रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) के लॉ विभाग की छत गुरुवार को गिर गई। जिससे करनाल निवासी लॉ विभाग का एक छात्र घायल हो गया। उसे उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। घायल छात्र की पहचान करनाल के घरौंडा निवासी 19 वर्षीय हिमांशु के रूप में हुई है। जो एमडीयू के लॉ विभाग का छात्र था। प्राप्त जानकारी के अनुसार हिमांशु गुरुवार को अपने दोस्तों के साथ एमडीयू के हॉस्टल नंबर 6 की छत पर गया था। बारिश के दौरान वहां से छत गिर गई। जिससे छात्र हिमांशु भी गिरकर घायल हो गया। हिमांशु के पैर में गंभीर चोट आई है, जिसके चलते उसे उपचार के लिए रोहतक पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। एमडीयू की कुव्यवस्था भुगत रहे हैं छात्र छात्र संगठन इंडियन नेशनल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (इनसो) के जिला अध्यक्ष प्रदीप ने बताया कि एमडीयू के छात्रावास की छत का लिंटर टूटकर गिर गया। जिससे 3 छात्र घायल हो गए, जिनमें से 2 को प्राथमिक उपचार दिया गया। तीसरे को गंभीर चोट लगने के कारण पीजीआई में भर्ती कराया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एमडीयू की कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार का खामियाजा छात्र भुगत रहे हैं। छात्रों की समस्याओं को लेकर वे कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) के लॉ विभाग की छत गुरुवार को गिर गई। जिससे करनाल निवासी लॉ विभाग का एक छात्र घायल हो गया। उसे उपचार के लिए रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया है। घायल छात्र की पहचान करनाल के घरौंडा निवासी 19 वर्षीय हिमांशु के रूप में हुई है। जो एमडीयू के लॉ विभाग का छात्र था। प्राप्त जानकारी के अनुसार हिमांशु गुरुवार को अपने दोस्तों के साथ एमडीयू के हॉस्टल नंबर 6 की छत पर गया था। बारिश के दौरान वहां से छत गिर गई। जिससे छात्र हिमांशु भी गिरकर घायल हो गया। हिमांशु के पैर में गंभीर चोट आई है, जिसके चलते उसे उपचार के लिए रोहतक पीजीआई के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। एमडीयू की कुव्यवस्था भुगत रहे हैं छात्र छात्र संगठन इंडियन नेशनल स्टूडेंट ऑर्गेनाइजेशन (इनसो) के जिला अध्यक्ष प्रदीप ने बताया कि एमडीयू के छात्रावास की छत का लिंटर टूटकर गिर गया। जिससे 3 छात्र घायल हो गए, जिनमें से 2 को प्राथमिक उपचार दिया गया। तीसरे को गंभीर चोट लगने के कारण पीजीआई में भर्ती कराया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि एमडीयू की कुव्यवस्था और भ्रष्टाचार का खामियाजा छात्र भुगत रहे हैं। छात्रों की समस्याओं को लेकर वे कई बार प्रदर्शन भी कर चुके हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में समाधान शिविर की शिकायतों पर कमाई:हिसार डीसी ने नोटरी संचालकों को दी चेतावनी, कहा- लेटरों पर स्टाम्प ना लगाए
