Delhi: दिल्ली पुलिस ने साइबर ठग को झारखंड से पकड़ा, बीएसईएस कस्टमर सपोर्ट बनकर करता था ठगी

Delhi: दिल्ली पुलिस ने साइबर ठग को झारखंड से पकड़ा, बीएसईएस कस्टमर सपोर्ट बनकर करता था ठगी

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Cyber Fraud News:</strong> साइबर अपराधियों के बढ़ते जाल को बेनकाब करने में दिल्ली पुलिस ने बड़ी सफलता प्राप्त की है. दक्षिण-पश्चिम जिले के साइबर थाना की टीम ने एक शातिर साइबर ठग को झारखंड के जामताड़ा जिले से गिरफ्तार किया है, जो बीएसईएस कस्टमर सपोर्ट के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी कर रहा था. आरोपी की गिरफ्तारी से यह खुलासा हुआ है कि साइबर ठगों का नेटवर्क पूरे देश में सक्रिय है और उनका निशाना आम लोग बन रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के आर.के. पुरम सेक्टर-1 निवासी एक व्यक्ति ने 2 फरवरी 2025 को बीएसईएस कनेक्शन के नामांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. इसके बाद उसने एक अज्ञात नंबर से कॉल प्राप्त की, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को बीएसईएस कस्टमर सपोर्ट से बताया और सीए नंबर अपडेट करने के लिए एक लिंक भेजा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जैसे ही शिकायतकर्ता ने लिंक पर क्लिक किया, उसके मोबाइल पर ओटीपी आए और कुछ ही देर में उसकी एसबीआई कार्ड से दो अलग-अलग ट्रांजैक्शन के जरिए 99,990 रुपये की रकम गायब हो गई. शिकायतकर्ता के मुताबिक, उस दिन उसके खाते से पूरी रकम उड़ गई, जिससे वह हैरान और परेशान हो गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>साइबर टीम का साहसिक कदम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस साइबर ठगी का मामला जैसे ही पुलिस के पास पहुंचा, साइबर थाना की टीम ने त्वरित कार्रवाई शुरू की. शुरुआती जांच में पता चला कि ठग ने जिस नंबर से कॉल की थी, वह झारखंड के देवघर जिले के कोरों गांव से ऑपरेट हो रहा था. इसके बाद पुलिस ने तकनीकी निगरानी के जरिए ठग के फोन और व्हाट्सएप अकाउंट की पहचान की. लेकिन, जब जांच में फर्जी सिम कार्ड और प्रॉक्सी नंबर सामने आए, तो पुलिस की टीम को यकीन हो गया कि ठग कोई अनुभवी अपराधी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जामताड़ा से गिरफ्तारी पुलिस का अभियान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>साइबर टीम ने एसआई लव देसवाल के नेतृत्व में एक टीम तैयार की और 14 अप्रैल को झारखंड के जामताड़ा जिले में छापेमारी के लिए रवाना हो गई. पुलिस ने पूरी रणनीति के साथ छापेमारी की योजना बनाई, ताकि आरोपी को कोई भागने का मौका न मिले. लेकिन, जैसे ही पुलिस टीम गांव पहुंची, आरोपी ने जंगल की ओर भागने की कोशिश की. फिर क्या था, पुलिस ने रात के अंधेरे में उसका पीछा किया और 16 अप्रैल को उसे धर दबोचा. आरोपी का नाम बिकाश मंडल है, जो पहले भी साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बरामदगी से चौंकाने वाले तथ्य</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरफ्तारी के दौरान बिकाश के पास से दो स्मार्टफोन बरामद हुए, जिनमें उसकी धोखाधड़ी की सारी जानकारी और ठगी के सबूत पाए गए. उसके खिलाफ पहले भी झारखंड के कई साइबर फ्रॉड मामलों में गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, लेकिन वह फिर भी अपना अपराध करने से बाज नहीं आया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें- <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/jnusu-election-2025-postponed-indefinitely-due-to-violence-and-security-concern-in-delhi-2927844″>JNUSU Election: जेएनयू छात्र संघ चुनाव स्थगित, जानें- किन वजहों से लिया गया ये फैसला?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Cyber Fraud News:</strong> साइबर अपराधियों के बढ़ते जाल को बेनकाब करने में दिल्ली पुलिस ने बड़ी सफलता प्राप्त की है. दक्षिण-पश्चिम जिले के साइबर थाना की टीम ने एक शातिर साइबर ठग को झारखंड के जामताड़ा जिले से गिरफ्तार किया है, जो बीएसईएस कस्टमर सपोर्ट के नाम पर लोगों से लाखों की ठगी कर रहा था. आरोपी की गिरफ्तारी से यह खुलासा हुआ है कि साइबर ठगों का नेटवर्क पूरे देश में सक्रिय है और उनका निशाना आम लोग बन रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली के आर.के. पुरम सेक्टर-1 निवासी एक व्यक्ति ने 2 फरवरी 2025 को बीएसईएस कनेक्शन के नामांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था. इसके बाद उसने एक अज्ञात नंबर से कॉल प्राप्त की, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को बीएसईएस कस्टमर सपोर्ट से बताया और सीए नंबर अपडेट करने के लिए एक लिंक भेजा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>जैसे ही शिकायतकर्ता ने लिंक पर क्लिक किया, उसके मोबाइल पर ओटीपी आए और कुछ ही देर में उसकी एसबीआई कार्ड से दो अलग-अलग ट्रांजैक्शन के जरिए 99,990 रुपये की रकम गायब हो गई. शिकायतकर्ता के मुताबिक, उस दिन उसके खाते से पूरी रकम उड़ गई, जिससे वह हैरान और परेशान हो गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>साइबर टीम का साहसिक कदम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस साइबर ठगी का मामला जैसे ही पुलिस के पास पहुंचा, साइबर थाना की टीम ने त्वरित कार्रवाई शुरू की. शुरुआती जांच में पता चला कि ठग ने जिस नंबर से कॉल की थी, वह झारखंड के देवघर जिले के कोरों गांव से ऑपरेट हो रहा था. इसके बाद पुलिस ने तकनीकी निगरानी के जरिए ठग के फोन और व्हाट्सएप अकाउंट की पहचान की. लेकिन, जब जांच में फर्जी सिम कार्ड और प्रॉक्सी नंबर सामने आए, तो पुलिस की टीम को यकीन हो गया कि ठग कोई अनुभवी अपराधी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जामताड़ा से गिरफ्तारी पुलिस का अभियान</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>साइबर टीम ने एसआई लव देसवाल के नेतृत्व में एक टीम तैयार की और 14 अप्रैल को झारखंड के जामताड़ा जिले में छापेमारी के लिए रवाना हो गई. पुलिस ने पूरी रणनीति के साथ छापेमारी की योजना बनाई, ताकि आरोपी को कोई भागने का मौका न मिले. लेकिन, जैसे ही पुलिस टीम गांव पहुंची, आरोपी ने जंगल की ओर भागने की कोशिश की. फिर क्या था, पुलिस ने रात के अंधेरे में उसका पीछा किया और 16 अप्रैल को उसे धर दबोचा. आरोपी का नाम बिकाश मंडल है, जो पहले भी साइबर ठगी के मामले में गिरफ्तार हो चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बरामदगी से चौंकाने वाले तथ्य</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>गिरफ्तारी के दौरान बिकाश के पास से दो स्मार्टफोन बरामद हुए, जिनमें उसकी धोखाधड़ी की सारी जानकारी और ठगी के सबूत पाए गए. उसके खिलाफ पहले भी झारखंड के कई साइबर फ्रॉड मामलों में गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, लेकिन वह फिर भी अपना अपराध करने से बाज नहीं आया.</p>
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