छोड़ दिए हैं। कुछ जा रहे हैं, तो कोई न कोई उन्हें छोड़ने जाता है। छुट्‌टी के समय लोग बच्चों को लेने जाते हैं। एक महीने में 6000 को लगी एआरबी
शहर से लेकर गांव तक कुत्तों और बंदरों का आतंक है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिले में हर महीने 5500 से 6000 लोगों को वैक्सीन लग रही है। लोहिया अस्पताल के आंकड़ों पर नजर डाले तो 1 अप्रैल से 9 अप्रैल तक लोहिया अस्पताल में 492 लोगों को एआरवी वैक्सीन लगाई गई है। यह वैक्सीन बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को लगी है। परिवार को जल्द मिलेगा पीएम आवास का पैसा
खण्ड विकास अधिकारी बढ़पुर अमरेश चौहान ने बताया- राजू का इस बार आवास प्लस सर्वे में नाम शामिल हो गया है। पीएम आवास योजना के तहत उन्हें अनुदान दिया जाएगा। शौचालय, राशन कार्ड और मनरेगा जॉब कार्ड की सुविधा परिवार को पहले से ही मिल रही है। हर घर नल योजना के तहत पाइपलाइन तो बिछ गई है। लेकिन पानी की सप्लाई शुरू नहीं हो सकी है। इसके लिए जनजीवन मिशन ग्रामीण को सूचना दी गई है। आवारा कुत्ते इतने खूंखार क्यों? आवारा कुत्तों के हमलावर होने और खूंखार होने के पीछे के कारण को जानने के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ अनुराग से बातचीत की गई। उन्होंने इस पर विस्तार से बताया। 6 प्वाइंट में समझिए… अब पढ़िए क्या था मामला
रामनगर कुटरा निवासी राजू कुशवाहा झोपड़ी में पत्नी शिखा और 6 बच्चों के साथ रहते हैं। पानी के लिए हर घर नल योजना के तहत टोटी लगी है, लेकिन एक वर्ष से उसमें पानी नहीं आया है। मजबूरी में राजू की पत्नी शिखा करीब 200 मीटर दूर लगे हैड पम्प से पानी भरकर लाती है। सोमवार को भी बच्चे को लेटाकर पानी भरने गई थी। इस दौरान दो कुत्ते आए। उन्होंने बच्चे पर हमला कर दिया। उसे शरीर पर जगह-जगह काटा। बच्चे की रोने की आवाज सुनकर मां दौड़ती हुई पहुंची। कुत्तों ने मां पर भी हमला कर दिया। आस-पड़ोस के लोग जब लाठी लेकर आए, तब कुत्ते भागे। बच्चा बुरी तरह से खून से लथपथ पड़ा था। बच्चे की पीठ पर 50 से ज्यादा जख्म थे। खून ज्यादा बहने की वजह से बच्चे की मौत हो गई। 3 बेटियों और 3 बेटों में धीरज सबसे छोटा था। कुत्तों के काटने पर क्या करना चाहिए ———————————— ये खबर भी पढ़ें… घर से बाहर निकलने पर नोंच–खा जाते हैं कुत्ते:बहराइच के गांवों में सन्नाटा, बच्चों ने स्कूल छोड़ा; लाठी-डंडा लेकर निकल रहे लोग सावधान, सावधान, सावधान…आपको सूचित किया जाता है कि आपके गांव के कुत्ते आदमखोर हो गए हैं। हमला कर रहे हैं। आप सभी लोग घर से जब भी निकलें तो हाथ में लाठी- डंडा लेकर…ये कुत्ते झुंड में रहते हैं, अकेले और निहत्था देखकर हमला कर देते हैं। बहराइच जिला प्रशासन यह अनाउंसमेंट गांव-गांव तक करा रहा है। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर