सैयद आदिल हुसैन शाह की बहादुरी! आतंकियों से हथियार छीनने में गंवाई जान, CM ने दी श्रद्धांजलि

सैयद आदिल हुसैन शाह की बहादुरी! आतंकियों से हथियार छीनने में गंवाई जान, CM ने दी श्रद्धांजलि

<p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहलगाम में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों में शामिल 30 वर्षीय टट्टू वाले के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और हथियारबंद हमलावरों के खिलाफ खड़े होने के उसके साहस की सराहना की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खच्चर पर पर्यटकों को सैर कराने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह को पहलगाम के हापतनार्द गांव में उनके पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया गया, जहां सैकड़ों शोकसंतप्त लोगों ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी और उनके बलिदान को सलाम किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गोली लगने से हो गई मौत&nbsp;</strong><br />अब्दुल्ला ने &lsquo;एक्स&rsquo; पर लिखा, &ldquo;मैं शाह के लिए ‘फातेहा’ (दफन के बाद की प्रार्थना) पढ़ने पहलगाम पहुंचा. पर्यटकों को बचाने के लिए साहसिक प्रयास के दौरान एक आतंकवादी से हथियार छीनने की कोशिश करते समय गोली लगने से उनकी मौत हो गई. वह पर्यटकों को खच्चर पर बिठाकर पार्किंग क्षेत्र से बैसरन ले जा रहे थे.&rdquo;</p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>’बहादुरी व बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा'</strong><br />मुख्यमंत्री ने &lsquo;एक्स&rsquo; पर अपने कार्यालय द्वारा साझा किए गए एक पोस्ट में लिखा, &ldquo;शाह के शोकाकुल परिवार से मुलाकात की और उन्हें पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया. आदिल (शाह) एकमात्र कमाने वाले थे, और उनकी असाधारण बहादुरी व बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा.&rdquo;&nbsp;शाह के छोटे भाई सैयद नौशाद ने बताया कि शाह काम के लिए पहलगाम गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, &ldquo;वह पर्यटकों को खच्चर की सवारी पर बैसरन ले जाता था. मंगलवार को जब आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया, तो मेरे भाई ने उन्हें रोकने की कोशिश की. एक पर्यटक, जिसके पिता हमले में मारे गए, ने मुझे एसएमएचएस अस्पताल में मेरे भाई के वीरतापूर्ण कार्य के बारे में बताया.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>नौशाद ने कहा कि आतंकवादियों ने शाह को तीन बार सीने में गोली मारी.&nbsp;उन्होंने अपने भाई के बलिदान को परिवार और दोस्तों के लिए &ldquo;गर्व का क्षण&rdquo; बताया.&nbsp;शाह की बहन अस्मा ने बताया कि उन्हें मंगलवार रात करीब 10 बजे भाई की हत्या के बारे में पता चला.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, &ldquo;सुबह मैंने उससे कहा था कि वह वहां न जाए, क्योंकि मुझे अंदेशा था कि कुछ बुरा होने वाला है. लेकिन उसने मेरी बात नहीं सुनी और चला गया.&rdquo;&nbsp;शाह के पिता सैयद हैदर शाह ने कहा कि वह अपने बेटे की हत्या से बहुत दुखी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सुबह 8 बजे चला गया और वापस नहीं आया'</strong><br />उन्होंने कहा, &ldquo;वह सभी भाई-बहनों में सबसे छोटा और दयालु था. वह सुबह 8 बजे चला गया और वापस नहीं आया. इस गांव के कई लड़के काम की तलाश में पहलगाम जाते हैं, लेकिन कौन जानता था कि ऐसा होने वाला है. आतंकवादियों ने मेरे बेटे को सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि उसने उनका सामना किया और उनसे पर्यटकों को नुकसान न पहुंचाने के लिए कहा.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>हैदर ने बताया कि बैसरन में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है.&nbsp;उन्होंने कहा, &ldquo;जब वह शाम को वापस नहीं आया तो हमने उसे फोन करना शुरू किया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”पहलगाम हमले के खिलाफ शिवसेना का जम्मू में विरोध प्रदर्शन, सैन्य कार्रवाई की मांग की” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/shiv-sena-s-protest-in-jammu-will-india-take-strong-action-against-pakistan-ann-2930798″ target=”_self”>पहलगाम हमले के खिलाफ शिवसेना का जम्मू में विरोध प्रदर्शन, सैन्य कार्रवाई की मांग की</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”>जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पहलगाम में आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों में शामिल 30 वर्षीय टट्टू वाले के अंतिम संस्कार में शामिल हुए और हथियारबंद हमलावरों के खिलाफ खड़े होने के उसके साहस की सराहना की.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खच्चर पर पर्यटकों को सैर कराने वाले सैयद आदिल हुसैन शाह को पहलगाम के हापतनार्द गांव में उनके पैतृक कब्रिस्तान में दफनाया गया, जहां सैकड़ों शोकसंतप्त लोगों ने उन्हें अश्रुपूर्ण विदाई दी और उनके बलिदान को सलाम किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>गोली लगने से हो गई मौत&nbsp;</strong><br />अब्दुल्ला ने &lsquo;एक्स&rsquo; पर लिखा, &ldquo;मैं शाह के लिए ‘फातेहा’ (दफन के बाद की प्रार्थना) पढ़ने पहलगाम पहुंचा. पर्यटकों को बचाने के लिए साहसिक प्रयास के दौरान एक आतंकवादी से हथियार छीनने की कोशिश करते समय गोली लगने से उनकी मौत हो गई. वह पर्यटकों को खच्चर पर बिठाकर पार्किंग क्षेत्र से बैसरन ले जा रहे थे.&rdquo;</p>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>’बहादुरी व बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा'</strong><br />मुख्यमंत्री ने &lsquo;एक्स&rsquo; पर अपने कार्यालय द्वारा साझा किए गए एक पोस्ट में लिखा, &ldquo;शाह के शोकाकुल परिवार से मुलाकात की और उन्हें पूर्ण सहायता का आश्वासन दिया. आदिल (शाह) एकमात्र कमाने वाले थे, और उनकी असाधारण बहादुरी व बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा.&rdquo;&nbsp;शाह के छोटे भाई सैयद नौशाद ने बताया कि शाह काम के लिए पहलगाम गए थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, &ldquo;वह पर्यटकों को खच्चर की सवारी पर बैसरन ले जाता था. मंगलवार को जब आतंकवादियों ने पर्यटकों पर हमला किया, तो मेरे भाई ने उन्हें रोकने की कोशिश की. एक पर्यटक, जिसके पिता हमले में मारे गए, ने मुझे एसएमएचएस अस्पताल में मेरे भाई के वीरतापूर्ण कार्य के बारे में बताया.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>नौशाद ने कहा कि आतंकवादियों ने शाह को तीन बार सीने में गोली मारी.&nbsp;उन्होंने अपने भाई के बलिदान को परिवार और दोस्तों के लिए &ldquo;गर्व का क्षण&rdquo; बताया.&nbsp;शाह की बहन अस्मा ने बताया कि उन्हें मंगलवार रात करीब 10 बजे भाई की हत्या के बारे में पता चला.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा, &ldquo;सुबह मैंने उससे कहा था कि वह वहां न जाए, क्योंकि मुझे अंदेशा था कि कुछ बुरा होने वाला है. लेकिन उसने मेरी बात नहीं सुनी और चला गया.&rdquo;&nbsp;शाह के पिता सैयद हैदर शाह ने कहा कि वह अपने बेटे की हत्या से बहुत दुखी हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’सुबह 8 बजे चला गया और वापस नहीं आया'</strong><br />उन्होंने कहा, &ldquo;वह सभी भाई-बहनों में सबसे छोटा और दयालु था. वह सुबह 8 बजे चला गया और वापस नहीं आया. इस गांव के कई लड़के काम की तलाश में पहलगाम जाते हैं, लेकिन कौन जानता था कि ऐसा होने वाला है. आतंकवादियों ने मेरे बेटे को सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि उसने उनका सामना किया और उनसे पर्यटकों को नुकसान न पहुंचाने के लिए कहा.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>हैदर ने बताया कि बैसरन में मोबाइल कनेक्टिविटी नहीं है.&nbsp;उन्होंने कहा, &ldquo;जब वह शाम को वापस नहीं आया तो हमने उसे फोन करना शुरू किया लेकिन किसी ने फोन नहीं उठाया.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”पहलगाम हमले के खिलाफ शिवसेना का जम्मू में विरोध प्रदर्शन, सैन्य कार्रवाई की मांग की” href=”https://www.abplive.com/states/jammu-and-kashmir/shiv-sena-s-protest-in-jammu-will-india-take-strong-action-against-pakistan-ann-2930798″ target=”_self”>पहलगाम हमले के खिलाफ शिवसेना का जम्मू में विरोध प्रदर्शन, सैन्य कार्रवाई की मांग की</a></strong></p>  जम्मू और कश्मीर जम्मू में दिखा बंद का असर, माता वैष्णो देवी जाने वाले यात्रियों को नहीं मिला साधन, हुई परेशानी