गुरुग्राम में मानेसर पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों से साइबर धोखाधड़ी करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से भारी मात्रा में मोबाइल, लैपटॉप, फर्जी एटीएम कार्ड, चेक बुक और सिम कार्ड बरामद किए हैं। पुलिस ने आरोपी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया है। 12 अप्रैल को आधी रात के समय मानेसर साइबर क्राइम थाने की पुलिस टीम गश्त पर थी। इस दौरान सूचना मिली कि सेक्टर 82 स्थित वाटिका इंडिया नेक्स्ट सोसाइटी का एक शख्स टेलीग्राम और वॉट्सऐप द्वारा टास्क बेस और इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी करने में शामिल है। सूचना मिलने के बाद एएसआई संजीव कुमार की टीम ने बताए गए स्थान पर दबिश दी। फ्लैट से करता था काम फ्लैट के बरामदे में पुलिस ने एक युवक को लैपटॉप पर काम करते और मोबाइल पर लोगों से वाट्सऐप और टेलीग्राम पर चेट करते हुए पाया। पुलिस को देखकर युवक भागने लगा, लेकिन टीम ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में युवक ने अपनी पहचान रेवाड़ी के कोसली के रहने वाले हर्ष के रूप में दी। पुलिस ने फ्लैट की तलाशी ली तो साइबर ठगी में प्रयोग किया जाने वाला सामान बरामद किया गया। टास्क बेस और इन्वेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी मानेसर साइबर थाना एसएचओ मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस ने जब आरोपी हर्ष से बरामद सामान के बारे में पूछताछ की तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। उसने बताया कि इन मोबाइल फोन, लैपटॉप, एटीएम कार्ड, चेक बुक और सिम कार्ड का इस्तेमाल वह टास्क बेस और इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों से साइबर धोखाधड़ी करने के लिए करता था। ठग और गैंग लीडर के बीच कड़ी है आरोपी उसने बताया कि वह केवल ठगी गिरोह के एक चैनल पार्टनर के रूप में काम करता था, जो खाते, सिम और अन्य सामान के साथ ग्राउंड लेवल के ठग और गिरोह सरगना के बीच में एक कड़ी है। यानि वह सीधे ठगी नहीं करता था बल्कि ठगों और उनके आकाओं के बीच के सारे ऑनलाइन काम करता था। पुलिस ने बरामद सभी सामान को जब्त कर लिया है और आरोपी हर्ष के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल कोर्ट के आदेश पर आरोपी को जेल भेज दिया गया है। गुरुग्राम में मानेसर पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों से साइबर धोखाधड़ी करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के कब्जे से भारी मात्रा में मोबाइल, लैपटॉप, फर्जी एटीएम कार्ड, चेक बुक और सिम कार्ड बरामद किए हैं। पुलिस ने आरोपी को ड्यूटी मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया है। 12 अप्रैल को आधी रात के समय मानेसर साइबर क्राइम थाने की पुलिस टीम गश्त पर थी। इस दौरान सूचना मिली कि सेक्टर 82 स्थित वाटिका इंडिया नेक्स्ट सोसाइटी का एक शख्स टेलीग्राम और वॉट्सऐप द्वारा टास्क बेस और इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी करने में शामिल है। सूचना मिलने के बाद एएसआई संजीव कुमार की टीम ने बताए गए स्थान पर दबिश दी। फ्लैट से करता था काम फ्लैट के बरामदे में पुलिस ने एक युवक को लैपटॉप पर काम करते और मोबाइल पर लोगों से वाट्सऐप और टेलीग्राम पर चेट करते हुए पाया। पुलिस को देखकर युवक भागने लगा, लेकिन टीम ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ में युवक ने अपनी पहचान रेवाड़ी के कोसली के रहने वाले हर्ष के रूप में दी। पुलिस ने फ्लैट की तलाशी ली तो साइबर ठगी में प्रयोग किया जाने वाला सामान बरामद किया गया। टास्क बेस और इन्वेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी मानेसर साइबर थाना एसएचओ मनोज कुमार ने बताया कि पुलिस ने जब आरोपी हर्ष से बरामद सामान के बारे में पूछताछ की तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। उसने बताया कि इन मोबाइल फोन, लैपटॉप, एटीएम कार्ड, चेक बुक और सिम कार्ड का इस्तेमाल वह टास्क बेस और इन्वेस्टमेंट के नाम पर लोगों से साइबर धोखाधड़ी करने के लिए करता था। ठग और गैंग लीडर के बीच कड़ी है आरोपी उसने बताया कि वह केवल ठगी गिरोह के एक चैनल पार्टनर के रूप में काम करता था, जो खाते, सिम और अन्य सामान के साथ ग्राउंड लेवल के ठग और गिरोह सरगना के बीच में एक कड़ी है। यानि वह सीधे ठगी नहीं करता था बल्कि ठगों और उनके आकाओं के बीच के सारे ऑनलाइन काम करता था। पुलिस ने बरामद सभी सामान को जब्त कर लिया है और आरोपी हर्ष के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। फिलहाल कोर्ट के आदेश पर आरोपी को जेल भेज दिया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
