हर्षा रिछारिया की पदयात्रा में पहुंची मुस्लिम युवती:बोली- सनातन के प्रति युवाओं को जगाने आई हूं; जन्मस्थान पर कान्हा का मंदिर बने

हर्षा रिछारिया की पदयात्रा में पहुंची मुस्लिम युवती:बोली- सनातन के प्रति युवाओं को जगाने आई हूं; जन्मस्थान पर कान्हा का मंदिर बने

महाकुंभ से चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया वृंदावन से संभल तक की पदयात्रा पर निकली हैं। इसमें शामिल होने के लिए मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान के पास रहने वाली अलीशा खान भी पहुंचीं। वह नकाब पहने थी। उन्होंने माथे पर टीका लगवाया। अलीशा का कहना है कि हर्षा के साथ जुड़कर मैं भी सनातन के प्रति युवाओं को जगाने आई हूं। सनातन में महिलाओं का सम्मान है। हमारे यहां यह सब नहीं है। लड़कियों को बंद रखा जाता है। इज्जत नहीं है। सनातन में लड़कियों को लक्ष्मी के समान माना जाता है। हमारे धर्म में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा- मथुरा में जन्मस्थान पर कान्हा का मंदिर बनना चाहिए। हिंदुओं को उनका हक मिलना चाहिए। अलीशा ने 8 महीने पहले मथुरा के सचिन से लव मैरिज की है। वह प्रेमानंद महाराज के पास भी जाती हैं। मंदिर भी जाती हैं। इससे उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ता है। पदयात्रा में पहुंची अलीशा से भास्कर रिपोर्टर ने बात की। पढ़िए 10 सवाल और जवाब… सवाल : इस पदयात्रा में जुड़ने का उद्देश्य क्या रहा?
जवाब : मैं सनातन धर्म को शुरू से मानती हूं। सनातन के प्रति युवाओं को जागरूक करने के लिए हर्षा रिछारिया ने पदयात्रा शुरू की है। मैं भी इस पदयात्रा में पहुंची हूं। मैं भी चाहती हूं कि सनातन से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़े। सवाल : आपने माथे पर टीका लगाया, जो आपके धर्म में स्वीकार नहीं है, क्या कहेंगी?
जवाब : मैं इस धर्म में भले नहीं हूं, लेकिन ये सब मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं पहले भी अपने घर से मंदिर जाती थी। शुरू से रामजी, कृष्ण जी की पूजा करती हूं। सवाल : सनातन धर्म के प्रति लगाव कैसे हुआ?
जवाब : मैंने देखा कि सनातन धर्म में लोगों की इज्जत होती है। सनातन धर्म में बेटियां लक्ष्मी के समान माना जाता है। हमारे धर्म में ऐसा नहीं है। सवाल : मुस्लिम समुदाय कहता है कि हमारे यहां मूर्ति पूजा, टीका और भगवान की पूजा करना स्वीकार नहीं, क्या कहेंगी?
जवाब : इस्लाम में तो कुछ है ही नहीं, सिर्फ बंद घर में रहो। शादी करो, तलाक करो, एक के साथ रहो… दो के साथ रहो। लेकिन, सनातन में ऐसा कुछ नहीं है। सवाल : आज आप पदयात्रा में शामिल हो रहीं तो घर वाले विरोध नहीं करेंगे?
जवाब : वो विरोध करें, मुझे इससे कोई मतलब नहीं। मेरा दिल जो कहेगा, मैं वो करूंगी। मेरे दिल ने कहा कि पदयात्रा में शामिल होना है तो मैं आ गई। सवाल : कितने साल पहले सनातन में आई?
जवाब : वैसे तो मैं बहुत दिनों से सनातन से जुड़ी हूं। मेरे मम्मी-पापा इसका विरोध करते थे, लेकिन उनकी नहीं सुनती थी। सनातन को लेकर उनसे लड़ भी जाती थी। सवाल : मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की मांग हो रही, मुस्लिम पक्ष कह रहा कि वो ईदगाह है, क्या कहेंगी?
जवाब : जन्मस्थान पर कान्हा का मंदिर बनना चाहिए। हिंदुओं का हक है तो उन्हें वापस मिलना चाहिए। सवाल : हर्षा की पदयात्रा का किस तरह सपोर्ट कर रही हैं?
जवाब : मुझे हर्षा की बातें अच्छी लगती हैं। महाकुंभ से ही उनसे प्रेरित हुई हूं। मैं उनके साथ हूं। आज उनसे जुड़कर बहुत अच्छा लग रहा है। सवाल : सनातन धर्म में ऐसा कौन-सा धर्म गुरु हैं, जिनकी बातों ने आपको प्रभावित किया?
जवाब : मुझे प्रेमानंद जी की बातें अच्छी लगती हैं। मैं उनके दर्शन भी करने जाती हूं। जीवन में उनकी बातों का पालन भी करती हूं। सवाल : पदयात्रा में जुड़ने पर आपको विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है, क्या कहेंगी?
जवाब : मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध तो करेंगे ही, पहले भी ऐसे लोग विरोध करते रहे हैं। वो चाहते हैं कि हमारी बेटियां घर में बंद रहें। कहीं न जाएं। महाकुंभ से चर्चा में आईं हर्षा रिछारिया वृंदावन से संभल तक की पदयात्रा पर निकली हैं। इसमें शामिल होने के लिए मथुरा में कृष्ण जन्मस्थान के पास रहने वाली अलीशा खान भी पहुंचीं। वह नकाब पहने थी। उन्होंने माथे पर टीका लगवाया। अलीशा का कहना है कि हर्षा के साथ जुड़कर मैं भी सनातन के प्रति युवाओं को जगाने आई हूं। सनातन में महिलाओं का सम्मान है। हमारे यहां यह सब नहीं है। लड़कियों को बंद रखा जाता है। इज्जत नहीं है। सनातन में लड़कियों को लक्ष्मी के समान माना जाता है। हमारे धर्म में ऐसा नहीं है। उन्होंने कहा- मथुरा में जन्मस्थान पर कान्हा का मंदिर बनना चाहिए। हिंदुओं को उनका हक मिलना चाहिए। अलीशा ने 8 महीने पहले मथुरा के सचिन से लव मैरिज की है। वह प्रेमानंद महाराज के पास भी जाती हैं। मंदिर भी जाती हैं। इससे उन्हें विरोध का सामना भी करना पड़ता है। पदयात्रा में पहुंची अलीशा से भास्कर रिपोर्टर ने बात की। पढ़िए 10 सवाल और जवाब… सवाल : इस पदयात्रा में जुड़ने का उद्देश्य क्या रहा?
जवाब : मैं सनातन धर्म को शुरू से मानती हूं। सनातन के प्रति युवाओं को जागरूक करने के लिए हर्षा रिछारिया ने पदयात्रा शुरू की है। मैं भी इस पदयात्रा में पहुंची हूं। मैं भी चाहती हूं कि सनातन से ज्यादा से ज्यादा लोग जुड़े। सवाल : आपने माथे पर टीका लगाया, जो आपके धर्म में स्वीकार नहीं है, क्या कहेंगी?
जवाब : मैं इस धर्म में भले नहीं हूं, लेकिन ये सब मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैं पहले भी अपने घर से मंदिर जाती थी। शुरू से रामजी, कृष्ण जी की पूजा करती हूं। सवाल : सनातन धर्म के प्रति लगाव कैसे हुआ?
जवाब : मैंने देखा कि सनातन धर्म में लोगों की इज्जत होती है। सनातन धर्म में बेटियां लक्ष्मी के समान माना जाता है। हमारे धर्म में ऐसा नहीं है। सवाल : मुस्लिम समुदाय कहता है कि हमारे यहां मूर्ति पूजा, टीका और भगवान की पूजा करना स्वीकार नहीं, क्या कहेंगी?
जवाब : इस्लाम में तो कुछ है ही नहीं, सिर्फ बंद घर में रहो। शादी करो, तलाक करो, एक के साथ रहो… दो के साथ रहो। लेकिन, सनातन में ऐसा कुछ नहीं है। सवाल : आज आप पदयात्रा में शामिल हो रहीं तो घर वाले विरोध नहीं करेंगे?
जवाब : वो विरोध करें, मुझे इससे कोई मतलब नहीं। मेरा दिल जो कहेगा, मैं वो करूंगी। मेरे दिल ने कहा कि पदयात्रा में शामिल होना है तो मैं आ गई। सवाल : कितने साल पहले सनातन में आई?
जवाब : वैसे तो मैं बहुत दिनों से सनातन से जुड़ी हूं। मेरे मम्मी-पापा इसका विरोध करते थे, लेकिन उनकी नहीं सुनती थी। सनातन को लेकर उनसे लड़ भी जाती थी। सवाल : मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान की मांग हो रही, मुस्लिम पक्ष कह रहा कि वो ईदगाह है, क्या कहेंगी?
जवाब : जन्मस्थान पर कान्हा का मंदिर बनना चाहिए। हिंदुओं का हक है तो उन्हें वापस मिलना चाहिए। सवाल : हर्षा की पदयात्रा का किस तरह सपोर्ट कर रही हैं?
जवाब : मुझे हर्षा की बातें अच्छी लगती हैं। महाकुंभ से ही उनसे प्रेरित हुई हूं। मैं उनके साथ हूं। आज उनसे जुड़कर बहुत अच्छा लग रहा है। सवाल : सनातन धर्म में ऐसा कौन-सा धर्म गुरु हैं, जिनकी बातों ने आपको प्रभावित किया?
जवाब : मुझे प्रेमानंद जी की बातें अच्छी लगती हैं। मैं उनके दर्शन भी करने जाती हूं। जीवन में उनकी बातों का पालन भी करती हूं। सवाल : पदयात्रा में जुड़ने पर आपको विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है, क्या कहेंगी?
जवाब : मुस्लिम समुदाय के लोग विरोध तो करेंगे ही, पहले भी ऐसे लोग विरोध करते रहे हैं। वो चाहते हैं कि हमारी बेटियां घर में बंद रहें। कहीं न जाएं।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर