मंत्री जयवीर के विभाग में घोटाला, 40% तक कमीशन वसूले:यूपी STF अफसर की कलाकार बेटी के खाते में 2.41 लाख डाला, फिर कैश मांगे

मंत्री जयवीर के विभाग में घोटाला, 40% तक कमीशन वसूले:यूपी STF अफसर की कलाकार बेटी के खाते में 2.41 लाख डाला, फिर कैश मांगे

यूपी के संस्कृति विभाग में घोटाला सामने आया है। विभाग के अफसरों ने यूपी एसटीएफ के एक अधिकारी की बेटी के खाते में 2.41 लाख रुपए ट्रांसफर करके कैश मांगा है। वहीं, कलाकारों से 25 से 40% कमीशन मांगने का मामला भी सामने आया है। एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू कर दी है। फरवरी में भारत-नेपाल मैत्री को लेकर 8 जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। फिर लखनऊ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। कार्यक्रम में प्रदेश भर के कई कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम किए। एसटीएफ में तैनात डिप्टी एसपी पीके मिश्रा की बेटी श्नेया मिश्रा और अमिताभ नारायण ग्रुप ने एनबीएस एंटरटेनमेंट कंपनी के जरिए प्रस्तुति दी। इसके बाद कंपनी ने श्रेया मिश्रा को 35 हजार का भुगतान कर दिया। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2024–25 के अंतिम दिन 31 मार्च की शाम को 2.41 लाख रुपए विभाग से श्रेया मिश्रा के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए। फिर अफसराें और कंपनी ने फोन करके यह राशि कैश में मांगी। श्रेया से कहा गया कि जो कोषागार से राशि उनके खाते में आई है, वह उन्हें नकद वापस लौटा दें। मना करने पर कहा कि कलाकार को इतना नहीं दिया जाता है। उन्होंने यहां तक धमकी दी कि यदि कैश में राशि नहीं देंगी तो भविष्य में कार्यक्रम नहीं मिलेगा। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि श्रेया ने संस्कृति विभाग को कोई बिल नहीं दिया और न ही कोई मांग की थी। श्रेया मिश्रा ने अपने पिता को मामले की जानकारी दी। पिता ने एसटीएफ चीफ अमिताभ यश से बात की। अमिताभ यश के निर्देश पर मामला दर्ज कर उसकी जांच शुरू हो गई है। एसटीएफ के अधिकारियों ने संस्कृति विभाग के दफ्तर से दस्तावेज भी जब्त किए हैं। लंबे समय से चल रहा है खेल
संस्कृति विभाग प्रदेश भर में सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन करता है। इसमें बाहर से कलाकार बुलाए जाते हैं। पहले कलाकारों को उनके एग्रीमेंट के मुताबिक भुगतान नकद किया जाता था, लेकिन कमीशन की शिकायतों के बाद तीन सालों से कलाकारों को भुगतान उनके बैंक खाते में किया जाता है। विभाग के सूत्रों ने बताया कि लंबे समय से यह खेल चल रहा है। विभिन्न जिलों से लेकर प्रदेश तक अधिकारी अपनी पसंदीदा कलाकारों और मंडलियों को ही बुलाते हैं। उन्हें दिए गए पारिश्रमिक में से 25 से 40 प्रतिशत कमीशन की वसूली की जाती है। कलाकार और मंडलियां भी बार-बार काम मिलने के लालच में कमीशन देने से परहेज नहीं करते हैं। अधिकारी बताते हैं कि योगी सरकार में संस्कृति विभाग का काम बड़ा है। हर पर्व, त्योहार और उत्सव को सरकार भव्यता देती है, इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। यह मामला भी एसटीएफ अधिकारी की बेटी से जुड़ा न होता तो खुलता नहीं। विभाग छोटा, कारनामे बड़े
संस्कृति विभाग को शासन में छोटा विभाग माना जाता है। लेकिन छोटे विभाग में रोज बड़े बड़े कारनामे सामने आ रहे हैं। योगी सरकार ने आठ साल का कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों और कलाकारों को वाद्ययंत्र बांटे थे। वाद्ययंत्रों की खरीद में बड़ा घोटाला सामने आया है। बाजार कीमत से दो से तीन गुना ज्यादा कीमत पर खरीद की गई। विभाग के मंत्री जयवीर सिंह ने शिकायत मिलते ही मामले की जांच कराकर अहिरवार और उनके PA कुलदीप सिंह को वाद्ययंत्र खरीद घोटाले में भी निलंबित किया है। दोनों के खिलाफ विस्तृत जांच भी शुरू की गई है। सहायक निदेशक अहिरवार ने ही दिया था काम
