टॉप करने के लिए कुछ अलग नहीं करना पड़ता:UP बोर्ड 10वीं के टॉपर बोले- डिसिप्लिन और रेगुलर पढ़ाई से आते है अच्छे मार्क्स

टॉप करने के लिए कुछ अलग नहीं करना पड़ता:UP बोर्ड 10वीं के टॉपर बोले- डिसिप्लिन और रेगुलर पढ़ाई से आते है अच्छे मार्क्स

टॉप करने के लिए कुछ अलग नहीं करना पड़ता है। बस जो स्कूल से आपको पढ़ाया जा रहा है, उसको एकाग्रता से नियमित तरीके पढ़ना चाहिए। रिवीजन भी रेगुलर करते रहना चाहिए। पढ़ाई के दौरान कॉन्सेप्ट क्लियर है। कोई भी इन चीजों को फॉलो करेगा तो बेहद आसानी से टॉपर बन सकते हैं। यह कहना है यूपी बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में टॉप करने वाले सफल मिश्रा का। राजधानी के तीन मेधावियों ने 95% मार्क्स लाकर लखनऊ में टॉप किया है। सबसे अहम बात ये है कि तीनों मेधावी अलग-अलग बैकग्राउंड से हैं। तीनों की कहानी बेहद दिलचस्प है। दैनिक भास्कर ने उनसे बात कर सफलता की कहानी जानी, आप भी पढ़िए, क्या कहते हैं टॉपर..। सबसे पहले रितेश कुमार से बातचीत… सवाल – आपके सब्जेक्ट वाइज क्या नंबर रहे? जवाब – हिंदी में 97, मैथ्स में 99, साइंस में 96, कंप्यूटर में 97, सोशल स्टडी में 83 मार्क्स रहे। सवाल – सोशल स्टडीज में नंबर कैसे कम रह गए? आगे का क्या लक्ष्य हैं? जवाब – इसके पीछे पैटर्न में बदलाव होना वजह है। लगभग सभी के मार्क्स कम हुए हैं। जनरल मार्किंग ही ऐसी हुई है। आगे चलकर IIT से बीटेक करना चाहता हूं। सवाल – हाईस्कूल में इतने मार्क्स लाने के लिए कितने घंटे पढ़ाई की? जवाब – घंटे कुछ मैटर नहीं करते हैं। डेडिकेशन जरूरी है। बिना एकाग्रता के पढ़ाई का कोई मतलब नहीं, भले ही आप 8 घंटे की पढ़ाई करो। आपने 4 घंटे बिना मोबाइल के अगर ठीक से पढ़ाई की तो इससे जरूर फायदा होगा। मैंने रोज 4 घंटे बिना फोन के पढ़ाई की। सवाल – उसके बाद क्या फोन यूज करते थे? जवाब – (हंसते हुए) उसके बाद में दिन भर फोन यूज करता था। सवाल – बोर्ड के स्टूडेंट्स को क्या मैसेज देंगे? जवाब – प्रेशर कभी नहीं लेना, धीरे-धीरे पढ़ाई करना है पर नियमित पढ़ाई करनी है। पिछले साल के पेपर जरूर सॉल्व करें, उससे बहुत मदद मिलती है। सवाल – फैमिली से आपको कैसा सपोर्ट मिला? जवाब – पेरेंट्स ने बहुत सपोर्ट किया। उन्होंने मुझे कभी कोई प्रेशर नहीं दिया। यही कारण रहा कि मैं खुद से पढ़ाई को लेकर सजग रहा। बिना किसी दबाव में आकर पढ़ाई कर सका। अब बात सफल मिश्रा से। उन्होंने भी 95% मार्क्स लाकर लखनऊ में टॉप किया है… सवाल – आपने 10वीं में लखनऊ टॉप किया, मैथ्स में कितने मार्क्स रहे? कितने घंटे पढ़ाई की? जवाब – मेरे