हरियाणा में समाधान शिविर की शिकायतों पर कमाई:हिसार डीसी ने नोटरी संचालकों को दी चेतावनी, कहा- लेटरों पर स्टाम्प ना लगाए हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी की ओर से समाधान शिविर लगाए जा रहे हैं मगर अब इन शिविरों के माध्यम से कमाई का खेल किया जा रहा है। दरअसल, शिकायतें लिखवाने के लिए लोग नोटरी के पास जा रहे हैं, वहीं नोटरी संचालक साधारण कागज पर शिकायत लिखने के बजाय स्टाम्प पेपर पर शिकायत देकर कमाई करने में लगे हैं। आज हिसार डीसी के सामने ऐसे कई शिकायतें आई जिस पर डीसी ने सख्त चेतावनी नोटरी संचालकों को दी। डीसी ने कहा कि आगे जिस नोटरी संचालक के द्वारा स्टाम्प पेपर पर लिखकर शिकायत आई संबंधित नोटरी संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने कहा कि समाधान शिविर के शिकायत पत्रों पर पैसे वाली स्टांप न लगाई जाए। ये आवेदन साधारण कागज पर भी दिए जा सकते हैं। डीसी ने बताया कि अब तक समाधान शिविर में कुल 1390 शिकायत आ चुकी हैं, जिनमें से 717 फैमिली आईडी से संबंधित, 100 पंचायत विभाग से संबंधित, 25 कृषि विभाग से संबंधित व 104 समाज कल्याण विभाग से संबंधित है। इनमें से ज्यादातर का समाधान जिला स्तर पर हो चुका है और जिन शिकायतों का समाधान चंडीगढ़ मुख्यालय स्तर पर होना था उनको वहां भेज कर समाधान करवाने के प्रयास किया जा रहे हैं। जमीन इंतकाल के लंबित मामलों का जल्द करें निपटारा डीसी प्रदीप दहिया ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशों दिए कि जमीन इंतकाल के लंबित मामलों का जल्द निपटारा करना सुनिश्चित किया जाएं अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश उपायुक्त प्रदीप दहिया ने शुक्रवार को लघु सचिवालय परिसर स्थित जिला सभागार में आयोजित समाधान शिविर में पहुंचे नागरिकों की शिकायत सुनने के दौरान अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर एएसपी डॉ. राजेश मोहन, डीएसपी विजयपाल, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सिंह, जिला राजस्व अधिकारी चेतना चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप नरवाल, एचएसवीपी ईओ राजेश खोथ, कष्ट निवारण समिति के सदस्य कृष्ण खटाना सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। शिविर में इन समस्याओं का समाधान 1. समाधान शिविर में हांसी ब्लॉक के गांव धर्मखेड़ी के सरपंच कृष्ण कुमार ने शिकायत दी कि जब से उसने सरपंच का पद संभाला है तब से उसका मानदेय नहीं मिल रहा है। उपायुक्त ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए। जांच उपरांत पता चला कि रिकॉर्ड में सरपंच का बैंक खाता गलत दर्ज था। उपायुक्त के निर्देशानुसार बैंक खाते को तुरंत ठीक करते हुए मानदेय राशि जारी कर दी गई। 2. इसी प्रकार गांव किरोड़ी निवासी राममेहर ने शिकायत दी कि उसके पिता पीटीआई सेवानिवृत्त थे। जिला मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा पिता के मरणोपरांत उनकी सर्विस बुक गुम कर दी गई है। माता की फैमिली पेंशन रिवाइज करने के लिए वह 6 महीने से चक्कर काट रहे हैं। उपायुक्त ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को 4 दिन के अंदर सर्विस बुक ढूंढने व उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए। 3. भगतसिंह नगर निवासी अनीता की शिकायत पर श्रम विभाग को मजदूर कॉपी बनवाने के आवेदन पर नियमानुसार उचित कार्रवाई करने के निर्देश दीजिए। 4. गांव मोहब्बतपुर निवासी संजीव कुमार की गली में अवैध रूप से कुई खुदाई की शिकायत पर जिला विकास को पंचायत अधिकारी को नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। 5. सेक्टर 14 निवासी सरोज की शिकायत पर उपायुक्त ने उपनिदेशक कृषि विभाग को जल्द से जल्द फसल बीमा राशि उपलब्ध करवाने को लेकर त्वरित आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। 6. जवाहर नगर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षिका कलावती ने सैलरी व 4 इंक्रीमेंट शिक्षा विभाग द्वारा रोके जाने की शिकायत दी। डीसी ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप नरवाल को 15 दिन के अंदर मामले के निपटारें के निर्देश दिए। 7. गांव शिकारपुर निवासी वीरेंद्र सिंह ने बिजली के बिल में अनियमितता की शिकायत दी। उपायुक्त ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को 7 दिन के अंदर जांच कर त्रुटि को दूर करने के निर्देश दिए।
पलवल में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 7 लाख हड़पे:बेसहारा बच्चों की दी जानी थी राशि, बाल संरक्षण इकाई में हुआ घोटाला
पलवल में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 7 लाख हड़पे:बेसहारा बच्चों की दी जानी थी राशि, बाल संरक्षण इकाई में हुआ घोटाला पलवल में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 7 लाख रुपए सहायता राशि लेने का मामला सामने आया है। बेसहारा बच्चों को दी जाने वाली सहायता योजना में धांधली हुई है। कैंप थाना पुलिस ने बाल संरक्षण इकाई के चार कर्मचारियों के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सहायता राशि लेने का मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। कैंप थाना प्रभारी दिनेश के अनुसार, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की रजिस्ट्रार (एएसजे) गौमती मनोचा ने अगस्त में पुलिस को शिकायत दी थी। पुलिस ने शिकायत की जांच के बाद जिला बाल संरक्षण इकाई में फर्जी तरीके से सहायता राशि हड़पने के प्रमाण मिले। कटेसरा गांव निवासी राहुल उर्फ रविंद्र नियमों के खिलाफ अपने दो बच्चों रूही और कार्तिक के नाम पर यह राशि ले रहे थे। इसी प्रकार कौशल भी अपने बच्चों हरसल व माही तथा अन्य बच्चों के नाम पर भी धोखाधड़ी से राशि ली जा रही थी। जांच के दौरान पाया गया कि जिला बाल संरक्षण इकाई के कर्मचारियों ने अपने नजदीकी संबंधियों को गलत तरीके से लाभ पहुंचाया है। 7 लाख रुपए से भी अधिक की राशि गलत तरीके से हड़पी गई है। 2018 से यह घोटाला किया जा रहा था। पुलिस ने बताया कि जिला बाल संरक्षण इकाई की डाटा एनालिस्ट कीर्ति शर्मा, गायत्री देवी, सविता और सीता देवी के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया गया है। धोखाधड़ी की राशि और ज्यादा हो सकती है, क्योंकि जिला बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों ने पुलिस को पूरा रिकार्ड उपलब्ध नहीं कराया है। पूरे रिकॉर्ड की जांच होने पर धोखाधड़ी के आरोपियों की संख्या भी बढ़ सकती है और राशि भी। इस मामले के आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर पूरा रिकार्ड कब्जे में लिया जाएगा और जांच में जो भी आरोपी पाया जाएगा, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।
हरियाणा BJP का पूर्व CM हुड्डा को चैलेंज:30 MLA इकट्ठा करके दिखाएं; JJP के 10 विधायक भी लाएं, भाजपा के एग्रेशन की ये वजह
हरियाणा BJP का पूर्व CM हुड्डा को चैलेंज:30 MLA इकट्ठा करके दिखाएं; JJP के 10 विधायक भी लाएं, भाजपा के एग्रेशन की ये वजह हरियाणा सरकार के अल्पमत को लेकर कांग्रेस के दावे को BJP ने चैलेंज किया है। भाजपा नेता और CM के पब्लिसिटी एडवाइजर ने कहा है कि मैं भूपेंद्र सिंह हुड्डा को चैलेंज करता हूं कि वह अपनी पार्टी के 30 विधायकों को एक जगह इकट्ठा करा लें। साथ ही जननायक जनता पार्टी (JJP) के 10 विधायक एक साथ आ जाएं तो मैं ये मान लूंगा कि हरियाणा में भाजपा सरकार अल्पमत में है। इसके बाद भाजपा पटल पर जाकर अपना बहुमत साबित करेगी। उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ऐसी अफवाहें फैलाने के लिए हरियाणा के लोगों से माफी मांगें। हुड्डा ने मंगलवार को चंडीगढ़ में बीजेपी सरकार के अल्पमत में होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश सरकार अल्पमत में है। हमने पहले भी राज्यपाल को लिखा था और अब फिर राज्यपाल को लिखेंगे। उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि ये (BJP), जननायक जनता पार्टी (JJP) के 2 विधायकों से इस्तीफा दिलवा देंगे। एक तरह से BJP वाले हॉर्स ट्रेडिंग में लगे हैं। इन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए। भाजपा के चैलेंज की ये 2 वजहें… कांग्रेस की गुटबाजी
भाजपा के द्वारा पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को ये चैलेंज देने की वजह सबसे बड़ी गुटबाजी है। 10 जून को पूर्व सीएम के द्वारा बुलाई गई कांग्रेस दल की मीटिंग में 27 विधायक ही पहुंचे। चूंकि वरुण चौधरी अब अंबाला से सांसद बन चुके हैं तो अभी सदन में कांग्रेस के पास 29 विधायक ही बचे हुए हैं। जबकि सीएलपी में तोशाम विधायक किरण चौधरी और सढौरा से विधायक रेनू वाला नहीं शामिल हुईं। ये विधायक एसआरके गुट के हैं। वह नहीं चाहते कि हुड्डा प्रदेश में कांग्रेस को लीड करें। भाजपा इसी गुटबाजी को अब हवा देने में लग गई है। जजपा में पड़ चुकी है फूट
भाजपा जानती है कि जजपा में फूट पड़ी हुई है। जजपा की ओर से हाल ही में विधानसभा स्पीकर के सामने ये याचिका लगाई है। याचिका में कहा गया है कि जींद के नरवाना से विधायक सुरजाखेड़ा पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल के के नामांकन में शामिल हुए थे, जबकि जोगीराम सिहाग ने हिसार सीट से बीजेपी कैंडिडेट रणजीत सिंह चौटाला के पक्ष में प्रचार किया। याचिका के साथ इन विधायकों के वीडियो को आधार बनाया गया है। पार्टी ने मांग की है कि इन विधायकों ने पार्टी विरोधी कार्य किए हैं, इसलिए उनकी सदस्यता भंग की जाए। ऐसे में यदि इनकी सदस्यता रद्द हो जाती है तो जजपा के पास 8 ही विधायक बचेंगे। इसके अलावा देवेंद्र बबली, राज कुमार गौतम भी खुलेआम बगावत कर रहे हैं। कांग्रेस क्यों कर रही है अल्पमत का दावा
हरियाणा के CM नायब सैनी के करनाल विधानसभा का उपचुनाव जीतने के बाद भी BJP के पास सदन में बहुमत कम होने का कांग्रेस दावा कर रही है। कांग्रेस कह रही है कि हलोपा के गोपाल कांडा और एक निर्दलीय विधायक नयन पाल रावत का साथ होने के बाद भी संयुक्त विपक्ष के सामने भाजपा बहुमत के आंकड़े से 1 नंबर दूर है। पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा दावा कर रहे हैं कि सरकार अल्पमत में है, इसलिए विधानसभा भंग होनी चाहिए। इधर, सदन में कांग्रेस-जजपा और INLD यदि साथ आ गए तो सैनी सरकार की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। जजपा नेता दुष्यंत चौटाला भी राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर सरकार से फ्लोर टेस्ट कराने की मांग कर चुके हैं। हरियाणा में ऐसे हालात बनने की ये हैं बड़ी वजहें.. भाजपा-जजपा गठबंधन टूटा, सीएम चेहरा बदला