विभाग के सूत्रों के मुताबिक कलाकार बेटी को काम सहायक निदेशक डॉ. राजेश अहिरवार ने ही दिया था। इस मामले में कमीशनखोरी के तार भी अहिरवार और उनके स्टाफ से ही जुड़े रहे हैं। इस संबंध में दैनिक भास्कर ने डॉ. राजेश अहिरवार से सवाल किए तो उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ नहीं कहना है, कोई जांच हो रही है, इसके बारे में शासन से ही बात करें। इधर, मामला सामने आने के बाद शासन के कुछ बड़े प्रभावशाली अधिकारी एसटीएफ से मामला रफा-दफा कराने में लगे हैं। हालांकि संस्कृति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसमें विभाग के स्तर से कोई लेनदेन का मामला नहीं है। श्रेया मिश्रा और अमिताभ नारायण के ग्रुप को विभाग ने नियमानुसार पूरा भुगतान किया। श्रेया ने मुंबई से भी कुछ कलाकार बुलाए थे, उन कलाकारों के साथ उनका भुगतान को लेकर विवाद हुआ है। इसमें संस्कृति विभाग को नाजायज लपेटा जा रहा है। वहीं, श्रेया मिश्रा ने कहा कि मुझे इस संबंध में कोई बात नहीं करनी है, आप पिताजी से ही बात कीजिए। ——————– यह खबर भी पढ़िए… रामगोपाल यादव बोले- हिंदू ही हिंदू को मार रहा:वाराणसी में हिंदू लड़की से रेप हुआ, उसमें कौन सा मुसलमान था? समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर दिए बयान पर पलटवार किया है। शुक्रवार को रामगोपाल ने दिल्ली में कहा, आतंकियों ने धर्म नहीं देखा। हिंदू रोज लोगों को मार रहे हैं। हिंदू-हिंदू को मार रहा है। मार रहे हैं कि नहीं मार रहे हैं? बनारस में हिंदू लड़की से तमाम लोगों ने रेप किया। लड़की हिंदू थी और लड़के हिंदू थे। कौन सा मुसलमान था? पढ़ें पूरी खबर… यूपी के संस्कृति विभाग में घोटाला सामने आया है। विभाग के अफसरों ने यूपी एसटीएफ के एक अधिकारी की बेटी के खाते में 2.41 लाख रुपए ट्रांसफर करके कैश मांगा है। वहीं, कलाकारों से 25 से 40% कमीशन मांगने का मामला भी सामने आया है। एसटीएफ ने मामले की जांच शुरू कर दी है। फरवरी में भारत-नेपाल मैत्री को लेकर 8 जिलों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए थे। फिर लखनऊ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। कार्यक्रम में प्रदेश भर के कई कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम किए। एसटीएफ में तैनात डिप्टी एसपी पीके मिश्रा की बेटी श्नेया मिश्रा और अमिताभ नारायण ग्रुप ने एनबीएस एंटरटेनमेंट कंपनी के जरिए प्रस्तुति दी। इसके बाद कंपनी ने श्रेया मिश्रा को 35 हजार का भुगतान कर दिया। इसके बाद वित्तीय वर्ष 2024–25 के अंतिम दिन 31 मार्च की शाम को 2.41 लाख रुपए विभाग से श्रेया मिश्रा के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए। फिर अफसराें और कंपनी ने फोन करके यह राशि कैश में मांगी। श्रेया से कहा गया कि जो कोषागार से राशि उनके खाते में आई है, वह उन्हें नकद वापस लौटा दें। मना करने पर कहा कि कलाकार को इतना नहीं दिया जाता है। उन्होंने यहां तक धमकी दी कि यदि कैश में राशि नहीं देंगी तो भविष्य में कार्यक्रम नहीं मिलेगा। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह है कि श्रेया ने संस्कृति विभाग को कोई बिल नहीं दिया और न ही कोई मांग की थी। श्रेया मिश्रा ने अपने पिता को मामले की जानकारी दी। पिता ने एसटीएफ चीफ अमिताभ यश से बात की। अमिताभ यश के निर्देश पर मामला दर्ज कर उसकी जांच शुरू हो गई है। एसटीएफ के अधिकारियों ने संस्कृति विभाग के दफ्तर से दस्तावेज भी जब्त किए हैं। लंबे समय से चल रहा है खेल