मैथ्स में 99 नंबर रहे। रोजाना 4 घंटे की पढ़ाई की और नियमित पढ़ाई करता था। सवाल – टॉप करने के लिए क्या कुछ अलग करना पड़ता है? जवाब – टॉप करने के लिए कुछ अलग नहीं करना पड़ता है। बस जो स्कूल से आपको पढ़ाया जा रहा है, उसको एकाग्रता से नियमित तरीके पढ़ना चाहिए। रिवीजन भी रेगुलर करते रहना चाहिए। पढ़ाई के दौरान कॉन्सेप्ट क्लियर है। कोई भी इन चीजों को फॉलो करेगा तो बेहद आसानी से टॉपर बन सकते हैं। सवाल – कोई कोचिंग क्लास लिया था या फिर पूरी तरह सेल्फ स्टडी से ही पढ़ाई की? जवाब – मैंने कोचिंग नहीं ली थी सेल्फ स्टडी से ही पढ़ाई की। सवाल – एग्जाम फोबिया यानी एग्जाम से ठीक पहले होने वाले डर से कैसे निपटे? जवाब – मैंने रिवीजन ठीक से किया था। कॉन्सेप्ट पहले से ही क्लियर था ऐसे में ये परेशानी नहीं हुई? सवाल – कभी किसी समय डाउन फील करते थे तो कौन सपोर्ट करता था? जवाब – जब कभी मैं डाउन फील करता था, मुझे पापा ने बहुत मोटिवेट किया। मेरी मां ने भी बहुत सपोर्ट किया। टीचर्स ने भी हमेशा साथ दिया। सवाल – आपका फैमिली बैकग्राउंड क्या? जवाब – मेरे पिताजी ने बहुत सपोर्ट किया। वह एक मेडिकल स्टोर पर काम करते हैं। मेरे कोई भाई-बहन नहीं हैं। सफल की मां- बेटे ने बेहतरीन अंक से बोर्ड एग्जाम पास किया हैं? क्या कहेंगी? जवाब – बेटे ने मेहनत की है। बहुत खुशी का दिन है। पर ये सब भगवान की कृपा है, भोले बाबा का आशीर्वाद है। टॉप करने के लिए कुछ अलग नहीं करना पड़ता है। बस जो स्कूल से आपको पढ़ाया जा रहा है, उसको एकाग्रता से नियमित तरीके पढ़ना चाहिए। रिवीजन भी रेगुलर करते रहना चाहिए। पढ़ाई के दौरान कॉन्सेप्ट क्लियर है। कोई भी इन चीजों को फॉलो करेगा तो बेहद आसानी से टॉपर बन सकते हैं। यह कहना है यूपी बोर्ड की 10वीं की परीक्षा में टॉप करने वाले सफल मिश्रा का। राजधानी के तीन मेधावियों ने 95% मार्क्स लाकर लखनऊ में टॉप किया है। सबसे अहम बात ये है कि तीनों मेधावी अलग-अलग बैकग्राउंड से हैं। तीनों की कहानी बेहद दिलचस्प है। दैनिक भास्कर ने उनसे बात कर सफलता की कहानी जानी, आप भी पढ़िए, क्या कहते हैं टॉपर..। सबसे पहले रितेश कुमार से बातचीत… सवाल – आपके सब्जेक्ट वाइज क्या नंबर रहे? जवाब – हिंदी में 97, मैथ्स में 99, साइंस में 96, कंप्यूटर में 97, सोशल स्टडी में 83 मार्क्स रहे। सवाल – सोशल स्टडीज में नंबर कैसे कम रह गए? आगे का क्या लक्ष्य हैं? जवाब – इसके पीछे पैटर्न में बदलाव होना वजह है। लगभग सभी के मार्क्स कम हुए हैं। जनरल मार्किंग ही ऐसी हुई है। आगे चलकर IIT से बीटेक करना चाहता हूं। सवाल – हाईस्कूल में इतने मार्क्स लाने के लिए कितने घंटे पढ़ाई की? जवाब – घंटे कुछ मैटर नहीं करते हैं। डेडिकेशन जरूरी है। बिना एकाग्रता के पढ़ाई का कोई मतलब नहीं, भले ही आप 8 घंटे की पढ़ाई करो। आपने 4 घंटे बिना मोबाइल के अगर ठीक से पढ़ाई की तो इससे जरूर फायदा होगा। मैंने रोज 4 घंटे बिना फोन के पढ़ाई की। सवाल – उसके बाद क्या फोन यूज करते थे? जवाब – (हंसते हुए) उसके बाद में दिन भर फोन यूज करता था। सवाल – बोर्ड के स्टूडेंट्स को क्या मैसेज देंगे? जवाब – प्रेशर कभी नहीं लेना, धीरे-धीरे पढ़ाई करना है पर नियमित पढ़ाई करनी है। पिछले साल के पेपर जरूर सॉल्व करें, उससे बहुत मदद मिलती है। सवाल – फैमिली से आपको कैसा सपोर्ट मिला? जवाब – पेरेंट्स ने बहुत सपोर्ट किया। उन्होंने मुझे कभी कोई प्रेशर नहीं दिया। यही कारण रहा कि मैं खुद से पढ़ाई को लेकर सजग रहा। बिना किसी दबाव में आकर पढ़ाई कर सका। अब बात सफल मिश्रा से। उन्होंने भी 95% मार्क्स लाकर लखनऊ में टॉप किया है… सवाल – आपने 10वीं में लखनऊ टॉप किया, मैथ्स में कितने मार्क्स रहे? कितने घंटे पढ़ाई की? जवाब – मेरे मैथ्स में 99 नंबर रहे। रोजाना 4 घंटे की पढ़ाई की और नियमित पढ़ाई करता था। सवाल – टॉप करने के लिए क्या कुछ अलग करना पड़ता है? जवाब – टॉप करने के लिए कुछ अलग नहीं करना पड़ता है। बस जो स्कूल से आपको पढ़ाया जा रहा है, उसको एकाग्रता से नियमित तरीके पढ़ना चाहिए। रिवीजन भी रेगुलर करते रहना चाहिए। पढ़ाई के दौरान कॉन्सेप्ट क्लियर है। कोई भी इन चीजों को फॉलो करेगा तो बेहद आसानी से टॉपर बन सकते हैं। सवाल – कोई कोचिंग क्लास लिया था या फिर पूरी तरह सेल्फ स्टडी से ही पढ़ाई की? जवाब – मैंने कोचिंग नहीं ली थी सेल्फ स्टडी से ही पढ़ाई की। सवाल – एग्जाम फोबिया यानी एग्जाम से ठीक पहले होने वाले डर से कैसे निपटे? जवाब – मैंने रिवीजन ठीक से किया था। कॉन्सेप्ट पहले से ही क्लियर था ऐसे में ये परेशानी नहीं हुई? सवाल – कभी किसी समय डाउन फील करते थे तो कौन सपोर्ट करता था? जवाब – जब कभी मैं डाउन फील करता था, मुझे पापा ने बहुत मोटिवेट किया। मेरी मां ने भी बहुत सपोर्ट किया। टीचर्स ने भी हमेशा साथ दिया। सवाल – आपका फैमिली बैकग्राउंड क्या? जवाब – मेरे पिताजी ने बहुत सपोर्ट किया। वह एक मेडिकल स्टोर पर काम करते हैं। मेरे कोई भाई-बहन नहीं हैं। सफल की मां- बेटे ने बेहतरीन अंक से बोर्ड एग्जाम पास किया हैं? क्या कहेंगी? जवाब – बेटे ने मेहनत की है। बहुत खुशी का दिन है। पर ये सब भगवान की कृपा है, भोले बाबा का आशीर्वाद है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर