13 वाइल्डलाइफ सैंक्चुरीज को ईको सेंसिटिव जोन घोषित:पंजाब सरकार की सुखना लेक को लेकर प्लानिंग, रिपोर्ट को कैबिनेट की मंजूरी, केंद्र को भेजेंगे

13 वाइल्डलाइफ सैंक्चुरीज को ईको सेंसिटिव जोन घोषित:पंजाब सरकार की सुखना लेक को लेकर प्लानिंग, रिपोर्ट को कैबिनेट की मंजूरी, केंद्र को भेजेंगे

पंजाब सरकार ने राज्य की 13 वाइल्डलाइफ सैंक्चुरीज को ईको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया है, जिसके तहत इन क्षेत्रों के 100 मीटर के भीतर किसी भी प्रकार के निर्माण पर पाबंदी लगा दी गई। यह बात पंजाब के मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने कही है। वहीं, उन्होंने कहा कि 14वां स्थान सुखना झील का है, जो कि एक ओर यूटी (चंडीगढ़), दूसरी ओर हरियाणा और तीसरी ओर पंजाब से लगती है। उसे भारत सरकार ने 100 मीटर के दायरे में शामिल नहीं माना। इसको लेकर सरकार ने नई योजना के तहत लोगों से बातचीत के आधार पर तैयार कर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है। जिसमें कहा गया है कि इस एरिया में 100 मीटर वाला ही कानून लागू हो। साथ ही इस बारे में केंद्र सरकार को भी मेमोरेंडम भेजने जा रही है। अब केंद्र सरकार को भेजेंगे मेमोरेंडम मंत्री ने बताया कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब सरकार को एक मांग पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए, और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए कि वहां के निवासियों से बातचीत की जाए। इस पर कार्रवाई करते हुए सीएम द्वारा एक तीन-सदस्यीय समिति गठित की गई। बैठकें आयोजित करने और लोगों की समस्याएं सुनने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट को भेजा गया और यह मांग रखी गई कि इस क्षेत्र को भी ईको सेंसिटिव जोन घोषित किया जाए। जो मांग पत्र तैयार किया गया था, उसे कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी है। पंजाब सरकार के इस फैसले से लोगों को राहत मिलेगी और इस मेमोरेंडम को केंद्र सरकार को भी भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने यहां के निवासियों से जो वादा किया था, वह पूरा किया गया है और लोगों में खुशी की लहर है। हालांकि इससे पहले नयागांव समेत गांव के लोग मुश्किल में आ गए थे। क्योंकि उनके घर इसकी चपेट में आ गए थे। बीजेपी ने इस मामले को लेकर संघर्ष शुरू किया था। गया। वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी के नियम देश भर में जो वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी (वन्यजीव अभयारण्य) हैं, उनके संबंध में वर्ष 2002 में भारतीय वाइल्डलाइफ बोर्ड द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि एक ईको सेंसिटिव योजना अपनाई जाएगी, जिसके तहत भारत की सभी वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी को ईको सेंसिटिव ज़ोन घोषित किया जाएगा। इसके अनुसार यह क्षेत्र संवेदनशील माने जाते हैं और पूरे देश में इनके आसपास 100 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता। यदि कोई निर्माण कार्य होता भी है, तो वह 100 मीटर के बाहर ही किया जा सकता है। यह प्रक्रिया पूरे देश में लागू की गई। पंजाब सरकार ने राज्य की 13 वाइल्डलाइफ सैंक्चुरीज को ईको सेंसिटिव जोन घोषित कर दिया है, जिसके तहत इन क्षेत्रों के 100 मीटर के भीतर किसी भी प्रकार के निर्माण पर पाबंदी लगा दी गई। यह बात पंजाब के मंत्री लाल चंद कटारूचक्क ने कही है। वहीं, उन्होंने कहा कि 14वां स्थान सुखना झील का है, जो कि एक ओर यूटी (चंडीगढ़), दूसरी ओर हरियाणा और तीसरी ओर पंजाब से लगती है। उसे भारत सरकार ने 100 मीटर के दायरे में शामिल नहीं माना। इसको लेकर सरकार ने नई योजना के तहत लोगों से बातचीत के आधार पर तैयार कर अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी है। जिसमें कहा गया है कि इस एरिया में 100 मीटर वाला ही कानून लागू हो। साथ ही इस बारे में केंद्र सरकार को भी मेमोरेंडम भेजने जा रही है। अब केंद्र सरकार को भेजेंगे मेमोरेंडम मंत्री ने बताया कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंजाब सरकार को एक मांग पत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए, और इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए कि वहां के निवासियों से बातचीत की जाए। इस पर कार्रवाई करते हुए सीएम द्वारा एक तीन-सदस्यीय समिति गठित की गई। बैठकें आयोजित करने और लोगों की समस्याएं सुनने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की गई, जिसे सुप्रीम कोर्ट को भेजा गया और यह मांग रखी गई कि इस क्षेत्र को भी ईको सेंसिटिव जोन घोषित किया जाए। जो मांग पत्र तैयार किया गया था, उसे कैबिनेट ने मंज़ूरी दे दी है। पंजाब सरकार के इस फैसले से लोगों को राहत मिलेगी और इस मेमोरेंडम को केंद्र सरकार को भी भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने यहां के निवासियों से जो वादा किया था, वह पूरा किया गया है और लोगों में खुशी की लहर है। हालांकि इससे पहले नयागांव समेत गांव के लोग मुश्किल में आ गए थे। क्योंकि उनके घर इसकी चपेट में आ गए थे। बीजेपी ने इस मामले को लेकर संघर्ष शुरू किया था। गया। वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी के नियम देश भर में जो वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी (वन्यजीव अभयारण्य) हैं, उनके संबंध में वर्ष 2002 में भारतीय वाइल्डलाइफ बोर्ड द्वारा यह निर्णय लिया गया था कि एक ईको सेंसिटिव योजना अपनाई जाएगी, जिसके तहत भारत की सभी वाइल्डलाइफ सैंक्चुरी को ईको सेंसिटिव ज़ोन घोषित किया जाएगा। इसके अनुसार यह क्षेत्र संवेदनशील माने जाते हैं और पूरे देश में इनके आसपास 100 मीटर के दायरे में किसी प्रकार का निर्माण नहीं किया जा सकता। यदि कोई निर्माण कार्य होता भी है, तो वह 100 मीटर के बाहर ही किया जा सकता है। यह प्रक्रिया पूरे देश में लागू की गई।   पंजाब | दैनिक भास्कर