हरियाणा में मनोहर लाल खट्टर की अगुआई में भाजपा-जजपा गठबंधन की सरकार चल रही थी। लोकसभा चुनाव से पहले सीट शेयरिंग को लेकर जजपा और भाजपा का गठबंधन टूट गया। इसके बाद जजपा सरकार से अलग हो गई। भाजपा के पास 41 विधायक थे, उन्होंने 5 निर्दलीय और एक हलोपा विधायक को साथ लेकर सरकार बना ली। खट्टर की जगह नायब सैनी सीएम बने। 3 निर्दलीय विधायकों ने साथ छोड़ा
लोकसभा चुनाव के बीच भाजपा सरकार को झटका लगा। सरकार को समर्थन देने वाले निर्दलीय विधायक रणधीर गोलन, सोमवीर सांगवान और धर्मवीर गोंदर ने कांग्रेस के साथ चले गए। उन्होंने सीएम नायब सैनी की सरकार से समर्थन वापस ले लिया। इसके बाद सरकार के पास भाजपा के 40, हलोपा का एक और 2 निर्दलीय विधायकों का समर्थन बचा। एक निर्दलीय विधायक राकेश दौलताबाद का मतदान के दिन निधन हो गया। हरियाणा विधानसभा में बदली स्थिति
लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा के नंबरों में और बदलाव हो चुका है। 90 विधायकों वाली विधानसभा में अब 87 विधायक ही बचे हैं। सिरसा की रानियां विधानसभा से रणजीत सिंह चौटाला के इस्तीफे, बादशाहपुर विधानसभा सीट से विधायक राकेश दौलताबाद के निधन और अंबाला लोकसभा सीट से मुलाना से कांग्रेस विधायक वरुण चौधरी के चुनाव जीतने के बाद यह स्थिति बनी है। 87 सदस्यीय इस विधानसभा में अब बहुमत का आंकड़ा 46 से गिरकर 44 हो गया है। भाजपा के पास 43, विपक्ष संयुक्त हुआ तो उनके 44 विधायक
मौजूदा स्थिति की बात करें तो भाजपा के पास 41 विधायक हैं। इसके अलावा उन्हें हलोपा विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयनपाल रावत का समर्थन प्राप्त है। भाजपा के पास 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष में भाजपा से एक ज्यादा यानी 44 विधायक हैं। इनमें कांग्रेस के 29, जजपा के 10, निर्दलीय 4 और एक इनेलो विधायक शामिल हैं। अगर ये सब एक साथ आ जाते हैं तो फिर सरकार अल्पमत में आ सकती है। हरियाणा में BJP सरकार और एकजुट विपक्ष का गणित समझें… क्या हरियाणा में सरकार गिरने का खतरा है?
1. फिलहाल ऐसा नहीं है। सीएम नायब सैनी की सरकार ने ढ़ाई महीने पहले ही 13 मार्च को बहुमत साबित किया। जिसके बाद 6 महीने तक फिर अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जाता। इतना समय बीतने के बाद अक्टूबर-नवंबर में हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं। फिर ऐसी मांग की जरूरत नहीं रहेगी। 2. इसके साथ ही जजपा ने अपने 2 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता के यहां याचिका दायर की हुई है। अगर JJP के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाती है तो फिर सरकार के पक्ष में 43 और विपक्षी विधायकों की संख्या गिरकर 42 हो जाएगी, जिससे सरकार फिर बहुमत में ही रहेगी। स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता भाजपा से विधायक हैं। फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो BJP सरकार कैसे बचाएगी?
BJP के सूत्रों के मुताबिक सरकार को किसी कीमत पर गिरने की स्थिति तक नहीं पहुंचने दिया जाएगा। अगर फ्लोर टेस्ट की नौबत आई तो जजपा के 2 विधायक रामनिवास सुरजाखेड़ा और जोगीराम सिहाग इस्तीफा दे सकते हैं। इन दोनों ने बागी होकर लोकसभा चुनाव में भाजपा का साथ दिया था। ऐसी सूरत में विपक्ष के एकजुट होने पर भी उनके पास भाजपा के 43 के मुकाबले 42 ही विधायक रह जाएंगे।