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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>Khelo India Games:</strong> बिहार पहली बार खेलो इंडिया गेम्स की मेजबानी करेगा और इसे लेकर राज्य में जबरदस्त उत्साह है. चार मई से 15 मई तक आयोजित हो रहा है. इस आयोजन में देशभर से लगभग 8500 खिलाड़ी 27 खेल विधाओं में हिस्सा लेंगे. बिहार के खिलाड़ी भी वाइल्ड कार्ड एंट्री के माध्यम से सभी खेलों में भाग ले रहे हैं. इस आयोजन के जरिए राज्य पहली बार राष्ट्रीय खेलों के बड़े मंच पर अपनी क्षमता और तैयारियों को पेश करेगा.</div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”> </div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव बी. राजेंद्र ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में बताया कि बिहार अब खेल के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव के रास्ते पर है. उन्होंने कहा कि पहले धारणा थी “खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब”, लेकिन अब सरकार का नारा है. “जो खेलेगा, वही खिलेगा”. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार ने पंचायत स्तर से लेकर राष्ट्रीय मंच तक खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong> पंचायत स्तर तक खेल संरचना का विस्तार </strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>प्रदेश के 8053 पंचायतों में खेल मैदानों का निर्माण कराया जा रहा है और हर पंचायत में एक खेल क्लब स्थापित किया जा रहा है. साथ ही, 25 जिलों में व्यायामशालाओं का निर्माण भी पूरा हो चुका है, जिससे गांवों तक खेल की पहुंच संभव हो रही है.</div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”> </div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>बी. राजेंद्र ने बताया कि ‘मशाल प्रतिभा खोज कार्यक्रम’ के तहत स्कूल स्तर पर बच्चों की प्रतिभा को चिह्नित किया जा रहा है. अब तक लगभग 15.5 लाख बच्चों का डाटाबेस तैयार किया गया है, जो भविष्य के लिए एक मजबूत आधार बनेगा. ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण और सुविधाएं ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने के लिए राज्यभर में 27 एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>इन केंद्रों पर खिलाड़ियों को पढ़ाई और खेल दोनों का उच्चस्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है. राष्ट्रीय स्तर के अनुभवी कोच प्रशिक्षण दे रहे हैं. साथ ही खिलाड़ियों के रहने, खाने और खेल सामग्री की भी व्यवस्था की गई है. सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में कमी की बात स्वीकार करते हुए बी. राजेन्दर ने कहा कि अब वेबसाइट और डिजिटल चैनलों के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी जा रही है.</div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”> </div>
<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>खिलाड़ी जिलों में मौजूद एकलव्य केंद्रों में जाकर खुद को रजिस्टर कर सकते हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. बिहार खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में नया इतिहास लिखने की तैयारी कर रहा है. पटना के पुनपुन में अत्याधुनिक स्पोर्ट्स सिटी बनाने की योजना तैयार की गई है. इसके अलावा, बिहार खेल विश्वविद्यालय भी जून से पाठ्यक्रम शुरू करेगा, जिसे यूजीसी से मान्यता प्राप्त हो चुकी है. इससे राज्य के युवाओं को खेल प्रशासन में भी करियर बनाने का अवसर मिलेगा.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong> मेडल लाओ, नौकरी पाओ: सरकार का सीधा संदेश </strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने आकर्षक छात्रवृत्ति योजनाएं बनाई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को 20 लाख रुपये तक और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को 5 लाख रुपये तक की स्कॉलरशिप दी जाएगी. इसके साथ ही मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का भी मौका मिलेगा. बी. राजेंद्र ने कहा कि सरकार हर खिलाड़ी के साथ मजबूती से खड़ी है और बिहार खेल की नई ऊंचाइयों तक जाने के लिए प्रतिबद्ध है. </div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong><strong>ये भी पढ़ें: </strong></strong><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/jdu-rajya-sabha-mp-sanjay-jha-statement-on-mallika-arjun-kharge-and-tejashwi-yadav-ann-2928164″>’कांग्रेस का कुछ नहीं बचा…’, मल्लिकाअर्जुन खरगे के बिहार दौरे पर संजय झा का तंज</a></strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong>Khelo India Games:</strong> बिहार पहली बार खेलो इंडिया गेम्स की मेजबानी करेगा और इसे लेकर राज्य में जबरदस्त उत्साह है. चार मई से 15 मई तक आयोजित हो रहा है. इस आयोजन में देशभर से लगभग 8500 खिलाड़ी 27 खेल विधाओं में हिस्सा लेंगे. बिहार के खिलाड़ी भी वाइल्ड कार्ड एंट्री के माध्यम से सभी खेलों में भाग ले रहे हैं. इस आयोजन के जरिए राज्य पहली बार राष्ट्रीय खेलों के बड़े मंच पर अपनी क्षमता और तैयारियों को पेश करेगा.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>खेल विभाग के अपर मुख्य सचिव बी. राजेंद्र ने एबीपी न्यूज से खास बातचीत में बताया कि बिहार अब खेल के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव के रास्ते पर है. उन्होंने कहा कि पहले धारणा थी “खेलोगे कूदोगे तो होगे खराब”, लेकिन अब सरकार का नारा है. “जो खेलेगा, वही खिलेगा”. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में सरकार ने पंचायत स्तर से लेकर राष्ट्रीय मंच तक खेलों को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े कदम उठाए हैं.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong> पंचायत स्तर तक खेल संरचना का विस्तार </strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>प्रदेश के 8053 पंचायतों में खेल मैदानों का निर्माण कराया जा रहा है और हर पंचायत में एक खेल क्लब स्थापित किया जा रहा है. साथ ही, 25 जिलों में व्यायामशालाओं का निर्माण भी पूरा हो चुका है, जिससे गांवों तक खेल की पहुंच संभव हो रही है.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>बी. राजेंद्र ने बताया कि ‘मशाल प्रतिभा खोज कार्यक्रम’ के तहत स्कूल स्तर पर बच्चों की प्रतिभा को चिह्नित किया जा रहा है. अब तक लगभग 15.5 लाख बच्चों का डाटाबेस तैयार किया गया है, जो भविष्य के लिए एक मजबूत आधार बनेगा. ग्रामीण क्षेत्रों के खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण और सुविधाएं ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने के लिए राज्यभर में 27 एकलव्य प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>इन केंद्रों पर खिलाड़ियों को पढ़ाई और खेल दोनों का उच्चस्तरीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है. राष्ट्रीय स्तर के अनुभवी कोच प्रशिक्षण दे रहे हैं. साथ ही खिलाड़ियों के रहने, खाने और खेल सामग्री की भी व्यवस्था की गई है. सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में कमी की बात स्वीकार करते हुए बी. राजेन्दर ने कहा कि अब वेबसाइट और डिजिटल चैनलों के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी जा रही है.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>खिलाड़ी जिलों में मौजूद एकलव्य केंद्रों में जाकर खुद को रजिस्टर कर सकते हैं और सरकारी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं. बिहार खेल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में नया इतिहास लिखने की तैयारी कर रहा है. पटना के पुनपुन में अत्याधुनिक स्पोर्ट्स सिटी बनाने की योजना तैयार की गई है. इसके अलावा, बिहार खेल विश्वविद्यालय भी जून से पाठ्यक्रम शुरू करेगा, जिसे यूजीसी से मान्यता प्राप्त हो चुकी है. इससे राज्य के युवाओं को खेल प्रशासन में भी करियर बनाने का अवसर मिलेगा.</div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong> मेडल लाओ, नौकरी पाओ: सरकार का सीधा संदेश </strong></div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”>खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने आकर्षक छात्रवृत्ति योजनाएं बनाई है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मेडल जीतने वाले खिलाड़ियों को 20 लाख रुपये तक और राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को 5 लाख रुपये तक की स्कॉलरशिप दी जाएगी. इसके साथ ही मेडल लाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी का भी मौका मिलेगा. बी. राजेंद्र ने कहा कि सरकार हर खिलाड़ी के साथ मजबूती से खड़ी है और बिहार खेल की नई ऊंचाइयों तक जाने के लिए प्रतिबद्ध है. </div>
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<div dir=”auto” style=”text-align: justify;”><strong><strong>ये भी पढ़ें: </strong></strong><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/bihar/jdu-rajya-sabha-mp-sanjay-jha-statement-on-mallika-arjun-kharge-and-tejashwi-yadav-ann-2928164″>’कांग्रेस का कुछ नहीं बचा…’, मल्लिकाअर्जुन खरगे के बिहार दौरे पर संजय झा का तंज</a></strong></div>
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</div> बिहार Jammu News: खून से लथपथ और सवालों में घिरी वर्दी! राजौरी में प्रोफेसर के साथ क्या हुआ, जानें पूरा मामला
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