<p style=”text-align: justify;”><strong>Vijay Wadettiwar On Hindi Language:</strong> महाराष्ट्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को लागू करने की योजना बना ली गई है. इसके तहत मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में क्लास 1 से 5 तक हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा. अब इसे लेकर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है. पार्टी नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मराठी भाषा का अपना महत्व है, हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में क्लास 1-5 के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाए जाने पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, ”संविधान में लिखा है कि स्टेट को अपनी मातृभाषा को आगे रखने का अधिकार है. सेकंड वैकल्पिक भाषा जो व्यवहार में होती है, देश-प्रदेश के लिए होती है वो अंग्रेजी होती है. मेरा कहना है कि हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में लादने की आवश्यकता नहीं है. ये लादकर आप मराठी का महत्व कम नहीं करो, ये ऑप्शनल रखो.” </p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>VIDEO | On Hindi being made a mandatory third language for classes 1-5 in Maharashtra, Congress leader Vijay Wadettiwar (<a href=”https://twitter.com/VijayWadettiwar?ref_src=twsrc%5Etfw”>@VijayWadettiwar</a>) says, “It was written in Constitution that it is the right of the state to put forward its mother tongue. They shouldn’t bring this… <a href=”https://t.co/NQOjdJ2V55″>pic.twitter.com/NQOjdJ2V55</a></p>
— Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1912775619748012038?ref_src=twsrc%5Etfw”>April 17, 2025</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>मराठी भाषा का अलग महत्व है- विजय वडेट्टीवार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा, ”ऑप्शनल रखने के लिए किसी का विरोध होने का सवाल नहीं है. लेकिन उसे जबरदस्ती थोपा जाए तो ये गलत होगा. यहां मराठी भाषा का एक अलग महत्व है, इसका अलग मान और स्वाभिमान भी है. सभी को मालूम है कि मराठी भाषा का क्या महत्व है, इतिहास भी इसका गवाह है. औरंगजेब से लड़े थे, वो कौन लड़े थे, विदेशी आक्रमण के विरोध में कौन लड़े थे. वो सबका इतिहास सामने है. सवाल इतना है कि हिंदी को ऑप्शनल रखो, उसे महाराष्ट्र में जबरदस्ती लागू करने की जरूरत नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विजय वडेट्टीवार का पीएम मोदी और शाह पर तंज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विजय वडेट्टीवार ने ये भी कहा, ”पीएम <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> जी और गृहमंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> जी रेगुलर अगर हिंदी भाषा बोलते हैं तो सभी को यही बोलना चाहिए, ये तो गलत है न. ये ठीक नहीं है. अगर वे महाराष्ट्र आना चाहते हैं तो उन्हें मराठी भी सीखनी चाहिए, तो हमको अच्छा लगेगा कि हमारे प्रधानमंत्री मराठी में बात करते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव 16 भाषाएं बोलते थे. हमारे मनमोहन सिंह 11 भाषाएं जानते थे. तो किसी के ऊपर भाषा मत थोपो और अगर थोपोगे तो मराठी संस्कृति, विचार का नुकसान होगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उधर, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हम नई शिक्षा नीति को पहले से लागू कर रहे हैं, ये कोई नया नोटिफिकेशन नहीं है. हमारा प्रयास है कि सबको मराठी भी आनी चाहिए और साथ-साथ देश की अन्य भाषा भी आनी चाहिए. मुझे लगता है कि यह केंद्र सरकार के विचार को साकार करने के लिए किया जा रहा है कि पूरे देश में एक संपर्क भाषा होनी चाहिए. हमने पहले तय किया है कि मराठी यहां अनिवार्य होगी, लेकिन इसके साथ ही, हर कोई अंग्रेजी, हिंदी और अन्य भाषाएं सीख सकता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Vijay Wadettiwar On Hindi Language:</strong> महाराष्ट्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) को लागू करने की योजना बना ली गई है. इसके तहत मराठी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में क्लास 1 से 5 तक हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा. अब इसे लेकर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है. पार्टी नेता विजय वडेट्टीवार ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मराठी भाषा का अपना महत्व है, हिंदी को थोपा नहीं जाना चाहिए. </p>
<p style=”text-align: justify;”>महाराष्ट्र में क्लास 1-5 के लिए हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाए जाने पर कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा, ”संविधान में लिखा है कि स्टेट को अपनी मातृभाषा को आगे रखने का अधिकार है. सेकंड वैकल्पिक भाषा जो व्यवहार में होती है, देश-प्रदेश के लिए होती है वो अंग्रेजी होती है. मेरा कहना है कि हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा के रूप में लादने की आवश्यकता नहीं है. ये लादकर आप मराठी का महत्व कम नहीं करो, ये ऑप्शनल रखो.” </p>
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<p dir=”ltr” lang=”en”>VIDEO | On Hindi being made a mandatory third language for classes 1-5 in Maharashtra, Congress leader Vijay Wadettiwar (<a href=”https://twitter.com/VijayWadettiwar?ref_src=twsrc%5Etfw”>@VijayWadettiwar</a>) says, “It was written in Constitution that it is the right of the state to put forward its mother tongue. They shouldn’t bring this… <a href=”https://t.co/NQOjdJ2V55″>pic.twitter.com/NQOjdJ2V55</a></p>
— Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1912775619748012038?ref_src=twsrc%5Etfw”>April 17, 2025</a></blockquote>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>मराठी भाषा का अलग महत्व है- विजय वडेट्टीवार</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने आगे कहा, ”ऑप्शनल रखने के लिए किसी का विरोध होने का सवाल नहीं है. लेकिन उसे जबरदस्ती थोपा जाए तो ये गलत होगा. यहां मराठी भाषा का एक अलग महत्व है, इसका अलग मान और स्वाभिमान भी है. सभी को मालूम है कि मराठी भाषा का क्या महत्व है, इतिहास भी इसका गवाह है. औरंगजेब से लड़े थे, वो कौन लड़े थे, विदेशी आक्रमण के विरोध में कौन लड़े थे. वो सबका इतिहास सामने है. सवाल इतना है कि हिंदी को ऑप्शनल रखो, उसे महाराष्ट्र में जबरदस्ती लागू करने की जरूरत नहीं है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विजय वडेट्टीवार का पीएम मोदी और शाह पर तंज</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>विजय वडेट्टीवार ने ये भी कहा, ”पीएम <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> जी और गृहमंत्री <a title=”अमित शाह” href=”https://www.abplive.com/topic/amit-shah” data-type=”interlinkingkeywords”>अमित शाह</a> जी रेगुलर अगर हिंदी भाषा बोलते हैं तो सभी को यही बोलना चाहिए, ये तो गलत है न. ये ठीक नहीं है. अगर वे महाराष्ट्र आना चाहते हैं तो उन्हें मराठी भी सीखनी चाहिए, तो हमको अच्छा लगेगा कि हमारे प्रधानमंत्री मराठी में बात करते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव 16 भाषाएं बोलते थे. हमारे मनमोहन सिंह 11 भाषाएं जानते थे. तो किसी के ऊपर भाषा मत थोपो और अगर थोपोगे तो मराठी संस्कृति, विचार का नुकसान होगा.”</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>सीएम देवेंद्र फडणवीस ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>उधर, महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, “हम नई शिक्षा नीति को पहले से लागू कर रहे हैं, ये कोई नया नोटिफिकेशन नहीं है. हमारा प्रयास है कि सबको मराठी भी आनी चाहिए और साथ-साथ देश की अन्य भाषा भी आनी चाहिए. मुझे लगता है कि यह केंद्र सरकार के विचार को साकार करने के लिए किया जा रहा है कि पूरे देश में एक संपर्क भाषा होनी चाहिए. हमने पहले तय किया है कि मराठी यहां अनिवार्य होगी, लेकिन इसके साथ ही, हर कोई अंग्रेजी, हिंदी और अन्य भाषाएं सीख सकता है.”</p>
<p style=”text-align: justify;”> </p> महाराष्ट्र दिल्ली में लाउडस्पीकर को लेकर नए निर्देश जारी, बिना परमिशन कहीं भी इजाजत नहीं, 25 हजार तक फाइन
Maharashtra: महाराष्ट्र में हिंदी को अनिवार्य तीसरी भाषा बनाए जाने पर भड़की कांग्रेस, ‘ये लादकर आप…’
