गाजियाबाद में गंग नहर के किनारे बना शनि देव मंदिर अब सुर्खियों में है। वजह, मंदिर के बाहर बने चेंजिंग रूम का सीसीटीवी है। इसके डीवीआर से कपड़े बदलते हुए 320 लड़कियों के क्लिप मिले। मामला 21 मई को सामने आया। आरोप मंदिर के महंत मुकेश गोस्वामी पर लगे। मुकेश गोस्वामी वो है, जिसने 22 साल में यहां अपना साम्राज्य खड़ा कर दिया। मंदिर से लेकर दुकानें बनवाईं। प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड और गोताखोर रखे। गंग नहर के घाट को हरिद्वार जैसा बनाया और इसका नाम रखा- मिनी हरिद्वार। मुकेश गोस्वामी कौन है? उसके महंत बनने की कहानी क्या है? कैसे अपना साम्राज्य बनाया? ऐसे कई सवालों के साथ दैनिक भास्कर की टीम शनि देव मंदिर पहुंची। यहां हमें क्या कुछ पता चला, चलिए जानते हैं… पहले एक नजर पूरे मामले पर
गाजियाबाद में मेरठ रोड पर कस्बा मुरादनगर है। यहां से गंग नहर के किनारे शनि मंदिर बना है। हर रोज हजारों लोग इसमें स्नान करते हैं, मंदिर के दर्शन करते हैं। 21 मई को यहां एक महिला ने हंगामा किया। उसने पुलिस को सूचना दी। फोन करते हुए बताया- मैं और मेरी 14 साल की बेटी मंदिर के बाहर बने चेंजिंग रूम में कपड़े बदल रहे थे। तभी हमारी नजर रूम के ऊपर लगे सीसीटीवी पर गई। महंत मुकेश गोस्वामी अपने मोबाइल से इस सीसीटीवी को ऑपरेट करता है। वो महिलाओं को बिना कपड़ों के अपने मोबाइल फोन में देखता है। मंदिर में लगे सीसीटीवी चेक कर सकते हैं। घाट पर स्नान करने आई महिला श्रद्धालुओं की बिना कपड़ों के फुटेज देख सकते हैं। जब मैंने मुकेश को यह सब करने से रोका, सीसीटीवी हटाने को कहा तो वो गाली-गलौज करने लगा। उसने मुझे जान से मारने की धमकी दी। FIR दर्ज हुई, बयान दर्ज होते ही फरार हुआ महंत मुकेश
महिला की शिकायत के बाद उसी दिन महंत के खिलाफ FIR दर्ज हो गई। अगले दिन 22 मई को पुलिस ने महंत मुकेश गोस्वामी का मोबाइल कब्जे में ले लिया। तब तक महंत मंदिर पर ही था। इस तरह के मामलों में जब तक पीड़िता के कोर्ट में बयान न हो जाएं, पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने से थोड़ा बचती है। जांच-पड़ताल में पुलिस को CCTV के DVR से 320 युवतियों की कपड़े चेंज करते हुए क्लिप्स मिलीं। DVR में 5 दिन का डेटा मिला। मुकेश गोस्वामी के मोबाइल की भी जांच की गई। उसके मोबाइल पर सीसीटीवी की लाइव फीड दिखती थी। उधर, पीड़िता के जैसे ही कोर्ट में बयान हुए, आरोपी फरार हो गया। अब उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार में उसके ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। अब चलते हैं उस मंदिर में, जहां से मामला सामने आया
