Maharashtra: शरद पवार से मुलाकात पर सवाल सुनकर भड़के अजित पवार, बोले- ‘मुझे नहीं पता कि…’

Maharashtra: शरद पवार से मुलाकात पर सवाल सुनकर भड़के अजित पवार, बोले- ‘मुझे नहीं पता कि…’

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> महाराष्ट्र में हाल ही में उप-मुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार और एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार साथ में दिखे थे, जिससे राजनीति में संभावित बदलावों के कयास लगाए जाने लगे. यह मुलाकात सतारा के छत्रपति शिवाजी कॉलेज में रयत शिक्षण संस्था की प्रबंध परिषद की बैठक के दौरान हुई. हालांकि, यह एक शैक्षणिक संस्था की औपचारिक बैठक थी, लेकिन जैसे ही मीडिया ने इसे लेकर सवाल उठाए, अजित पवार भड़क गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अजित पवार ने कहा, “मुझे नहीं पता कि आप पुराने मुद्दे फिर क्यों उठा रहे हैं. यह संस्था सभी की है, और साहेब (शरद पवार) इसके प्रमुख हैं. मुझे बैठक के लिए बुलाया गया था और इसलिए बैठक में शामिल होना मेरा कर्तव्य था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2023 में अलग हुए थे अजित पवार</strong><br />दरअसल, यह बैठक तब चर्चा में आई जब शरद पवार, अजित पवार, NCP नेता दिलीप वलसे पाटिल और कांग्रेस नेता विश्वजीत कदम एक ही मंच पर बैठे नजर आए. चाचा-भतीजे के बीच जुलाई 2023 में राजनीतिक दूरी तब बढ़ गई थी, जब अजित पवार पार्टी के कुछ विधायकों के साथ अलग हो गए और <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> सरकार का हिस्सा बने. इसके बाद दोनों गुटों के बीच लगातार टकराव की स्थिति बनी रही है, ऐसे में किसी भी सार्वजनिक मंच पर उनकी मौजूदगी चर्चा का विषय बन जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सगाई समारोह में भी साथ नजर आए थे शरद पवार-अजित पवार</strong><br />शरद पवार रयत शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हैं, जिसकी स्थापना 1919 में कर्मवीर भाऊराव पाटिल ने की थी. इस हफ्ते यह दूसरी बार था जब दोनों नेता एक साथ नजर आए. इससे पहले शरद पवार, अजित पवार के बेटे जय पवार की सगाई समारोह में भी पहुंचे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रयत शिक्षण संस्था के अध्यक्ष शरद पवार ने बताया कि बैठक में &lsquo;रयत&rsquo; नामक एक मासिक पत्रिका शुरू करने का फैसला लिया गया है, जिसमें शिक्षा, विज्ञान, स्वास्थ्य, साहित्य और सामाजिक विषयों पर लेख शामिल होंगे. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स और 3डी प्रिंटिंग जैसे आधुनिक तकनीकी विषयों पर पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजनीतिक विश्लेषकों का क्या है कहना?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भले ही यह मंच शैक्षणिक था, लेकिन शरद और अजित पवार की साथ मौजूदगी ने राज्य की राजनीति में नई अटकलों को जन्म दे दिया है. खासकर तब जब 2024 के चुनावों में अजित पवार की NCP ने 41 सीटें जीतीं, जबकि शरद पवार गुट को मात्र 10 सीटों पर ही सफलता मिली थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल तो दोनों नेताओं ने राजनीतिक समीकरणों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है, लेकिन आने वाले दिनों में इन मुलाकातों के मायने क्या होंगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> महाराष्ट्र में हाल ही में उप-मुख्यमंत्री और एनसीपी प्रमुख अजित पवार और एनसीपी-एसपी प्रमुख शरद पवार साथ में दिखे थे, जिससे राजनीति में संभावित बदलावों के कयास लगाए जाने लगे. यह मुलाकात सतारा के छत्रपति शिवाजी कॉलेज में रयत शिक्षण संस्था की प्रबंध परिषद की बैठक के दौरान हुई. हालांकि, यह एक शैक्षणिक संस्था की औपचारिक बैठक थी, लेकिन जैसे ही मीडिया ने इसे लेकर सवाल उठाए, अजित पवार भड़क गए.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अजित पवार ने कहा, “मुझे नहीं पता कि आप पुराने मुद्दे फिर क्यों उठा रहे हैं. यह संस्था सभी की है, और साहेब (शरद पवार) इसके प्रमुख हैं. मुझे बैठक के लिए बुलाया गया था और इसलिए बैठक में शामिल होना मेरा कर्तव्य था.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2023 में अलग हुए थे अजित पवार</strong><br />दरअसल, यह बैठक तब चर्चा में आई जब शरद पवार, अजित पवार, NCP नेता दिलीप वलसे पाटिल और कांग्रेस नेता विश्वजीत कदम एक ही मंच पर बैठे नजर आए. चाचा-भतीजे के बीच जुलाई 2023 में राजनीतिक दूरी तब बढ़ गई थी, जब अजित पवार पार्टी के कुछ विधायकों के साथ अलग हो गए और <a title=”एकनाथ शिंदे” href=”https://www.abplive.com/topic/eknath-shinde” data-type=”interlinkingkeywords”>एकनाथ शिंदे</a> सरकार का हिस्सा बने. इसके बाद दोनों गुटों के बीच लगातार टकराव की स्थिति बनी रही है, ऐसे में किसी भी सार्वजनिक मंच पर उनकी मौजूदगी चर्चा का विषय बन जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सगाई समारोह में भी साथ नजर आए थे शरद पवार-अजित पवार</strong><br />शरद पवार रयत शिक्षण संस्था के अध्यक्ष हैं, जिसकी स्थापना 1919 में कर्मवीर भाऊराव पाटिल ने की थी. इस हफ्ते यह दूसरी बार था जब दोनों नेता एक साथ नजर आए. इससे पहले शरद पवार, अजित पवार के बेटे जय पवार की सगाई समारोह में भी पहुंचे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>रयत शिक्षण संस्था के अध्यक्ष शरद पवार ने बताया कि बैठक में &lsquo;रयत&rsquo; नामक एक मासिक पत्रिका शुरू करने का फैसला लिया गया है, जिसमें शिक्षा, विज्ञान, स्वास्थ्य, साहित्य और सामाजिक विषयों पर लेख शामिल होंगे. साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता, रोबोटिक्स और 3डी प्रिंटिंग जैसे आधुनिक तकनीकी विषयों पर पाठ्यक्रम भी शुरू किए जाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>राजनीतिक विश्लेषकों का क्या है कहना?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भले ही यह मंच शैक्षणिक था, लेकिन शरद और अजित पवार की साथ मौजूदगी ने राज्य की राजनीति में नई अटकलों को जन्म दे दिया है. खासकर तब जब 2024 के चुनावों में अजित पवार की NCP ने 41 सीटें जीतीं, जबकि शरद पवार गुट को मात्र 10 सीटों पर ही सफलता मिली थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>फिलहाल तो दोनों नेताओं ने राजनीतिक समीकरणों पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है, लेकिन आने वाले दिनों में इन मुलाकातों के मायने क्या होंगे, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं.</p>  महाराष्ट्र दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रिंसिपल ने कॉलेज की दीवारों को गोबर से लीपा, बोलीं- ‘इसको छूने से…’