कांग्रेस नेता बाजवा की याचिका पर सुनवाई आज:TV इंटरव्यू में दिया था ग्रेनेड पर बयान, मोहाली में FIR, पुलिस ने 6 घंटे पूछताछ की

कांग्रेस नेता बाजवा की याचिका पर सुनवाई आज:TV इंटरव्यू में दिया था ग्रेनेड पर बयान, मोहाली में FIR, पुलिस ने 6 घंटे पूछताछ की

पंजाब कांग्रेस विधायक और नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के बम संबंधी बयान को लेकर पंजाब की राजनीति में भूचाल आ गया है। इस मामले की सुनवाई आज यानी 16 अप्रैल को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में होगी। बाजवा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मोहाली के साइबर थाने में 13 अप्रैल को दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। इससे पहले कल मोहाली में पुलिस ने बाजवा से उनके बयान को लेकर करीब साढ़े पांच घंटे पूछताछ की थी। बाजवा का कहना है कि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है और आगे भी करते रहेंगे। वहीं सरकारी सूत्रों के मुताबिक बाजवा ने जांच में सहयोग नहीं किया है। अब तक का इस मामले में हुआ घटनाक्रम इंटरव्यू से शुरू हुआ विवाद
13 अप्रैल को एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू में बाजवा ने दावा किया कि पंजाब में 50 ग्रेनेड आ चुके हैं, जिनमें से 18 का उपयोग हो चुका है और 32 अभी भी राज्य भर में विस्फोटित किए जाने बाकी हैं। इंटरव्यू का टीज़र प्रसारित होने के साथ ही विवाद शुरू हो गया और उसी दिन शाम को मोहाली में बाजवा के खिलाफ एक महिला पुलिस कर्मचारी की शिकायत पर FIR दर्ज की गई। सरकार ने लिया संज्ञान, पुलिस ने शुरू की जांच
इंटरव्यू का टीज़र प्रसारित होते ही दोपहर करीब 12 बजे AIG काउंटर इंटेलिजेंस रवजोत ग्रेवाल, ग्रेनेड की जानकारी का स्रोत पूछने के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर-8 स्थित बाजवा के घर पहुंचीं। वह वहां करीब 15 मिनट रुककर बाहर आईं और मीडिया को बताया कि बाजवा जांच में सहयोग नहीं कर रहे। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक वीडियो जारी कर बाजवा से पूछा कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली? क्या उनके पाकिस्तान से संबंध हैं, जो आतंकवादी उन्हें सीधे फोन कर जानकारी दे रहे हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह जानकारी न राज्य इंटेलिजेंस के पास है और न ही केंद्रीय एजेंसियों के पास, तो क्या बाजवा इन बम धमाकों का इंतजार कर रहे थे ताकि राजनीति कर सकें? अगर यह झूठ है, तो क्या वे पंजाब में डर फैलाना चाहते हैं? उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर जानकारी का स्रोत नहीं बताया गया तो कार्रवाई की जाएगी। केस दर्ज हुआ, FIR कोर्ट जाकर मिली​​​​​​​
13 अप्रैल की शाम को पुलिस ने बाजवा को पूछताछ के लिए समन भेजा और 14 अप्रैल को दोपहर 12 बजे पेश होने को कहा गया। बाजवा उस दिन पेश नहीं हुए, उनके वकीलों ने एक दिन का समय मांगा। उन्हें फिर 15 अप्रैल को दोपहर 2 बजे बुलाया गया। इसके बाद बाजवा के वकीलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और उन्हें उसी शाम 4 बजे FIR की कॉपी सौंपी गई। बाजवा पहुंचे हाईकोर्ट,छह घंटे पूछताछ 15 अप्रैल को प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में उन पर दर्ज केस के खिलाफ याचिका को रद करने के लिए याचिका दाखिल की। दोपहर में कांग्रेसी नेता व समर्थक चंडीगढ़ एक जुट हुए। इसके बाद दाेपहर ढाई बजे से रात आठ बजे तक बावजा से मोहाली में पुलिस ने पूछताछ की। कांग्रेसी नेताओं ने साइबर थाने के बाहर बैठकर प्रदर्शन किया। जबकि आम आदमी पार्टी ने भी कांग्रेस के खिलाफ राज्य स्तरीय प्रदर्शन मोहाल में किया। पंजाब कांग्रेस विधायक और नेता विपक्ष प्रताप सिंह बाजवा के बम संबंधी बयान को लेकर पंजाब की राजनीति में भूचाल आ गया है। इस मामले की सुनवाई आज यानी 16 अप्रैल को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में होगी। बाजवा ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मोहाली के साइबर थाने में 13 अप्रैल को दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। इससे पहले कल मोहाली में पुलिस ने बाजवा से उनके बयान को लेकर करीब साढ़े पांच घंटे पूछताछ की थी। बाजवा का कहना है कि उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है और आगे भी करते रहेंगे। वहीं सरकारी सूत्रों के मुताबिक बाजवा ने जांच में सहयोग नहीं किया है। अब तक का इस मामले में हुआ घटनाक्रम इंटरव्यू से शुरू हुआ विवाद
13 अप्रैल को एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू में बाजवा ने दावा किया कि पंजाब में 50 ग्रेनेड आ चुके हैं, जिनमें से 18 का उपयोग हो चुका है और 32 अभी भी राज्य भर में विस्फोटित किए जाने बाकी हैं। इंटरव्यू का टीज़र प्रसारित होने के साथ ही विवाद शुरू हो गया और उसी दिन शाम को मोहाली में बाजवा के खिलाफ एक महिला पुलिस कर्मचारी की शिकायत पर FIR दर्ज की गई। सरकार ने लिया संज्ञान, पुलिस ने शुरू की जांच
इंटरव्यू का टीज़र प्रसारित होते ही दोपहर करीब 12 बजे AIG काउंटर इंटेलिजेंस रवजोत ग्रेवाल, ग्रेनेड की जानकारी का स्रोत पूछने के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर-8 स्थित बाजवा के घर पहुंचीं। वह वहां करीब 15 मिनट रुककर बाहर आईं और मीडिया को बताया कि बाजवा जांच में सहयोग नहीं कर रहे। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक वीडियो जारी कर बाजवा से पूछा कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली? क्या उनके पाकिस्तान से संबंध हैं, जो आतंकवादी उन्हें सीधे फोन कर जानकारी दे रहे हैं? उन्होंने सवाल उठाया कि जब यह जानकारी न राज्य इंटेलिजेंस के पास है और न ही केंद्रीय एजेंसियों के पास, तो क्या बाजवा इन बम धमाकों का इंतजार कर रहे थे ताकि राजनीति कर सकें? अगर यह झूठ है, तो क्या वे पंजाब में डर फैलाना चाहते हैं? उन्होंने स्पष्ट कहा कि अगर जानकारी का स्रोत नहीं बताया गया तो कार्रवाई की जाएगी। केस दर्ज हुआ, FIR कोर्ट जाकर मिली​​​​​​​
13 अप्रैल की शाम को पुलिस ने बाजवा को पूछताछ के लिए समन भेजा और 14 अप्रैल को दोपहर 12 बजे पेश होने को कहा गया। बाजवा उस दिन पेश नहीं हुए, उनके वकीलों ने एक दिन का समय मांगा। उन्हें फिर 15 अप्रैल को दोपहर 2 बजे बुलाया गया। इसके बाद बाजवा के वकीलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और उन्हें उसी शाम 4 बजे FIR की कॉपी सौंपी गई। बाजवा पहुंचे हाईकोर्ट,छह घंटे पूछताछ 15 अप्रैल को प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में उन पर दर्ज केस के खिलाफ याचिका को रद करने के लिए याचिका दाखिल की। दोपहर में कांग्रेसी नेता व समर्थक चंडीगढ़ एक जुट हुए। इसके बाद दाेपहर ढाई बजे से रात आठ बजे तक बावजा से मोहाली में पुलिस ने पूछताछ की। कांग्रेसी नेताओं ने साइबर थाने के बाहर बैठकर प्रदर्शन किया। जबकि आम आदमी पार्टी ने भी कांग्रेस के खिलाफ राज्य स्तरीय प्रदर्शन मोहाल में किया।   पंजाब | दैनिक भास्कर