पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी का शव कश्मीर से कानपुर पहुंच गया है। हर तरफ सिर्फ चीखें ही गूंज रही हैं। शव के पास शुभम की पत्नी एशान्या बैठकर रो रही हैं। पत्नी लगातार अपने पति की फोटो देख रही हैं और बार-बार उस पर हाथ फेर रही हैं। उन्होंने रोते हुए आतंकी हमले की आंखों देखी बताई। कहा- मैं और शुभम मैगी खाने जा रहे थे। पापा वॉशरूम गए थे। इसी दौरान एक आदमी पीछे से आया। उसने गन रखकर शुभम से पूछा- हिंदू है या मुसलमान? मुसलमान है तो पहले कलमा पढ़कर सुना। मैंने हंसते हुए उससे पूछा- क्या हुआ भइया? तब उसने मुझसे भी पूछा- हिंदू है या मुसलमान? मैंने कहा- हिंदू हूं। इसके बाद उसने मेरे पति को गोली मार दी। सबसे पहले शुभम को ही गोली मारा, फिर बाकी लोगों को भी गोली मार दी। पिता बोले- आतंकी ने बहू से कहा, जाओ मोदी से बता देना शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी कहते हैं- मेरा बेटा, उसकी पत्नी और साली ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ गए थे, जो काफी ऊंचाई पर है। हम उस जगह से 7 किलोमीटर पहले एक रेस्टोरेंट में रुके थे। जब आतंकवादी आए तो वे कुछ नाश्ता कर रहे थे। उन्होंने पूछा कि तुम हिंदू हो या मुसलमान, और उसके बाद, उन्होंने मेरे बेटे के सिर में गोली मार दी। मेरी बहू ने उनसे कहा कि उसे भी मार दो, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने उससे कहा कि हम तुम्हें इसलिए जिंदा छोड़ रहे हैं ताकि तुम मोदी को यह सब बता सको। हमने श्रीनगर में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, और हमने उन्हें बता दिया है कि हम क्या चाहते हैं। मां रो-रोकर बोली- आतंकियों को तड़पा कर मारा जाए बेटे का शव देखकर मां चीख पड़ीं। बेटे से लिपटकर रोती रही। वह कहती हैं- आतंकियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। तड़पा-तड़पा कर उसे मारा जाए। परिवार के लोग किसी तरह उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं। 2 महीने पहले शादी हुई थी शुभम के पिता संजय द्विवेदी कानपुर में सीमेंट कारोबारी हैं। उनका परिवार महराजपुर थाना क्षेत्र के गांव हाथीपुर का मूल निवासी है। फिलहाल वे कानपुर के श्यामनगर में परिवार के साथ रहते हैं। 31 वर्षीय कारोबारी शुभम की शादी दो महीने पहले 12 फरवरी को यशोदानगर निवासी एशान्या से शादी हुई थी। 17 अप्रैल को पत्नी एशान्या और परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उन्हें आज 23 अप्रैल को घर लौटना था। मगर एक दिन पहले पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर 2:45 बजे आतंकियों ने हमला कर दिया। भाई बोला- घुड़सवारी करते हुए दोनों पहाड़ी पर गए थे
शुभम के भाई सौरभ ने बताया- भैया और भाभी सोनमर्ग, गुलमर्ग घूमने के बाद पहलगाम पहुंचे थे। हमारी उनसे फोन पर बात हुई थी। पता चला कि शुभम और उनकी पत्नी एशान्या घुड़सवारी करते हुए पहाड़ों की ऊंचाई तक गए थे, जबकि परिवार के अन्य सदस्य नीचे ही थे। अचानक वहां भगदड़ मच गई। कुछ देर बाद सूचना मिली कि आतंकियों ने लोगों पर गोलीबारी की है। कुछ देर में एशान्या ने फोन कर बताया कि शुभम को भी आतंकियों ने मार डाला। चाचा बोले- आतंकियों को छोड़ना नहीं है
शुभम के चाचा ने कहा- पिछले काफी दिनों से जब से धारा-370 हटी है तो ऐसा माहौल बना है, विश्वास जगा है आम जनमानस में कि अब वहां पर शांति है। अब वहां पर कोई आतंकी घटना नहीं होती है। ऐसा लग रहा था कि सरकार ने पूरी स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण में कर लिया है। संभवत: काफी दिनों से लोग खूब आ-जा भी रहे हैं। मिलने जुलने वाले भी कई लाेग गए तो बच्चों ने भी जम्मू जाने का प्लान कर दिया। परिवार ने इसलिए प्लान बनाया कि अब वहां कोई खतरा नहीं है। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और कहीं न कहीं सुरक्षा में चूक के चलते आतंकियों ने हमला कर दिया। इतनी बड़ी घटना के बाद आतंकियों को छोड़ना नहीं है। दादी बोलीं- मैंने कहा था बहू का मुंह देखना है, जल्दी शादी कर लो, अब वो खुद चला गया शुभम की 85 साल की दादी विमला द्विवेदी ने कहा- मेरा पोता तो चला गया, अब वो तो मिलना नहीं है। हम क्या करें, क्या कहें और क्या ही सुनें। एक मेरा ही बेटा नहीं, इतने लोग मारे गए हैं, सबकी माताएं तड़पती होंगी। अगर सरकार जम्मू-कश्मीर को आतंकियों से सुरक्षित नहीं कर पा रही है। तो वहां जाने वाले बाहरी लोगों को रोक देना चाहिए। मैंने शुभम से कहा था- शादी कर लो, मैं मरने से पहले बहू का मुंह तो देख लूं। मुझे क्या पता था कि वो खुद हमें छोड़कर चला जाएगा। जब मैं उसके कमरे की तरफ जाती हूं तो यकीन नहीं होता कि वो अब नहीं है। शुभम ने लौटकर आने पर दोस्तों को पार्टी देने की बात कही थी शुभम द्विवेदी के दोस्त निष्कर्ष गुप्ता, ऋषभ और राहुल सोनकर ने कहा- वो बंदा ऐसा था जो किसी से भी बात करता था तो सबको अपना मुरीद बना लेता था, मुझे तो नहीं लगता किसी की उसके साथ दुश्मनी हो सकती है। ऐसी घटना हो जाएगी, ऐसा कभी सोचा भी नहीं था। शुभम कश्मीर जाने से एक दिन पहले मिला था, उसने कहा था कि लौटने के बाद पार्टी करेंगे…लेकिन अब कभी नहीं लौटेगा वो, ऐसे भी कोई जाता है क्या? आतंकी हमला कैसे हुआ, कितना नुकसान हुआ, ये जानिए 22 अप्रैल की दोपहर करीब 2 बजे, जगह- कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी। देश के अलग-अलग राज्यों से 40 से ज्यादा लोगों का ग्रुप यहां घूमने आया था। सभी टूरिस्ट खुले मैदान में थे। आसपास ही 4 से 5 छोटी-छोटी दुकानें हैं। कुछ टूरिस्ट दुकानों के बाहर लगी कुर्सियों पर बैठ गए। कुछ टूरिस्ट आसपास मैदान में बैठे थे। तभी जंगल की तरफ से दो लोग आए। उन्होंने एक टूरिस्ट से नाम पूछा। टूरिस्ट ने अपना नाम बताया। जंगल से आए लोगों में से एक टूरिस्ट की ओर इशारा करके बोला- ये मुस्लिम नहीं है। इसके बाद पिस्टल निकाली और टूरिस्ट के सिर में गोली मार दी। करीब 10 मिनट तक गोली चलाते रहे। टूरिस्ट्स और दुकानदारों को समझ आ गया कि ये आतंकी हमला है। शुरुआत में एक टूरिस्ट के मरने की खबर आई। रात के 11 बजते-बजते मौतें बढ़कर 27 हो गईं। ——————- शुभम से जुड़ी एक खबर और- कानपुर के शुभम का आखिरी VIDEO, बोले- आज सबको हरा दूंगा; एक दिन पहले परिवार के साथ बेहद खुश था जम्मू-कश्मीर में कानपुर के कारोबारी को आतंकियों ने उसकी पत्नी के सामने गोली मार दी। 31 वर्षीय शुभम द्विवेदी की दो महीने पहले एशान्या से शादी हुई थी। 17 अप्रैल को पत्नी एशान्या और परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उन्हें आज 23 अप्रैल को लौटना था, मगर एक दिन पहले आतंकी हमला हो गया। जिसमें कानपुर के सीमेंट कारोबारी शुभम की मौत हो गई। कश्मीर में पूरा परिवार बहुत खुश था। VIDEO स्टोरी में देखिए हत्या से पहले की उनकी जिंदगी खुशियों से भरी थी.. पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए शुभम द्विवेदी का शव कश्मीर से कानपुर पहुंच गया है। हर तरफ सिर्फ चीखें ही गूंज रही हैं। शव के पास शुभम की पत्नी एशान्या बैठकर रो रही हैं। पत्नी लगातार अपने पति की फोटो देख रही हैं और बार-बार उस पर हाथ फेर रही हैं। उन्होंने रोते हुए आतंकी हमले की आंखों देखी बताई। कहा- मैं और शुभम मैगी खाने जा रहे थे। पापा वॉशरूम गए थे। इसी दौरान एक आदमी पीछे से आया। उसने गन रखकर शुभम से पूछा- हिंदू है या मुसलमान? मुसलमान है तो पहले कलमा पढ़कर सुना। मैंने हंसते हुए उससे पूछा- क्या हुआ भइया? तब उसने मुझसे भी पूछा- हिंदू है या मुसलमान? मैंने कहा- हिंदू हूं। इसके बाद उसने मेरे पति को गोली मार दी। सबसे पहले शुभम को ही गोली मारा, फिर बाकी लोगों को भी गोली मार दी। पिता बोले- आतंकी ने बहू से कहा, जाओ मोदी से बता देना शुभम द्विवेदी के पिता संजय द्विवेदी कहते हैं- मेरा बेटा, उसकी पत्नी और साली ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ गए थे, जो काफी ऊंचाई पर है। हम उस जगह से 7 किलोमीटर पहले एक रेस्टोरेंट में रुके थे। जब आतंकवादी आए तो वे कुछ नाश्ता कर रहे थे। उन्होंने पूछा कि तुम हिंदू हो या मुसलमान, और उसके बाद, उन्होंने मेरे बेटे के सिर में गोली मार दी। मेरी बहू ने उनसे कहा कि उसे भी मार दो, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। उन्होंने उससे कहा कि हम तुम्हें इसलिए जिंदा छोड़ रहे हैं ताकि तुम मोदी को यह सब बता सको। हमने श्रीनगर में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, और हमने उन्हें बता दिया है कि हम क्या चाहते हैं। मां रो-रोकर बोली- आतंकियों को तड़पा कर मारा जाए बेटे का शव देखकर मां चीख पड़ीं। बेटे से लिपटकर रोती रही। वह कहती हैं- आतंकियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। तड़पा-तड़पा कर उसे मारा जाए। परिवार के लोग किसी तरह उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं। 2 महीने पहले शादी हुई थी शुभम के पिता संजय द्विवेदी कानपुर में सीमेंट कारोबारी हैं। उनका परिवार महराजपुर थाना क्षेत्र के गांव हाथीपुर का मूल निवासी है। फिलहाल वे कानपुर के श्यामनगर में परिवार के साथ रहते हैं। 31 वर्षीय कारोबारी शुभम की शादी दो महीने पहले 12 फरवरी को यशोदानगर निवासी एशान्या से शादी हुई थी। 17 अप्रैल को पत्नी एशान्या और परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उन्हें आज 23 अप्रैल को घर लौटना था। मगर एक दिन पहले पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर 2:45 बजे आतंकियों ने हमला कर दिया। भाई बोला- घुड़सवारी करते हुए दोनों पहाड़ी पर गए थे
शुभम के भाई सौरभ ने बताया- भैया और भाभी सोनमर्ग, गुलमर्ग घूमने के बाद पहलगाम पहुंचे थे। हमारी उनसे फोन पर बात हुई थी। पता चला कि शुभम और उनकी पत्नी एशान्या घुड़सवारी करते हुए पहाड़ों की ऊंचाई तक गए थे, जबकि परिवार के अन्य सदस्य नीचे ही थे। अचानक वहां भगदड़ मच गई। कुछ देर बाद सूचना मिली कि आतंकियों ने लोगों पर गोलीबारी की है। कुछ देर में एशान्या ने फोन कर बताया कि शुभम को भी आतंकियों ने मार डाला। चाचा बोले- आतंकियों को छोड़ना नहीं है
शुभम के चाचा ने कहा- पिछले काफी दिनों से जब से धारा-370 हटी है तो ऐसा माहौल बना है, विश्वास जगा है आम जनमानस में कि अब वहां पर शांति है। अब वहां पर कोई आतंकी घटना नहीं होती है। ऐसा लग रहा था कि सरकार ने पूरी स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रण में कर लिया है। संभवत: काफी दिनों से लोग खूब आ-जा भी रहे हैं। मिलने जुलने वाले भी कई लाेग गए तो बच्चों ने भी जम्मू जाने का प्लान कर दिया। परिवार ने इसलिए प्लान बनाया कि अब वहां कोई खतरा नहीं है। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और कहीं न कहीं सुरक्षा में चूक के चलते आतंकियों ने हमला कर दिया। इतनी बड़ी घटना के बाद आतंकियों को छोड़ना नहीं है। दादी बोलीं- मैंने कहा था बहू का मुंह देखना है, जल्दी शादी कर लो, अब वो खुद चला गया शुभम की 85 साल की दादी विमला द्विवेदी ने कहा- मेरा पोता तो चला गया, अब वो तो मिलना नहीं है। हम क्या करें, क्या कहें और क्या ही सुनें। एक मेरा ही बेटा नहीं, इतने लोग मारे गए हैं, सबकी माताएं तड़पती होंगी। अगर सरकार जम्मू-कश्मीर को आतंकियों से सुरक्षित नहीं कर पा रही है। तो वहां जाने वाले बाहरी लोगों को रोक देना चाहिए। मैंने शुभम से कहा था- शादी कर लो, मैं मरने से पहले बहू का मुंह तो देख लूं। मुझे क्या पता था कि वो खुद हमें छोड़कर चला जाएगा। जब मैं उसके कमरे की तरफ जाती हूं तो यकीन नहीं होता कि वो अब नहीं है। शुभम ने लौटकर आने पर दोस्तों को पार्टी देने की बात कही थी शुभम द्विवेदी के दोस्त निष्कर्ष गुप्ता, ऋषभ और राहुल सोनकर ने कहा- वो बंदा ऐसा था जो किसी से भी बात करता था तो सबको अपना मुरीद बना लेता था, मुझे तो नहीं लगता किसी की उसके साथ दुश्मनी हो सकती है। ऐसी घटना हो जाएगी, ऐसा कभी सोचा भी नहीं था। शुभम कश्मीर जाने से एक दिन पहले मिला था, उसने कहा था कि लौटने के बाद पार्टी करेंगे…लेकिन अब कभी नहीं लौटेगा वो, ऐसे भी कोई जाता है क्या? आतंकी हमला कैसे हुआ, कितना नुकसान हुआ, ये जानिए 22 अप्रैल की दोपहर करीब 2 बजे, जगह- कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी। देश के अलग-अलग राज्यों से 40 से ज्यादा लोगों का ग्रुप यहां घूमने आया था। सभी टूरिस्ट खुले मैदान में थे। आसपास ही 4 से 5 छोटी-छोटी दुकानें हैं। कुछ टूरिस्ट दुकानों के बाहर लगी कुर्सियों पर बैठ गए। कुछ टूरिस्ट आसपास मैदान में बैठे थे। तभी जंगल की तरफ से दो लोग आए। उन्होंने एक टूरिस्ट से नाम पूछा। टूरिस्ट ने अपना नाम बताया। जंगल से आए लोगों में से एक टूरिस्ट की ओर इशारा करके बोला- ये मुस्लिम नहीं है। इसके बाद पिस्टल निकाली और टूरिस्ट के सिर में गोली मार दी। करीब 10 मिनट तक गोली चलाते रहे। टूरिस्ट्स और दुकानदारों को समझ आ गया कि ये आतंकी हमला है। शुरुआत में एक टूरिस्ट के मरने की खबर आई। रात के 11 बजते-बजते मौतें बढ़कर 27 हो गईं। ——————- शुभम से जुड़ी एक खबर और- कानपुर के शुभम का आखिरी VIDEO, बोले- आज सबको हरा दूंगा; एक दिन पहले परिवार के साथ बेहद खुश था जम्मू-कश्मीर में कानपुर के कारोबारी को आतंकियों ने उसकी पत्नी के सामने गोली मार दी। 31 वर्षीय शुभम द्विवेदी की दो महीने पहले एशान्या से शादी हुई थी। 17 अप्रैल को पत्नी एशान्या और परिवार के 11 सदस्यों के साथ कश्मीर घूमने गए थे। उन्हें आज 23 अप्रैल को लौटना था, मगर एक दिन पहले आतंकी हमला हो गया। जिसमें कानपुर के सीमेंट कारोबारी शुभम की मौत हो गई। कश्मीर में पूरा परिवार बहुत खुश था। VIDEO स्टोरी में देखिए हत्या से पहले की उनकी जिंदगी खुशियों से भरी थी.. उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
शुभम की पत्नी ने बताई आतंकी हमले की आंखों-देखी:गन रखकर पूछा हिंदू है या मुसलमान, कलमा सुनाओ; पहली गोली शुभम को मारी, फिर लाशें बिछ गईं
