यूपी में संस्कृत से सिविल सेवा की तैयारी करने वालों को मिली नई उड़ान, अब तक 62 युवाओं का चयन

यूपी में संस्कृत से सिविल सेवा की तैयारी करने वालों को मिली नई उड़ान, अब तक 62 युवाओं का चयन

<p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा को न केवल सम्मान दिला रही है, बल्कि इसे रोजगार और प्रशासन से भी जोड़ रही है. अब संस्कृत सिर्फ पूजा-पाठ की भाषा नहीं रही, बल्कि यूपी सरकार ने इसे सिविल सेवा जैसी बड़ी परीक्षाओं के लिए भी एक मजबूत माध्यम बना दिया है. उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा वर्ष 2019 से शुरू किया गया सिविल सेवा निःशुल्क प्रशिक्षण व मार्गदर्शन कार्यक्रम अब तक कई युवाओं की जिंदगी बदल चुका है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>खास बात ये है कि इस योजना का लाभ केवल यूपी के नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के छात्र भी उठा रहे हैं. इस बार सिविल सेवा परीक्षा-2024 में नागपुर के तन्मय और मध्य प्रदेश के धार जिले के यतीश अग्रवाल ने सफलता हासिल की है. दोनों ने यूपी संस्कृत संस्थान से मुफ्त कोचिंग ली थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/tJyc4KB1dh4?si=SaTNUpLBHNvk3XgE” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>योजना के तहत अलग-अलग पदों के लिए 62 अभ्यर्थी चयनित</strong><br />अब तक इस योजना के तहत 4 युवा IAS, 18 PCS और कुल 62 विद्यार्थी विभिन्न प्रशासनिक पदों पर चयनित हो चुके हैं. इनमें SDM, डिप्टी एसपी, नायब तहसीलदार, खंड शिक्षाधिकारी, बीएसए, समीक्षा अधिकारी, असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे पद भी शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संस्थान के कोऑर्डिनेटर डॉ. शीलवंत सिंह ने बताया कि यह 10 माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम होता है, जिसमें छात्रों को प्रत्येक माह 3000 रुपये छात्रवृत्ति, निःशुल्क पाठ्य सामग्री, मॉक टेस्ट, और विशेषज्ञों की क्लासेस दी जाती हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से यह कोचिंग दी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी दिनेश मिश्र ने बताया कि तन्मय को 346वीं और यतीश को 761वीं रैंक मिली है. यही नहीं, हाल ही में संस्थान की छात्रा शैली शुक्ला का लेखपाल पद पर और अन्य कई छात्रों का असिस्टेंट प्रोफेसर व प्रवक्ता पदों पर चयन हुआ है. संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की संस्कृत भाषा के प्रति रुचि और लगन से यह योजना शुरू की गई थी. अब संस्कृत को प्रशासनिक सेवाओं की भाषा बनाने की दिशा में ठोस प्रयास हो रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छात्रों में संस्कृत के प्रति बढ़ रही रुचि</strong><br />इस योजना से न केवल संस्कृत छात्रों को रोजगार का नया रास्ता मिला है, बल्कि इससे संस्कृत भाषा में युवाओं की रुचि भी बढ़ रही है. यतीश ने कहा, &ldquo;संस्थान की कोचिंग, मॉक इंटरव्यू और शिक्षकों का मार्गदर्शन मेरे लिए बेहद मददगार रहा. मैं मुख्यमंत्री योगी जी और गुरुओं का आभार व्यक्त करता हूं.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं तन्मय ने कहा, &ldquo;छात्रवृत्ति और गुणवत्ता वाली पढ़ाई ने मुझे आत्मविश्वास दिया. दूसरी कोशिश में सफल हो सका.