हरियाणा में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। आज करनाल के मंगलसेन ऑडिटोरियम में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रोहतक के नवनिर्वाचित सांसद दीपेंद्र हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान विशेष रूप से भाग लेंगे। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी और रणनीति के लिए यह सम्मेलन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चुनावी रणनीति को लेकर दिशा-निर्देश देंगे प्रदेश के प्रमुख कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और उन्हें चुनावी रणनीति को लेकर दिशा-निर्देश देंगे। हुड्डा की लोकप्रियता और राजनीतिक अनुभव को देखते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस सम्मेलन से काफी उम्मीदें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में हुड्डा की अहम भूमिका रही थी, जहां पार्टी ने 10 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यह उपलब्धि कांग्रेस के लिए नई ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत बन गई है। प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भी पहुंच रहे सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और रोहतक सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। उदयभान ने अपने नेतृत्व में पार्टी को संगठित करने और चुनावी तैयारियों को मजबूत करने का काम किया है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयार करना और उन्हें उचित दिशा-निर्देश देना है। वह कार्यकर्ताओं से अपील करेंगे कि वे गांव-गांव और शहर-शहर जाकर लोगों की समस्याओं को समझें और कांग्रेस की नीतियों के जरिए उनके समाधान का वादा करें। कार्यकर्ताओं को सुझाव देने का मिलेगा मौका सम्मेलन में भाग लेने वाले कार्यकर्ताओं को अपने विचार और सुझाव रखने का भी मौका मिलेगा, ताकि पार्टी नेतृत्व को जमीनी हकीकत और चुनौतियों की बेहतर समझ हो सके। इस तरह के संवाद से न केवल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि चुनावी तैयारियों में उनका मार्गदर्शन भी होगा। मंगलसेन ऑडिटोरियम में आयोजित यह सम्मेलन कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां नेता कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतरने के लिए प्रेरित करेंगे। हरियाणा में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई हैं। आज करनाल के मंगलसेन ऑडिटोरियम में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं का सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। इस सम्मेलन में हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रोहतक के नवनिर्वाचित सांसद दीपेंद्र हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान विशेष रूप से भाग लेंगे। आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी और रणनीति के लिए यह सम्मेलन काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। चुनावी रणनीति को लेकर दिशा-निर्देश देंगे प्रदेश के प्रमुख कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे और उन्हें चुनावी रणनीति को लेकर दिशा-निर्देश देंगे। हुड्डा की लोकप्रियता और राजनीतिक अनुभव को देखते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं को इस सम्मेलन से काफी उम्मीदें हैं। पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन को बेहतर बनाने में हुड्डा की अहम भूमिका रही थी, जहां पार्टी ने 10 में से 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी। यह उपलब्धि कांग्रेस के लिए नई ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत बन गई है। प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भी पहुंच रहे सम्मेलन में शामिल होने वाले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और रोहतक सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा भी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। उदयभान ने अपने नेतृत्व में पार्टी को संगठित करने और चुनावी तैयारियों को मजबूत करने का काम किया है। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव के लिए तैयार करना और उन्हें उचित दिशा-निर्देश देना है। वह कार्यकर्ताओं से अपील करेंगे कि वे गांव-गांव और शहर-शहर जाकर लोगों की समस्याओं को समझें और कांग्रेस की नीतियों के जरिए उनके समाधान का वादा करें। कार्यकर्ताओं को सुझाव देने का मिलेगा मौका सम्मेलन में भाग लेने वाले कार्यकर्ताओं को अपने विचार और सुझाव रखने का भी मौका मिलेगा, ताकि पार्टी नेतृत्व को जमीनी हकीकत और चुनौतियों की बेहतर समझ हो सके। इस तरह के संवाद से न केवल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा, बल्कि चुनावी तैयारियों में उनका मार्गदर्शन भी होगा। मंगलसेन ऑडिटोरियम में आयोजित यह सम्मेलन कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जहां नेता कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतरने के लिए प्रेरित करेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कांडा को समर्थन दे सकती है BJP:भाजपा उम्मीदवार के आज नामांकन वापस लेने की चर्चा; पार्टी ऑफिस में मीटिंग बुलाई
हरियाणा में कांडा को समर्थन दे सकती है BJP:भाजपा उम्मीदवार के आज नामांकन वापस लेने की चर्चा; पार्टी ऑफिस में मीटिंग बुलाई हरियाणा में सिरसा विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रोहताश जांगड़ा आज अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। भाजपा इस सीट पर हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के उम्मीदवार गोपाल कांडा को समर्थन दे सकती है। रोहताश जांगड़ा ने खुद इसके संकेत दिए हैं। रोहताश जांगड़ा का कहना है कि पार्टी कार्यालय में मीटिंग बुलाई गई है। इसमें हरियाणा के प्रवासी प्रभारी सुरेंद्र सिंह टीटी मौजूद रहेंगे। पार्टी जो भी आदेश देगी, वह मानने के लिए तैयार हैं। हमारा बस एक ही लक्ष्य है कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बननी चाहिए। वहीं एक दिन पहले गोपाल कांडा ने भी मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अब भी NDA का हिस्सा हैं। जीतने के बाद भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे। उनका परिवार शुरू से ही RSS से जुड़ा हुआ है। पिता मुरलीधर कांडा जनसंघ की टिकट पर 1952 में डबवाली सीट से चुनाव लड़ चुके हैं और मेरी माता आज भी भाजपा को ही वोट डालती हैं। राज्य में 90 विधानसभा सीटों के लिए 5 अक्टूबर को वोटिंग होनी है। रिजल्ट 8 अक्टूबर को आएगा। भाजपा के उम्मीदवार उतारते ही इनेलो-बसपा से गठबंधन किया गोपाल कांडा 2019 में सिरसा सीट से विधायक बने थे। जिसके बाद उन्होंने भाजपा को समर्थन दे दिया। 2024 विधानसभा चुनाव में टिकट बंटवारे के दौरान चर्चा थी कि भाजपा गोपाल कांडा को सिरसा सीट पर समर्थन दे सकती है। हालांकि भाजपा ने यहां से रोहताश जांगड़ा को उम्मीदवार घोषित कर दिया। अगले ही दिन गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) में गठबंधन हो गया। INLD पहले ही बहुजन समाज पार्टी (BSP) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। जिसके बाद इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने कांडा को सिरसा सीट से गठबंधन का उम्मीदवार घोषित कर दिया। कांडा बोले- एक दूसरे की मदद को समझौता गठबंधन के बाद गोपाल कांडा ने कहा था कि सिरसा से बाहर रानियां और ऐलनाबाद हलके में हलोपा का जनाधार है। ऐलनाबाद उपचुनाव में गोबिंद कांडा को अच्छे वोट मिले थे। इसलिए अभय चाहते हैं कि हलोपा ऐलनाबाद और रानियां में मदद करे, बदले में वह सिरसा में मदद करेंगे। हम दोनों ही पार्टियां कांग्रेस के खिलाफ हैं। मैंने कभी भाजपा से कोई सीट नहीं मांगी। हमारा शुरू से ही बिना शर्त समझौता है। इस बार हरियाणा में कांग्रेस नहीं बल्कि भाजपा की सरकार आएगी। भाजपा प्रदेश में जीत की हैट्रिक बनाएगी और हमारा गठबंधन भाजपा को सपोर्ट करेगा। ओपी चौटाला के करीबी रहे गोपाल कांडा के करोड़पति बनने का असली सफर वर्ष 2000 के आसपास गुरुग्राम से शुरू हुआ। उस समय हरियाणा में ओमप्रकाश चौटाला की अगुआई में इनेलो की सरकार थी। उस दौर में गोपाल कांडा इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला के बेहद करीब थे। चौटाला सरकार के दौरान ही कांडा ने सिरसा जिले में तैनात रहे एक IAS अफसर से हाथ मिलाया। वह IAS अफसर गुरुग्राम में हरियाणा अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हुडा, अब इसका नाम HSVP हो चुका है।) प्रशासक लग गया। उस अफसर से दोस्ती का फायदा उठाते हुए गोपाल कांडा ने गुरुग्राम में प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त शुरू कर दी। यह वो दौर था जब गुरुग्राम में डेवलपमेंट शुरू ही हुई थी। दिल्ली से सटा होने के कारण बड़ी-बड़ी कंपनियों ने वहां अपने कॉर्पोरेट दफ्तर बनाने शुरू किए तो गुरुग्राम के प्रॉपर्टी बाजार में ऐसा बूम आया कि रातोंरात लोगों के वारे न्यारे हो गए। गोपाल कांडा को इसका जमकर फायदा मिला। चौटाला सरकार के दौरान ही गोपाल कांडा के बाकी राजनेताओं से भी अच्छे संबंध बन गए। साल 2000 में कांडा ने ओपी चौटाला को नोटों की गडि्डयों से तोला था। तब ऐसी चर्चा रही कि कांडा ने चौटाला के वजन के बराबर तराजू में 80 लाख रुपए रखे थे। 2009 में निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीते 2004 के विधानसभा चुनाव में ओमप्रकाश चौटाला की पार्टी, इनेलो हार गई और राज्य में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार बनी। बिजनेस की समझ रखने वाले गोपाल कांडा ने जल्दी ही हुड्डा सरकार में पैठ बना ली। उसके साथ ही वह इनेलो और चौटाला परिवार से दूर होते चले गए। वर्ष 2009 के विधानसभा चुनाव में गोपाल कांडा ने सिरसा विधानसभा सीट से बतौर निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत गए। वह 2005 से 2009 तक हुड्डा सरकार में उद्योगमंत्री रहे सिरसा के दिग्गज लक्ष्मण दास अरोड़ा को हराकर विधानसभा पहुंचे। विधानसभा चुनाव नतीजे आए तो कांग्रेस पूर्ण बहुमत हासिल नहीं कर पाई। तब कांग्रेस ने 40 सीटें जीतीं। इनेलो 32 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। उस समय गोपाल कांडा ने सियासी हालात का फायदा उठाते हुए निर्दलीय जीतने वाले 5-6 विधायकों को रातोंरात हुड्डा को समर्थन दिलवा दिया। लगातार दूसरी बार हरियाणा का मुख्यमंत्री बने हुड्डा ने कांडा को बतौर ईनाम अपनी कैबिनेट में शामिल करते हुए गृह राज्यमंत्री बनाया।
हरियाणा कांग्रेस प्रत्याशी 24 घंटे बाद भी रिहा नहीं:वकील बोले- अभी हाथ में नहीं आए ऑर्डर; 3 महीने से जेल में हैं पंवार
हरियाणा कांग्रेस प्रत्याशी 24 घंटे बाद भी रिहा नहीं:वकील बोले- अभी हाथ में नहीं आए ऑर्डर; 3 महीने से जेल में हैं पंवार हरियाणा के सोनीपत में कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र पंवार पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट का फैसला आने के 24 घंटे बाद भी जेल से रिहा नहीं हो सके हैं। बताया जा रहा है कि जज द्वारा ED केस खत्म करने का ऑर्डर अभी जारी नहीं हुआ है। मंगलवार को वकील दिन भर कोर्ट से ऑर्डर निकलवाने में लगे रहे। पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोर्ट केस को रद्द कर चुकी है। अब फैसले की प्रोसेसिंग में समय लग रहा है। वे फिलहाल नहीं बता सकते कि पंवार कब तक जेल से रिहा होंगे। बता दें कि एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने सोनीपत के कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार को 20 अगस्त को अवैध माइनिंग और मनी लॉन्ड्रिंग केस में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से ही वे जेल में है। सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में इस केस की सुनवाई सुनवाई हुई। इसमें जज महावीर सिंह सिंधु ने सुरेंद्र पंवार की गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए उन पर दर्ज केस को रद कर दिया था। उम्मीद थी कि सुरेंद्रपंवार मंगलवार सुबह तक जेल से रिहा हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पंवार के वकील ने ये दी जानकारी सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने मंगलवार शाम को भास्कर रिपोर्टर से बातचीत में कहा कि अभी सुरेंद्र पंवार को रिहा नहीं किया जा सका है। कोर्ट ने केस को रद कर दिया है, लेकिन अभी पंवार की रिहाई के ऑर्डर अपलोड नहीं हुए हैं। इसको लेकर प्रोसेसिंग चल रही है। फैसला लिखने के बाद जज के साइन होंगे, इसके बाद आदेश जारी होंगे। सुरेंद्र पंवार कब तक जेल से बाहर होंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जब तक ऑर्डर उनके हाथ नहीं आ जाते, तब तक वे कुछ नहीं कह सकते। वकील बोले- कोई अड़चन नहीं किसी तरह की अड़चन के सवाल पर मुकेश पन्नालाल ने कहा कि कोई अड़चन नहीं है, कोर्ट में प्रोसेसिंग जारी है, इसमें कई बार समय लग जाता है। हाईकोर्ट में मामले को लेकर 3 से 4 दिन तक बहस हुई। 