गाजियाबाद से मेरठ जाने वाली रोड पर मुरादनगर कस्बा पड़ता है। यहां हरिद्वार से निकली अपर गंगा कैनाल को ही गंग नहर के नाम से जाना जाता है। यह नहर आगे जाकर गंगा में मिल जाती है। मुरादनगर में इसी गंग नहर पुल के नीचे शनि देव मंदिर है। मंदिर करीब 10 बाई 10 फीट का होगा। इसमें शनि देव के अलावा देवी-देवताओं की 8-10 छोटी-बड़ी मूर्तियां स्थापित हैं। गंग नहर पुल के ठीक नीचे लाल रंग का लोहे का एक बड़ा दरवाजा लगा है। इसके अंदर महंत मुकेश गोस्वामी का आश्रम है। इस आश्रम में अब ताला लटका है। कपड़े बदलने के लिए बनाए गए चेंजिंग रूम अब मलबे में तब्दील हो चुके हैं। सिंचाई विभाग ने चेंजिंग रूम के अलावा यहां बनी दुकानों पर भी बुलडोजर चलवा दिया है। भास्कर ने जब यहां मौजूद लोगों से हालात के बारे में जानना चाहा, तो पहले वो कुछ भी कहने से बचते नजर आए। फिर ऑफ कैमरा बोले- दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ और हापुड़ से लोग यहां नहाने आते हैं। लोग तो आज भी नहाने आ रहे हैं। हम नहीं जानते क्या सही या गलत हुआ? न ही इसमें पड़ना चाहते हैं। हां, इतना जरूर जानते हैं कि अब पहले जैसी स्थिति नहीं रही। पुलिस-प्रशासन की पूछताछ चल रही है। करे कोई और भरे कोई। 50 से ज्यादा अस्थायी दुकानें मिलीं, मेले जैसा सीन
गंग नहर के दोनों तरफ करीब 250-250 फीट एरिया में पक्के घाट बने हैं। हरिद्वार की तरह यहां भी नहर के अंदर बैरिकेडिंग की हुई है। जंजीरें बंधी हैं। लोग इन्हीं जंजीरों को पकड़कर नहाते हैं। ये जगह आबादी वाले एरिया से कुछ मीटर दूर है। गंग नहर का शांत इलाका होने और हजारों लोगों के आने से यहां हर रोज मेले जैसा माहौल रहता है। 50 से ज्यादा चाट-पकौड़ी, प्रसाद, खाने-पीने की अस्थायी दुकानें लगती हैं। हम यहां लगे अस्थायी प्रसाद और खाने-पीने की दुकानों पर पहुंचे। इन दुकानदारों में भी डर दिखाई दिया। दुकानदारों ने कैमरे में कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया। बातचीत में उन्होंने इतना जरूर कहा- देखिए, मंदिर में पहले खूब सेवादार थे। घाट में गोताखोर लगे खड़े दिखाई देते थे। अब सब भागे-भागे फिर रहे हैं। उनको डर है कि पुलिस पूछताछ करेगी। ये महंत के आदमी जो थे। सिक्योरिटी में लगाए प्राइवेट लोग
दुकानदार बताते हैं- आश्रम में महंत अकेले ही रहते थे। उनकी पत्नी मुरादनगर की डिफेंस कॉलोनी में बने मकान में रहती है। महंत ने अपनी सुरक्षा के लिए प्राइवेट लोग लगा रखे थे। ये लोग उन्हीं के शिष्य हैं, जो मंदिर की भी देख-रेख करते हैं। महंत ने मंदिर के आसपास करीब 15 दुकानें बनवाई थीं। जो किराए पर उठी थीं। महंत मुकेश इन दुकानदारों से समय पर पैसा लेते थे। इन लोगों ने बताया- यहां एक दिन में 10 से 15 हजार लोग तो आते ही होंगे। महंत मुकेश का यहां दबदबा रहता है। उनकी मर्जी के बिना यहां कोई दुकान नहीं लग सकती। मंदिर और घाट का चढ़ावा उनके पास ही जाता है। सीसीटीवी उखाड़ ले गई पुलिस
हम जब मंदिर पर पहुंचे, तो यहां एक भी सीसीटीवी नहीं मिले। दीवारों पर सीसीटीवी लगे होने के निशान जरूर थे। पहले एक कैमरा शनि देव मंदिर से सिर्फ 10 मीटर दूर बने चेंजिंग रूम के करीब 4 फीट ऊपर लगा था। चेंजिंग रूम चारों तरफ से कवर्ड तो थे, लेकिन ऊपर से खुले थे। पुलिस के मुताबिक- घाट पर करीब 20 सीसीटीवी लगे थे। इन कैमरों का फोकस चेंजिंग रूम पर था। हजारों की भीड़ होती थी, शोर रहता था, इसलिए कपड़े बदलते वक्त किसी का ध्यान सीसीटीवी पर नहीं जाता था। मंदिर के स्टोर रूम में रखा था DVR
मंदिर के ठीक बगल में एक स्टोर रूम बना था। इसके अंदर कैमरों की DVR रखी थी, जिसमें सारा डेटा स्टोर होता था। मामला सामने आने के बाद घाट से पुलिस ने सारे कैमरे हटवा दिए हैं। सभी चेंजिंग रूम पर बुलडोजर चला दिया है। चेंजिंग रूम नहीं होने से स्नान करने आए लोगों को कपड़े बदलने में परेशानी हो रही है। अब जानते हैं शनि देव मंदिर के महंत मुकेश के बारे में… 22 साल पहले एक मूर्ति रखी, सरकारी जमीन पर बना दिया धर्मस्थल
पुलिस की पूछताछ में पता चला महंत मुकेश गिरी की आईडी में मुकेश गोस्वामी नाम लिखा है। वह कस्बा मुरादनगर की डिफेंस कॉलोनी का रहने वाला है। साल 2002 में मुकेश ने गंग नहर पुल के नीचे शनि देव की मूर्ति स्थापित की। दो साल बाद 2004 में उसने इस जगह को मंदिर का रूप दे दिया। तब विधि-विधान से शनि देव की प्राण-प्रतिष्ठा कराई गई। इसके बाद वह इसी मंदिर का महंत बन गया। साल 2007 की बात है। सिंचाई विभाग ने अपनी जमीन से शनि देव की मूर्ति हटा दी। उस वक्त यूपी में अनुराधा चौधरी सिंचाई मंत्री थीं। महंत ने अनुराधा चौधरी से किसी तरह संपर्क साधा और फिर से शनि देव की मूर्ति स्थापित कर दी। इससे महंत के हौसले बढ़ते चले गए। गंग नहर हर साल सर्दियों में कुछ दिनों के लिए बंद होती है। करीब 10 साल पुरानी बात है। महंत मुकेश गोस्वामी ने गंग नहर के बीचोबीच पिलर पर भगवान शंकर की मूर्ति स्थापित करा दी। चूंकि महंत के संपर्क तत्कालीन सिंचाई मंत्री से थे, इसलिए स्थानीय अफसर कुछ बोल नहीं पाए। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को शनि देव मंदिर के ठीक सामने पक्का घाट भी बनाना पड़ा। पक्का घाट बनते ही मुकेश गोस्वामी का साम्राज्य फलने-फूलने लगा। यहां हर रोज हजारों श्रद्धालु आने लगे। महंत मुकेश ने दिया मिनी हरिद्वार नाम
ये जगह इतनी फेमस हो गई कि महंत ने इसका नाम ‘मिनी हरिद्वार’ रख दिया। आज हर रोज 15 से 20 हजार महिला-पुरुष यहां स्नान करने पहुंचते हैं। इसलिए शनि देव मंदिर पर चढ़ावा भी खूब आता है। इसका सारा पैसा मुकेश गोस्वामी के पास जाता है। मंदिर के आसपास जितनी प्रसाद की दुकानें हैं, वो सब मुकेश ने ठेके पर दी हैं। यहां जो गोताखोर हैं, वो भी महंत ने प्राइवेट रखे हैं। पॉलिटिक्स में भी आजमाया हाथ
महंत होने की वजह से जब क्षेत्र में अच्छा-खासा नाम होने लगा, तो मुकेश ने पॉलिटिक्स में आने का सपना देख लिया। 2007 में BJP के टिकट पर मुरादनगर नगर पंचायत से पत्नी नीरू को चेयरमैन का प्रत्याशी बनाया। मगर, नीरू की जमानत जब्त हो गई। 2017 में खुद मुकेश गोस्वामी ने आम आदमी पार्टी से चेयरमैन का टिकट हासिल कर लिया। लेकिन बीच चुनाव में मुकेश ने पाला बदलते हुए BJP प्रत्याशी को समर्थन दे दिया। कुल मिलाकर मुकेश पॉलिटिक्स में एडजस्ट नहीं हो सका। महंत ने पत्रकार बनकर डॉक्टर से मांगे थे पैसे
गाजियाबाद पुलिस के DCP (ग्रामीण) विवेक चंद यादव बताते हैं- मुकेश गोस्वामी पर पहले से चार मुकदमे दर्ज हैं। एक मुकदमा मेरठ और तीन गाजियाबाद जिले में हैं। साल 2007 में महंत पर मेरठ के सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज किया गया। आरोप था, मुकेश ने TV चैनल का पत्रकार बनकर एक डॉक्टर से पैसे मांगे। मुकेश पर 2017 में दूसरा केस मुरादनगर थाने में दर्ज हुआ। दो मुकदमे वन अधिनियम के तहत चल रहे हैं। ये मुकदमे 2018 और 2019 में दर्ज किए गए। इसमें मुकेश ने गौशाला बनाकर वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर लिया था। बाद में वन विभाग ने अपनी जमीन खाली कराई। मुकेश पर नहर किनारे सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से 10-11 दुकानें बनाने का आरोप है, जिन्हें 24 मई को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया। पीड़िता के कोर्ट में बयान कराते ही लापता हुआ महंत
DCP विवेक चंद यादव ने बताया- 21 मई को चेंजिंग रूम के ऊपर CCTV लगा होने की शिकायत एक महिला ने की थी। हमने शिकायत की जांच की तो आरोप सही पाए गए। 23 मई को पुलिस ने महंत मुकेश गोस्वामी के खिलाफ FIR दर्ज की। महंत का मोबाइल जांच के लिए कब्जे में ले लिया। उससे भी पुष्टि हो गई कि कैमरे की लाइव फीड महंत के मोबाइल पर थी। हमने जैसे ही पीड़िता के बयान कोर्ट में दर्ज कराए, महंत लापता हो गया। अब उसकी तलाश जारी है। दो टीमें गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दे रही हैं। महंत दोषी तो फांसी दे दो, लेकिन मंदिरों पर बुलडोजर चलाना गलत
दुकानों और चेंजिंग रूम में बुलडोजर चलने के बाद अब लोगों को ऐसा लग रहा है कि मंदिर पर भी सिंचाई विभाग कार्रवाई कर सकता है। ऐसे में हिंदू संगठन ने मोर्चा खड़ा कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के जिला उपाध्यक्ष कुलदीप त्यागी ने कहा- अगर महंत दोषी है, तो ऐसे आदमी को फांसी पर लटका देना चाहिए। हमारी भी मां-बहनें हैं, जो यहां स्नान और दर्शन करने के लिए आती हैं। गलत का हम खुलकर विरोध करेंगे। जब हम यहां पर आए तो मंदिर की गुमटी पर बुलडोजर चल रहा था। हमने अधिकारियों से बात करके बुलडोजर रुकवाया। हमने कहा कि मंदिर का इस केस से कोई मतलब नहीं है। अगर महंत ने गलत किया है तो उसको सजा दो। फिलहाल, गंग नहर घाट पर स्थिति समान्य है। बाहर से आ रहे लोग नहाने के बाद भटकते दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि यहां चेंजिंग रूम नहीं है। लोगों में डर भी है। यही वजह है कि वो