संस्कृति विभाग प्रदेश भर में सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजन करता है। इसमें बाहर से कलाकार बुलाए जाते हैं। पहले कलाकारों को उनके एग्रीमेंट के मुताबिक भुगतान नकद किया जाता था, लेकिन कमीशन की शिकायतों के बाद तीन सालों से कलाकारों को भुगतान उनके बैंक खाते में किया जाता है। विभाग के सूत्रों ने बताया कि लंबे समय से यह खेल चल रहा है। विभिन्न जिलों से लेकर प्रदेश तक अधिकारी अपनी पसंदीदा कलाकारों और मंडलियों को ही बुलाते हैं। उन्हें दिए गए पारिश्रमिक में से 25 से 40 प्रतिशत कमीशन की वसूली की जाती है। कलाकार और मंडलियां भी बार-बार काम मिलने के लालच में कमीशन देने से परहेज नहीं करते हैं। अधिकारी बताते हैं कि योगी सरकार में संस्कृति विभाग का काम बड़ा है। हर पर्व, त्योहार और उत्सव को सरकार भव्यता देती है, इसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते हैं। यह मामला भी एसटीएफ अधिकारी की बेटी से जुड़ा न होता तो खुलता नहीं। विभाग छोटा, कारनामे बड़े
संस्कृति विभाग को शासन में छोटा विभाग माना जाता है। लेकिन छोटे विभाग में रोज बड़े बड़े कारनामे सामने आ रहे हैं। योगी सरकार ने आठ साल का कार्यकाल पूरा होने पर प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों और कलाकारों को वाद्ययंत्र बांटे थे। वाद्ययंत्रों की खरीद में बड़ा घोटाला सामने आया है। बाजार कीमत से दो से तीन गुना ज्यादा कीमत पर खरीद की गई। विभाग के मंत्री जयवीर सिंह ने शिकायत मिलते ही मामले की जांच कराकर अहिरवार और उनके PA कुलदीप सिंह को वाद्ययंत्र खरीद घोटाले में भी निलंबित किया है। दोनों के खिलाफ विस्तृत जांच भी शुरू की गई है। सहायक निदेशक अहिरवार ने ही दिया था काम
विभाग के सूत्रों के मुताबिक कलाकार बेटी को काम सहायक निदेशक डॉ. राजेश अहिरवार ने ही दिया था। इस मामले में कमीशनखोरी के तार भी अहिरवार और उनके स्टाफ से ही जुड़े रहे हैं। इस संबंध में दैनिक भास्कर ने डॉ. राजेश अहिरवार से सवाल किए तो उन्होंने कहा कि उन्हें कुछ नहीं कहना है, कोई जांच हो रही है, इसके बारे में शासन से ही बात करें। इधर, मामला सामने आने के बाद शासन के कुछ बड़े प्रभावशाली अधिकारी एसटीएफ से मामला रफा-दफा कराने में लगे हैं। हालांकि संस्कृति विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इसमें विभाग के स्तर से कोई लेनदेन का मामला नहीं है। श्रेया मिश्रा और अमिताभ नारायण के ग्रुप को विभाग ने नियमानुसार पूरा भुगतान किया। श्रेया ने मुंबई से भी कुछ कलाकार बुलाए थे, उन कलाकारों के साथ उनका भुगतान को लेकर विवाद हुआ है। इसमें संस्कृति विभाग को नाजायज लपेटा जा रहा है। वहीं, श्रेया मिश्रा ने कहा कि मुझे इस संबंध में कोई बात नहीं करनी है, आप पिताजी से ही बात कीजिए। ——————– यह खबर भी पढ़िए… रामगोपाल यादव बोले- हिंदू ही हिंदू को मार रहा:वाराणसी में हिंदू लड़की से रेप हुआ, उसमें कौन सा मुसलमान था? समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के पहलगाम आतंकी हमले को लेकर दिए बयान पर पलटवार किया है। शुक्रवार को रामगोपाल ने दिल्ली में कहा, आतंकियों ने धर्म नहीं देखा। हिंदू रोज लोगों को मार रहे हैं। हिंदू-हिंदू को मार रहा है। मार रहे हैं कि नहीं मार रहे हैं? बनारस में हिंदू लड़की से तमाम लोगों ने रेप किया। लड़की हिंदू थी और लड़के हिंदू थे। कौन सा मुसलमान था? पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर