उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) और साहिबाबाद पुलिस की संयुक्त टीम ने अमृतसर में छापेमारी कर एक खालिस्तानी आतंकवादी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह आतंकवादी पिछले 30 वर्षों से फरार चल रहा था। सूचना मिलने के बाद यूपी एटीएस की टीम ने अमृतसर ग्रामीण पुलिस से संपर्क किया। जिसके बाद टिम्मेवाला गांव में छापेमारी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आतंकवादी की पहचान मंगत सिंह के रूप में हुई है, जो अमृतसर ग्रामीण में छिपा हुआ था। पुलिस अधिकारियों ने खालिस्तानी संगठन के सदस्य मंगत सिंह की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। 1993 में लगा था TADA गिरफ्तार किए गए आरोपी मंगत सिंह पर वर्ष 1993 से हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और आतंकवादी गतिविधी एक्ट (TADA) के तहत गंभीर आरोप दर्ज हैं। अधिकारियों के अनुसार, मंगत सिंह को पहली बार 1993 में गिरफ्तार किया गया था। दो साल जेल में रहने के बाद 1995 में उसे बेल दी गई थी। लेकिन बाहर आने के बाद मंगत सिंह फरार हो गया। तकरीबन 30 सालों से वह फरार ही चल रहा था। आरोपी पर था 25 हजार का इनाम यूपी पुलिस की तरफ से आरोपी मंगत सिंह की 30 सालों से तलाश चल रही थी। मंगत सिंह एक इनामी आतंकी था। यूपी सरकार ने मंगत सिंह आरोपी की गिरफ्तारी व सूचना देने वाले को 25 हजार इनाम देने की घोषणा कर रखी थी। यूपी पुलिस के रिकॉर्ड्स के अनुसार वह एक लूट और फिरौती के एक अन्य मामले में भी वांटेड था। केसीएफ से जुड़ा हुआ है मंगत सिंह मंगत सिंह का संबंध प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) से भी सामने आया है। दरअसल, मंगत सिंह का भाई संगत सिंह उर्फ गुज्जर सिंह केसीएम का प्रमुख था। जिसके चलते मंगत सिंह भी इस संगठन से जुड़ा हुआ था। संगत सिंह की मौत 1990 में पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुई थी। उत्तर प्रदेश के आतंकवाद निरोधक दस्ते (ATS) और साहिबाबाद पुलिस की संयुक्त टीम ने अमृतसर में छापेमारी कर एक खालिस्तानी आतंकवादी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार यह आतंकवादी पिछले 30 वर्षों से फरार चल रहा था। सूचना मिलने के बाद यूपी एटीएस की टीम ने अमृतसर ग्रामीण पुलिस से संपर्क किया। जिसके बाद टिम्मेवाला गांव में छापेमारी कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आतंकवादी की पहचान मंगत सिंह के रूप में हुई है, जो अमृतसर ग्रामीण में छिपा हुआ था। पुलिस अधिकारियों ने खालिस्तानी संगठन के सदस्य मंगत सिंह की गिरफ्तारी की पुष्टि की है। 1993 में लगा था TADA गिरफ्तार किए गए आरोपी मंगत सिंह पर वर्ष 1993 से हत्या के प्रयास, आर्म्स एक्ट और आतंकवादी गतिविधी एक्ट (TADA) के तहत गंभीर आरोप दर्ज हैं। अधिकारियों के अनुसार, मंगत सिंह को पहली बार 1993 में गिरफ्तार किया गया था। दो साल जेल में रहने के बाद 1995 में उसे बेल दी गई थी। लेकिन बाहर आने के बाद मंगत सिंह फरार हो गया। तकरीबन 30 सालों से वह फरार ही चल रहा था। आरोपी पर था 25 हजार का इनाम यूपी पुलिस की तरफ से आरोपी मंगत सिंह की 30 सालों से तलाश चल रही थी। मंगत सिंह एक इनामी आतंकी था। यूपी सरकार ने मंगत सिंह आरोपी की गिरफ्तारी व सूचना देने वाले को 25 हजार इनाम देने की घोषणा कर रखी थी। यूपी पुलिस के रिकॉर्ड्स के अनुसार वह एक लूट और फिरौती के एक अन्य मामले में भी वांटेड था। केसीएफ से जुड़ा हुआ है मंगत सिंह मंगत सिंह का संबंध प्रतिबंधित आतंकी संगठन खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) से भी सामने आया है। दरअसल, मंगत सिंह का भाई संगत सिंह उर्फ गुज्जर सिंह केसीएम का प्रमुख था। जिसके चलते मंगत सिंह भी इस संगठन से जुड़ा हुआ था। संगत सिंह की मौत 1990 में पंजाब पुलिस के साथ मुठभेड़ में हुई थी। पंजाब | दैनिक भास्कर