&rdquo; यह योजना आज की युवा पीढ़ी को यह संदेश देती है कि अगर मार्गदर्शन और सही सहयोग मिले, तो कोई भी भाषा, कोई भी विषय, बड़ी सफलता की राह बन सकता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhilesh-yadav-react-on-raja-bhaiya-statement-kashmir-tourism-boycott-pahalgam-terror-attack-2931515″><strong>कश्मीर पर राजा भैया के बयान से भड़के अखिलेश यादव, नाम सुनते ही कहा- हमारा उनसे कोई…</strong></a></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Lucknow News:</strong> मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा को न केवल सम्मान दिला रही है, बल्कि इसे रोजगार और प्रशासन से भी जोड़ रही है. अब संस्कृत सिर्फ पूजा-पाठ की भाषा नहीं रही, बल्कि यूपी सरकार ने इसे सिविल सेवा जैसी बड़ी परीक्षाओं के लिए भी एक मजबूत माध्यम बना दिया है. उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा वर्ष 2019 से शुरू किया गया सिविल सेवा निःशुल्क प्रशिक्षण व मार्गदर्शन कार्यक्रम अब तक कई युवाओं की जिंदगी बदल चुका है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>खास बात ये है कि इस योजना का लाभ केवल यूपी के नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों के छात्र भी उठा रहे हैं. इस बार सिविल सेवा परीक्षा-2024 में नागपुर के तन्मय और मध्य प्रदेश के धार जिले के यतीश अग्रवाल ने सफलता हासिल की है. दोनों ने यूपी संस्कृत संस्थान से मुफ्त कोचिंग ली थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/tJyc4KB1dh4?si=SaTNUpLBHNvk3XgE” width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>योजना के तहत अलग-अलग पदों के लिए 62 अभ्यर्थी चयनित</strong><br />अब तक इस योजना के तहत 4 युवा IAS, 18 PCS और कुल 62 विद्यार्थी विभिन्न प्रशासनिक पदों पर चयनित हो चुके हैं. इनमें SDM, डिप्टी एसपी, नायब तहसीलदार, खंड शिक्षाधिकारी, बीएसए, समीक्षा अधिकारी, असिस्टेंट प्रोफेसर जैसे पद भी शामिल हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संस्थान के कोऑर्डिनेटर डॉ. शीलवंत सिंह ने बताया कि यह 10 माह का प्रशिक्षण कार्यक्रम होता है, जिसमें छात्रों को प्रत्येक माह 3000 रुपये छात्रवृत्ति, निःशुल्क पाठ्य सामग्री, मॉक टेस्ट, और विशेषज्ञों की क्लासेस दी जाती हैं. ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से यह कोचिंग दी जा रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>संस्थान के वरिष्ठ अधिकारी दिनेश मिश्र ने बताया कि तन्मय को 346वीं और यतीश को 761वीं रैंक मिली है. यही नहीं, हाल ही में संस्थान की छात्रा शैली शुक्ला का लेखपाल पद पर और अन्य कई छात्रों का असिस्टेंट प्रोफेसर व प्रवक्ता पदों पर चयन हुआ है. संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> की संस्कृत भाषा के प्रति रुचि और लगन से यह योजना शुरू की गई थी. अब संस्कृत को प्रशासनिक सेवाओं की भाषा बनाने की दिशा में ठोस प्रयास हो रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>छात्रों में संस्कृत के प्रति बढ़ रही रुचि</strong><br />इस योजना से न केवल संस्कृत छात्रों को रोजगार का नया रास्ता मिला है, बल्कि इससे संस्कृत भाषा में युवाओं की रुचि भी बढ़ रही है. यतीश ने कहा, &ldquo;संस्थान की कोचिंग, मॉक इंटरव्यू और शिक्षकों का मार्गदर्शन मेरे लिए बेहद मददगार रहा. मैं मुख्यमंत्री योगी जी और गुरुओं का आभार व्यक्त करता हूं.&rdquo;</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं तन्मय ने कहा, &ldquo;छात्रवृत्ति और गुणवत्ता वाली पढ़ाई ने मुझे आत्मविश्वास दिया. दूसरी कोशिश में सफल हो सका.&rdquo; यह योजना आज की युवा पीढ़ी को यह संदेश देती है कि अगर मार्गदर्शन और सही सहयोग मिले, तो कोई भी भाषा, कोई भी विषय, बड़ी सफलता की राह बन सकता है.</p>
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