पहले से ज्यादा सतर्क हैं। गाजियाबाद में गंग नहर के किनारे बना शनि देव मंदिर अब सुर्खियों में है। वजह, मंदिर के बाहर बने चेंजिंग रूम का सीसीटीवी है। इसके डीवीआर से कपड़े बदलते हुए 320 लड़कियों के क्लिप मिले। मामला 21 मई को सामने आया। आरोप मंदिर के महंत मुकेश गोस्वामी पर लगे। मुकेश गोस्वामी वो है, जिसने 22 साल में यहां अपना साम्राज्य खड़ा कर दिया। मंदिर से लेकर दुकानें बनवाईं। प्राइवेट सिक्योरिटी गार्ड और गोताखोर रखे। गंग नहर के घाट को हरिद्वार जैसा बनाया और इसका नाम रखा- मिनी हरिद्वार। मुकेश गोस्वामी कौन है? उसके महंत बनने की कहानी क्या है? कैसे अपना साम्राज्य बनाया? ऐसे कई सवालों के साथ दैनिक भास्कर की टीम शनि देव मंदिर पहुंची। यहां हमें क्या कुछ पता चला, चलिए जानते हैं… पहले एक नजर पूरे मामले पर
गाजियाबाद में मेरठ रोड पर कस्बा मुरादनगर है। यहां से गंग नहर के किनारे शनि मंदिर बना है। हर रोज हजारों लोग इसमें स्नान करते हैं, मंदिर के दर्शन करते हैं। 21 मई को यहां एक महिला ने हंगामा किया। उसने पुलिस को सूचना दी। फोन करते हुए बताया- मैं और मेरी 14 साल की बेटी मंदिर के बाहर बने चेंजिंग रूम में कपड़े बदल रहे थे। तभी हमारी नजर रूम के ऊपर लगे सीसीटीवी पर गई। महंत मुकेश गोस्वामी अपने मोबाइल से इस सीसीटीवी को ऑपरेट करता है। वो महिलाओं को बिना कपड़ों के अपने मोबाइल फोन में देखता है। मंदिर में लगे सीसीटीवी चेक कर सकते हैं। घाट पर स्नान करने आई महिला श्रद्धालुओं की बिना कपड़ों के फुटेज देख सकते हैं। जब मैंने मुकेश को यह सब करने से रोका, सीसीटीवी हटाने को कहा तो वो गाली-गलौज करने लगा। उसने मुझे जान से मारने की धमकी दी। FIR दर्ज हुई, बयान दर्ज होते ही फरार हुआ महंत मुकेश
महिला की शिकायत के बाद उसी दिन महंत के खिलाफ FIR दर्ज हो गई। अगले दिन 22 मई को पुलिस ने महंत मुकेश गोस्वामी का मोबाइल कब्जे में ले लिया। तब तक महंत मंदिर पर ही था। इस तरह के मामलों में जब तक पीड़िता के कोर्ट में बयान न हो जाएं, पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने से थोड़ा बचती है। जांच-पड़ताल में पुलिस को CCTV के DVR से 320 युवतियों की कपड़े चेंज करते हुए क्लिप्स मिलीं। DVR में 5 दिन का डेटा मिला। मुकेश गोस्वामी के मोबाइल की भी जांच की गई। उसके मोबाइल पर सीसीटीवी की लाइव फीड दिखती थी। उधर, पीड़िता के जैसे ही कोर्ट में बयान हुए, आरोपी फरार हो गया। अब उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीमें मेरठ, मुजफ्फरनगर, हरिद्वार में उसके ठिकानों पर दबिश दे रही हैं। अब चलते हैं उस मंदिर में, जहां से मामला सामने आया
गाजियाबाद से मेरठ जाने वाली रोड पर मुरादनगर कस्बा पड़ता है। यहां हरिद्वार से निकली अपर गंगा कैनाल को ही गंग नहर के नाम से जाना जाता है। यह नहर आगे जाकर गंगा में मिल जाती है। मुरादनगर में इसी गंग नहर पुल के नीचे शनि देव मंदिर है। मंदिर करीब 10 बाई 10 फीट का होगा। इसमें शनि देव के अलावा देवी-देवताओं की 8-10 छोटी-बड़ी मूर्तियां स्थापित हैं। गंग नहर पुल के ठीक नीचे लाल रंग का लोहे का एक बड़ा दरवाजा लगा है। इसके अंदर महंत मुकेश गोस्वामी का आश्रम है। इस आश्रम में अब ताला लटका है। कपड़े बदलने के लिए बनाए गए चेंजिंग रूम अब मलबे में तब्दील हो चुके हैं। सिंचाई विभाग ने चेंजिंग रूम के अलावा यहां बनी दुकानों पर भी बुलडोजर चलवा दिया है। भास्कर ने जब यहां मौजूद लोगों से हालात के बारे में जानना चाहा, तो पहले वो कुछ भी कहने से बचते नजर आए। फिर ऑफ कैमरा बोले- दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ और हापुड़ से लोग यहां नहाने आते हैं। लोग तो आज भी नहाने आ रहे हैं। हम नहीं जानते क्या सही या गलत हुआ? न ही इसमें पड़ना चाहते हैं। हां, इतना जरूर जानते हैं कि अब पहले जैसी स्थिति नहीं रही। पुलिस-प्रशासन की पूछताछ चल रही है। करे कोई और भरे कोई। 50 से ज्यादा अस्थायी दुकानें मिलीं, मेले जैसा सीन
गंग नहर के दोनों तरफ करीब 250-250 फीट एरिया में पक्के घाट बने हैं। हरिद्वार की तरह यहां भी नहर के अंदर बैरिकेडिंग की हुई है। जंजीरें बंधी हैं। लोग इन्हीं जंजीरों को पकड़कर नहाते हैं। ये जगह आबादी वाले एरिया से कुछ मीटर दूर है। गंग नहर का शांत इलाका होने और हजारों लोगों के आने से यहां हर रोज मेले जैसा माहौल रहता है। 50 से ज्यादा चाट-पकौड़ी, प्रसाद, खाने-पीने की अस्थायी दुकानें लगती हैं। हम यहां लगे अस्थायी प्रसाद और खाने-पीने की दुकानों पर पहुंचे। इन दुकानदारों में भी डर दिखाई दिया। दुकानदारों ने कैमरे में कुछ भी बोलने से साफ मना कर दिया। बातचीत में उन्होंने इतना जरूर कहा- देखिए, मंदिर में पहले खूब सेवादार थे। घाट में गोताखोर लगे खड़े दिखाई देते थे। अब सब भागे-भागे फिर रहे हैं। उनको डर है कि पुलिस पूछताछ करेगी। ये महंत के आदमी जो थे। सिक्योरिटी में लगाए प्राइवेट लोग
दुकानदार बताते हैं- आश्रम में महंत अकेले ही रहते थे। उनकी पत्नी मुरादनगर की डिफेंस कॉलोनी में बने मकान में रहती है। महंत ने अपनी सुरक्षा के लिए प्राइवेट लोग लगा रखे थे। ये लोग उन्हीं के शिष्य हैं, जो मंदिर की भी देख-रेख करते हैं। महंत ने मंदिर के आसपास करीब 15 दुकानें बनवाई थीं। जो किराए पर उठी थीं। महंत मुकेश इन दुकानदारों से समय पर पैसा लेते थे। इन लोगों ने बताया- यहां एक दिन में 10 से 15 हजार लोग तो आते ही होंगे। महंत मुकेश का यहां दबदबा रहता है। उनकी मर्जी के बिना यहां कोई दुकान नहीं लग सकती। मंदिर और घाट का चढ़ावा उनके पास ही जाता है। सीसीटीवी उखाड़ ले गई पुलिस
हम जब मंदिर पर पहुंचे, तो यहां एक भी सीसीटीवी नहीं मिले। दीवारों पर सीसीटीवी लगे होने के निशान जरूर थे। पहले एक कैमरा शनि देव मंदिर से सिर्फ 10 मीटर दूर बने चेंजिंग रूम के करीब 4 फीट ऊपर लगा था। चेंजिंग रूम चारों तरफ से कवर्ड तो थे, लेकिन ऊपर से खुले थे। पुलिस के मुताबिक- घाट पर करीब 20 सीसीटीवी लगे थे। इन कैमरों का फोकस चेंजिंग रूम पर था। हजारों की भीड़ होती थी, शोर रहता था, इसलिए कपड़े बदलते वक्त किसी का ध्यान सीसीटीवी पर नहीं जाता था। मंदिर के स्टोर रूम में रखा था DVR
मंदिर के ठीक बगल में एक स्टोर रूम बना था। इसके अंदर कैमरों की DVR रखी थी, जिसमें सारा डेटा स्टोर होता था। मामला सामने आने के बाद घाट से पुलिस ने सारे कैमरे हटवा दिए हैं। सभी चेंजिंग रूम पर बुलडोजर चला दिया है। चेंजिंग रूम नहीं होने से स्नान करने आए लोगों को कपड़े बदलने में परेशानी हो रही है। अब जानते हैं शनि देव मंदिर के महंत मुकेश के बारे में… 22 साल पहले एक मूर्ति रखी, सरकारी जमीन पर बना दिया धर्मस्थल
पुलिस की पूछताछ में पता चला महंत मुकेश गिरी की आईडी में मुकेश गोस्वामी नाम लिखा है। वह कस्बा मुरादनगर की डिफेंस कॉलोनी का रहने वाला है। साल 2002 में मुकेश ने गंग नहर पुल के नीचे शनि देव की मूर्ति स्थापित की। दो साल बाद 2004 में उसने इस जगह को मंदिर का रूप दे दिया। तब विधि-विधान से शनि देव की प्राण-प्रतिष्ठा कराई गई। इसके बाद वह इसी मंदिर का महंत बन गया। साल 2007 की बात है। सिंचाई विभाग ने अपनी जमीन से शनि देव की मूर्ति हटा दी। उस वक्त यूपी में अनुराधा चौधरी सिंचाई मंत्री थीं। महंत ने अनुराधा चौधरी से किसी तरह संपर्क साधा और फिर से शनि देव की मूर्ति स्थापित कर दी। इससे महंत के हौसले बढ़ते चले गए। गंग नहर हर साल सर्दियों में कुछ दिनों के लिए बंद होती है। करीब 10 साल पुरानी बात है। महंत मुकेश गोस्वामी ने गंग नहर के बीचोबीच पिलर पर भगवान शंकर की मूर्ति स्थापित करा दी। चूंकि महंत के संपर्क तत्कालीन सिंचाई मंत्री से थे, इसलिए स्थानीय अफसर कुछ बोल नहीं पाए। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण को शनि देव मंदिर के ठीक सामने पक्का घाट भी बनाना पड़ा। पक्का घाट बनते ही मुकेश गोस्वामी का साम्राज्य फलने-फूलने लगा। यहां हर रोज हजारों श्रद्धालु आने लगे। महंत मुकेश ने दिया मिनी हरिद्वार नाम
ये जगह इतनी फेमस हो गई कि महंत ने इसका नाम ‘मिनी हरिद्वार’ रख दिया। आज हर रोज 15 से 20 हजार महिला-पुरुष यहां स्नान करने पहुंचते हैं। इसलिए शनि देव मंदिर पर चढ़ावा भी खूब आता है। इसका सारा पैसा मुकेश गोस्वामी के पास जाता है। मंदिर के आसपास जितनी प्रसाद की दुकानें हैं, वो सब मुकेश ने ठेके पर दी हैं। यहां जो गोताखोर हैं, वो भी महंत ने प्राइवेट रखे हैं। पॉलिटिक्स में भी आजमाया हाथ
महंत होने की वजह से जब क्षेत्र में अच्छा-खासा नाम होने लगा, तो मुकेश ने पॉलिटिक्स में आने का सपना देख लिया। 2007 में BJP के टिकट पर मुरादनगर नगर पंचायत से पत्नी नीरू को चेयरमैन का प्रत्याशी बनाया। मगर, नीरू की जमानत जब्त हो गई। 2017 में खुद मुकेश गोस्वामी ने आम आदमी पार्टी से चेयरमैन का टिकट हासिल कर लिया। लेकिन बीच चुनाव में मुकेश ने पाला बदलते हुए BJP प्रत्याशी को समर्थन दे दिया। कुल मिलाकर मुकेश पॉलिटिक्स में एडजस्ट नहीं हो सका। महंत ने पत्रकार बनकर डॉक्टर से मांगे थे पैसे
गाजियाबाद पुलिस के DCP (ग्रामीण) विवेक चंद यादव बताते हैं- मुकेश गोस्वामी पर पहले से चार मुकदमे दर्ज हैं। एक मुकदमा मेरठ और तीन गाजियाबाद जिले में हैं। साल 2007 में महंत पर मेरठ के सिविल लाइन थाने में धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज किया गया। आरोप था, मुकेश ने TV चैनल का पत्रकार बनकर एक डॉक्टर से पैसे मांगे। मुकेश पर 2017 में दूसरा केस मुरादनगर थाने में दर्ज हुआ। दो मुकदमे वन अधिनियम के तहत चल रहे हैं। ये मुकदमे 2018 और 2019 में दर्ज किए गए। इसमें मुकेश ने गौशाला बनाकर वन विभाग की जमीन पर कब्जा कर लिया था। बाद में वन विभाग ने अपनी जमीन खाली कराई। मुकेश पर नहर किनारे सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से 10-11 दुकानें बनाने का आरोप है, जिन्हें 24 मई को बुलडोजर चलाकर गिरा दिया गया। पीड़िता के कोर्ट में बयान कराते ही लापता हुआ महंत
DCP विवेक चंद यादव ने बताया- 21 मई को चेंजिंग रूम के ऊपर CCTV लगा होने की शिकायत एक महिला ने की थी। हमने शिकायत की जांच की तो आरोप सही पाए गए। 23 मई को पुलिस ने महंत मुकेश गोस्वामी के खिलाफ FIR दर्ज की। महंत का मोबाइल जांच के लिए कब्जे में ले लिया। उससे भी पुष्टि हो गई कि कैमरे की लाइव फीड महंत के मोबाइल पर थी। हमने जैसे ही पीड़िता के बयान कोर्ट में दर्ज कराए, महंत लापता हो गया। अब उसकी तलाश जारी है। दो टीमें गिरफ्तारी के लिए कई जगह दबिश दे रही हैं। महंत दोषी तो फांसी दे दो, लेकिन मंदिरों पर बुलडोजर चलाना गलत
दुकानों और चेंजिंग रूम में बुलडोजर चलने के बाद अब लोगों को ऐसा लग रहा है कि मंदिर पर भी सिंचाई विभाग कार्रवाई कर सकता है। ऐसे में हिंदू संगठन ने मोर्चा खड़ा कर दिया है। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के जिला उपाध्यक्ष कुलदीप त्यागी ने कहा- अगर महंत दोषी है, तो ऐसे आदमी को फांसी पर लटका देना चाहिए। हमारी भी मां-बहनें हैं, जो यहां स्नान और दर्शन करने के लिए आती हैं। गलत का हम खुलकर विरोध करेंगे। जब हम यहां पर आए तो मंदिर की गुमटी पर बुलडोजर चल रहा था। हमने अधिकारियों से बात करके बुलडोजर रुकवाया। हमने कहा कि मंदिर का इस केस से कोई मतलब नहीं है। अगर महंत ने गलत किया है तो उसको सजा दो। फिलहाल, गंग नहर घाट पर स्थिति समान्य है। बाहर से आ रहे लोग नहाने के बाद भटकते दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि यहां चेंजिंग रूम नहीं है। लोगों में डर भी है। यही वजह है कि वो पहले से ज्यादा सतर्क हैं। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर