हिसार में BJP पार्षद के खिलाफ कोर्ट में याचिका:कांग्रेस प्रत्याशी बोलीं- जाति प्रमाण पत्र झूठा; पिछड़ा वर्ग में नहीं आती ज्योति

हिसार में BJP पार्षद के खिलाफ कोर्ट में याचिका:कांग्रेस प्रत्याशी बोलीं- जाति प्रमाण पत्र झूठा; पिछड़ा वर्ग में नहीं आती ज्योति

हरियाणा के हिसार नगर निगम के चुनाव को कोर्ट में चुनौती दी गई है। हिसार के वार्ड-3 की भाजपा पार्षद ज्योति के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी कुसुम प्रजापति ने कोर्ट में याचिका दायर की है। कुसुम प्रजापति ने याचिका में स्पष्ट किया है कि ज्योति ने पिछड़ा वर्ग आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और विजेता हुई, जबकि वह सामान्य वर्ग से संबंध रखती है। इसलिए नगर निगम के वार्ड-3 की पार्षद को अमान्य घोषित किया जाए। इसके साथ ही ज्योति द्वारा प्रस्तुत किए गए पिछड़ा वर्ग से संबंधित प्रमाण-पत्र की जांच करके और उसके आधार पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। वरिष्ठ वकील एवं हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के अध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल के माध्यम से डाली गई इस याचिका में कहा गया है कि वार्ड नंबर 3, जो पिछड़े वर्ग-ए (महिला) के लिए आरक्षित सीट थी। भाजपा प्रत्याशी ने सुनार जाति के रूप में प्रस्तुत होकर स्वयं को पिछड़ा वर्ग-ए का बताया। जबकि वास्तव में वह पंजाबी अरोड़ा/खत्री जाति से है। जो हरियाणा के अधिनियम हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवा एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण) अधिनियम 2016 की अनुसूची-1 में पिछड़ा वर्ग-ए की सूची में शामिल नहीं है। याचिका में बताया- BJP पार्षद ने जानकारी छिपाई
याचिका में यह भी बताया गया है कि ज्योति द्वारा प्रस्तुत नामांकन पत्र में कई महत्वपूर्ण जानकारियां या तो छिपाई गई या झूठी दी गई। इनमें आय विवरण, संपत्ति, नामांकन पत्र में गलत पार्टी नाम, अधूरी शैक्षणिक जानकारी, वैध पैन विवरण और रोजगार की स्पष्ट जानकारी नही दी गई है। नामांकन पत्र में की गई त्रुटियां, अधूरी सूचनाएं और कूट रचित जाति प्रमाण-पत्र हरियाणा नगर निगम अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है। जिनके तहत झूठा जाति प्रमाण-पत्र देने पर 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। साथ ही यह कार्य दंडनीय अपराध है। चुनाव अवैध घोषित करने की मांग
कुसुम प्रजापति ने मांग की है कि ज्योति का चुनाव अवैध घोषित करके उसे या अन्य योग्य उम्मीदवार को वैध रूप से विजयी घोषित किया जाए। ताकि यह सिद्ध हो कि गलत नामांकन और कूट रचित प्रमाण-पत्र के कारण चुनाव का परिणाम प्रभावित हुआ है। पार्षद ज्योति हरियाणा के पिछड़े वर्ग की श्रेणी में नहीं आती है। इसलिए वार्ड-3 के पार्षद चुनाव को अवैध घोषित करके लोकतंत्र और संविधान की गरिमा को कायम रखना चाहिए। एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करके इस तरह के मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग की जाएगी। कुसुम प्रजापति ने चुनाव से पहले भी की थी जांच की मांग
नगर निगम चुनाव से ठीक पहले भी कुसुम प्रजापति ने हिसार उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त कम रिटर्निंग ऑफिसर, स्टेट इलेक्शन कमीशन और असिस्टेंट स्टेट इलेक्शन कमीशन को लिखित शिकायत भेजकर जांच की मांग की थी। मगर इस दिशा में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। चुनाव में ज्योति विजयी हुई और उसे वार्ड-3 की पार्षद के रूप में नगर निगम से जुड़ी हैं। अब कोर्ट में याचिका डालकर कुसुम प्रजापति ने न्याय की गुहार लगाई है। हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे खोवाल
ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि वार्ड-3 की उम्मीदवार कुसुम प्रजापति ने याचिका लगाकर निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग की है। उन्होंने बताया कि इसी भांति प्रदेशभर में कई जगह आरक्षण संबंधी गलत प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करके कई उम्मीदवार विजयी हुए हैं। इस संदर्भ में जनहित याचिका हाईकोर्ट में डालकर निष्पक्ष जांच की मांग की जाएगी। हरियाणा के हिसार नगर निगम के चुनाव को कोर्ट में चुनौती दी गई है। हिसार के वार्ड-3 की भाजपा पार्षद ज्योति के खिलाफ कांग्रेस प्रत्याशी कुसुम प्रजापति ने कोर्ट में याचिका दायर की है। कुसुम प्रजापति ने याचिका में स्पष्ट किया है कि ज्योति ने पिछड़ा वर्ग आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा और विजेता हुई, जबकि वह सामान्य वर्ग से संबंध रखती है। इसलिए नगर निगम के वार्ड-3 की पार्षद को अमान्य घोषित किया जाए। इसके साथ ही ज्योति द्वारा प्रस्तुत किए गए पिछड़ा वर्ग से संबंधित प्रमाण-पत्र की जांच करके और उसके आधार पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। वरिष्ठ वकील एवं हरियाणा कांग्रेस लीगल डिपार्टमेंट के अध्यक्ष एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल के माध्यम से डाली गई इस याचिका में कहा गया है कि वार्ड नंबर 3, जो पिछड़े वर्ग-ए (महिला) के लिए आरक्षित सीट थी। भाजपा प्रत्याशी ने सुनार जाति के रूप में प्रस्तुत होकर स्वयं को पिछड़ा वर्ग-ए का बताया। जबकि वास्तव में वह पंजाबी अरोड़ा/खत्री जाति से है। जो हरियाणा के अधिनियम हरियाणा पिछड़ा वर्ग (सेवा एवं शिक्षण संस्थानों में आरक्षण) अधिनियम 2016 की अनुसूची-1 में पिछड़ा वर्ग-ए की सूची में शामिल नहीं है। याचिका में बताया- BJP पार्षद ने जानकारी छिपाई
याचिका में यह भी बताया गया है कि ज्योति द्वारा प्रस्तुत नामांकन पत्र में कई महत्वपूर्ण जानकारियां या तो छिपाई गई या झूठी दी गई। इनमें आय विवरण, संपत्ति, नामांकन पत्र में गलत पार्टी नाम, अधूरी शैक्षणिक जानकारी, वैध पैन विवरण और रोजगार की स्पष्ट जानकारी नही दी गई है। नामांकन पत्र में की गई त्रुटियां, अधूरी सूचनाएं और कूट रचित जाति प्रमाण-पत्र हरियाणा नगर निगम अधिनियम का स्पष्ट उल्लंघन है। जिनके तहत झूठा जाति प्रमाण-पत्र देने पर 6 वर्ष तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। साथ ही यह कार्य दंडनीय अपराध है। चुनाव अवैध घोषित करने की मांग
कुसुम प्रजापति ने मांग की है कि ज्योति का चुनाव अवैध घोषित करके उसे या अन्य योग्य उम्मीदवार को वैध रूप से विजयी घोषित किया जाए। ताकि यह सिद्ध हो कि गलत नामांकन और कूट रचित प्रमाण-पत्र के कारण चुनाव का परिणाम प्रभावित हुआ है। पार्षद ज्योति हरियाणा के पिछड़े वर्ग की श्रेणी में नहीं आती है। इसलिए वार्ड-3 के पार्षद चुनाव को अवैध घोषित करके लोकतंत्र और संविधान की गरिमा को कायम रखना चाहिए। एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने कहा कि हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करके इस तरह के मामलों की निष्पक्ष जांच की मांग की जाएगी। कुसुम प्रजापति ने चुनाव से पहले भी की थी जांच की मांग
नगर निगम चुनाव से ठीक पहले भी कुसुम प्रजापति ने हिसार उपायुक्त, अतिरिक्त उपायुक्त कम रिटर्निंग ऑफिसर, स्टेट इलेक्शन कमीशन और असिस्टेंट स्टेट इलेक्शन कमीशन को लिखित शिकायत भेजकर जांच की मांग की थी। मगर इस दिशा में कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं की गई। चुनाव में ज्योति विजयी हुई और उसे वार्ड-3 की पार्षद के रूप में नगर निगम से जुड़ी हैं। अब कोर्ट में याचिका डालकर कुसुम प्रजापति ने न्याय की गुहार लगाई है। हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे खोवाल
ऑल इंडिया बैकवर्ड क्लास फेडरेशन के राष्ट्रीय कानूनी सलाहकार एडवोकेट लाल बहादुर खोवाल ने बताया कि वार्ड-3 की उम्मीदवार कुसुम प्रजापति ने याचिका लगाकर निष्पक्ष जांच और न्याय की मांग की है। उन्होंने बताया कि इसी भांति प्रदेशभर में कई जगह आरक्षण संबंधी गलत प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करके कई उम्मीदवार विजयी हुए हैं। इस संदर्भ में जनहित याचिका हाईकोर्ट में डालकर निष्पक्ष जांच की मांग की जाएगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर