सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा- कानपुर में शुभम द्विवेदी के घर हम नहीं जा रहे। भाजपा वहां कुछ भी करा सकती है। इसलिए सावधान रहना चाहिए। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब एक फौजी के यहां गया था। उस कमरे में RSS के लोग बैठे हुए थे। उन्होंने क्या करवाया था। आप पता करवा लीजिएगा। शुभम को पहलगाम में आतंकियों ने पत्नी ऐशन्या के सामने गोली मार दी थी। गुरुवार सुबह शुभम का अंतिम संस्कार कानपुर में किया गया। सीएम योगी शुभम के घर पहुंचे थे। वहां पत्नी ऐशन्या से योगी से रोते हुए कहा कि कड़ा बदला चाहिए। पहलगाम आतंकी हमले पर अखिलेश ने कहा- सरकार कड़ी कार्रवाई करे, क्योंकि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता। उनका मकसद लोगों में डर पैदा करना होता है। देश और प्रदेश के कारोबार को रोकना होता है। जो पैसा प्रोपगेंडा पर खर्च होता है, वह अगर सुरक्षा पर खर्च होता तो यह घटना नहीं होती। दिल्ली में हो रही ऑल पार्टी मीटिंग में रामगोपाल रहेंगे। राजा भैया के लिए कहा- हम नहीं पहचानते
राजा भैया ने कश्मीर में टूरिज्म को बायकॉट करने की बात कही। इससे जुडे़ सवाल पर अखिलेश ने कहा- मेरा उनसे कोई परिचय नहीं है। बता दें कि राजा भैया अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे हैं। वह मुलायम सरकार में मंत्री भी थे। खबर में आगे बढ़ने से भास्कर पोल में हिस्सा ले सकते हैं… अब अखिलेश की बड़ी बातें पढ़िए- 1- अग्निवीर के पक्ष में देश के युवा नहीं
अग्निवीर के पक्ष में देश के युवा नहीं हैं। वे पक्की नौकरी और स्थायी वर्दी चाहते हैं। देश की सुरक्षा के लिए जितना भी बजट लगे, लगाया जाना चाहिए। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ जो फैसले लिए हैं, उनसे भी कठोर फैसले लिए जाएं और उन पर अमल किया जाए। पूरे देश में इस घटना के खिलाफ गुस्सा है। किसी भी राजनीतिक पार्टी को ऐसी घटना से राजनीतिक लाभ नहीं उठाना चाहिए। यह पूरे देश का सवाल है। दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है कि फेक न्यूज या ऐसी खबरें, जिनसे सुरक्षा को खतरा हो सकता है, उन्हें रोके। 2- पीएम के भाषण पर कहा- कड़ा कदम उठाएं
गुरुवार को प्रधानमंत्री ने बिहार में रैली की। उन्होंने कहा कि आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया, कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। इस पर अखिलेश ने कहा- पीएम कड़ा कदम उठाएं। उम्मीद नोटबंदी से भी बढ़ी थी और धारा 370 हटाने से भी। लेकिन सरकार क्या कर रही है? आतंकवाद रोकने की जिम्मेदारी सरकार की थी। पहले की घटनाओं से सबक क्यों नहीं लिया गया? 3- देश की सुरक्षा को जुमला न बनाएं
जब जम्मू-कश्मीर में भाजपा सरकार ने सब कुछ अपने मन मुताबिक किया है, तो वह इतने अधिक लोगों की मौत के लिए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती। यह केंद्र सरकार की नाकामी है कि वह पहले से नहीं जान पाई कि देश के दुश्मन इतनी वीभत्स घटना को अंजाम देने वाले हैं। यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। भाजपा सरकार ने अगर पिछले हमलों से सबक लिया होता, तो वह पहले से ही सतर्क और सजग होती और ऐसे हमलों को रोका जा सकता था, लोगों की जान बचाई जा सकती थी। संवेदनहीन भाजपाइयों से आग्रह है कि जिन्होंने अपनों को खोया है, उनका दुख-दर्द समझें और कम से कम देश की सुरक्षा को जुमला न बनाएं। यह असीम दुख की घड़ी है, इसे भाजपाई दिखावटी बैठकों और झूठी संवेदनाओं से न झुठलाएं। 4- भाजपाई देशवासियों को मौत के मुंह में ढकेल देते हैं
अगर भाजपाई और उनके संगी-साथी देशभर के पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर के भ्रमण के लिए प्रेरित कर रहे हैं, तो उनकी सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध पहले से क्यों नहीं किए गए? जहां हमला हुआ, वह स्थान कोई निर्जन क्षेत्र नहीं था, बल्कि एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल था। तभी तो वहां देश के कई प्रदेशों के पर्यटक मौजूद थे। इतने प्रसिद्ध स्थान पर सुरक्षा के लिए बैठकें पहले होनी चाहिए थीं, लोगों के जीवन गंवाने के बाद नहीं। यह भाजपा सरकार की रणनीतिक चूक है। लेकिन इससे उन भाजपाइयों को क्या फर्क पड़ता है, जो स्वयं तो सुरक्षा के कई घेरों में चलते हैं, लेकिन देशवासियों को मौत के मुंह में ढकेल देते हैं। 5- भाजपा देश की सुरक्षा से समझौता कर रही है, वह क्षम्य नहीं
अगर भाजपा सरकार यह बहाना बनाती है कि हमारे पास सुरक्षा बलों की कमी है, तो इसके लिए भी वही जिम्मेदार है। सुरक्षा बलों की संख्या घटाकर, दोयम दर्जे के उपकरण, अस्त्र-शस्त्र और युद्ध वाहन खरीदकर और अग्निवीर जैसी योजनाएं लाकर भाजपा जो देश की सुरक्षा से समझौता कर रही है, वह क्षम्य नहीं है। इस घटना के प्रतिशोध का कोई भी दावा अब जनता को बहका नहीं सकता, क्योंकि कोई भी प्रतिक्रिया मृतकों को वापस नहीं ला सकती। जिन परिवारों ने जो खो दिया, वह खो दिया। सच तो यह है कि न तो देश की आजादी में भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों का कोई योगदान था, न ही वे आजादी को बचाने में कोई योगदान दे रहे हैं। लाख माफी मांगने पर भी भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों को न तो भारत का इतिहास माफ करेगा, न भविष्य। 6- भाजपा हमेशा आपदा में अवसर ढूंढती है…
भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के बेहद दर्दनाक हादसे पर बचकाना विज्ञापन छापकर साबित कर दिया है कि भाजपाइयों की संवेदना उन लोगों के प्रति शून्य है। जिन्होंने अपना जीवन खोया है, जिनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूटा है। भाजपा अब चाहे यह विज्ञापन हटवा दे, लेकिन उसका यह पाप उसके कट्टर समर्थकों तक माफ नहीं होगा। भाजपा हमेशा आपदा में अपनी सत्ता और सियासत के लिए अवसर ढूंढती है। भाजपा अपनी सत्ता के सिवा किसी की सगी नहीं है। —————– ये खबर भी पढ़ें- शुभम की पत्नी योगी से बोली- कड़ा बदला चाहिए:पति की शर्ट पहनी, फिर उसी से लिपट गई; CM बोले- ताबूत में ये आखिरी कील पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। चाचा नरेंद्र ने मुखाग्नि दी। पिता बगल में खड़े होकर रोते रहे। गुरुवार सुबह 11 बजे जब घर से ड्योढ़ी घाट के लिए शव यात्रा निकली तो पत्नी ऐशन्या चीख पड़ीं। पत्नी ने दो दिन से अपने पति की शर्ट पहन रखी थी। उन्होंने वह शर्ट उतारी, उसे सीने से लगाया, फिर फूट-फूटकर रोने लगीं। यह देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आईं। पढ़ें पूरी खबर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा- कानपुर में शुभम द्विवेदी के घर हम नहीं जा रहे। भाजपा वहां कुछ भी करा सकती है। इसलिए सावधान रहना चाहिए। जब मैं मुख्यमंत्री था, तब एक फौजी के यहां गया था। उस कमरे में RSS के लोग बैठे हुए थे। उन्होंने क्या करवाया था। आप पता करवा लीजिएगा। शुभम को पहलगाम में आतंकियों ने पत्नी ऐशन्या के सामने गोली मार दी थी। गुरुवार सुबह शुभम का अंतिम संस्कार कानपुर में किया गया। सीएम योगी शुभम के घर पहुंचे थे। वहां पत्नी ऐशन्या से योगी से रोते हुए कहा कि कड़ा बदला चाहिए। पहलगाम आतंकी हमले पर अखिलेश ने कहा- सरकार कड़ी कार्रवाई करे, क्योंकि आतंकवादी का कोई धर्म नहीं होता। उनका मकसद लोगों में डर पैदा करना होता है। देश और प्रदेश के कारोबार को रोकना होता है। जो पैसा प्रोपगेंडा पर खर्च होता है, वह अगर सुरक्षा पर खर्च होता तो यह घटना नहीं होती। दिल्ली में हो रही ऑल पार्टी मीटिंग में रामगोपाल रहेंगे। राजा भैया के लिए कहा- हम नहीं पहचानते
राजा भैया ने कश्मीर में टूरिज्म को बायकॉट करने की बात कही। इससे जुडे़ सवाल पर अखिलेश ने कहा- मेरा उनसे कोई परिचय नहीं है। बता दें कि राजा भैया अखिलेश के पिता मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे हैं। वह मुलायम सरकार में मंत्री भी थे। खबर में आगे बढ़ने से भास्कर पोल में हिस्सा ले सकते हैं… अब अखिलेश की बड़ी बातें पढ़िए- 1- अग्निवीर के पक्ष में देश के युवा नहीं
अग्निवीर के पक्ष में देश के युवा नहीं हैं। वे पक्की नौकरी और स्थायी वर्दी चाहते हैं। देश की सुरक्षा के लिए जितना भी बजट लगे, लगाया जाना चाहिए। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ जो फैसले लिए हैं, उनसे भी कठोर फैसले लिए जाएं और उन पर अमल किया जाए। पूरे देश में इस घटना के खिलाफ गुस्सा है। किसी भी राजनीतिक पार्टी को ऐसी घटना से राजनीतिक लाभ नहीं उठाना चाहिए। यह पूरे देश का सवाल है। दिल्ली सरकार की जिम्मेदारी है कि फेक न्यूज या ऐसी खबरें, जिनसे सुरक्षा को खतरा हो सकता है, उन्हें रोके। 2- पीएम के भाषण पर कहा- कड़ा कदम उठाएं
गुरुवार को प्रधानमंत्री ने बिहार में रैली की। उन्होंने कहा कि आतंकियों को मिट्टी में मिलाने का समय आ गया, कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। इस पर अखिलेश ने कहा- पीएम कड़ा कदम उठाएं। उम्मीद नोटबंदी से भी बढ़ी थी और धारा 370 हटाने से भी। लेकिन सरकार क्या कर रही है? आतंकवाद रोकने की जिम्मेदारी सरकार की थी। पहले की घटनाओं से सबक क्यों नहीं लिया गया? 3- देश की सुरक्षा को जुमला न बनाएं
जब जम्मू-कश्मीर में भाजपा सरकार ने सब कुछ अपने मन मुताबिक किया है, तो वह इतने अधिक लोगों की मौत के लिए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला नहीं झाड़ सकती। यह केंद्र सरकार की नाकामी है कि वह पहले से नहीं जान पाई कि देश के दुश्मन इतनी वीभत्स घटना को अंजाम देने वाले हैं। यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। भाजपा सरकार ने अगर पिछले हमलों से सबक लिया होता, तो वह पहले से ही सतर्क और सजग होती और ऐसे हमलों को रोका जा सकता था, लोगों की जान बचाई जा सकती थी। संवेदनहीन भाजपाइयों से आग्रह है कि जिन्होंने अपनों को खोया है, उनका दुख-दर्द समझें और कम से कम देश की सुरक्षा को जुमला न बनाएं। यह असीम दुख की घड़ी है, इसे भाजपाई दिखावटी बैठकों और झूठी संवेदनाओं से न झुठलाएं। 4- भाजपाई देशवासियों को मौत के मुंह में ढकेल देते हैं
अगर भाजपाई और उनके संगी-साथी देशभर के पर्यटकों को जम्मू-कश्मीर के भ्रमण के लिए प्रेरित कर रहे हैं, तो उनकी सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध पहले से क्यों नहीं किए गए? जहां हमला हुआ, वह स्थान कोई निर्जन क्षेत्र नहीं था, बल्कि एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल था। तभी तो वहां देश के कई प्रदेशों के पर्यटक मौजूद थे। इतने प्रसिद्ध स्थान पर सुरक्षा के लिए बैठकें पहले होनी चाहिए थीं, लोगों के जीवन गंवाने के बाद नहीं। यह भाजपा सरकार की रणनीतिक चूक है। लेकिन इससे उन भाजपाइयों को क्या फर्क पड़ता है, जो स्वयं तो सुरक्षा के कई घेरों में चलते हैं, लेकिन देशवासियों को मौत के मुंह में ढकेल देते हैं। 5- भाजपा देश की सुरक्षा से समझौता कर रही है, वह क्षम्य नहीं
अगर भाजपा सरकार यह बहाना बनाती है कि हमारे पास सुरक्षा बलों की कमी है, तो इसके लिए भी वही जिम्मेदार है। सुरक्षा बलों की संख्या घटाकर, दोयम दर्जे के उपकरण, अस्त्र-शस्त्र और युद्ध वाहन खरीदकर और अग्निवीर जैसी योजनाएं लाकर भाजपा जो देश की सुरक्षा से समझौता कर रही है, वह क्षम्य नहीं है। इस घटना के प्रतिशोध का कोई भी दावा अब जनता को बहका नहीं सकता, क्योंकि कोई भी प्रतिक्रिया मृतकों को वापस नहीं ला सकती। जिन परिवारों ने जो खो दिया, वह खो दिया। सच तो यह है कि न तो देश की आजादी में भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों का कोई योगदान था, न ही वे आजादी को बचाने में कोई योगदान दे रहे हैं। लाख माफी मांगने पर भी भाजपाइयों और उनके संगी-साथियों को न तो भारत का इतिहास माफ करेगा, न भविष्य। 6- भाजपा हमेशा आपदा में अवसर ढूंढती है…
भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के बेहद दर्दनाक हादसे पर बचकाना विज्ञापन छापकर साबित कर दिया है कि भाजपाइयों की संवेदना उन लोगों के प्रति शून्य है। जिन्होंने अपना जीवन खोया है, जिनके परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूटा है। भाजपा अब चाहे यह विज्ञापन हटवा दे, लेकिन उसका यह पाप उसके कट्टर समर्थकों तक माफ नहीं होगा। भाजपा हमेशा आपदा में अपनी सत्ता और सियासत के लिए अवसर ढूंढती है। भाजपा अपनी सत्ता के सिवा किसी की सगी नहीं है। —————– ये खबर भी पढ़ें- शुभम की पत्नी योगी से बोली- कड़ा बदला चाहिए:पति की शर्ट पहनी, फिर उसी से लिपट गई; CM बोले- ताबूत में ये आखिरी कील पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। चाचा नरेंद्र ने मुखाग्नि दी। पिता बगल में खड़े होकर रोते रहे। गुरुवार सुबह 11 बजे जब घर से ड्योढ़ी घाट के लिए शव यात्रा निकली तो पत्नी ऐशन्या चीख पड़ीं। पत्नी ने दो दिन से अपने पति की शर्ट पहन रखी थी। उन्होंने वह शर्ट उतारी, उसे सीने से लगाया, फिर फूट-फूटकर रोने लगीं। यह देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आईं। पढ़ें पूरी खबर उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
अखिलेश बोले- कानपुर में शुभम के घर नहीं जाऊंगा:BJP वहां कुछ भी करा सकती है; राजा भैया से मेरा कोई परिचय नहीं
