हेल्थ टूरिज्म में भी यूपी रचेगा नया इतिहास, आयुष बनेगा प्रमुख जरिया, गोरखपुर में यूनिवर्सिटी तैयार

हेल्थ टूरिज्म में भी यूपी रचेगा नया इतिहास, आयुष बनेगा प्रमुख जरिया, गोरखपुर में यूनिवर्सिटी तैयार

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> प्रयागराज का <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a>, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और काशी विश्वनाथ धाम के जरिए धार्मिक पर्यटन में नया इतिहास रचने के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हेल्थ टूरिज्म को लेकर बड़ी योजना पर काम कर रही है. इसका आधार होगा- भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति &lsquo;आयुष&rsquo;. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साफ कहना है कि धर्म के बाद अब उत्तर प्रदेश हेल्थ टूरिज्म में भी देश में नंबर वन राज्य बनेगा. इसके लिए सरकार ने इलाज की परंपरागत विधाओं जैसे आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को विज्ञान से जोड़ने की दिशा में ठोस प्रयास शुरू कर दिए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीते एक दशक में आयुष पद्धतियों की लोकप्रियता पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ी है. साल 2014 में आयुष उत्पादों का वैश्विक बाजार करीब 2.85 अरब डॉलर का था, जो अब 2024 में 43.4 अरब डॉलर से ज्यादा का हो गया है. यह 10 साल में 15 गुना वृद्धि है. आयुष उत्पादों की मांग 100 से ज्यादा देशों में है. कोविड-19 महामारी के बाद लोग प्राचीन इलाज पद्धतियों की ओर तेजी से लौटे हैं, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार और उद्यम के नए रास्ते खुल गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जल्द शुरू होगा अयोध्या और काशी का कॉलेज</strong><br />प्रदेश में आयुष पद्धति को बढ़ावा देने के लिए गोरखपुर के भटहट क्षेत्र में पहला राज्य आयुष विश्वविद्यालय बनकर लगभग तैयार है. इसमें ओपीडी सेवा शुरू हो चुकी है और अब शैक्षणिक सत्र भी जल्द शुरू किया जाएगा. साथ ही अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज और काशी (वाराणसी) में राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज भी जल्द शुरू होने जा रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्तमान में प्रदेश में 2,100 से अधिक आयुर्वेदिक, 254 यूनानी और 1,585 होम्योपैथिक चिकित्सा केंद्र मौजूद हैं. इनके साथ वेलनेस सेंटर और चिकित्सा महाविद्यालय भी कार्यरत हैं. आयुष क्षेत्र के बढ़ते विस्तार से प्रदेश में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा मिलेगा. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योग, पैकेजिंग यूनिट, जड़ी-बूटियों का संग्रहण केंद्र और औषधि निर्माण इकाइयां खुलेंगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-ban-imposed-on-freehold-of-nazul-land-and-big-blow-to-thousands-of-families-ann-2928912″><strong>उत्तराखंड: नजूल भूमि के फ्री होल्ड पर लगी रोक, हजारों परिवारों को बड़ा झटका</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>योग और आयुर्वेद गोरक्षपीठ की परंपरा से जुड़े</strong><br />इसके जरिए किसानों को आय बढ़ाने का अवसर मिलेगा, वहीं नौजवानों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा. उत्तर प्रदेश के लिए आयुष केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत भी है. योग और आयुर्वेद गोरक्षपीठ की परंपरा का हिस्सा हैं. मुख्यमंत्री योगी स्वयं गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं और योग को आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं. गोरखनाथ मंदिर परिसर में वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र और योग प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की मंशा है कि जिस तरह उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन का विश्व केंद्र बना है, उसी तरह हेल्थ और वेलनेस टूरिज्म में भी अग्रणी भूमिका निभाए. यही वजह है कि सरकार आयुष क्षेत्र को वैज्ञानिक ढंग से आगे बढ़ाने में जुटी है. योग, आयुर्वेद और स्वदेशी चिकित्सा को बढ़ावा देकर यूपी को &lsquo;आरोग्यता की राजधानी&rsquo; बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. सरकार को भरोसा है कि आने वाले वर्षों में आयुष न केवल घरेलू बल्कि वैश्विक स्तर पर उत्तर प्रदेश की पहचान को नई ऊंचाई देगा.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News:</strong> प्रयागराज का <a title=”महाकुंभ” href=”https://www.abplive.com/mahakumbh-mela” data-type=”interlinkingkeywords”>महाकुंभ</a>, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर और काशी विश्वनाथ धाम के जरिए धार्मिक पर्यटन में नया इतिहास रचने के बाद अब उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हेल्थ टूरिज्म को लेकर बड़ी योजना पर काम कर रही है. इसका आधार होगा- भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति &lsquo;आयुष&rsquo;. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का साफ कहना है कि धर्म के बाद अब उत्तर प्रदेश हेल्थ टूरिज्म में भी देश में नंबर वन राज्य बनेगा. इसके लिए सरकार ने इलाज की परंपरागत विधाओं जैसे आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को विज्ञान से जोड़ने की दिशा में ठोस प्रयास शुरू कर दिए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बीते एक दशक में आयुष पद्धतियों की लोकप्रियता पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ी है. साल 2014 में आयुष उत्पादों का वैश्विक बाजार करीब 2.85 अरब डॉलर का था, जो अब 2024 में 43.4 अरब डॉलर से ज्यादा का हो गया है. यह 10 साल में 15 गुना वृद्धि है. आयुष उत्पादों की मांग 100 से ज्यादा देशों में है. कोविड-19 महामारी के बाद लोग प्राचीन इलाज पद्धतियों की ओर तेजी से लौटे हैं, जिससे इस क्षेत्र में रोजगार और उद्यम के नए रास्ते खुल गए हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>जल्द शुरू होगा अयोध्या और काशी का कॉलेज</strong><br />प्रदेश में आयुष पद्धति को बढ़ावा देने के लिए गोरखपुर के भटहट क्षेत्र में पहला राज्य आयुष विश्वविद्यालय बनकर लगभग तैयार है. इसमें ओपीडी सेवा शुरू हो चुकी है और अब शैक्षणिक सत्र भी जल्द शुरू किया जाएगा. साथ ही अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज और काशी (वाराणसी) में राजकीय होम्योपैथिक कॉलेज भी जल्द शुरू होने जा रहे हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वर्तमान में प्रदेश में 2,100 से अधिक आयुर्वेदिक, 254 यूनानी और 1,585 होम्योपैथिक चिकित्सा केंद्र मौजूद हैं. इनके साथ वेलनेस सेंटर और चिकित्सा महाविद्यालय भी कार्यरत हैं. आयुष क्षेत्र के बढ़ते विस्तार से प्रदेश में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा मिलेगा. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योग, पैकेजिंग यूनिट, जड़ी-बूटियों का संग्रहण केंद्र और औषधि निर्माण इकाइयां खुलेंगी.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/uttarakhand-ban-imposed-on-freehold-of-nazul-land-and-big-blow-to-thousands-of-families-ann-2928912″><strong>उत्तराखंड: नजूल भूमि के फ्री होल्ड पर लगी रोक, हजारों परिवारों को बड़ा झटका</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>योग और आयुर्वेद गोरक्षपीठ की परंपरा से जुड़े</strong><br />इसके जरिए किसानों को आय बढ़ाने का अवसर मिलेगा, वहीं नौजवानों को स्थानीय स्तर पर रोजगार मिलेगा. उत्तर प्रदेश के लिए आयुष केवल चिकित्सा पद्धति नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत भी है. योग और आयुर्वेद गोरक्षपीठ की परंपरा का हिस्सा हैं. मुख्यमंत्री योगी स्वयं गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर हैं और योग को आम जनमानस तक पहुंचाने के लिए लंबे समय से प्रयासरत हैं. गोरखनाथ मंदिर परिसर में वर्षों से आयुर्वेदिक चिकित्सा केंद्र और योग प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीएम <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की मंशा है कि जिस तरह उत्तर प्रदेश धार्मिक पर्यटन का विश्व केंद्र बना है, उसी तरह हेल्थ और वेलनेस टूरिज्म में भी अग्रणी भूमिका निभाए. यही वजह है कि सरकार आयुष क्षेत्र को वैज्ञानिक ढंग से आगे बढ़ाने में जुटी है. योग, आयुर्वेद और स्वदेशी चिकित्सा को बढ़ावा देकर यूपी को &lsquo;आरोग्यता की राजधानी&rsquo; बनाने की दिशा में तेजी से काम हो रहा है. सरकार को भरोसा है कि आने वाले वर्षों में आयुष न केवल घरेलू बल्कि वैश्विक स्तर पर उत्तर प्रदेश की पहचान को नई ऊंचाई देगा.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड बिहार में थम गया बारिश का दौर, अब सताएगी भीषण गर्मी, पारा जाएगा 40 डिग्री के पार, जानें- मौसम का पूरा हाल