16 सितंबर को बहस पूरी हुई थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसले के लिए 23 सितंबर की तारीख तय की गई थी। इस पर सोमवार को महावीर सिंह संधू की कोर्ट ने केस रद्द करने का फैसला सुनाया था। 3 महीने से अंबाला जेल में बंद हैं पंवार सुरेंद्र पंवार को ED ने 20 जुलाई काे गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वह अंबाला जेल में हैं। सुरेंद्र पंवार 2019 में कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे। अब कांग्रेस ने उनको दोबारा से टिकट दी है। सुरेंद्र पंवार ने कांग्रेस की टिकट मिलने के बाद 12 सितंबर को सोनीपत में पुलिस कस्टडी में ही नामांकन किया था। पंवार के बाहर आने से रोचक होगा मुकाबला भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी यहां अभी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। वहीं सुरेंद्र पंवार के जेल में होने की वजह से उनका चुनाव प्रचार भी यहां प्रभावित हो रहा था। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ही मैदान में डटी हुई थी। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे हुए थे, लेकिन इन सबके बावजूद सुरेंद्र पंवार की कमी यहां खल रही है।
करनाल में महिला को ट्रैक्टर ने कुचला, मौत:बच्चा गंभीर, पति के साथ दवा लेकर घर लौट रही थी घर
करनाल में महिला को ट्रैक्टर ने कुचला, मौत:बच्चा गंभीर, पति के साथ दवा लेकर घर लौट रही थी घर हरियाणा में करनाल के डबरकी कलां खुर्द गांव में ट्रैक्टर ने महिला को कुचल दिया। महिला अपने पति व बच्चे के साथ करनाल से घर लौट रही थी। बच्चा भी गंभीर रूप से घायल हुआ है। हादसे की सूचना के बाद भारी संख्या में ग्रामीण मौके पर एकत्रित हो गए। गुस्साए ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटा और आरोपी को गिरफ्तार करने की मांग की। घटनास्थल पर पुलिस पहुंच गई। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेना चाहा, लेकिन ग्रामीणों ने शव उठाने से मना कर दिया। पुलिस ने ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन देर शाम को कार्रवाई के आश्वासन के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। करनाल में दवा लेने आया था परिवार मृतक महिला की पहचान 35 वर्षीय निशा उर्फ गुड़िया के रूप में हुई है, जो डबरकी कलां गांव की रहने वाली थी। महिला करनाल के अस्पताल में दवा लेने के लिए गई थी। उसके पति भी करनाल के कल्पना चावला में सिक्योरिटी गार्ड है। महिला को बुखार था और बच्चे को भी। वह अस्पताल में ऑटो से गई थी लेकिन दवा लेने के बाद वह अपने पति व बच्चे के साथ घर लौट रही थी। तीनों बाइक पर थे, बच्चा बीच में बैठा हुआ था। जैसे ही बाइक डबरकी खुर्द गांव के पास पहुंची तो एक तेज रफ्तार ट्रैक्टर ने बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर लगने से तीनों बाइक से नीचे जा गिरे और महिला ट्रैक्टर के नीचे आ गई और ट्रैक्टर महिला को कुचलता हुआ आगे बढ़ गया। जबकि बच्चा गंभीर रूप से घायल हो गया। 15 साल पहले हुई थी शादी ग्रामीण महिला शकुंतला ने बताया कि मृतक महिला का नाम निशा उर्फ गुड़िया है। इसकी शादी लगभग 15 साल पहले हुई थी। इसके पास तीन लड़के है। महिला का पति अपने बच्चे को अस्पताल में लेकर गया हुआ है और उसने कहा है कि जब तक वह नहीं लौटता तब तक उसकी पत्नी की बॉडी को न उठाने दे। तीनों बच्चों के सिर से मां का साया उठ गया। पुलिस कर रही मामले की जांच सूचना के बाद मौके पर पहुंचे कुंजपुरा थाना के SHO महावीर ने बताया कि महिला निशा अपने पति व बच्चे के साथ घर लौट रही थी। महिला की मौत हो गई है। बच्चा भी गंभीर है। महिला के शव को पोस्टमार्टम के लिए करनाल के मोर्चरी हाउस में भिजवा दिया है। पोस्टमॉर्टम के बाद और परिजनों के बयान के अनुसार आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।